-एटीएस के बिछाए जाल में बुरे फंसे,हिज़्ब – उल – मुजाहिदीन से ले चुके प्रशिक्षण
-भारत में आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे आतंकी
लखनऊ।भारत – नेपाल सीमा के रास्ते अवैध रूप से भारत मे प्रवेश करने और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्वयं को भारतीय नागरिक प्रतिरूपित करने वाले दो पाकिस्तानी नागरिकों सहित तीन आंतकियो को यूपी एटीएस ने नेपाल – भारत की सीमा के सोनौली बॉर्डर से गिरफ्तार किया है।पकड़े गए आतंकियों में एक आतंकी आईएसआई की मदद से हिज़्ब – उल – मुजाहिदीन से प्रशिक्षण ले चुका है।
एडीजी एटीएस ने बताया कि यूपी एटीएस को बीते कुछ समय से जानकारी मिल रही थी कि कुछ पाकिस्तानी नागरिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से नेपाल सीमा के रास्ते भारत में प्रवेश करने वाले है।यह लोग यह भारत में आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में है।उन्होंने बताया कि यह भी पता चला था कि आईएसआई के सहयोग से हिज्ब उल मुजाहिद्दीन के ट्रेनिंग कैंप में प्रशिक्षण भी ले चुके हैं ।एडीजी एटीएस ने बताया कि इस जानकारी के मिलते ही एटीएस की फील्ड इकाई गोरखपुर सक्रिय हुई तो उसे पता चला कि दो पाकिस्तानी व्यक्ति भारत नेपाल सीमा के तटवर्ती गाँव शेख फरेन्दा होते हुए गुप्त रास्ते से भारत में प्रवेश करने वाले हैं ।इस पर एटीएस की गोरखपुर तीन ने नेपाल – भारत सीमा के सोनौली बॉर्डर से तीन लोगो मोहम्मद अल्ताफ भट निवासी मकान नम्बर 559 , सादिकाबाद रावलपिण्डी पाकिस्तान और सैय्यद गजनफर निवासी तारामणि चौक इरफानाबाद एफ -87 हाउस नम्बर 19 जामिया अली मुर्तजा मस्जिद इस्लामाबाद पाकिस्तान और नासिर अली निवासी कराली पोरा हवल श्रीनगर जम्मू एन्ड कश्मीर भारत को गिरफ्तार कर लिया गया।
एडीजी एटीएस ने बताया कि पकड़ा गया मोहम्मद अल्ताफ भट का जन्म कश्मीर में हुआ था और कारगिल युद्ध के बाद वह हिजबुल मुजाहिदीन के एक मिलिटेन्ट के साथ जिहाद की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान चला गया था। वह हमेशा से ही चाहता था कि कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा बने । इसी उद्देश्य से अलताफ़ ने पाकिस्तान पहुंचकर आईएसआई के निर्देशन में हिजबुल मुजाहिदीन के मुजफ्फराबाद कैम्प में जेहादी प्राशिक्षण लिया । अलताफ़ पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी आईएसआई कश्मीर स्थित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के साथ मिलकर भारत में आतंक फैलाने के उद्देश्य से भारतीय लोगों को अपनी तंजीम में जोड़ रहे हैं । अलताफ़ हिजबुल मुजाहिदीन का साहित्य पढ़कर तथा अन्य जेहादी संगठनो के अमीर और उस्तादों की तकरीरें सुनकर उनसे प्रभावित हुआ । अलताफ़ ने हिजबुल के कैम्प में असलहों की ट्रेनिंग ली।वह लम्बे समय तक कैम्प में रहकर वहां के कमाण्डरों के दिशा – निर्देशन में काम किया । अलताफ़ को एचएम के मुजाहिदों से हिदायत मिली थी कि वो खुफिया तौर से नेपाल के रास्ते जम्मू – कश्मीर और भारत में पहुंचें जहां पर उसे आगे के प्लान के बारे में बताया जायेगा । अलताफ़ को नेपाल के काठमाण्डू मे ही आईएसआई के हैंडलर के बताए अनुसार नासिर मिला था जिसने अलताफ़ और गजनफर को फेक भारतीय आधार कार्ड उपलब्ध करवाए और नासिर ने ही इन दोनों को शेख फरेन्दा गाँव के रास्ते भारत आने के लिए बताया था । नासिर अली कश्मीर का रहने वाला है और व्हॉट्सअप के जरिए इसका सम्पर्क पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी आईएसआई के सलीम नाम के व्यक्ति से हुआ था ।
एडीजी एटीएस ने बताया कि सलीम ने नासिर को बताया था कि तुम्हारे मामू गजनफर के साथ एक और व्यक्ति को पाकिस्तान से भेज रहा है।जो काठमाण्डु नेपाल में मिलेंगे जिन्हें लेकर उसे जम्मू – कश्मीर भारत जाना है।इसको लेकर एटीएस ने इनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।एटीएस ने पकड़े गए आरोपियों के पास से दो मोबाइल फोन और दो मेमोरी कार्ड और तीन पासपोर्ट जिसमें दो पाकिस्तानी व एक भारतीय तथा पांच डेबिट और क्रेडिट कार्ड और तीन आधार कार्ड व दो फ्लाईट टिकट तथा सात पाकिस्तानी ड्राईविंग लाइसेन्स और दो पाकिस्तानी राष्ट्रीय पहचान पत्र और विदेशी मुद्रा नेपाल तथा बांग्लादेश और भारत व यूएस की बरामद की है।