बाँदा:DM करेंगी शहीदों के स्थल का निरीक्षण,क्लिक कर देखें और भी खबरें

-14 एवं 15 जनवरी को लगेगा नटबली बाबा मेला,सम्बंधित  विभागों को पुख्ता व्यवस्था के निर्देश

  • -अजहर हुसैन टीपू

बांदा: जिले में शहीदों के स्थल पर हर वर्ष मकर संक्रान्ति के अवसर पर मेला लगता है। शहीदों की स्थली पर मेला की व्यवस्था को लेकर डीएम दीपा रंजन औचक निरीक्षण करेगी। स्थानीय भूरागढ़ दुर्ग एवं नटबली बाबा मेला दिनांक 14 एवं 15 जनवरी को मनाया जाता है। इस संदर्भ में महोत्सव की तैयारियों के लिए डीएम दीपा रंजन नें कई विभागों को जरूरी निर्देश दे चुकी हैं।व्यवस्थाओं के क्रियांवयन के लिये मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश मौर्या नें बुधवार को विभागों को चेताया कि डीएम के आदेशों के परिपालन में किन विभागों नें मौके का स्थलीय निरीक्षण किया औऱ कौन अभी नहीं पहुंचे। आपको बता दें कि डीएम दीपा मकर संक्रांति एवं आजादी के दीवानों के शहीद स्थल पर मकर संक्रांति महोत्सव के लिये शान्ति एवं सुरक्षा व्यवस्था हेतु पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर एवं उप जिलाधिकारी सदर को निर्देशित किया कि मेला स्थल का पूर्व से निरीक्षण कर लें।अराजकतत्वों की निगरानी के लिये सीसीटीवी कैमरे भी लगने हैं। पर्याप्त मात्रा में पुलिस फोर्स की व्यवस्था रहेगी। बांदा-महोबा राजमार्ग पर वाहनों से लगने वाले जाम को नियंत्रित करने एवं राजमार्ग पर दुकानों, ठेलों आदि को लगाये जाने पर प्रतिबन्ध आदि के बारे में यातायात प्रशासन एवं पुलिस विभाग को निर्देशित किया था। संक्रान्ति के अवसर पर केन नदी में माताओं, बहनों, श्रृद्धालुओं के स्नान स्थल पर महिलााओं को कपड़े बदलने आदि हेतु पूर्व की भांति टेन्ट आदि की व्यवस्था नगर पालिका परिषद को दी गई है।दुरेडी रेलवे क्रासिंग से नटबली समाधि तक लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क की मरम्मत का कार्य कराया होना है। खिचड़ी प्रसाद वितरण के लिए जो लोग स्टाल लगाते हैं वह उप जिलाधिकारी सदर से अनुमति लेकर ही प्रसाद वितरण करेंगे। मेले परिसर में नगर पलिका,नगर पंचायत द्वारा तैनात सफाई कर्मी अपने परिचय पत्र एवं निर्धारित ड्रेस में रहेंगे। सीडीओ नें सामुदायिक शौचालय की स्थापना हेतु अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका एवं जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया। मेला परिसर, केन नदी पुल के आस-पास कोई स्टंट करते नजर आयेगें तो ऐसे लोंगो के विरूद्ध पुलिस तत्काल कार्रवाई करेगी

बांदा में थमने का नाम नही ले  रहा बंदरों का आतंक 

बच्चे व महिला की मौत के बाद भी नही जाग रहा प्रशासन,गहरी नींद में सो रही वन विभाग की टीम

बांदा के तिंदवारी थाना क्षेत्र के छापर गांव में आदमखोर बंदरों ने गांव में इस कदर दहशत फैलाई है कि लोग अपने अपने घरों में कैद हो गए हैं। यह बंदर करीब ढाई सौ से तीन सौ की संख्या में हैं जो लगातार 3 महीने से गांव में विचरण कर रहे हैं, जिसकी सुध अभी तक वन विभाग ने नहीं ली।इतना ही नहीं यह आदमखोर बंदर दो लोगों की जान भी ले चुके हैं। हाल ही में एक बुजुर्ग वृद्ध महिला को छत के ऊपर से दौड़ाया, जिस से गिरकर उसकी मौत हो गई। अभी 2 दिन पहले एक मासूम दुध मुंहे बच्चे को आंगन से उठाकर छत पर ले गए और छत से नीचे फेंक दिया। उसकी भी मौत हो गई, और कई लोगों को घायल भी किया है।कच्चे मकानों के खपरहिल को तहस-नहस कर रहे हैं और बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। यह सैकड़ों की तादाद में बंदर जिस इलाके में घुसते हैं। सूचना जिला प्रशासन और वन विभाग को कई बार दी जा चुकी है लेकिन वन विभाग साफ तौर पर मूकदर्शक बना हुआ है।तिंदवारी थाना क्षेत्र छह महीनों में बंदरों का आंतक बढ़ गया है। इसको लेकर ग्रामीणों ने डीएम से समस्या का समाधान करने की गुहार लगाई थी। वन विभाग के अधिकारी खानापूर्ति कर लौट गए हैं।बांदा जिले के तिंदवारी थाना क्षेत्र में बंदर की खबर पर वन विभाग के अधिकारी छापर गांव पहुंचे। अधिकारी सिर्फ पीड़ित परिजनों और ग्रामीणों से मिलकर बंदरों से दूर रहने की नसीहत देकर लौट आए। वनाधिकारी बंदरों को खदेड़ने से भी कतरा रहे हैं।यही नही यहां के पिपरगवां गांव में भी बंदरों का आतंक है। करीब छह माह में लगभग दर्जनभर लोग बंदरों के हमले में घायल हो चुके हैं। बंदरों के काटने पर तमाम ग्रामीणों को पीएचसी और जिला अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाना पड़ी। अभी भी बंदरों का आतंक है। ग्रामीण लगातार इन्हें पकड़वाने के लिए उच्चाधिकारियों से मांग कर रहे हैं।

सर्दी का सितम जारी, चार दिन और सताएगी ठंड

बांदा में इन दिनों सर्दी का सितम लगातार बढ़ रहा है। नए साल की शुरुआत के बाद से ही शीतलहर के कारण न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी है। बर्फीली हवाओं ने गलन और बढ़ा दी है। आलम यह रहा कि दिन में निकली धूप भी गलन और ठंड के आगे बेअसर रही।गुरुवार को न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम जानकारों को मानना है कि अभी चार दिन तक ठंड और गलन से राहत के कोई आसार नहीं है। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से न्यूनतम पारे में गिरावट बरकरार रहेगी। सुबह कोहरे की धुंध छाई रही। आसमान में कोहरा छाने और शीतलहर के कारण जबरदस्त सर्दी का असर रहा। दोपहर 12 बजे निकली धूप से कुछ राहत रही, गलन और ठंड के आगे यह बेअसर साबित थी। लगभग 8 से 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से शीतलहर भी चलती रही।सर्दी से बचाव के लिए लोग तरह-तरह के जतन करते रहे। लकड़ी से लेकर चौराहों पर लोग पुराने टायर व कचरा जलाकर आग तापते दिखे। कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा.दिनेश साह ने बताया कि पश्चिमी हवाएं ठंडी हैं। मौसम में अभी चार दिन तक कोई बदलाव होने की उम्मीद नहीं है।।
Aaj National

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