बिहार:बिहारी अभ्यार्थियों की प्रतिभा पर संदेह करना निंदनीय: रालोजपा

-मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिखाएं उदारता,सभी नियोजित शिक्षकों को बिना परीक्षा लिए दे राज्य कर्मी का दर्जा-लक्ष्मी सिन्हा

-उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं सड़कों पर खा रहे हैं धक्का,दबाई जा रही आवाज-डॉ स्मिता शर्मा

बिहार पटना: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी ने महा गठबंधन सरकार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर द्वारा बिहार के शिक्षक अभ्यार्थियों की प्रतिभा पर संदेह करना निंदनीय करार दिया है। महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष  डॉ स्मिता शर्मा ने कहा की विगत चार वर्ष से बिहार के एसटीईटी और सीटेट उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं सड़कों पर धक्का खा रहे हैं। लाठी के जोर पर न केवल उनकी वाजिब मांगों की अनसुनी की जा रही है, बल्कि उनकी आवाज को दबाया भी जा रहा है। श्रीमती शर्मा ने आगे कहा कि शिक्षा मंत्री का बिहार के नौजवानों को लेकर दिया गया हालिया बयान न केवल बिहार की प्रतिभा का अपमान है बल्कि बिहारी अस्मिता पर आघात करने वाला भी है। रालोजपा महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश संगठन सचिव सह प्रदेश मीडिया प्रभारी लक्ष्मी सिन्हा ने कहा कि स्कूली शिक्षकों से लेकर कॉलेज के सहायक प्राध्यापकों तक की नियुक्ति में अराजकता फैलाकर महा गठबंधन सरकार ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था का पूरा बंटाढार कर दिया चार लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों में से मात्र 1200 लोगो ने आवेदन किया है। यह साबित करता है कि नई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के प्रति लोगों में कितना आक्रोश है। श्रीमती सिन्हा ने कहा कि  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उदारता दिखाएं और सभी नियोजित शिक्षकों को बिना परीक्षा लिए राज्य कर्मी का दर्जा दे। बताएं कि 12 दिनों के भीतर 9 बार नियमवली में संशोधन क्यों करना पड़ा? श्रीमती सिन्हा ने आगे कहा कि मात्र 50 हजार आवेदन आए हैं और अंतिम तारीख 12 जुलाई है। आवासीय नीति में बदलाव कर सरकार ने बाहरी लोगों को मौका देने के लिए अंतिम तिथि आगे बढ़ाने का बहाना खोज लिया। महागठबंधन सरकार बिहार के छात्र-छात्राओं के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है।

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