LUCKNOW:जीआईएस सर्वे की 258 आपत्तियों का निस्तारण,क्लिक करें और भी खबरें

  • प्रेम शर्मा

लखनऊ। जीआईएस सर्वे  के आधार पर किये गए गृहकर निर्धारण को लेकर उठााई जा रही आपत्तियों के निस्तारण का सिलसिला जारी है। साप्ताहिक रूप से गृह स्वामियों की शिकायतों को कागजों के आधार पर मुख्यालय स्तर पर निस्तारित किया जा रहा है। नगर आयुक्त की उपस्थिति में आज 258 आपत्तियों समस्त जोनों में आई और इनका मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। लखनऊ नगर में स्थित भवनों के जी.आई.एस. सर्वे में किए गए कर निर्धारण के विरुद्ध आपत्तियों के निराकरण समाधान दिवस का आयोजन लखनऊ नगर निगम मुख्यालय स्थित त्रिलोकीनाथ हॉल में किया गया। समाधान दिवस में भवन स्वामियों से जी.आई.एस.. द्वारा किए गए कर निर्धारण के विरुद्ध लिखित आपत्तियां साक्ष्य व भवन की वर्तमान फोटो सहित आमंत्रित की गई थी। उक्त जी.आई.एस. समाधान दिवस में नगर आयुक्त, सभी अपर नगर आयुक्त, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, सहायक नगर आयुक्त, सभी जोनल अधिकारी, कर अधीक्षक, राजस्व निरीक्षक व कंप्यूटर ऑपरेटर के साथ जी.आई.एस. सर्वे की टीम मौजूद रही। समाधान दिवस में जोनवार 258 आपत्तियां प्राप्त हुई जिसमें से सभी 258 आपत्तियों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया। जी.आई.एस. समाधान दिवस में नगर आयुक्त  इन्द्रजीत सिंह द्वारा अध्यक्षता करते हुए सभी भवनस्वामियों की शिकायतो को सुना गया एवं सभी जोनल अधिकारियों को शत-प्रतिशत निस्तारण के निर्देश दिये गये। नगर आयुक्त द्वारा स्वयं सुनवाई कर आपत्तियों का निराकरण कराये जाने पर भवन स्वामियों द्वारा नगर आयुक्त का आभार व्यक्त किया गया।

जोन-1 आपत्तिकर्ता  मुमताज, 118/087/एफएफ-1, भ.आई.डी. 9157ए18598 का जी.आई.एस. का वार्षिक मूल्य 20838 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 11610, आपत्तिकर्ता  परवीन, 32/008/यूजीई-बी-11 भ.आई.डी. 9157ए23983 का जी.आई.एस. का वार्षिक मूल्य 27540 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 15912, जोन-2 आपत्तिकर्ता श्री ओम प्रकाश, भवन आई.डी. 9157ए55865 का जी.आई.एस. का वार्षिक मूल्य 14580 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 8608, आपत्तिकर्ता श्रीमती गीता रस्तोगी, भवन आई.डी. 9157ए79699 का जी.आई.एस. वार्षिक मूल्य 15300 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 12960 और जोन-3 में आपत्तिकर्ता राम चंर्द्रा उर्फ मुन्ना, त्रिवेणी नगर, अहिबरनपुर, भवन आई.डी. 9157बी46075 का जी.आई.एस. का वार्षिक मूल्य 29040 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 17100, आपत्तिकर्ता  हरविन्दर सिंह, महानगर सेक्टर-ए, वार्ड विवेकानंदपुरी, भवन आईडी 9157बी84663 का जी.आई.एस. का वार्षिक मूल्य 66096 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 39690 किया गया। जोन-4 भवन आई.डी. 9157सी03857 भ.सं. 03/334 विशालखंड, गोमती नगर का जी.आई.एस. वार्षिक मूल्य 36650 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 15687, भवन आई.डी. 9157सी00261 भ.सं. 03/363 विशालखंड, गोमती नगर का जी.आई.एस. वार्षिक मूल्य 25200 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 15120, जोन-5 आपत्तिकर्ता मुकेश कुमार, भवन आई.डी. 9157सी39260 का जी.आई.एस. वार्षिक मूल्य 15810 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 10800 और आपत्तिकर्ता शिव दयाल गुप्त़ा, भवन आई.डी. 9157सी29323 का जी.आई.एस. वार्षिक मूल्य 16920 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 10800 रूपये और जोन-6 आपत्तिकर्ता  साधना सिंह, आलमनगर का जी.आई.एस. वार्षिक मूल्य 7920 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 5040 रूपये, आपत्तिकर्ता  राजलक्ष्मी आलमनगर भवन आईडी 9157डी24350 का जी.आई.एस. वार्षिक मूल्य 7920 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 5040, जोन-7 आपत्तिकर्ता त्रिभुगी नारायण, पटेल नगर, भवन आईडी 9157ई32189 का निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 13230, आपत्तिकर्ता यू.वी. सिंह सी ब्लाक इंदिरा नगर, भवन आईडी 9157ई52118 का जी.आई.एस. का वार्षिक मूल्य 6732 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 17829 रूपये तथा जोन-8 आपत्तिकर्ता दिनेश कुमार, भवन आईडी 9157एफ03012 का जी.आई.एस. का वार्षिक मूल्य 27000 तथा निस्तरण पश्चात निर्धारित वा.मू.. 20250 और आपत्तिकर्ता राधिका देवी, भवन आई.डी. 9157ई97454 का जी.आई.एस. का वार्षिक मूल्य 23400 तथा निस्तारण पश्चात निर्धारित वा.मू. 17876 किया गया। इस अवसर पर नगर आयुक्त द्वारा कहा गया कि उक्त जी.आई.एस. समाधान दिवस प्रत्येक शुक्रवार का आयोजित करते हुए जी.आई.एस. के सभी प्रकरणो का निस्तारण कराये जाने तक जारी रखा जायेगा।

जोनवार प्राप्त आपत्तियां तथा निस्तारण

जोन –             प्राप्त आपत्तियां                        – निस्तारित
जोन-1             –  30                                        – 30
जोन-2               – 19                                        – 19
जोन-3                – 62                                        – 62
जोन-4 –               -06                                        – 06
जोन-5                   -30                                      – 30
जोन-6                  – 32                                       – 32
जोन-7                  – 60                                       – 60
जोन-8                   – 19                                       – 19
योग –                     258                                     – 258

नगर निगम ने 3 करोड़ 25 लाख से अधिक की सम्पत्तियां कराई कब्ज़ा मुक्त

लखनऊ। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के निर्देशानुसार नगर में अवैध कब्जेदारों पर कार्यवाही एवं सरकारी भूमियों,संपत्तियों को कब्ज़ा मुक्त करवाये जाने हेतु लगातार सघन अभियान चलाए जा रहे हैं।अभी तक करोड़ो रुपयों की विभिन्न सरकारी भूमि/संपत्ति, जो विगत लंबे समय से कब्जे में थीं, उन्हें खाली करवाया जा चुका है। आज सरोजनीनगर तहसील के ग्राम कासिमपुर पकरी एवं बी.के.टी. तहसील के ग्राम रसूलपुर कायस्थ अंतर्गत सरकारी भूमियों को कब्ज़ा मुक्त कराया गया।

नगर निगम की टीम के अनुसार सरोजनी नगर तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम – कासिमपुर पकरी की खसरा संख्या 46 क्षेवफल 0.1010 हे. तालाब की भूमि है जो नगर निगम में निहित संपत्ति है।पंकज श्रीवास्तव, अपर नगर आयुक्त के निर्देश के क्रम में उक्त खसरा संख्या पर किये गए अवैध कब्जे को नीरज कटियार नायब तहसीलदार की अध्यक्षता में लेखपाल सुधांशु श्रीवास्तव, मनोज आर्य, अनूप गुप्ता, राजेन्द्र यादव द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से हटवा दिया गया। शेष स्थाई निर्माण के सम्बन्ध में पी.पी. एक्ट की कार्यवाही प्रचलित की जाएगी। उक्त अवैध कब्जों से 2500 वर्गफुट रिक्त कराई गई, जिसकी बाजारू कीमत एक करोड़ पच्चीस लाख के लगभण हेै। बीकेटी तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम रसुलपुर कायस्थ के गाटा स० 137 व 123 चारागाह की भूमि है।अपर नगर आयुक्त श्री पंकज श्रीवास्तव के नेतृत्व में ग्राम रसूलपुर कायस्थ तहसील बी. के. टी. जनपद लखनऊ में गाटा स० 137 व 12 3 पर जो नगर निगम में निहित भूमि है,उस पर कुछ व्यक्तियो द्वारा इंट, बालू, डालकर कब्जे का प्रयास किया गया। सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार संजय कुमार सिंह व लेखपालसंदीप, प्रदीप गिरी, एवं अविनाश तिवारी के साथ जाकर उक्त स्थल पर से अतिक्रमण हटा दिया गया। उक्त गाटों में अतिक्रमण 500 मीटा से अधिक भूमि पर था। उक्त भूमि के बजारु मुक्त लगभग 2 करोड़ रुपए से अधिक का है।

नगर आयुक्त ने दिलाया स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण का विश्वास
समस्त महिला अधिकारियो, कर्मचारियों के साथ विशेष वार्ता

नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह द्वारा नगर निगम लखनऊ में एक अभिनव प्रयास का प्रारम्भ करते हुए महिलाओं के सशक्तिकरण, सुरक्षा एवं अधिकारो के संबंध में नगर निगम में कार्यरत समस्त महिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा हेतु आज एक विशेष बैठक आहूत की गई। बैठक में अपर नगर आयुक्त ललित कुमार, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी श्रीमती अम्बी बिष्ट उपस्थित रही। बैठक में नगर निगम लखनऊ के समस्त कार्यालय में कार्यरत महिला कर्मचारियों एवं अधिकारियों से वार्ता कर उनकी समस्याओं को पूछा गया एवं सुझावों को सुना व समझा गया। नगर आयुक्त द्वारा महिलाओं की समस्याओं को सुनने के साथ ही उनके त्वरित निस्तारण हेतु सम्बन्धितों को आदेशित किया गया। नगर आयुकत ने उपस्थित महिला कार्मिकों और अधिकारियों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण का विश्वास दिलाया।

वार्ता में जोन-5 व 7 जोनल कार्यालय में कार्यरत महिलाओं द्वारा शौचालय की समस्या बताये जाने पर नगर आयुक्त द्वारा महिला शौचालय बनवाने के लिए निर्देश दिये गये। जन सूचना कार्यालय, रिकॉर्ड रूम, लेखा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, मार्ग प्रकाश विभाग में भीषण गर्मी में पंखे व कूलर की कमी होने पर कूलर व पंखे के अनुरोध किया गया। नगर आयुक्त द्वारा भीषण गर्मी को देखते हुए तत्काल पंखे व कूलर लगाये जाने के निर्देश सम्बन्धित को दिये गये। वार्ता के दौरान नगर आयुक्त द्वारा महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु हेल्थ कैम्प लगवाये जाने तथा ब्लड शुगर व ब्लड प्रेशर जाँच कराये जाने की सुविधा प्रदान करने का आश्वासन दिया गया। नगर आयुक्त द्वारा निगम में कार्यरत महिलाओं के शिशुओं के लिए एक ब्रेस्ट फीडिंग रूम को बनवाये जाने के निर्देश जारी किए जिसके लिए जल्द से जल्द जगह तलाश कर उसका निर्माण कार्य भी शुरू कराये जाने के निर्देश दिये गये। वार्ता में महिला कर्मियों के लम्बित सेवा संबंधी प्रकरण जैसे कि पेंशन, फण्ड के त्वरित निस्तारण हेतु मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी को निर्देशित किया गया। बैठक में चर्चा के दौरान नगर आयुक्त कहा गया कि सभी महिला कर्मचारी,अधिकारी को किसी प्रकार की समस्या होने पर सीधे उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा सकता है। सूचित समस्याओं के निराकरण हेतु नगर निगम लखनऊ द्वारा त्वरित कार्यवाही की जायेगी। नगर निगम में महिलाओं की शिकायतो को सुनने के लिए नगर आयुक्त द्वारा मुख्य कर निर्धारण अधिकारी श्रीमती अम्बी बिष्ट को नोडल अधिकारी तथा सहायक नगर आयुक्त सुश्री शिल्पा कुमारी को सह नोडल अधिकारी नामित किया गया। नगर आयुक्त द्वारा अवगत कराया गया कि महिलाएं किसी प्रकार की समस्या होने पर नोडल अधिकारी को चौबीसों घन्टे अवगत करा सकते है। नोडल अधिकारी की जाँच इत्यादि कार्यवाही के लिए विशाखा समिति की अध्यक्ष नामित रहेगी। इसके अतिरिक्त महिला कर्मियो,अधिकारियों के साथ यदि कार्यालय से बाहर भी किसी प्रकार की समस्या अथवा अभद्रता होने पर भी नगर आयुक्त के नेतृत्व में नगर निगम प्रशासन प्रत्येक सहायता के लिए तैयार रहेगा।

किसानों से निः शुल्क बिजली योजना में अधिकाधिक शामिल होने का आहवान
प्रदेश के 15 लाख किसानो में से अब तक सिर्फ 50 हजार का पंजीकरण

उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश में किसानों के लिए चलाई जा रही निःशुल्क योजना में किसानों की उदासीनता पर चिन्ता जताई है। उपभोक्ता परिषद ने किसान उपभोक्ताओं से आहवान किया है कि इस योजना के लिए अभी समय बाकी है अतः अधिक से अधिक संख्या में पंजीकरण कराये। उपभोक्ता परिषद ने इस पर भी चिन्ता जताई है कि इसके लिए जो शर्त रखी गई है उनमें संशोधन होना चाहिए क्योकि किसान कभी मीटिर रींिडंग देखकर सिंचाई नही करता।उत्तर प्रदेश के 14 लाख 96 हजार निजी नलकूप यानी किसानों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाई गई महत्वाकांक्षी फ्री विद्युत आपूर्ति योजना इसके संबंध में पावर कॉरपोरेशन की तरफ से 7 मार्च 2024 को कुछ शर्तों के साथ आदेश निर्गत किया गया जिसमें 1 अप्रैल 2023 से किसानो की बिजली फ्री का कार्यालय ज्ञात जारी हुआ। बडे दुर्भाग्य की बात है कि किसानेा की फ्री बिजली योजना का लाभ लेने वाले किसानों की संख्या बहुत ही कम है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन की तरफ से जारी आदेश में कहा गया था कि सभी किसानों को जो इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं उन्हें 30 जून 2024 तक की निर्धारित समय सीमा में अपना पंजीकरण कराना होगा। पावर कारपोरेशन ने अब स्वतः मान लिया है की 16 मई 2024 तक केवल मात्र 50 हजार निजी नलकूप यानी किसानों ने इस योजना में पंजीकरण कराया है। अब सबसे बडा सवाल यह है कि जिस योजना का लाभ लेने के लिए प्रदेश के लगभग 15 लाख किसान इस योजना का इंतजार कर रहे थे। वह इस योजना का लाभ लेने के लिए आगे क्यों नहीं आ रहे हैं। इस पर गंभीरता से विचार करना होगा। इसका प्रचार प्रसार किया जाना भी जरूरी और शर्तें कठिन तो उसमें बरती जाए शिथिलता।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा किसानों को फ्री बिजली दिए जाने के मामले में पावर कारपोरेशन ने कुछ शर्तों के साथ एक लिमिट निर्धारित की थी उसे लिमिट को पूरा करने पर ही किसानेा को फ्री बिजली का लाभ मिलेगा। मुख्य शर्ताे में सबसे पहले सभी किसानों को 31 मार्च 2023 तक के संपूर्ण बकाए का भुगतान करना होगा। बकाए के लिए पावर कारपोरेशन ने किस्तों की सुविधा के साथ अधिभार माफी योजना भी दी। केवाईसी कराना होगा। अनिवार्य रूप से सभी विद्युत कनेक्शन पर मीटर लगाना होगा। पावर कॉरपोरेशन द्वारा जारी आदेश में यह भी शर्त रखी गई 10 हॉर्स पावर तक के विद्युत कनेक्शन पर 1045 यूनिट की छूट रहेगी। उसके ऊपर के विद्युत उपभोक्ताओं को केवल 10 हॉर्स पावर तक की यूनिट 1045 पर ही छूट मिलेगी उसके ऊपर कोई भी छूट नहीं प्राप्त होगी। इसी प्रकार फिक्स चार्ज पर 10 किलो वाट तक 100 प्रतिशत छूट होगी। उसके ऊपर 50 प्रतिशत की छूट होगी। इसी प्रकार बुंदेलखंड क्षेत्र में जो किसान है उन्हें 12.5 हॉर्स पावर तक के विद्युत कनेक्शन पर 140 यूनिट प्रति किलो वाट की छूट होगी। उसके ऊपर के विद्युत उपभोक्ताओं को केवल 10 हॉर्स पावर तक की ही छूट मिलेगी। उसके ऊपर कोई छूट नहीं होगी।यानी कि 12.5 हॉर्स पावर का विद्युत कनेक्शन 9.32 किलोवाट का होगा और उसे पर 1300 यूनिट की छूट प्राप्त होगी। परिषद ने सवाल किया कि क्या या लिमिट सही है इस लिमिट व शर्त पर एक बार पावर कॉरपोरेशन व उत्तर प्रदेश सरकार को पुनः विचार करना चाहिए। जिससे सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का शत प्रतिशत लाभ प्रदेश के किसान ले पाए। उपभोक्ता परिषद पहले ही या मांग उठ चुक है कि प्रदेश का किस मीटर रीडिंग देखकर अपने खेत की सिंचाई नहीं करता बल्कि वह आवश्यकता को देखकर अपने खेत की सिंचाई करता है।

Aaj National

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