LUCKNOW:5 G तकनीक के बावजूद बिजली कंपनियों ने निकल दिये 4G  के स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर,क्लिक कर देखें और कई खबरें

प्रदेश में आज भी चल रहे  2 जी व 3 जी 12 लाख स्मार्ट मीटर

  • प्रेम शर्मा

लखनऊ।  प्रधानमंत्री  भले ही 5 जी तकनीकी की बात कर रहे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियां आज भी टू जी थ्री जी और फोर जी पर लटकी है। बिजली कम्पनियों ने बिना दूर की सोचे 2.5 करोड 4 जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर खरीदने का टेंडर जारी कर दिया है। प्रदेश की पिछली कंपनियां लगभग रुपया 97000 करोड के घाटे में चल रही है। ऐसे में विद्युत उपभोक्ताओं के घर में चलते हुए मीटर उतारकर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का क्या वित्तीय पैरामीटर है ? यह टेंडर कोई छोटा-मोटा नहीं है यह टेंडर 25 हजार करोड का है। केंद्र सरकार ने बडी चालाकी से एक रूल बनाकर सभी उपभोक्ताओं के घर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना बना ली। लेकिन केंद्र सरकार के नीति विशेषज्ञ भूल गए कि आज भी विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 47(5) में स्पष्ट रूप से या व्यवस्था विद्यमान है कि कोई भी विद्युत उपभोक्ता जब तक स्मार्ट प्रीपेड मोड की परमिशन नहीं देगा उसके घर में प्रीपेड मोड का मीटर नहीं लगाया जाएगा। दूसरी ओर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 56 में स्पष्ट रूप से प्रावधान है कि किसी भी विद्युत उपभोक्ता की सप्लाई बकाए पर कटने के पहले उसे 15 दिन का लिखित नोटिस देना होगा। ऐसे में प्रदेश की बिजली कंपनियां क्या बताएगी विद्युत अधिनियम 2003 लागू करेंगे या रूल लागू करेंगे। बिजली कंपनियां भी भूल गई है उत्तर प्रदेश में जो पहले लगभग 12 लाख 2जी  3जी  स्मार्ट मीटर लगे हैं उन को 4जी अथवा 5जी में कन्वर्ट करने के लिए एनर्जी एफिशिएंसी लिमिटेड अरबों रुपए का भुगतान मांग रही है। जबकि विद्युत नियामक आयोग द्वारा बनाए गए रोल आउट प्लान में स्पष्ट रुप से लिखा था कि जैसे जैसे तकनीकी अपग्रेड होगी वैसे वैसे बिजली कंपनियों को कार्य करना होगा।उपभोक्ता पार्षद के पास पुख्ता जानकारी है देश का एक बडा निजी धराना जो विदेशी कोयला खरीद में लगा था अब वह अपनी किस्मत एक बार फिर स्मार्ट प्रीपेड मीटर खरीदने में जो आएगा।उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष  अवधेश कुमार वर्मा ने कहा ऊर्जा क्षेत्र में इस संवैधानिक संकट व इस गंभीर मामले पर उपभोक्ता परिषद ने आज विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन  आर पी सिंह से  भी चर्चा की और अनुरोध किया कि इस पर गंभीरता से विचार विमर्श किया जाना चाहिए। अवधेश कुमार वर्मा ने कहा यह बहुत ही गंभीर मामला है इस मामले पर बिजली कंपनियों को सोचना होगा कि जब तक वह 4 जी स्मार्ट प्रीपेड खरीद की तैयार करेगी तब तक यह तकनीकी बंद होने की कगार पर आ जाएगी और फिर 5जी की बात चलने लगेगी ऐसे में कोई भी व्यवस्था लागू करने के पहले तकनीकी पर भी विचार होना चाहिए अभी 12 लाख स्मार्ट मीटर बिजली कंपनियां उच्च तकनीकी में कन्वर्ट कराने में नाकाम साबित हो रही हैं। ऐसे में वह किस आधार पर भविष्य में करोडों स्मार्ट प्रीपेड मीटर को उच्च तकनीकी में कन्वर्ट कर पाएंगे इस पर खर्च होने वाला पैसा कौन देगा । दूसरी ओर विद्युत उपभोक्ताओं के यहां जब स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग जाएगा तो उसके द्वारा जमा की गई जो लगभग रुपया 3500 हजार करोड की सिक्योरिटी है उसे बिजली कंपनियां कैसे वापस करेंगे।  बिजली कंपनियों के लिए यह बहुत घाटे का सौदा साबित होगा और आने वाले समय में निजीकरण पर नजर लगाए  कुछ निजी घरानों का बडा लाभ जरूर हो जाएगा।

उप्र के बिजली कर्मियों ने दूसरे दिन भी किया विरोध प्रदर्शन

केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया के विरोध में देशभर के 27 लाख बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों के साथ आज दूसरे दिन भी उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने राजधानी लखनऊ सहित सभी परियोजनाओं और जनपदों में विरोध सभा कर पुडुचेरी के बिजली कर्मियों के साथ अपनी एकजुटता का परिचय दिया।लखनऊ में राणा प्रताप मार्ग स्थित हाइडिल फील्ड होस्टल में हुई विरोध सभा में सैकड़ों बिजली कर्मियों ने हिस्सा लिया। सभा को सम्बोधित करते हुऐ संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर,गिरीश पांडेय, सदरुद्दीन राना, सुहेल आबिद, पी के दीक्षित, चन्द्र भूषण उपाध्याय, मो इलियास, महेन्द्र राय, पी एन तिवारी, मो वसीम, सुनील प्रकाश पाल, प्रेम नाथ राय, सनाउल्लाह, ए के श्रीवास्तव, सागर शर्मा, शम्भू रत्न दीक्षित, भगवान मिश्र, पवन श्रीवास्तव, रफीक अहमद, के पी सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर पुडुचेरी के बिजली विभाग के निजीकरण हेतु बिडिंग प्रक्रिया प्रारंभ करने हेतु 27 सितंबर को आरएफपी जारी की गई जिसके विरोध में पुडुचेरी के तमाम बिजली कर्मचारी और इंजीनियर 28 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। पुडुचेरी के बिजली कर्मियों की मांग है कि निजीकरण की प्रक्रिया निरस्त की जाए और आरएफपी डॉक्यूमेंट वापस लिये जायें।उन्होंने बताया कि पुडुचेरी का बिजली विभाग मुनाफे में चल रहा है और पुडुचेरी की बिजली हानियां मात्र 11.5 प्रतिशत है जो केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्ड 15 प्रतिशत से कम है।उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने सितंबर 2020 में निजीकरण हेतु स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट का ड्राफ्ट जारी किया था जिसे केंद्र सरकार ने अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्युमेंट फाइनल किए बिना किस आधार पर पूरे बिजली विभाग का निजीकरण किया जा रहा है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 विगत मानसून सत्र में लोकसभा में प्रस्तुत कर दिया है जिसे बिजली मामलों की संसद की स्टैंडिंग कमिटी को संदर्भित कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में जब स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट को अंतिम रूप नहीं दिया गया हो और इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 स्टैंडिंग कमिटी के सामने विचार हेतु भेज दिया गया है तब पुडुचेरी के बिजली विभाग का 100 प्रतिशत निजीकरण किस आधार पर किया जा रहा है और इसका औचित्य क्या है।

 ‘इंजीनियर्स प्रोटेक्शन एक्ट’ शीघ्र लागू किया जाए: जितेन्द्र गुर्जर

विद्युत अभियन्ता संघ की नवनिर्वाचित केन्द्रीय कार्यकारिणी के प्रतिनिधि मण्डल ने आज पावर कारपोरेशन के चेयरमैन  एम. देवराज एवं प्रबन्ध निदेशक, पावर कारपोरेशन  पंकज कुमार  से शिष्टाचार भेंट की। प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में विभागीय कार्य सम्पादित करते समय अभियन्ताओं के साथ लगातार हो रही मार-पीट की घटनाओं पर दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करने एवं अभियन्ताओं की सुरक्षा के दृष्टिगत ‘इंजीनियर्स प्रोटेक्शन एक्ट’ शीघ्र लागू किये जाने एवं ऊर्जा निगमों में कार्य का प्रोत्साहनात्मक वातावरण बनाये जाने की अपील की गयी। साथ ही अभियंताओं की अन्य समस्याओं के सार्थक निराकरण करने और प्रदेश में उपभोक्ता सेवा को और बेहतर किये जाने पर विस्तृत चर्चा हुई।विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष राजीव कुमार सिंह तथा महासचिव जितेन्द्र सिंह गुर्जर ने  बताया कि आज केन्द्रीय कार्यकारिणी ने ऊर्जा निगम प्रबन्धन से सौहार्दपूर्ण वातावरण में शिष्टाचार भेंट कर क्षेत्रों में आये दिन विभागीय कार्य कर रहे अभियन्ताओं के साथ हो रही मार-पीट की घटनाओं में दोषियों पर कड़ी कार्यवाही कराने, अभियन्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने तथा अभियन्ताओं की अन्य प्रमुख ज्वलन्त समस्याओं से अवगत कराते हुए इन पर अतिशीघ्र सार्थक निर्णय लिये जाने का अनुरोध किया। आज की शिष्टाचार भेंट में अध्यक्ष राजीव सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रभात सिंह, महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर, उपाध्यक्ष रमाकांत वर्मा, उपाध्यक्ष रणबीर सिंह, संयुक्त सचिव आलोक कुमार श्रीवास्तव, सहायक सचिव सुबोध झा, प्रचार सचिव अंकुर भारद्वाज, कोषाध्यक्ष अजय द्विवेदी, क्षेत्रीय सचिव विजय तिवारी, क्षेत्रीय सचिव देवेन्द्र सिसोदिया, शाखा सचिव देवेंद्र वर्मा उपस्थित रहे।

कैबिनेट मंत्री असीम अरुण ने दिया अमित शर्मा को गौरव-सम्मान

साईंधाम मंदिर फाउंडेशन ट्रस्ट ने अपने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को बलरामपुर गार्डन में चल रहे पुस्तक मेले में घुमाया-फिराया और उनकी पसंद की ज्ञानवर्धक पुस्तकें दिलाईं।पुस्तक मेले में उत्तरप्रदेश में स्वतंत्र प्रभार कैबिनेट मंत्री  असीम अरुण ने संस्था को अपना आशीर्वाद दिया और अमित शर्मा को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए गौरव-सम्मान से सम्मानित किया।संस्था के संस्थापक अमित शर्मा नेे बताया कि उन्होंने अपने विभुति खंड, गोमतीनगर स्थित विद्यालय में एक सामान्य ज्ञान का एग्जाम लिया था जिसमे उत्तीर्ण बच्चों को इनाम स्वरूप पुस्तक मेले में घुमाने को लाया गया है। अमित ने बताया कि वे हर महीने बच्चों के साथ कुछ न कुछ नया प्रयोग करते रहते हैं जिनसे उनमें आत्मविश्वास जागे और इसके लिए वे बच्चों को कभी ज्ञानेश्वर मिश्र पार्क, कभी शहीद स्मारक पार्क, कभी मेट्रो तो कभी मल्टीप्लेक्सेस ले जाते हैं और ऐसा करने में उन्हें मानसिक शांति मिलती है व बच्चों में उत्साह जगता है। बच्चें खेलकूद और पढ़ाई-लिखाई को एक खेल सामान बड़ी ही रुचि से संपादित कर पाते हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  की महत्वाकांक्षी परियोजना शिक्षा का प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने में अमित की संस्था बहुत गंभीरता से कार्य कर रही है। उनके नेक प्रयासों के चलते पिछले बीते महीने लखनऊ की मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती रिया केजरीवाल ने उन्हें उच्च प्राथमिक विद्यालय में अपनी संस्था द्वारा सेवाएं देने के लिए अनुमति प्रदान करी थी।असीम अरुण ने अमित की संस्था को शुभकामनाएं दीं और सरकार की तरफ से हर सम्भव मदद देने का आश्वासन दिया।

महाअष्टमी पर गौ और कन्या भोज

सदर के द्वादश ज्योर्तिलिंग मंदिर में महा अष्टमी के पावन अवसर पर गौ कन्या भोग का आयोजन किया गया।इस धार्मिक आयोजन का प्रारंभ सुबह 9 बजे मंदिर के पुजारी आकाश मिश्रा ने दुर्गा सप्तशती का पाठ और मधुराष्टकम पाठ पढ़कर किया गया।मंदिर के पुजारी गुड्डू तिवारी ने बताया कि इसके बाद भगवान राधा कृष्ण और दुर्गाजी को 56 भोग अर्पण करने के बाद 51 कन्याओं को भोजन प्रसाद अर्पण किया गया।इस अवसर पर  उपस्थित महिलाओं ने भगवान राधा कृष्ण और दुर्गा जी के चरणों में भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में गौ माता को राज्य माता का दर्जा मिले की प्राथना की गई।इस अवसर पर पंडित आकाश मिश्रा ने कहा कि अष्टमी तिथि गौ माता की तिथि है। नौ देवियों में  आठवीं देवी महागौरी है और इनकी सवारी गौ माता ही। गौ माता और कन्य एक ही रूप है। महाअष्टमी के दिन गौ और कन्या की पूजन करने और उन्हें भोजन कराने से महा गौरी की कृपा मिलती है। इस धार्मिक आयोजन में शालिनी अरोड़ा कल्पना साहू  अलका वर्मा किरण यादव दिव्य दयाल सिद्धि अरोड़ा  कविता यादव कामाक्षी वर्मा शशि गुप्ता शशि दयाल  रवि भाटिया अविनाश ग्रोवर ओम प्रकाश मनीष साहू एडवोकेट लालू भाई उज्ज्वल वैश्य आदि शामिल हुए।

सीएमएस स्कूल की अनेक शाखाये मानक के विपरीत
सीएमएस स्कूलों के अवैध निर्माणों के सम्बंध में संजय शर्मा ने हाई कोर्ट न्यायमित्र से की बात

शिक्षाविद के रूप में देश-विदेश प्रसिद्धि पा चुके जगदीश गाँधी द्वारा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थापित सिटी मोंटेसरी स्कूल समूह की शाखाओं की बिल्डिंग्स के अवैध निर्माणों का मामला हाई कोर्ट जा रहा है। राजधानी लखनऊ निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा ने सीएमएस स्कूल समूह के स्कूलों की बिल्डिंग्स के अवैध निर्माणों के सभी मामलों को हाई कोर्ट में चल रही लेवाना होटल अग्निकांड जनहित याचिका में जुडवाने के लिए हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त किये गए न्यायमित्र से बात की है।बताते चलें कि विगत दिनों लखनऊ के हजरतगंज इलाके में हुए लेवाना होटल अग्निकांड मामले में हाई कोर्ट इलाहाबाद की लखनऊ बेंच ने स्वतः संज्ञान लेकर जनहित याचिका दर्ज करके सुनवाई शुरु की है। इसके बाद कई लोगों ने हाई कोर्ट के समक्ष हस्तक्षेप अर्जियां दाखिल करके कोर्ट से अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्यवाही की गुहार लगाईं। बाद कोर्ट ने आदेश जारी कर कहा कि अगर कोई व्यक्ति अवैध निर्माण से जुड़ी कोई समस्या उठाना चाहता है तो कोर्ट द्वारा नियुक्त न्यायमित्र अधिवक्ता के जरिये कोर्ट के समक्ष रख सकता है। संजय शर्मा के मुताबिक  सूचना का अधिकार  अधिनियम के तहत लखनऊ विकास प्राधिकरण,उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद और अग्निशमन महकमे ने उनको जो सूचनाएं दी हैं उनसे उनसे यह बात सीधे सीधे सामने आ रही है कि गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल सिटी मोंटेसरी स्कूल समूह की अधिकाँश शाखाओं की बिल्डिंग्स अवैध निर्माणों से अटी पड़ी हैं। अर्थात ढांचागत रूप से असुरक्षित हैं और इन शाखाओं में अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्थायें भी मानकों के अनुसार नहीं हैं और इस ये बिल्डिंग्स ढांचागत सुरक्षा और अग्निशमन सुरक्षा की दृष्टि से नितांत असुरक्षित है। जिनमें होटल लेवाना जैसी दुर्घटना कभी भी हो सकती है जिस कारण से इन शाखाओं में पढने वाले शिक्षार्थियों का जीवन निरंतर खतरे में हैं।संजय ने बताया कि ढांचागत सुरक्षा और अग्निशमन सुरक्षा की दृष्टि से असुरक्षित बिल्डिंग्स में चल रही सिटी मोंटेसरी स्कूल समूह की शाखाओं के अवैध निर्माणों के सम्बन्ध में प्राथमिक जानकारी देते हुए उन्होंने होटल लेवाना अग्निकांड पीआईएल मामले में नियुक्त न्यायमित्र अधिवक्ता से बात की है और इस मामले को होटल लेवाना पीआईएल में जुड़वाने के लिए हाई कोर्ट के सामने रखने की बात रखी है।संजय ने बताया कि मामले से सम्बंधित प्रपत्र प्राप्त करने के लिए न्यायमित्र अधिवक्ता ने उनको समय दे दिया है। न्यायमित्र अधिवक्ता द्वारा दिए समय पर वे सिटी मोंटेसरी स्कूल समूह की अनियमिताओं और इन अनियमितताओं को सम्बंधित लोकसेवकों के संरक्षण से सम्बंधित प्रपत्र न्यायमित्र को सौंपकर ढांचागत सुरक्षा और अग्निशमन सुरक्षा की दृष्टि से असुरक्षित बिल्डिंग्स में चल रही सिटी मोंटेसरी स्कूल समूह की शाखाओं को बंद कराकर इन शाखाओं में पढ़ रहे देश के नौनिहालों के जीवन को सुरक्षित कराने, मामले में दोषी विद्यालय प्रबंधन और  विकास प्राधिकरण,उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद और अग्निशमन महकमे के लोकसेवकों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग करेंगे।

Aaj National

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