फोकस शहर पर और लक्ष्य 2024,गांव और शहर फिट तो दिल्ली हिट
(के.के.वर्मा)
लखनऊ । नगर निकाय चुनाव के सहारे बीजेपी एक तीर से दो निशाने साध रही है। सीएम बार बार ट्रिपल इंजन की सरकार की वकालत करते हैं। कहा जाता है कि गांव और खेतों से होकर गुजरती है दिल्ली की सल्तनत की राह। गांव और शहर फिट तो दिल्ली हिट।भाजपा के बारे में पहले कहा जाता था कि शहर में बीजेपी की पैठ मजबूत होती है लेकिन अब बदलाव देखा जा रहा है। गांव गांव, घर घर मोदी हैं। गरीबों के घर पक्के,मुफ्त राशन,रसोई गैस का सिलेंडर है। किसानों को सम्मान निधि मिल रही है। अब गांव में बीजेपी की पैठ हो गई है। नतीजा सबने देखा है। स्टेट भी उनका, सेंट्रल भी उनका। निकाय भी अपने खाते में दर्ज कराकर ट्रिपल इंजन की हुकूमत कायम करने को बेताब हैं। योगी सरकार का फोकस दिखता शहर पर है मगर असल लक्ष्य 2024 है।2024 के आम चुनाव के मद्देनजर गांवों के विकास पर सरकार की नजर है। शहरीकरण के बावजूद उत्तर प्रदेश की सर्वाधिक आबादी गांवों में है। देश के सर्वाधिक गांव उत्तर प्रदेश में हैं। योगी सरकार निकाय चुनाव के बहाने शहरों के साथ गांवों में खास ध्यान दे रही है। योगी का पहले कार्यकाल भी गांवों के विकास पर केंद्रित था। योगी 2. 0 के भी केंद्र एवं रोजगार को प्रतिबद्ध बताया जाता है। केंद्र एवं प्रदेश सरकार की प्रधानमंत्री उज्ज्वला, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री आवास, पेंशन योजनाओं के अधिकांश लाभार्थी गांवों में हैं। लाभार्थियों का यह वर्ग चुनाव में भाजपा की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।लाभार्थियों के साथ ग्रामीण जनता से लगातार संपर्क बना रहे,इस पर विशेष ध्यान है। विकास कार्य की निगरानी, गुणवत्ता बनी रहे और गांवों में शहरों जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास हो, यह योगी सरकार की प्रतिबद्धता है। इसका जिक्र संकल्प पत्र में भी था। सरकार ने गांवों को जोड़ने के लिए 767 किलोमीटर सड़क निर्माण की घोषणा की है जिसमे 629 करोड़ रुपये खर्च होंगे, 470 करोड़ रुपये मंजूर हो गये। प्रत्येक शनिवार को हर जिले के तीन गांवों में जनता चौपाल के आयोजन को भी मिशन 2024 की तैयारी का हिस्सा है। भाजपा के लोककल्याण संकल्प पत्र के मुताबिक़ भाजपा का ध्येय था कि विकास के लिहाज से उत्तर प्रदेश के गांव शहरों की बराबरी करेंगे। सोलर लाइट, चकाचक सड़कें या जल निकासी के लिए पक्की नालियां, 2024 तक हर घर तक शुद्ध पेयजल की बात ऐसे ही नहीं कि गई। कर्ज माफी से शुरू किसानों के कल्याण का सिलसिला जारी रखने का संकल्प था। सिंचाई के लिए 5,000 करोड़ से मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू की जाएगी। लघु-सीमांत किसानों को बोरवेल, तालाब और टैंक निर्माण के लिए अनुदान, सिंचाई के लिए किसानों को मुफ्त बिजली, प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर पंप की व्यवस्था होगी। सरदार वल्लभ भाई पटेल एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर मिषन के तहत प्रमुख फसलों की छंटनी, ग्रेडिंग, पैकिंग, अधिक समय तक संरक्षित करने के लिए कोल्ड चेन चेम्बर्स के निर्माण का जिक्र भी संकल्पपत्र में था। चीनी मिलों के आधुनिकीकरण के साथ नई सहकारी चीनी मिलों के निर्माण, 14 दिनों के भीतर भुगतान की भी बात थी। मंदी की मार से बचाने के लिए किसानों को आलू, टमाटर एवं प्याज जैसी सभी फसलों का न्यूनतम मूल्य के लिए 1,000 करोड़ का भामाषाह भाव स्थिरता कोष , 1,000 करोड़ की लागत से नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत दुग्ध उत्पादन में प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाने की बात कही गई। 6 मेगा फूड पार्क, निषादराज बोट सब्सिडी योजना, मछली बीज उत्पादन यूनिट के लिए 25 फीसद तक सब्सिडी, 6 अल्ट्रा मॉडल मछली मंडियां भी बनाने की बात संकल्पपत्र में थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोबारा प्रदेश का मुखिया बनने और शपथ ग्रहण करने के अगले ही दिन 26 मार्च 2022 को अफसरों के साथ पहली बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया कि गांवों का विकास प्राथमिकता में है। गांव सीएम के दिल में हैं, शहर पर नजर गड़ा दी है और लक्ष्य फतह 2024 है।