सरकारी_गतिविधियाँ :उप मुख्यमंत्री ने नीदरलैंड सरकार से की यूपी में निवेश के लिए द्विपक्षीय वार्ता,क्लिक कर देखें और भी खबरें

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले आएगा नीदरलैंड का प्रतिनिधिमंडल-केशव

 लखनऊ ।उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य ने उच्च शिक्षा एवं आईटी मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के साथ व प्रतिनिधिमंडल के साथ उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में प्रतिभाग करने व उत्तर प्रदेश में निवेश करने के संबंध में नीदरलैंड सरकार के साथ आज द्विपक्षीय वार्ता की। उन्होंने नीदरलैंड के भारत के साथ फारेन इकोनामिक रिलेशन को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। द्विपक्षी वार्ता में उपमुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और डेयरी व अन्य  क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाओं व सरकार द्वारा निवेश के लिए उत्तर प्रदेश के उचित माहौल व अन्य विशिष्ट विशेषताओं की जानकारी दी और इन क्षेत्रों में निवेश के लिए सहयोग व साझेदारी के लिए आमंत्रित किया। उपमुख्यमंत्री ने वार्ता के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश भौगोलिक एवं सांस्कृतिक विविधताओं से समृद्ध प्रदेश है।खाद्य प्रसंस्करण कृषि और उद्योग के बीच की कड़ी है। भारत में खाद्य प्रसंस्करण उत्पाद का लगभग 10 प्रतिशत फलों एवं सब्जियों के लिए न्यूनतम 2 प्रतिशत एवं दुग्ध के लिए अधिकतम 35 प्रतिशत से अधिक है। उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण पर तृतीय स्तर 6प्रतिशत है। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में आईटी सेक्टर के बाद सबसे ज्यादा रोजगार की संभावनाएं विद्यमान है। इन उद्योगों के विकास से न केवल खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का विकास होगा बल्कि अन्य संबंधित उद्योगों एवं सेवा क्षेत्र का भी विकास होता है। फलों एवं सब्जियों का खाद्य प्रसंस्करण स्तर को बढ़ाने की नितांत आवश्यकता है। जिससे प्रदेश से अधिकाधिक निर्यात स्तर के उत्पाद तैयार कराकर निर्यात कराया जा सकता है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की पहल और अनुरोध पर उत्तर प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 से पहले नीदरलैंड अपनी सरकार के प्रतिनिधिमंडल को उत्तरप्रदेश भेजने की सहमति दीऔर यहां पर निवेश की संभावनाओं को तलाशा जाएगा तथा निवेश की परियोजनाओं की योजना बनाने के लिए प्रतिनिधिमंडल यहां का भ्रमण करेगा और उसके बाद आयोजित होने वाली समिति में भी भाग लेगा ।उप मुख्यमंत्री  द्वारा प्रतिनिधिमंडल के साथ सिग्नीफाई लाइटिंग एप्लीकेशन सेंटर आइंहोवन का भी दौरा किया गया और प्रकाश व्यवस्था अनुप्रयोग के क्षेत्र में यूपी  मे निवेश के लिए सिग्नीफाई कंपनी को समिट में प्रतिभाग करने के लिए आमंत्रित किया गया। प्रतिनिधिमंडल के साथ वर्ल्ड हार्टीसेन्टर का भ्रमण किया और सेन्टर के व्यवसाय विकास निदेशक देश रामनाथ से भेंट कर निवेश केसम्बन्ध में वार्ता की।

किसानों को तकनीक से जोड़ना जरूरी- शाही

एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी योजना की मदद से किसान और कृषि वैज्ञानिक एक दूसरे से रूबरू हो रहे हैं। कृषि वैज्ञानिक किसानों को वैज्ञानिक ढंग से खेती करने का प्रशिक्षण भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक खेती को अपनाकर कम खर्च में अच्छी पैदावार की जा सकती है। इसके लिए किसानों को तकनीक से जोड़ना जरूरी है। प्रदेश के कृषि मंत्री  सूर्य प्रताप शाही ने आज अपने सचिवालय स्थित कार्यालय में बताया कि कृषि क्षेत्र में आ रही नवीन तकनीकों से किसानों को जोड़ना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने नेशनल मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एंड टेक्नोलॉजी के अंतर्गत सबमिशन ऑफ़ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन योजना के अंतर्गत सबमिशन ऑफ़ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन  के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्यांश के रूप में 19 करोड़ 42 लाख 21 हजार का वित्तीय अनुमोदन प्रदान किया गया।

जन सहभागिता और  विभागीय समन्वय से हो सकता है बेहतर वॉटर शेड मैनेजमेंट- डॉ. चतुर्वेदी

राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी, परती भूमि विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वाटरशेड कंपोनेंट-2 के अंतर्गत दो दिवसीय राज्यस्तरीय अभिमुखीकरण कार्यशाला का शुभारंभ आज कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव सिंचाई द्वारा किया गया।डॉ. राम मनोहर लोहिया ऑडिटोरियम, परिकल्प नगर तेलीबाग में आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव   कृषि डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि वॉटर शेड मैनेजमेंट के कार्यक्रम को जन सहभागिता के साथ-साथ पारदर्शिता से किया जाना आवश्यक है। जन सहभागिता तथा विशेषज्ञों की किसानों तक पहुंच भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने तथा बचाने में मददगार साबित होगी।श्री चतुर्वेदी ने कहा कि सिंचाई विभाग को अन्य संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर वॉटर शेड मैनेजमेंट का कार्यक्रम क्रियान्वित करना चाहिए इसमें मुख्य रूप से ग्राम विकास, पंचायती राज, दूरसंचार पशुपालन, वन, सिंचाई, भूमि-संरक्षण आदि विभागों से बेहतर समन्वय किया जाना चाहिए। यह कार्य किसानों की आय को दुगुना करने के साथ-साथ कृषि में विविधता बढ़ाने उत्पादन तथा उत्पादकता को बेहतर बनाने में कारगर साबित होगा।विशिष्ट अतिथि प्रमुख सचिव सिंचाई  अनिल गर्ग ने कहा कि वाटर शेड विकास-प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से किया जाए तो यह कृषि, पर्यावरण, जल-संरक्षण तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में सहायक हो सकता है। अपर कृषि निदेशक  वीके सिसोदिया ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर परती भूमि विकास विभाग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी  हरि प्रताप शाही, संयुक्त कृषि निदेशक जगदीश कुमार तथा कई अन्य कृषि व मृदा क्षेत्र के विशेषज्ञ उपस्थित थे।

नवजात मृत्युदर में कमी खातिर कार्ययोजना तैयार,बाल स्वास्थ्य हितधारकों की कार्यशाला आयोजित

नवजात शिशुओं को सुरक्षित रखने और नवजात मृत्यु दर को कम करने के लिए स्टेट न्यू बार्न एक्शन प्लान तैयार किये जाने के उद्देश्य से जनपद बहराईच में शुक्रवार को एक राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं युनिसेफ के संयुक्त सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में बाल स्वास्थ्य से जुडे़ विशेषज्ञों एवं बाल रोग चिकित्सकों ने उत्तर प्रदेश नवजात कार्ययोजना तैयार किये जाने हेतु अपने विचार रखे। कार्यशाला में जनपद बहराईच के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 सुशील कुमार, महाप्रबंधक बाल स्वास्थ्य, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उ0प्र0, डा0 वेद प्रकाश, हेल्थ स्पेशलिस्ट युनिसेफ, डा0 कनुप्रिया सिंघल, हेल्थ स्पेशलिस्ट, उ0प्र0 तकनीकी सहयोग इकाई डा0 रेनू श्रीवास्तव गोयल आदि विशेष रूप से सम्मिलित रहे। बहराईच के लेसर रिजॉर्ट में आयोजित कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए महाप्रबंधक बाल स्वास्थ्य, डा0 वेद प्रकाश ने बताया कि विगत कुछ वर्षो में नवजात मृत्यु दर कम हुई है किन्तु इसे और कम किये जाने की आवश्यकता है। स्टेट न्यू बार्न एक्शन प्लान का मुख्य उद्देश्य ही नवजात मृत्यु दर को कम करना है। भारत सरकार के निर्देश पर इसकी कार्ययोजना को तैयार किये जाने के लिए देश के चार राज्यों उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, मेघालय और जम्मू कश्मीर का चयन किया गया है। इन राज्यों के आठ जनपदों में बारीकी से विश्लेषण किया गया तथा सितम्बर में राष्ट्रीय स्तर पर अंतर विश्लेषण किया गया। उत्तर प्रदेश से महत्वाकांक्षी बहाराईच तथा दूसरे जनपद प्रयागराज में कार्यशालायें आयोजित कर नवजात शिशु कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाये जाने की आज शुरूआत की गई है। कार्यशाला में नवजात मृत्यु दर को कम करने हेतु स्वास्थ्य संचार आई.ई.सी.,बी.सी.सी. गतिविधियों के साथ समाज के विभिन्न वर्गो, जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों तथा विभिन्न समुदायों को सम्मिलित कर उनके विचारों को कार्ययोजना में समाहित करना है। बिल एण्ड मिलिण्डा गेट्स फाउण्डेशन  के विशेषज्ञ डा0 विकास ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में नवजात मृत्यु दर अलग-अलग है। किसी जनपद में 40 है तो किसी जनपद में लगभग 22 है। इसके अलावा ब्लाक स्तर पर भी नवजात मृत्यु दर में विषमतायें हैं। इन्ही चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एक रणनीति तैयार किये जाने की आवश्यकता है, जिससे नवजात मृत्यु दर को कम से कम किये जाने के लिए कार्ययोजना को तैयार किया जा सके। डा0 कनुप्रिया सिंघल ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए बताया कि नवजात मृत्यु दर में कमी लाने के लिए प्रथम तिमाही में ही गर्भवती महिलाओं को चिन्हित करते हुए उसकी प्रसवपूर्व जांच करने का आवश्यकता है, खतरे के लक्षणों वाली महिलाओं को उचित संदर्भन एवं उपचार करने में आशा, ए.एन.एम., स्टाफ नर्स एवं राज्यस्तरीय अधिकारियों आदि सभी को समुचित प्रयास करने की आवश्यकता है। आशा कार्यकत्री के गृह भ्रमण के दौरान गर्भवती महिला एवं उसकी सास के अतिरिक्त महिला के पति से भी आशा को सम्पर्क करते हुए नवजात शिशु की सुरक्षा के बारे में जागरूक करना चाहिये। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 सुशील कुमार द्वारा इस पहल की सराहना करते हुए जनपद द्वारा नवजात मृत्यु दर को कम करने का संकल्प लेने एवं कार्यशाला में उपस्थित जनपद एवं ब्लाक स्तर के अधिकारियों को एक्शन प्लान बनाने हेतु सराहा गया। कार्यशाला के दौरान विस्तृत योजना पर मंथन किया गया जिसका समन्वय डा0 रेनू श्रीवास्तव गोयल द्वारा किया गया। इसके अतिरिक्त अन्य जनपदों में भी कार्यशालाओं को आयोजित करते हुए राज्य स्तर पर नवजात मृत्यु दर में कमी लाने की नीति का विकास किया जायेगा। कार्यशाला का संचालन डा0 प्रमित के द्वारा किया गया।

पूर्व मंत्री विक्रमाजीत के निधन पर भूपेंद्र चौधरी व धर्मपाल दुखी

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी व प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने पूर्व मंत्री एवं फाफामऊ विधानसभा से पूर्व विधायक विकम्राजीत मौर्य के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की है।

जापान की प्रमुख कम्पनियों से 15 हजार करोड़ रूपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

जापान में रोड-शो करने गये उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह एवं प्राविधिक शिक्षा, उपभोक्ता संरक्षण व बाट-माप मंत्री आशीष पटेल एवं प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम को जापान की जानी मानी कम्पनियों से कल टोकियो में 15 हजार करोड़ रूपये के समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर सम्पादित कराये गये।  जापान की प्रमुख औद्योगिक घरानों से उप्र में उद्योग स्थापित करने के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गयी।पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री की मौजूदगी में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अनुसार निसेनकेन के ताकेसी एन्डो क्वालिटी ईवैल्यूएशन सेंटर टोकियो लैबोरेटरी ने गौतमबुद्ध नगर में 10 हजार करोड़ रूपये की लागत से टेक्सटाइल पार्क की स्थापना करेगी। इसके लिए 100 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। इस परियोजना के स्थापित होने से 10 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। वन वर्ल्ड कारपोरेशन टोकियो जापान के आकीहिको यामाशिरो की ओर से गौतमबुद्ध नगर में कचरा प्रबंधन सुविधा हेतु 5000 करोड़ रूपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। परियोजना के लिए 50 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी तथा स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इसके अलावा जयवीर सिंह एवं आशीष पटेल ने मितसुई एण्ड कम्पनी के सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर टोमोआकी मैटसुमोटो से एनआईएएल के साथ ज्वाइन्ट वेंचर में एअर कारगो सुविधा के प्रस्ताव पर विस्तार से सार्थक बातचीत हुई।इसके अलावा दोनों मंत्रियों की टीम ने पंकज गर्ग सीईओ व मानाशिमाडा सलाहकार और रीको रीकोतकाशी सेल्स एण्ड मार्केटिंग से ऊर्जा के क्षेत्र में नवाचार पर विस्तार से बातचीत सम्पन्न हुई। वार्ता के दौरान नवीनतम तकनीकी आईस बैटरी सिस्टम से उप्र को कैसे लाभान्वित किया जा सकता है, इस विषय पर विस्तार से चर्चा की गयी।पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह एवं प्राविधिक शिक्षा मंत्री  आशीष पटेल ने टोकियो जापान की प्रमुख कम्पनियों से विचार विमर्श करते हुए उन्हें फरवरी 2023 में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। मंत्रियों ने कहा कि बदले परिवेश में उप्र निवेश के लिए सर्वाधिक उपयुक्त स्थल है। बेहतर कनेक्टिविटी, उच्चकोटि की कानून व्यवस्था एवं अत्याधुनिक अवस्थापना सुविधाओं के साथ निवेश के अनुकूल परिस्थितियॉ मौजूद हैं। जयवीर सिंह ने कम्पनियों के प्रतिनिधियों से बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उप्र एक तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। प्रधानमंत्री द्वारा 05 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में उ0प्र0 की अहम भूमिका होगी। यूपीजीआईएस-2023 के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने 10 लाख करोड़ रूपये का निवेश प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।

जापान की दवा निर्माता कम्पनियों ने दिखाई यूपी में निवेश में दिलचस्पी

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री  जयवीर सिंह एवं प्राविधिक शिक्षा मंत्री अशीष पटेल के नेतृत्व में जापान में रोड-शो करने गये प्रतिनिधि मण्डल ने विभिन्न चरणों में जापान की दवा निर्माता कम्पनियों से निवेश को लेकर विस्तार से विचार विमर्श किया। इस प्रतिनिधि मण्डल के साथ उप्र के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मौजूद थे।विभिन्न चरणों में की गयी बातचीत के दौरान प्रतिनिधि मण्डल ने ओशाका जापान में प्रबंध निदेशक कान्साई फार्मासियुटिकल इण्डट्रीज एसोसिएशन के  मासाफूमी यामागीशी से सार्थक बातचीत कर उन्हें उप्र में निवेश करने का प्रस्ताव किया। इसके अलावा कोबे बायोमेडिकल इनोवेशन कल्स्टर पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा प्रतिनिधिमण्डल ने हीमैटोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी दवा कम्पनी सिस्मेक्स कारपोरेशन के कुनीहीरो फुनाकोशी से मुलाकात की।  फुनाकोशी ने बताया कि सिस्मेक्स कम्पनी भारत में दवा के क्षेत्र में कार्य कर रही है और यह अपना विस्तार उ0प्र0 में करने को इच्छुक है। यह कम्पनी उ0प्र0 में मेडिकल डिवाइस पार्क में स्थापित करना चाहती है।प्रतिनिधि मण्डल ने ओसाका प्रिफेक्चुरल गवर्नमेंट विभाग के सह-निदेशक हिरोयुकी अकातसुका से दवा निर्माण क्षेत्र में नवीनतम शोधों के बारे में विस्तार से बातचीत की।  औषधि निर्माता कम्पनियों से उप्र में अधिक से अधिक निवेश करने का प्रस्ताव दिया। दवा निर्माता कम्पनियों से वार्ता परिणाम मूलक एवं सार्थक रही।

डा. नीरज गुप्ता पशुधन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त 

उत्तर प्रदेश शासन ने  पशुधन विकास परिषद में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर संविदा के आधार पर नियुक्त किये जाने हेतु कृषि उत्पादन आयुक्त, उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में गठित चयन समिति की संस्तुति के आधार पर डा० नीरज गुप्ता निवासी एफ-2, शालीमार कोर्टयार्ड, सीतापुर रोड, लखनऊ को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर संविदा के आधार पर 02 वर्ष की अवधि हेतु नियुक्त किये जाने की स्वीकृति दी है। इस अवधि को अधिकारी के प्रदर्शन के आधार पर आगे बढ़ाया जा सकता है एवं असंतोषजनक प्रदर्शन की दशा में नियुक्ति को निर्धारित अवधि के पूर्व भी 30 दिन के नोटिस पर समाप्त किया जा सकता है।इस संबंध में डा0 रजनीश दुबे अपर मुख्य सचिव एवं अध्यक्ष  पशुधन विकास परिषद द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है।

अब तक 23.97 हुईं  लाख मीट्रिक टन  धान खरीद

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के उद्देश्य से खरीफ क्रय 2022-23 में सीधे खरीद करते हुए विभिन्न धान क्रय केन्द्रों के माध्यम से अब तक 2397560.96 मीट्रिक टन धान किसानों से क्रय किया गया है। इस योजना से अब तक लगभग 375681 किसानों को लाभान्वित करते हुए 3869.675 करोड़ रूपये का भुगतान उनके खातों में किया गया है।खाद्य एवं रसद विभाग  के अनुसार आज 102392.26 मीट्रिक टन खरीद हुई है। किसान किसी भी सहायता के लिए टोल फ्री नम्बर 1800-1800-150 या सम्बन्धित पद के जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक से सम्पर्क कर सकते है।

‘स्वतन्त्रता संग्राम में हिन्दी साहित्यकारों का योगदान‘ विषय पर संगोष्ठी का अयोजन

उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान द्वारा यहां इन्दिरा भवन स्थित कार्यालय में ‘‘स्वतन्त्रता संग्राम में हिन्दी साहित्यकारों का योगदान‘‘ विषय पर संगोष्ठी का अयोजन किया गया। संगोष्ठी में संस्थान के निदेशक विनय श्रीवास्तव, ने कहा भारत की सभी भाषाओं एवं उनके साहित्य का अभिवर्धन के उद्देश्य से उ0प्र0 भाषा संस्थान की स्थापना वर्ष 1994 में हुयी थी। साहित्य प्रत्येक काल में समाज का मार्गदर्शन करता रहा है। जब-जब समाज दिग्भ्रमित होता है, और जनसाधारण किंकर्तव्यविमूढ़ की अवस्था में आता है, तब- तब लेखनी के सिपाही उठकर लेखनी के माध्यम से इन सब का मार्गदर्शन करते हैं। जब स्वतंत्रता आंदोलन की हमारे देश में धूम मची थी, तब लगभग हर प्रांत के, लगभग हर भाषा-भाषी क्षेत्र के महान साहित्यकारों , कवियों, लेखकों ने अपने-अपने ढंग से अपने-अपने क्षेत्र के लोगों का आजादी के आंदोलन में कूदने का आवाहन किया। प्राख्यात हिन्दी साहित्यकार भारतेन्दु हरिशचन्द्र, प्रताप नारायण मिश्र, बद्रीनारायण चौधरी, राधाकृष्ण दास, ठाकुर जगमोहन सिंह, पं. अम्बिका दत्त व्यास, बाबू रामकृष्ण वर्मा, माखन लाल चतुर्वेदी, रामनरेश त्रिपाठी, बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ और सुभद्रा कुमारी चौहान आदि ने स्वतन्त्रता संग्राम में अपनी-अपनी रचनाओं के माध्यम से सराहनीय योगदान दिया है।कार्यक्रम में आमंत्रित वक्ता प्रो0 सूर्य प्रसाद दीक्षित, पद्मश्री डॉ0 विद्या बिन्दु सिंह एवं प्रो0 हरि शंकर मिश्र ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संयोजन जगदानन्द झा, प्रशासनिक अधिकारी संस्कृत संस्थान, द्वारा किया गया।

छात्रावास निर्माण हेतु 13.270 लाख  मंजूर

उत्तर प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद पीलीभीत के ड्रमण्ड इण्टर कालेज में 100 शैम्यायुक्त बालक छात्रावास के निर्माण कार्य हेतु द्वितीय किस्त के रूप में 13.270 लाख रूपये अवमुक्त किये हैं। अवमुक्त की गई धनराशि निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को उपलब्ध करा दी गई है।इस संबंध में अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग द्वारा जारी शासनादेश में  निर्देश दिये गये हैं कि योजना हेतु स्वीकृत धनराशि के व्यय में वित्तीय नियमों का पालन किया जायेगा तथा केन्द्र सरकार द्वारा इस वित्त पोषित योजना के सम्बन्ध में लगाई गयी शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।

काकोरी बलिदान दिवस पर होंगे विभिन्न कार्यक्रम

काकोरी बलिदान दिवस के अवसर पर 15 से 19 दिसम्बर तक बृहद कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। यह कार्यक्रम काकोरी ट्रेन ऐक्शन के शहीद राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी, अशफाक उल्ला खॉ, राम प्रसाद बिस्मिल तथा रोशन सिंह के बलिदान दिवस पर उप्र में उनसे जुड़े हुए स्थलों पर आयोजित किये जा रहे हैं।इस संबंध में निदेशक संस्कृति विभाग द्वारा जारी कार्यक्रम के अंतर्गत शहीदों से जुड़े हुए जन्म स्थल एवं बलिदान स्थलों वाले जनपद शाहजहॉपुर, लखनऊ, अयोध्या, गोण्डा, प्रयागराज तथा गोरखपुर में बृहद कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों के अंतर्गत जिला प्रशासन माध्यमिक शिक्षा व संस्कृति विभाग द्वारा तिरंगा यात्रा, निबंध, रंगोली, फैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों का सम्मान, राष्ट्रभक्ति से पूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम, शहीद स्मारकों तथा संबंधित स्थलों पर दीपांजलि आदि कार्यक्रम संबंधित जनपदों में आयोजित कराये जा रहे हैं।

परिवहन मंत्री ने दिये  निगम के अधिकारियों को बसों के समुचित रख-रखाव के निर्देश

परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह ने परिवहन निगम के अधिकारियों को बसों का रख-रखाव एवं भौतिक दशा हरहाल में सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि निगम द्वारा संचालित बसों की बॉडी कंडीशन, पेंट, अगली व पिछली विन्ड शील्ड, खिड़कियों के शीशे, फर्श की स्थिति, सीटों की दशा, डेस्टिनेशन बोर्ड, वांछित स्टीकर, राइटिंग कार्य, रिफ्लेक्टिंग टेप एवं साफ-सफाई इत्यादि की गुणवत्ता सुनिश्चित होनी चाहिए। प्रदेश सरकार की मंशा यात्रियों को बेहतर एवं आरामदायक परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने की है। क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा बसों की भौतिक दशा एवं साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जबकि बसों की भौतिक दशा सुनिश्चित किये जाने के निर्देश लगातार दिये जा रहे हैं। फिर भी अपेक्षित सुधार परिलक्षित नहीं हो रही है।  लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों,कर्मचारियों पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किये जाने के भी निर्देश दिये हैं। बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों को समय-समय पर पुरस्कृत भी किया जाय, जिससे अन्य को इससे प्रेरणा मिले।श्री सिंह ने निर्देश दिये हैं कि अनुबंधित बसों के रख-रखाव तथा साफ-सफाई के सम्बंध में अनुबंधित वाहन स्वामियों को भी यथोचित निर्देश दिया जाय, जिससे कि अनुबंधित बसों के रख-रखाव व साफ-सफाई की व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि मार्ग पर जाने वाली समस्त बसें साफ-सुथरी व अच्छी दशा में हों। उन्होंने कहा कि अनुबंंिधत बसों में कमी पाये जाने पर अनुबंधित बस स्वामी के खिलाफ प्रथम बार 100 रूपये , द्वितीय बार 500 , तृतीय बार 1000 रूपये उसके उपरान्त प्रत्येक प्रकरण में  2000 रूपये के अर्थदण्ड का प्राविधान किया गया है।  ड्यूटी क्लर्क की लापरवाही पाये जाने पर प्रथम बार 50 रूपये , द्वितीय बार 100  एवं तृतीय बार 200  तत्पश्चात प्रत्येक बार में 500 रूपये का अर्थदण्ड का प्राविधान किया गया है।  सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक की लापरवाही पर प्रथम बार 50 , द्वितीय बार 100  एवं तृतीय बार 200  तत्पश्चात प्रत्येक बार में 500 रूपये का अर्थदण्ड का प्राविधान किया गया है।श्री सिंह ने बताया कि सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा स्वयं निरीक्षण किये जाने पर सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक से कटौती नहीं होगी। ड्यूटी क्लर्क से कटौती की आवृत्ति उनके द्वारा माह में निर्गत की गयी ड्यूटी स्लिप से सम्बंधित बस में कमी पाये जाने के आधार पर निर्धारित होगी। ग्रुप इंचार्ज, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक सीनियर फोरमैन, क्षेत्रीय प्रबंधक से कटौती की आवृत्ति माह में क्रमशः उनके सम्बंधित बसों, डिपो एवं क्षेत्र की बसों में कमी पाये जाने के आधार पर निर्धारित होगी। दयाशंकर सिंह ने बताया कि निगम बसों के चालक, गु्रप इंचार्ज, सीनियर फोरमैन, ड्यूटी क्लर्क, स्टेशन इंचार्ज, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों से सम्बंधित बसों में कमी पाये जाने पर 10 रूपये से लेकर 200 रूपये तक के अर्थदण्ड का प्राविधान किया गया है। उन्होंने बताया कि विभिन्न स्तरों पर होने वाली जांच के आधार पर अर्थदण्ड का प्राविधान किया गया है।

परिवहन मंत्री करेंगे आईएचआरसी के दो दिवसीय आयोजन का उद्घाटन 

राष्ट्रीय अभिलेखागार, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार नई दिल्ली एवं उप्र राजकीय अभिलेखागार, लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में भारतीय ऐतिहासिक अभिलेखागार समिति  का दो दिवसीय आयोजन 18-19 दिसम्बर के मध्य उ0प्र0 राजकीय अभिलेखागार, लखनऊ में किया जायेगा। परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह द्वारा इसके सत्र का उद्घाटन किया जायेगा।यह जानकारी  राजकीय अभिलेखागार की कार्यवाहक निदेशक उमा द्विवेदी ने दी है। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर आजादी की कहानी ज्ञात व अल्पज्ञात संघर्ष विषयक अभिलेख प्रदर्शनी का आयोजन किया जायेगा। इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित इतिहासकार विभिन्न प्रदेशों के महानुभाव व प्रबुद्धजन भी उपस्थित रहेंगे।

एनबीएफजीआर में स्वच्छता पखवाड़े का शुभारंभ

आईसीएआर-एनबीएफजीआर लखनऊ में स्वच्छता पखवाड़ा का आज शुभारंभ किया गया।16 से 31 दिसंबर के दौरान संस्थान में मनाए जाने वाले स्वच्छता पखवाड़े का शुभारंभ संस्थान के निदेशक डॉ उत्तम कुमार सरकार ने करते हुए स्टाफ सदस्यों को स्वच्छता के संबंध में शपथ दिलाई। पखवाड़े के दौरान संस्थान के मुख्यालय तथा संस्थान के कोचीन व चिनहट स्थित अनुसंधान केंद्रों पर विविध स्वच्छता गतिविधियां  संचालित की जाएंगी।
Aaj National

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