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वाराणसी :41 लाख की लूट का मामला, खुद को CM का OSD बताने वाला महाराष्ट्र से अरेस्ट,क्लिक करें और भी खबरें

-निलंबित इंस्पेक्टर के दोस्त धर्मेंद्र कुमार चौबे उर्फ पिंटू को कैंट थाने की पुलिस ने किया गिरफ्तार,

-पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल हुए सख्त,सारनाथ थाने में थानाध्यक्ष विवेक कुमार त्रिपाठी की तहरीर पर निलंबित इंस्पेक्टर परम हंस गुप्ता, धर्मेंद्र कुमार चौबे, रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट के मालिक और अन्य अज्ञात के खिलाफ लूट सहित अन्य आरोपों व जुआ अधिनियम के तहत पहले ही दर्ज करा चुके मुकदमा

  • REPORT BY: MUKESH JAISWAL||AAJNATIONAL NEWS DEASK

वाराणसी। पिछले कुछ दिनों पूर्व में पहड़िया स्थित रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट के एक फ्लैट से 41 लाख रुपये की लूट के संबंध में सारनाथ थाने में दर्ज मुकदमे की विवचेना कैंट थानाध्यक्ष राजकुमार शर्मा को सौंप दी गई थी। कैंट थानाध्यक्ष ने मुकदमे की विवेचना शुरू कर दी थी। वाराणसी में 41 लाख रुपये की लूट के मामले में छीतमपुर निवासी धर्मेंद्र कुमार चौबे उर्फ पिंटू को कैंट थाने की पुलिस ने महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है। धर्मेंद्र को पुलिस टीम वाराणसी लेकर आ रही है। उससे पूछताछ करने के बाद उसे अदालत में पेश किया जाएगा।सारनाथ थाना क्षेत्र के पहड़िया स्थित रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट के एक फ्लैट में बीते 7 नवंबर की आधी रात बाद एक इंस्पेक्टर अपने एक दोस्त के साथ गया था। इंस्पेक्टर का दोस्त खुद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ओएसडी बता रहा था। आरोप है कि फ्लैट में जुआ खेल रहे शहर के कुछ व्यापारियों को तगड़ी कानूनी कार्रवाई का भय दिखाकर इंस्पेक्टर और उसका दोस्त मौके से मिले 41 लाख रुपये दो बैग में भर कर अपने साथ ले गए थे।इंस्पेक्टर और उसके दोस्त का सीसी फुटेज सामने आया तो पुलिस आयुक्त ने तत्कालीन सारनाथ थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर परम हंस गुप्ता की भूमिका को प्रथमदृष्टया संदिग्ध पाते हुए उसे निलंबित कर दिया था। पुलिस जांच शुरू की, लेकिन कोई घटना के संबंध में बयान दर्ज कराने नहीं आया। इस पर 14 नवंबर की रात सारनाथ थाने में थानाध्यक्ष विवेक कुमार त्रिपाठी की तहरीर पर निलंबित इंस्पेक्टर परम हंस गुप्ता, धर्मेंद्र कुमार चौबे, रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट के मालिक और अन्य अज्ञात के खिलाफ लूट सहित अन्य आरोपों व जुआ अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इसके साथ ही मुकदमे की विवेचना कैंट थानाध्यक्ष राजकुमार को सौंप दी गई।उधर, इस संबंध में पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बताया कि एक आरोपी धर्मेंद्र पकड़ा गया है। उससे पूछताछ की प्रक्रिया पूरी कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव को 1100 किलो केक का लगा भोग,सवा लाख बत्तियों से हुई महाआरती

प्रात:काल से ही काशी की गलियों में चहल-पहल आरंभ हो गई थी। मुदित मन भक्तों के पग बाबा काल भैरव मंदिर की ओर बढ़े जा रहे थे। यही नहीं काशी के सभी अष्ट भैरव मंदिरों में भी भक्तों की कतार लगी रही। सर्वत्र उल्लास का वातावरण रहा। मंदिरों को फूलों-पत्तियों से सजाया गया था, पुष्पों की सुवास के साथ मादक गंध हर ओर फैल रही थी।बाबा काल भैरव की जय, और हर-हर महादेव के उद्घोष से वातावरण गुंजित था। होता भी क्यों नहीं, पुरवासी अपने नगर कोतवाल का जन्मोत्सव जो मना रहे थे। भोरहरी से लेकर आधी रात के बाद तक यह अटूट क्रम बना रहा। इस बीच बाबा काल भैरव को ब्रह्म मुहूर्त में ही 101 लीटर दूध से स्नान कराकर नए वस्त्र पहनाए गए।पुष्पों से श्रृंगार किया गया। विधिवत पूजन-अर्चन हुआ। मदिरा, चीनी का घोड़ा, नीलकंठ के फूल, फल, मेवा आदि नैवेद्य अर्पित किए गए। दोपहर में भक्तों ने पंचमेवा और देसी घी, मक्खन से बना 1100 किलो का देसी केक काटा और वितरित किया। अर्धरात्रि में सवा लाख बत्तियों से आरती बाबा की आरती की गई।केक काटने के बाद श्रद्धालुओं ने पापकार्न व टाफियां भी बांटी। उधर, श्रीलाट भैरव का भव्य अन्नकूट श्रृंगार किया गया। प्रातः दशविधि स्नान के बाद अष्ट भैरव की मनोरम झांकी सजाई गई। संगीतमय सुंदरकांड पाठ हुआ। नगर वधुओं ने भी अपनी हाजिरी लगाकर नृत्य प्रस्तुत कर बाबा से आशीर्वाद मांगा।श्रीलाट भैरव काशी यात्रा मंडल की ओर से कज्जाकपुरा स्थित लाट भैरव मंदिर से अष्ट भैरव प्रदक्षिणा यात्रा निकाली गई। ब्रह्म दोष निवरणार्थ श्रद्धालुओं ने श्रीकपाल मोचन कुंड के जल से मार्जन किया। बाबा के सम्मुख संकल्प लेकर आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित भैरवाष्टकम का पाठ कर यात्रा आरंभ हुई।नंगे पांव, पारंपरिक परिधान में मस्तक पर पर त्रिपुंड लगाए बहुत से भक्त मानसिक जप करते चले तो अन्य जय भैरव बम भैरव का उद्घोष करते हुए। भ्क्तों ने महामृत्युंजय स्थित असितांग भैरव, दुर्गाकुंड स्थित चंड भैरव, हरिश्चंद्र घाट स्थित रुरु भैरव, कामाख्या देवी कमच्छा स्थित क्रोधन भैरव, बटुक भैरव स्थित उन्मत्त भैरव, कज्जाकपुरा स्थित कपाल भैरव, भूत भैरव, नखास स्थित भीषण भैरव, गायघाट स्थित संहार भैरव सहित समीपवर्ती अन्य भैरव मंदिरों में दर्शन कर यात्रा पूर्ण किया। यात्रा में कुशवाहा, शिवम अग्रहरि, धर्मेंद्र शाह, रितेश कुशवाहा, उत्कर्ष कुशवाहा, जय प्रकाश राय, आनंद मौर्य, नरेंद्र प्रजापति, कृष्णा यादव, रुद्र अग्रहरि, हरि विट्ठल, रमाकांत आदि थे।

बिना खर्च बनाएंगे बिजली, इस कंपनी ने उठाई पूरी जिम्‍मेदारी

-रेस्को कंपनी अपने खर्चे पर लगाएगी 25 किलोवाट का सोलर रूफटाप संयंत्र
-विभाग को मात्र 4.90 रुपये प्रति यूनिट की दर से देना होगा बिजली का बिल

छोटे विद्युत उपभोक्ताओं को “पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली” योजना के तहत सब्सिडी देकर सोलर संयंत्र लगाने के लिए शासन-प्रशासन प्रोत्साहित कर रहा है। साथ ही सरकारी व अर्द्ध सरकारी भवनों पर सोलर रूफटाप संयंत्र लगाने की पहल धीमी गति से चल रही है। विभागों के पास लाखों-करोड़ों रुपये के व्यय का बजट नहीं होने की वजह से सरकारी कार्यालय ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में सरकार ने अब रिन्यूएबल इनर्जी सर्विस कंपनी (रेस्को) मोड में सोलर संयंत्र लगाने का निर्णय लिया है। इसके तहत विभाग को सोलर सिस्टम लगाने के लिए कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा। सोलर संयंत्र लगाने का पूरा खर्च रेस्को वहन करेगी।
उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (नेडा) के निदेशक अनुपम शुक्ला ने परियोजना अधिकारी को पत्र भेजकर इस दिशा में कार्य करने को कहा है। कहा गया है कि सभी राज्य और केंद्र सरकार के कार्यालयों पर रेस्को के सोलर रूफटाप लगाए जाएं। इसमें विभाग को कोई खर्च नहीं देना होगा।विभाग केवल 25 वर्षों के लिए रेस्को को सोलर सिस्टम लगाने के लिए अपनी छत अधिकृत करेगर। रेस्को मोड में सोलर रूफटाप से उत्पादित विद्युत का टैरिफ व उपभोग हुई बिजली के आधार पर मासिक बिल रेस्को को देना होगा। इसके लिए विभाग रेस्को से पावर परचेज एग्रीमेंट करेगा।किसी विभाग की छत पर 25 किलोवाट से 200 किलोवाट तक का संयंत्र लगेगा तो वह जितना बिजली खर्च करेगा उसका बिल वह रेस्को को 4.90 रुपये प्रति यूनिट की दर से देगा। 200 किलोवाट से अधिक और 2000 किलोवाट तक का संयंत्र लगता है तो मात्र 4.85 रुपये प्रति यूनिट देना होगा।यह दर वर्तमान में सरकारी कार्यालयों को मिलने वाली बिजली विभाग के बिजली दर आठ रुपये प्रति यूनिट से काफी कम है। रेस्को सौर बिजली उत्पादन कर बिजली ग्रिड को देगा। इस प्रकार सभी सरकारी विभाग सूर्य की रोशनी से बिजली पैदा कर पर्यावरण की रक्षा तो करेंगे ही साथ ही उनकी भारी वित्तीय बचत भी होगी। वैसे कई सरकारी भवनों पर बड़े सोलर रूफटाप संयंत्र पहले से काम कर रहे हैं।

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