LUCKNOW: महिला महाविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य मे विशेष व्याख्यान एवं पोस्टर, स्लोगन तथा निबंध लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ अरुण कुमार द्विवेदी भूगोल विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय ने पर्यावरण संरक्षण पर छात्राओं से संवाद किया। अपनी बात रखते हुए डॉ. द्विवेदी ने बतलाया कि पर्यावरणीय समस्याओं के लिए हमारी जीवन शैली जिम्मेदार है। हमारे प्राचीन ग्रंथों में जीवन एवं जीवन विषयक अनेक प्रसंगों का उल्लेख मिलता है अथर्ववेद के पृथ्वी सूक्त मे बताया गया है कि यह ‘भूमि हमारी माता है तथा हम इसके पुत्र हैं’। रामचरितमानस की चौपाई “क्षिति जल पावक गगन समीरा, पंच रचित अति अधम शरीरा।” को उद्धृत करते हुए बतलाया की इन पांच तत्वों से ही सारी सृष्टि बनी है तथा संपूर्ण जीव जगत में इन्हीं पंचतत्वों का समावेश है अतः हमें इन पंचतत्वों का संरक्षण करना चाहिए आज हमने कृषि उत्पादों में कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग द्वारा भूमि को प्रदूषित कर दिया है तथा कंक्रीट के मकान, सड़कें, नालियां, बनाकर प्राकृतिक रूप से वाटर रिचार्ज के सारे मार्ग बंद कर दिये है परिणामत: वर्षा का सारा जल नीचे न जाकर बह जाता है जिससे जल स्तर दिन- प्रतिदिन नीचे जा रहा है । नलकूपों के माध्यम से बरसात का पानी सीधे नीचे भेजने से उत्तर प्रदेश के अधिकांश जनपदों में भूमिगत जल प्रदूषित हो गया है । ऐसे ही सभी प्राकृतिक तत्वों को हम ने ही प्रदूषित किया है ।आज जरूरी है कि हम प्रकृति के संपर्क में रहें उससे बात करें प्रकृति हमें जीवन जीने का तरीका बताती है । हमारी मातृ शक्ति प्रकृति पूजक है अत: हर छात्रा को चाहिए कि वह कम से कम एक पेड़ अवस्य लगाएं और उसकी देखभाल करें इस अवसर पर अर्थशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. इंदिरा शुक्ला ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्वच्छ पर्यावरण में ही स्वस्थ मनुष्य का विकास होता है कुछ वर्षों से पर्यावरण प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि ग्लोबल वार्मिंग, एसिड रेन एवं ओजोन क्षरण जैसी विश्वव्यापी समस्याएं मनुष्य के सिर पर मंडरा रही हैं इसका प्रमुख कारण है कि हमने प्रकृति से संबंध तोड़कर आधुनिक जीवन शैली को अपना लिया है । डॉ. अंजली शर्मा ने अपने संबोधन में घर-घर में समर्सिबल द्वारा हो रहे जल दोहन पर चिंता व्यक्त की । महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. निशा गुप्ता ने पोस्टर, स्लोगन एवं निबंध लेखन मे विजेता छात्राओं को मेडल देकर पुरस्कृत किया।