LUCKNOW: सरोजनीनगर थाना क्षेत्र में बेखौफ चोरों ने रविवार रात एक बंद मकान का ताला तोड़कर लाखों रुपए के गहने और हजारों की नकदी पार कर दी। सूचना पाकर पहुंची पुलिस जांच पड़ताल कर वापस लौट गई। सरोजनीनगर से बेहसा गांव में अनुदेश कुमार परिवार सहित रहते हैं। अनुदेश के मुताबिक वह रविवार को घर में ताला बंद कर परिवार सहित अपनी रिश्तेदारी उन्नाव जिले के नवाबगंज स्थित सिरसा गांव गए थे। सोमवार सुबह करीब 8 बजे वापस लौटे तो घर के ताले टूटे होने के साथ ही सारा सामान अंदर बिखरा पड़ा मिला। अनुदेश का कहना है कि अलमारी में रखे करीब 5 लाख रुपये कीमत के गहने और 38 हजार रुपये की नकदी गायब मिली। बाद में घटना की सूचना सरोजनीनगर पुलिस को दी गई। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने मौके की जांच पड़ताल कर पीड़ित से तहरीर ले ली और वापस चली गई। पुलिस का कहना है कि आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से चोरों का सुराग लगाया जा रहा है।
अनौरा गांव का जला ट्रांसफार्मर बिजली सप्लाई बंद
इस समय पड़ रही भीषण गर्मी में जहां आम व्यक्ति काफी परेशान है। वहीं विद्युत अधिकारियों की लापरवाही आम आदमी के ऊपर अलग से सितम ढा रही है। आलम यह है कि विद्युत अधिकारियों की लापरवाही के कारण आम उपभोक्ता एक – एक बूंद पानी को तरसने पर मजबूर है। सरोजनीनगर के नादरगंज पावर हाउस अंतर्गत अनौरा गांव में लगा 100 केवीए का ट्रांसफार्मर रविवार रात करीब 2 बजे खराब हो गया था। लेकिन विद्युत अधिकारियों की लापरवाही की वजह से वह सोमवार देर शाम तक भी नहीं बदला जा सका। इसकी वजह से पूरे गांव की विद्युत सप्लाई करीब 18 घंटे बाधित रही। विद्युत सप्लाई बाधित होने से घरों की टंकियों में भरा पानी सोमवार सुबह खाना बनाने, नहाने और कपड़े धोने में खत्म हो गया। इसके बाद पूरे दिन लोग एक – एक बूंद पानी को तरस गए। इतना ही नहीं लोगों के पंखे व कूलर ना चलने से पूरे दिन घरों के अंदर पसीने से तरबतर रहे। हालांकि उपभोक्ताओं ने ट्रांसफार्मर खराब होने के बाद रविवार देर रात से ही नादरगंज पावर हाउस के अधिकारियों से शिकायत करनी शुरू कर दी और दिन भर अधिकारियों को फोन मिलाते रहे। लेकिन इसके बावजूद पूरा दिन बीतने के बाद भी ट्रांसफार्मर नहीं बदला जा सका। बल्कि अधिकारी लगातार उपभोक्ताओं को कोई न कोई बहाना बनाकर टालते रहे। इसके अलावा नादरगंज पावर हाउस से जुड़े गिंदन खेड़ा, बेहटवा, हिंदू खेड़ा, अमौसी और गंगानगर सहित कई मोहल्लों में पूरे दिन बिजली की आवाजाही बनी रही। जिससे यहां के उपभोक्ता भी भयंकर गर्मी में दिनभर परेशान रहे। उपभोक्ताओं की माने तो बिजली आवाजाही की यह समस्या यहाँ आम बनकर रह गई है। पिछले करीब 1 माह से लगातार दिन भर में 20 – 25 बार बिजली का आना जाना लगा रहता है। इसकी वजह से लोगों को मुश्किल से यहां 10 – 12 घंटे ही बिजली मिल पा रही है।
चाय की दुकान में सिलेंडर फटा लगी आग
सरोजनीनगर थाना क्षेत्र में रविवार रात बाँस के टट्टर युक्त चाय दुकान में अचानक गैस सिलेंडर फटने से आग लग गई। धमाका इतना तेज था कि सिलेंडर के परखच्चे तक उड़ गए। सिलेंडर के तमाम टुकड़े होकर इधर-उधर बिखर गए और जगह-जगह आग लग गई। इससे लोग दहशत में आ गए और बड़ा हादसा होते-होते बच गया। वहीं इस आग से चाय दुकान और उसके बगल जन सेवा केंद्र में भारी नुकसान हो गया। बाद में सूचना पाकर पहुंची दमकल गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। सरोजनीनगर के अमौसी इंडस्ट्रियल एरिया स्थित नादरगंज पावर हाउस के सामने बांस के ट्रैक्टर युक्त दुकान में तिरपाल तानकर यहीं के बदाली खेड़ा निवासी मुकेश चाय की दुकान चलाता है। जबकि उसके ठीक बगल आलमबाग निवासी अनुराग का जन सेवा केंद्र है। बताते हैं कि मुकेश की चाय दुकान में रविवार रात करीब 12:15 बजे अचानक गैस सिलेंडर में विस्फोट हो गया। धमाका इतना तेज था कि सिलेंडर के परखच्चे उड़ कर उसके टुकड़े बगल में खड़े यूकेलिप्टस पेड़ पर उसकी डालो में लटक गये। साथ ही दोनों दुकानों में आग लग गई। सिलेंडर के टुकड़ों से वहां पर गुजर रही हाईटेंशन विद्युत लाइन के तार भी टूट कर नीचे गिर गए। इतना ही नहीं सिलेंडर के कई टुकड़े सामने मौजूद परिवार कल्याण विभाग के यूपी ड्रग हाउस परिसर में पेड़ों और झाड़ियों के बीच जा गिरे। बता दें कि इस यूपी ड्रग हाउस में सरकारी अस्पतालों को सप्लाई की जाने वाली दवाओं का वेयरहाउस है। इसके परिसर में भी झाड़ियों और पैड़ों पर सिलेंडर के टुकड़े गिरने से आग लग गई। बाद में घटना की सूचना पुलिस और फायर स्टेशन को दी गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस और सरोजनीनगर फायर स्टेशन की दो दमकल गाड़ियों ने किसी तरह आग पर काबू पाया। उधर इस घटना से जहां मुकेश की चाय दुकान का काफी सामान जल गया, वहीं अनुराग के जन सेवा केंद्र में रखें करीब 5 हजार रुपये कीमत के स्टांप पेपर और विद्युत कनेक्शन से संबंधित 50 से अधिक फाइलें जलकर राख हो गई। सरोजनीनगर एफएसओ शिवराम यादव का कहना है कि अगर समय रहते आग पर काबू ना पा लिया गया होता, तो यूपी ड्रग हाउस में रखी करोड़ों की दवाएं और आसपास की फैक्ट्रियों को भी काफी नुकसान हो सकता था।