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प्रेम शर्मा
लखनऊ। शहर में नगर आयुक्त के निर्देशानुसार समस्त मुख्य मार्ग, फुटपाथ, सार्वजनिक स्थलों से अतिक्रमण को विशेष अभियान चलाकर हटाया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत आज समस्त जोनों से 309 अस्थाई अतिक्रमण हटाए गए। जोन एक में सात और जोन दो 24 वेंडरों को वेण्डिग जोन में शिप्ट किया गया। इस दौरान 33790 रूपये जुर्माना वसूला गया।जोन-1 क्षेत्र में शहीद स्मारक मोड से लेकर डालीगंज छत्ते तक अतिक्रमण अभियान चलाया गया। जिसमें 21 अवैध अस्थाई अतिक्रमण हटाने के साथ 5 चार पहिया व 4 दो पहिया वाहनों को रोड से हटाया गया।साथ ही 15 वेण्डरों को हटाते हुए 7 वेण्डरों को वेण्डिंग जोन में शिफ्ट कर 01 चौराहा को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया। जोन-2 क्षेत्र में राजाबाजार वार्ड में चरक चौराहें सें मेडिकल कॉलेज होते हुए कन्वेशन सेन्टर से रूमी गेट तक मुख्य मार्गों सें अतिक्रमण हटाओं अभियान के तहत 14 अतिक्रमण हटाये गए एवं 24 वेंडरों कों बड़े इमामबाड़ा के सामने व जगत नारायण रोड पर शिफ्ट करनें की कार्यवाही की गयी। जोन-3 क्षेत्रान्तर्गत राम-राम बैंक चौराहा से इंजीनियरिंग कालेज तक एवं इंजीनियरिंग कालेज चौराहा से गौसदन होते हुए आगे मोड़ तक एवं कपूरथला चौराहा पुरनियां चौराहे के पास लोहिया भवन के सामने एवं पीएनटी कालोनी से अलीगंज के पास किये गये 78 अस्थायी अतिक्रमण हटाये गए व 01 ट्रक सामान भी जब्त किया गया। जोन-4 क्षेत्रान्तर्गत हुसड़िया चौराहा से हनीमैन चौराहे तक, कमता चौराहा से चिनहट तिराहा तक विराट खण्ड के आस पास अतिक्रमण विरोधी अभियान चला कर गन्दगी फैलाने वालों को मइकिंग द्वारा स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया व लगभग 1 ट्रक समान जब्त किया गया। जोन-5 जोनल क्षेत्र में चन्दर नगर गेट से पूरन नगर पुलिस चौकी तक सड़क की दोनों पटरियों पर अतिक्रमण अभियान चलाया गया। अभियान में 12 अस्थायी प्रकार के अवैध अतिक्रमण व अवैध प्रचार सामग्री हटाते हुए चौराहे को अतिक्रमण मुक्त कराया गया व 1790 रु का जुर्माना भी वसूल किया गया। जोन-6 क्षेत्रान्तर्गत वार्ड न्यू हैदरगंज तृतीय में बुद्धेश्वर फ्लाई ओवर के नीचे, पुराना पारा थाना एवं उसके आस-पास के क्षेत्र में विशेष सफाई एवं अतिक्रमण अभियान चलाया गया, जिसमें लगभग 42 अस्थायी अतिक्रमण, निस्प्रयोज्य वाहन को हटवाते हुये लगभग 01 ट्रक सामान जब्त किया गया । शमन शुल्क के रूप में 24,500 रु का जुर्माना भी वसूल किया गया। जोन-7 क्षेत्रान्तर्गत गायत्री मार्केट होते हुये तकरोही पेट्रोल पम्प तक जोन के निर्धारित रोस्टर के अनुसार विशेष अभियान चलाकर लगभग 135 अस्थाई अतिक्रमण तथा 140 अवैध प्रचार सामग्री हटाये गए। मौके पर अतिक्रमणकर्ता,गन्दगी करने वालो से 2500 रु का जुर्माना वसूल कर लगभग 01 ट्रक सामान भी जब्त किया गया। जोन-8 क्षेत्र में फिनिक्स मॉल के सामने व तेलीबाग चौराहा पुलिस चौकी के आस-पास अतिक्रमण विरोधी, गन्दगी फैलाने वालो के खिलाफ अभियान चलाया गया। जोन के निर्धारित रोस्टर के अनुसार विशेष अभियान में 07 अवैध अस्थाई अतिक्रमण व 38 अवैध प्रचार सामग्री हटाने के साथ ही लगभग 01 ट्रक अस्थाई सामान जब्त किया गया।साथ ही अतिक्रमण/गंदगी फैलाने वालों से 5000 रु का जुर्माना भी वसूल किया गया।
कूड़ा फैलाने वाले 45145 जुर्माना वसूला
नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत व्यवसायिक क्षेत्रों में प्रतिष्ठानो एवं स्ट्रीट वेन्डर द्वारा कूड़े को निर्धारित एजेंसी (ईकोग्रीन) को न देकर सड़क पर डाल दिया जा रहा है जिससे स्वच्छ लखनऊ-स्वस्थ्य लखनऊ की अवधारणा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस प्रकार के गंदगी पर रोक लगाने एवं नगर को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से कूड़ा फैलाने वाले व्यक्तियों पर जुर्माने वसूलने की कार्रवाई की गई। आज कुल 415 व्यक्तियों से रु. 45145 का जुर्माना वसूला गया। गंदगी के विरूद्ध चलाये जाने वाला अभियान निरंतर जारी रहेगा तथा मौके पर गंदगी फैलाने वाले व कूड़ा-करकट फैलाने वाले लोगो से जुर्माना भी वसूला जायेगा।
उपभोक्ता परिषद ने 1912 के ऑंकडों के आधार पर उठाया सवाल
उपभोक्ताओं का 51 प्रतिशत तक निगेटिव फीडबैक, यह कैसी उपभोक्ता सेवा ?
प्रदेश की बिजली कम्पनियों की तरफ से जहॉं विद्युुत नियामक आयोग ने कल बिजली दर वर्ष 2022-23 स्लैब परिवर्तन व ट्रू-अप पर सार्वजनिक सुनवाई दक्षिणॉंचल, पश्चिमॉंचल व केस्को की आयोग में सम्पन्न हुयी थी। आज वहीं मध्यॉंचल व पूर्वांचल की भी सुनवाई विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आर.पी.सिंह व सदस्यगण कौशल किशोर शर्मा एवं विनोद कुमार श्रीवास्तव की उपस्थित में सम्पन्न हुयी। जिसमें सर्वप्रथम मध्यॉंचल विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक की तरफ से वार्षिक राजस्व आवश्यकता पर प्रस्तुतीकरण किया गया इसके बाद पावर कारपोरेशन के निदेशक वाणिज्य द्वारा सभी बिजली कम्पनियों का संकलित वार्षिक राजस्व आवश्यकता का भी प्रस्तुतीकरण किया गया। तत्पश्चात आयोग के निर्देश पर उपभोक्ता परिषद ने मोर्चा संभाला। आज एक बार फिर पावर कारपोरेशन की तरफ से स्लैब परिवर्तन को दिखाने की कोशिश की गयी लेकिन पुनः नियामक आयोग चेयरमैन ने रोकते हुये उसे बन्द करने का निर्देश दिया। उपभोक्ता परिषद ने सबसे पहले जोर देकर कहा कि बिजली कम्पनियों पर प्रदेश के उपभोक्ताओं का जो 22 हजार 45 करोड निकल रहा है उसके एवज में बिजली दरों मेें कमी के सिवा कोई दूसरा चारा नही है। उपभोक्ता परिषद ने इस दौरान 1912 के ऑकड़ों पर सवाल खड़ करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं के 51 प्रतिशत तक निगेटिव फीडबैक देकर यह कैसी उपभोक्ता सेवा की जा रही है।प्रदेश के उपभोक्ताओं की तरफ से अपनी बात रखते हुये उ0 प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बिजली कम्पनियों पर करारा हमला बोलते हुये कहा कि बिजली कम्पनियों के एआरआर व आयेाग द्वारा मांगे गये सभी जवाबों का ऑंकडा अलग अलग होता है जबकि बिजली कम्पनियों ने अलग अलग हेड में 500 करोड से ज्यादा के कन्सल्टेंट अलग अलग कामों के लिये रखे हैं तब यह हाल है। इसकी उच्च स्तरीय जॉंच होनी चाहिये। पावर कारपोरेशन द्वारा बिजली सेल्स को वर्ष 2022-23 के मद में जो कुल 100236 मिलियन यूनिट दिखाया गया है वह कम है क्योंकि अप्रैल 2022 में जहॉं 420 मिलियन यूनिट का रिकार्ड था वहीं जून 2022 में 535 मिलियन यूनिट का रिकार्ड है इसको देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि बिजली सेल्स में 7 से 7.5 प्रतिशत की बढोत्तरी होना तय है। बिजली कम्पनियों के डिप्रेसेशन कास्ट 5.28 को गलत बताते हुये कहा यह टेलीकाम टावर की कास्ट है पावर कम्पनियेां के लिये कम्पनी ऐक्ट के तहत 2.83 प्रतिशत ही डिप्रेसेशन कास्ट होनी चाहिये। उपभोक्ता परिषद ने एक बार फिर प्रदेश के 1 करोड 20 लाख लाइफ लाइन विद्युत उपभोक्ताओं से गलत तरीके से वसूल की गयी प्रत्येक वर्ष 485 करोड कुल 3 वर्षां में 1455 करोड पर लाभ दिये जाने की मांग की जिसपर आयोग चेयरमैन ने जानना चाहा कि इसका लाभ रिबेट के रूप में चाहिये जिस पर उपभोक्ता परिषद ने हॉ में जबाब दिया। उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट मीटर के मामले में करारा बोलते हुये कहा बकाये पर कनेक्शन कट जाने के बाद पैसा जमा होने पर कई घण्टों तक बिजली नही जुडती ऐसे में स्मार्ट मीटर के मामले में आरसीडीसी की फीस समाप्त की जाये। उपभोक्ता परिषद ने कहा स्मार्ट मीटर के मामले में उपभोक्ताओं की सिंगल पार्ट टैरिफ होनी चाहिये।उपभोक्ता परिषद ने बिजली कम्पनियों की वार्षिक राजस्व आवश्यकता बारे में कहा कि बिजली कम्पनियों ने कहा कि रिबैंम्पड योजना में होने वाले खर्च को वार्षिक राजस्व आवश्यकता में किस आधार पर दिखाया जा रहा है जबकि रिबैंम्पड योजना की कोई भी डीपीआर व रोल आउट प्लान आज तक विद्युत नियामक आयोग के सामने नहीं लाया गया इसे अविलम्ब खारिज किया जाना चाहिये और यह माना जाये कि यह एआरआर से संबंधित नही है। इस पर आयेाग चेयरमैन ने तल्ख टिप्पणी करते हुये बिजली कम्पनियों से कहा कि रिबैंम्पड योजना जो आप वार्षिक राजस्व आवश्यकता में दिखाना चाह रहे हैं उसका यहॉं कोई मतलब नही जो भी कुछ आपको कहना है उसे डीपीआर के साथ आयेाग के सामने अलग से लाया जायें फिर आयोग उस पर उपभोक्ताओें के नफा नुकसान के आधार पर निर्णय करेगा।उपभोक्ता परिषद ने बिजली कम्पनियों की पोल खोलते हुये कहा कि उदाहरण के रूप में मध्यॉंचल कस्टमर केयर 1912 पर गौर करें तो जून के महिने में उपभोक्ताओं द्वारा दिये गये निगेटिव फीडबैक का 48 प्रतिशत से 51 प्रतिशत के बीच है यह कैसी व्यवस्था है। अगर कस्टमर केयर के आंकडों पर यह खुलासा हो रहा है तो उपभोक्ताओं का क्या हाल होगा यह आयोग खुद समझ सकता है। उपभोक्ता परिषद ने मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर का एक मामला उठाते हुये कहा कि वहॉं के 15 उपभोक्ताओं ने क्षेत्रीय अभियन्ताओं को लिख कर दिया कि उनके ट्रांसफार्मर 10 केवीए पर 15 उपभोक्ता जुडे हैं जिनका लोड 2 – 2 किलोवाट है। कुल मिलाकर 20 घरों में सप्लाई दी जाती है। ऐसे में 10 केवीए का ट्रांसफार्मर बार बार जलता है कोई भी क्षमता वृद्धि नही की जाती। उपभोक्ता परिषद ने अपनी बात रखते हुये कहा कि उपभोक्ता परिषद ने जब अधिशाषी अभियन्ता को पूरा मामला बताया तब ट्रांसफार्मर लगा वह भी 10 केवीए का जिसका पुनः जलना तय है। यह बिजली कम्पनियों की उपभोक्ता सेवा है।
मुआवजा कानून का उठा मसला
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने बिजली कम्पनियों पर करारा हमला बोलते हुये कहा कि मुआवजा कानून के तहत प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को मुआवजा दिये जाने का आदेश आन लाइन आज तक लागू नही हुआ। ऐसे में वर्ष 2021 – 22 में विद्युत नियामक आयेाग द्वारा जो अतिरिक्त 1000 करेाड का वन टाइम खर्च वार्षिक राजस्व आवश्कता में अनुमोदित किया गया था उसे डिसएलाउ किया गया और आगे भी इस मद में कोई खर्च न पास किया जायें। सुनवाई में उपभोक्ता सतीश चन्द्र ने बिजली दर न बढाने व स्लैब परिवर्तन को खारिज करने की मांग उठाते हुये उपभोक्ताओं की दरों में कमी का मुददा उठाया। मेट्रो रेल की तरफ से निदेशक मेट्रो रेल द्वारा उनकी बिजली दरों में कमी की मांग उठायी गयी। एक अन्य उपभोक्ता श्री प्रदीप सिंहल द्वारा घरेलू उपभोकताओं के यहॉं टीओडी व 10 किलोवाट के ऊपर अनिवार्य रूप से स्मार्ट मीटर लगाये जाने की मांग उठायी गयी।