LUCKNOW:क्षमता से अधिक भार से लड़खडाई बिजली आपूर्ति,क्लिक करें और खबरें

-उपभोक्ता परिषद की पुनः सलाह पहले सिस्टम सुधारे

  • प्रेम शर्मा

लखनऊ। प्रदेश में बिजली आपूर्ति लड़खड़ाने के पीछे एक दो नही बल्कि कई कारण है। इसकों सुधारने के लिए प्रबंधन को सिस्टम में सुधार करना होगा। प्रदेश में उपभोक्ता भार के सापेक्ष आपूर्ति में काफी अन्तर होने के कारण बिजली को लेेकर इस भीषण गर्मी में हाहाकार मचा हैं। विभागीय मंत्री के लाख दावों के बावजूद प्रदेश की विद्युत आपूर्ति पटरी से उतर चुकी है। उपभोक्त परिषद सिस्टम मे सुधार को लेकर प्रबंधन को कई बार आगाह कर चुका है। परिषद ने उपभोक्ताओ से संयम बरतने के साथ जरूरत के अनुसार संसाधन उपयोग कर बिजली बचत का आग्रह किया है।

आज पूरे उत्तर प्रदेश में काफी हद तक बिजली की उपलब्धता होते हुए भी उसका उपभोग उपभोक्ता केवल इसलिए नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि बिजली कंपनियों का पूरा वितरण तंत्र अतिभारित हो गया है। ऐसा क्यो ना होसाल भर बिजली कंपनियां नियम विरुद्ध राजस्व बढाने के लिए उपभोक्ताओं का भार बढती रहती है।लेकिन यदि अपने सिस्टम का भार उपभोक्ताओं के भार के मुताबिक बढा ली होती तो आज यह स्थिति ना पैदा होती। उपभोक्ता हर महीने अपने भार के हिसाब से बिजली कंपनियों को फिक्स चार्ज वह डिमांड चार्ज अदा करते हैं ऐसे में वह अपनी जगह बिल्कुल सही है लेकिन खामियाजा भी वही भुगत रही है। मार्च 2024 में कुल 473 की सँख्या में 132 केवी सब स्टेशन की कुल क्षमता 65213 एमवीए है।यानी कि जब उसे किलोवाट में निकाला जाएगा तो वह 5 करोड 86 लाख 91 हजार हजार 700 किलो वाट होगा। वहीं मार्च 2024 में लगभग 3 करोड 45 लाख 93087 विद्युत उपभोक्ताओं कुल स्वीकृत भार 7 करोड 38 लाख 35635 किलो वाट है। ऐसे में यह कहना उचित होगा कि जब भीषण गर्मी पड रही है और उपभोक्ता अपने स्वीकृत भार का शत प्रतिशत उपभोग कर रहा है तो पावर कारपोरेशन का सिस्टम कांपने लग रहा। क्योंकि इस भीषण गर्मी में डायवर्सिटी फैक्टर 1 अनुपात 1 हो ही जाएगा। उपभोक्ताओं द्वारा लिए गए भार और प्रदेश की बिजली कंपनियों के सिस्टम के भार में लगभग 2 करोड किलोवाट का अंतर है। इसी सिस्टम पर बिजली चोरी का जब लोड लगभग 20 प्रतिशत आता है तो सिस्टम कांपने लगता है और प्रदेश के उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्ता की बिजली नहीं मिल पाती। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा अब तो बस मानसून का इंतजार है तभी प्रदेश के उपभोक्ताओं को राहत मिल पाएगी। उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश की बिजली कंपनियां व अपने शहरी विद्युत उपभोक्ताओं से कुछ अपील की है और कहा है कि विषम परिस्थिति में हमको आपको सबको एकजुट होकर इस समस्या से निपटना होगा। बिजली कंपनियों से अपील करते हुए कहा कि विद्युत उपभोक्ताओं का नियम विरुद्ध भार बढाना बंद करें और अपने सिस्टम का भार बढाएं।

सब स्टेशन झेल रहे 40 प्रतिशत अतिरिक्त भार

प्रदेश के विद्युत सब स्टेशनों पर 40 प्रतिशत अतिरिक्त भार के कारण प्रदेश में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। हालॉकि इसके बावजूद प्रबंध तंत्र ने आला अभियंताओं को विद्युत आपूर्ति पर नजर बनाए रखने तथा किसी भी फाल्ट को तत्काल दुरूस्त का विद्वुत आपूर्ति बनाए रखने के सख्त निर्देश दिए है।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन के अनुसार प्रचंड गर्मी विद्युत वितरण तंत्र और बिजली उत्पादन इकाइयों के सामने चुनौती है। प्रदेश के सभी विद्युत सब स्टेशनों की जांच में 40 ओवरलोड पाए गए। फौरी तौर पर समीप के सब स्टेशनों में लोड बांट कर आपूर्ति सामान्य करने की कार्रवाई की गई है।इन सब स्टेशनों की समस्या के स्थाई समाधान के लिए बिजनेस प्लान से काम कराया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन की तरफ से जनसंपर्क विभाग यह सूचना बुधार को मीडिया को दी। आंकड़ों के हवाले से यह बताया गया है कि 26 मई 2024 को बिजली की अधिकतम मांग 29058 मेगावाट की आपूर्ति की गई। यह 26 मई 2022 वा 2023 की अधिकतम मांग 22572 तथा 21502 मेगावाट से करीब 29ः और 35ः अधिक थी। 27 मई 2024 की तुलना 2022 व 2023 से किए जाने पर इस दिन की मांग 35ः तथा 40ः अधिक थी।बताया गया है कि प्रदेश के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों को मिलाकर करीब 4634 सब-स्टेशन उपभोक्ताओं तक विद्युत आपूर्ति करने का कार्य कर कर रहे हैं। इसमें से महज 40 पर बढ़ती मांग का प्रभाव देखा गया। बेहतर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन तथा प्रबंध निदेशक के साथ ही डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों द्वारा प्रतिदिन आपूर्ति की समीक्षा की जा रही है।

महिला कर्मचारी ने लगाए अभद्रता का आरोप

राजधानी में नगर निगम के जोन पांच के जोनल ऑफिसर पर उनके अधीन कार्य करने वाली महिला कर्मचारी के खिलाफ़ अभद्रता करने और अपशब्द कहने का आरोप लगाते हुए नगर आयुक्त से लिखित शिकायत कि है। नगर निगम के जोन पांच में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी में कार्यरत महिला कर्मचारी ने अपने जोनल अफसर के खिलाफ़ गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह कई वर्षाे से डाक विभाग में कार्यरत है। उसके जोनल अफसर नन्द किशोर ने किसी काम को लेकर उसे केबिन में बुलाया और उनसे अभद्रता पूर्वक बात करते हुए अपमानित किया।
जिसके बाद पीड़ित महिला कर्मचारी ने जोनल अफसर के खिलाफ़ नगर आयुक्त से लिखित शिकायत की और मामले की जानकारी नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आंनद वर्मा को दी। मामले का संज्ञान लेते हुए अध्यक्ष ने नगर निगम प्रशासन को पत्र लिखकर मामले की जांच कर दोषी के खिलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की।

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