LUCKNOW:मोदी बढाना चाहते हैं जीत का अंतर,वाराणसी में शाह ने डाला डेरा,क्लिक करें और भी खबरें

लखनऊ 29 मई।  पीएम मोदी वाराणसी से तीसरी बार बड़े अंतर से जीत हासिल करना चाहते हैं। मोदी के मुकाबले इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार अजय राय है। वे 2014 व 2019 के आम चुनावों में उसी सीट से मोदी से हारे हैं।
 बसपा के अतहर जमाल लारी, अपना दल कमेरावादी के गगन प्रकाश यादव, युग तुलसी पार्टी के कोली शेट्टी शिवकुमार और दो निर्दल संजय कुमार तिवारी और दिनेश कुमार यादव भी लड़ रहे हैं।वाराणसी सहित पूर्वांचल की बची हुई सीटों पर लड़ाई बहुत स्पष्ट है। पहली जून को मतदान होगा।कहीं इंडिया गठबंधन हावी है तो कहीं भाजपा। वाराणसी ऐसी सीट है, जिसका आसपास भी असर पड़ता है। भाजपा ने अपने प्रमुख नेताओं को वाराणसी  में मतदाताओं का दिल जीतने के काम पर लगाया है। अमित शाह सोमवार से छोटे से छोटे इलाके का दौरा कर रहे हैं। एक तरह से वाराणसी की पूरी चुनावी कमान अमित शाह के पास है। जेपी नड्डा कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वे बुनकरों से मिल रहे हैं तो कहीं वे बनारसी पान का कारोबार करने वालों से मिल रहे हैं। कुछ कसर अगर बाकी है तो केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी वाराणसी पहुंच गई हैं। वो महिला समूहों में जाएंगी।अमित शाह 2014 और 2019 के आम चुनाव में वाराणसी की कमान संभाल चुके हैं। सोमवार शाम को यहां आने के बाद उन्होंने ओबीसी वर्ग के नेताओं के साथ सबसे  बैठक की।  ओम प्रकाश राजभर के साथ हुई बैठक महत्वपूर्ण है। उसके बाद उसी दिन घटनाक्रम यह हुआ कि सपा के बड़े भूमिहार नेता नारद राय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ फोटो खिंचवाते और अपने एक्स हैंडल पर मोदी का परिवार लिखते हुए पाए गए। शाह कल 30 मई तक यहां जमें हैं क्योंकि 30 मई की शाम 5 बजे तक चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा।30 मई को ही दिल्ली लौटेंगे लेकिन रुकने की भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।मुंबई में चुनाव खत्म होने के बाद ही केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी वाराणसी पहुंच चुके हैं। वे अलग तरह का कैंपेन कर रहे हैं। वे वाराणसी के छोटे कारोबारियों से मिल रहे हैं। उन्होंने बुनकरों, पान वालों के समूहों से मुलाकात की है।
पीयूष गोयल का दावा है कि पार्टी 400 पार के लक्ष्य की तरफ बढ़ रही है। अमित शाह की तरह पीयूष गोयल मोदी के नजदीकी लोगों में माने जाते हैं।विपक्ष ने मंगलवार को यहां राहुल गांधी और अखिलेश यादव की संयुक्त रैली की थी जिसमें भारी भीड़ जुटी। इस रैली में किसान खास तौर पर आए थे। इसके अलावा काशी कॉरिडोर में अपना मकान-दुकान गंवाने वाले भी शामिल थे। इनके मुद्दों को राहुल और अखिलेश ने रखा भी। दोनों नेताओं के भाषणों से लगता है कि वाराणसी और आसपास जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है, वो नाराज लगते हैं। तभी वे लोग रैली में भी आए।वाराणसी में जातीय समीकरण देखें तो कुर्मी मतदाता रोहनिया और सेवापुरी इलाके में 2 लाख, वैश्य मतदाता 2 लाख हैं। ये पूरी तरह से भाजपा को वोट देते हैं। 20 फीसदी मुसलमान है। पांच फीसदी में अन्य आते हैं। 65 फीसदी शहर में रहती है और 35 फीसदी गांवों में रहती है। ओबीसी मतदाता 3 लाख हैं। जिनमें 2 लाख कुर्मी के साथ एक लाख यादव मतदाता भी शामिल हैं। 3 लाख मुस्लिम मतदाता भी हैं। मुस्लिमों की एक बड़ी आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है। लेकिन यह तीन लाख मुस्लिम आबादी और एक लाख यादव मिलकर किसी भी समीकरण को बिगाड़ने का दमखम रखते हैं।  भाजपा ने बुनकर और अन्य पसेमंदा मुसलमानों के जरिए उनके बीच भी अच्छी पकड़ बनाई है।  सपा के पाले में मुस्लिम और यादव कितना जा पाते हैं, उससे ही मोदी की जीत का अंतर प्रभावित हो सकता है। हो सकता है कि इससे जीत का अंतर कम हो जाए। लेकिन अंतिम क्षणों में कुछ नहीं कहा जा सकता।

मिर्जापुर : अनुप्रिया पटेल को करनी पड़ रही खासी मशक्कत, हैट्रिक को बेताब

राजा भैया के खिलाफ टिप्पणी का चुनाव में असर,इंडिया बनाम एनडीए में कड़ी जंग 

मिर्जापुर लोकसभा सीट पर मौसम के साथ सियासी तपिश है।मिर्जापुर में लड़ाई इंडिया बनाम एनडीए की है लेकिन बीएसपी भी ट्रैंगुलर फाइट बनाने के प्रयास में हैं।कल शाम प्रचार थम जायेगा। अब तो सिर्फ पहली जून को मतदान और चार जून को मतगणना का इंतजार है। मिर्जापुर लोकसभा सीट पर 40 वर्षों से स्थानीय व्यक्ति चुनाव जीतकर सांसद नहीं बना। 1984 में मिर्जापुर जिले के रहने वाले उमाकांत मिश्रा ने चुनाव में जीत दर्ज की थी। 1984 के बाद से इस सीट पर बाहरी का दबदबा बढ़ता गया।
 एनडीए की सहयोगी अपना दल एस की प्रमुख व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरी हैं। वे हैट्रिक लगाने खातिर खासी मशक्कत कर रही हैं।मिलनसार हैं ,लोंगो की बात सुनती है और समाधान की कोशिश भी करती हैं। उनका दावा है कि वोट जनता देती है और जनता हमारे साथ है।  इस बार अनुप्रिया को भदोही लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद रहे रमेश चंद बिंद सपा के टिकट पर उनको चुनौती दे रहे हैं। बसपा से मनीष तिवारी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनके अलावा अपना दल कमेरावादी के दौलत सिंह पटेल मैदान में हैं। अनुप्रिया पटेल द्वारा हाल ही में कुंडा विधायक और जनसत्ता दल के प्रमुख रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ टिप्पणी के बाद चुनाव रोचक हो गया है। अनुप्रिया पटेल को अपने करीब 3 लाख स्वजातीय कुर्मी मतदाताओं के अलावा मोदी और योगी सरकार की योजनाओं का भरोसा है। पीएम मोदी, सीएम योगी समेत कई दिग्गज यहां उनके समर्थन में जनसभा कर चुके हैं।
अनुप्रिया पटेल के हैट्रिक लगाने के सपने पर पानी डालने के लिए उनकी मां कृष्णा और बहन पल्लवी पटेल ने अपना दल कमेरावादी से दौलत सिंह पटेल को सामने उतारा हैं। जो चुनार क्षेत्र से 3 बार विधायक रहे स्व. यदुनाथ सिंह के चुनावी सलाहकार और प्रतिनिधि रहे हैं। इंडिया गठबंधन की ओर से सपा उम्मीदवार रमेश चंद बिंद पार्टी के अलावा बसपा और भाजपा के भी कोर वोटर्स में सेंध मार रहे हैं। जातिवाद की नींव पर खड़ी सपा यादव व मुस्लिम मतदाताओं के साथ ही बिंद, कुर्मी, मौर्या और कुशवाहा बिरादरी को अपने पाले में लाने के लिए रमेश चंद बिंद को अपने पाले में लाई है। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के समर्थन के बाद क्षत्रिय मतदाताओ का रूख  सपा की ओर बढ़ा हैं।  सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यहां जनसभा कर उम्मीदवार के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया है।बसपा उम्मीदवार मनीष तिवारी ग्रामीण अंचल के साथ ही पिछड़े ब्लाक हलिया के मतदाता हैं। उन्हें अपने पार्टी के मूल मतदाताओं का समर्थन मिल रहा है। जिले के1.5 लाख ब्राह्मण मतदाता चुनाव में खेवनहार की भूमिका में हैं। यह जिधर करवट लेंगे, जीत का सेहरा उसी के माथे पर सजेगा। बसपा सुप्रीमों मायावती ने अपने उम्मीदवार के पक्ष में जनसभा की है।
मिर्जापुर लोकसभा सीट के जातीय समीकरण भी मायने रखेगा।यहाँ कुर्मी मतदाता  करीब 3 लाख 5 हजार है। बिंद 1 लाख 45 हजार, ब्राह्मण 1 लाख 55 हजार, मौर्या 1 लाख 20 हजार, क्षत्रिय 80 हजार, वैश्य 1 लाख 40 हजार, हरिजन 2 लाख 55 हजार, कोल 1 लाख 15 हजार, यादव 85 हजार, पाल 50 हजार, सोनकर- 30 हजार और प्रजापति, नाई , विश्वकर्मा, मुस्लिम मिलाकर करीब दो लाख  है। आजादी के बाद से अभी तक कोई हैट्रिक नही लगा सका है लेकिन अनुप्रिया पटेल में कुछ तो बात है कि लोगों को अपने संस्कारी व्यवहार से जोड़ लेती हैं। वे जीती तो हैट्रिक होगी। 4 मई को ही पता चलेगा की इस बार भी यहां के मतदाता किसे नुमाइंदगी सौंपते हैं।   कुछ इलाकों में सड़क और पेयजल की बरकरार समस्या विकास के दावों की पोल खोल रही हैं। जिले में किसानों को सिंचाई के लिए पानी देने के बजाय प्रयागराज चला गया।यह कुछ समस्याएं लोग उठा रहे हैं ।

जातिवादी आंधी में उड़े बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे,हर सीट पर जोड़तोड़ में नेता बिजी

पूर्वांचल में अब 13 सीटों चुनाव बचा है। यह काफी हॉट सीटें मानी जाती हैं। यहां मतदाता अपनी परेशानियों और मुद्दों को लेकर बंटे हुए नजर आ रहे हैं।  सातवें चरण में मंदिर, मजहब, आरक्षण, बेरोजगारी और महंगाई सरीखे तमाम मुद्दों की चर्चा हो रही है पर इन तमाम मुद्दों पर जातिगत समीकरण हावी दिख रहे हैं।सभी दलों के कारिंदे जातीय समीकरण फिट करने में बिजी हैं।मतदाताओं पर जातीय अस्मिता का सवाल इतना छाया हुआ है कि उसके सामने दूसरे मुद्दे गौड़ हो गए हैं। छठवें चरण की 14 सीटों पर ऐसा ही नजारा दिखा। अब अंतिम चरण के लोकसभा क्षेत्रों में भी मतदाताओं के दिलो-दिमाग पर जाति ही सबसे ऊपर दिखाई दे रही है। 13 सीटों पर पहली जून को मतदाता अपना फैसला सुनाएंगे।कुर्मी समाज को भाजपा अपने साथ मानती रही है। पिछले चुनावों में यह समाज पार्टी के साथ दिखा भी। इस चुनाव में पार्टी ने कई प्रत्याशी बदले, लेकिन इस समीकरण की ओर ध्यान नहीं दिया। देवीपाटन मंडल, बस्ती मंडल और अयोध्या मंडल में एक भी कुर्मी उम्मीदवार नहीं दिया। राज्य सरकार में भी इस समाज की हिस्सेदारी नहीं थी। बीजेपी से कथित तौर पर चूक हुई तो इंडी गठबंधन ने बस्ती, गोंडा, श्रावस्ती और अंबेडकरनगर में कुर्मी समाज के प्रत्याशी उतारकर भाजपा के कोर वोटबैंक में सेंध लगाने का दांव चल दिया है। इंडिया और एनडीए प्रत्याशी में से कौन जीतेगा, यह तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन जीत-हार का अंतर ज्यादा नहीं रहता नहीं दिख रहा है। मुकाबला कांटे का हो सकता है। चर्चा यह भी है कि कुर्मी वोटरों में सेंधमारी में इंडी गठबंधन काफी हद तक सफल हुआ है। छठें चरण में 25 मई को सुल्तानपुर में जहां आठ बार की सांसद व भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी मैदान में थीं उन्हें यूं तो सभी वर्गों का समर्थन मिला। पर, निषाद मतों को साधने के लिए उन्होंने खास प्रयास करना पड़ा। निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद की सभा कराई। वहीं, सपा प्रत्याशी के एमवाई मुस्लिम व यादव फैक्टर में कुछ क्षत्रिय मतदाताओं का साथ मिलने से लड़ाई कांटे की हो गई है।हर सीट पर पार्टियों का अलग-अलग दांव है। कैसरगंज और डुमरियागंज में गठबंधन ने ब्राह्मण प्रत्याशी का दांव चला है। जाति, आरक्षण व संविधान की बात करने के बावजूद कई जगह गठबंधन ब्राह्मण मतों में सेंध लगाता नजर आया है। दोनों ही सीटों पर भाजपा और सपा प्रत्याशी के बीच ब्राह्मण मतदाता बंटते नजर आए। दिलचस्प बात है कि डुमरियागंज में आजाद समाज पार्टी से चौधरी अमर सिंह के मैदान में होने से कुर्मी समाज का एक हिस्सा उनके साथ लामबंद नजर आया। संतकबीरनगर में भी जातीय समीकरण हावी रहे।छठें चरण में आजमगढ़ और जौनपुर में तो एमवाई समीकरण ने खूब काम किया। दलितों के कुछ वोट भी सपा को मिले हैं। भाजपा प्रत्याशी को सवर्ण मतदाताओं के साथ ही गैर यादव ओबीसी का समर्थन मिला। भदोही में सवर्ण और बिंद मतदाता भाजपा के पाले में रहे, तो टीएमसी प्रत्याशी ने ब्राह्मण मतों का बड़ा हिस्सा हासिल करने में कामयाबी पाई। प्रतापगढ़ में भी मुद्दों से ज्यादा जातीय समीकरण हावी रहे।एक जून को महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज में चुनाव होना है। इन सीटों पर भी मतदाता मुद्दों की चर्चा तो कर रहे हैं, पर वोट देने का आधार पूछने पर यही कहते हैं कि जिधर उनकी बिरादरी के सब लोग जाएंगे, उधर का ही रुख करेंगे। वे मुद्दों के बजाय ब्राह्मण, ठाकुर, कुर्मी, निषाद आदि जातीय पहचान में ही बंटे दिख रहे हैं।

अंतिम समय में पूर्वांचल में आ डटे बीजेपी के लीडर,रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज आयेंगे कुशीनगर और चंदौली 

अंतिम चरण में बीजेपी के दिग्गजों ने पूर्वांचल में डेरा डाल दिया है। केंद्रीय मंत्री से लेकर राज्य सरकार के मंत्री तक ,पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक डटे हैं। कोई कोर कसर बाकी नही रखना चाहते हैं। कल चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है।रक्षामंत्री  राजनाथ सिंह  30 मई को कुशीनगर व चन्दौली के प्रवास पर रहेंगे। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सुबह 11 बजे जूनियर हाईस्कूल खेल का मैदान, रामकोला, कुशीनगर में जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके पश्चात दोपहर 02 बजे गांधी स्मारक इंटर मीडिएट कॉलेज प्रांगण, शाहबगंज, चकिया, चन्दौली में जनसभा को संबोधित करेंगे। सायं 04 बजे अमर शहीद इंटर कॉलेज, धानापुर, सैयदराजा, चन्दौली में जनसभा को संबोधित करेंगे।वही एमपी के सीएम मोहन यादव 30 मई को कुशीनगर व सोनभद्र के प्रवास पर रहेंगे।  मुख्यमंत्री मोहन यादव सुबह 11 बजे कुशीनगर जिले में फाजिलनगर नगर पंचायत से तमकुहीराज नगर, टाउन एरिया से होते हुए सेवरही नगर तक रोड-शो करेंगे।  इसके पश्चात सोनभद्र में दुद्धी से प्रारम्भ होकर महुली से होते हुए विण्ढमगंज तक रोड-शो करेंगे।केन्द्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी  30 मई को वाराणसी के प्रवास पर रहेंगी। केन्द्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी सायं 07 बजे कादाम्बनी लॉन, शिवपुर, वाराणसी में  जनसभा को संबोधित करेंगी।  वही केन्द्रीय मंत्री बीएल वर्मा 30 मई को मीरजापुर के प्रवास पर रहेंगे तथा मीरजापुर में जनसम्पर्क करेंगे। केन्द्रीय मंत्री भानु प्रताप वर्मा  30 मई को गोरखपुर के प्रवास पर रहेंगे तथा गोरखपुर के बांसगांव में जनसम्पर्क करेंगे।उधर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष  भूपेन्द्र सिंह चौधरी  30 मई को मऊ के प्रवास पर रहेंगे।प्रदेश भाजपा अध्यक्ष  भूपेन्द्र सिंह चौधरी लोकसभा चुनाव कार्यालय, मऊ में विभिन्न संगठनात्मक बैठकों में मार्गदर्शन करेंगे। दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य गुरूवार 30 मई को वाराणसी के प्रवास पर रहेंगे।श्री मौर्य सुबह 11 बजे मंगलम वाटिका, पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस के पीछे, नदेसर, वाराणसी में  जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके पश्चात दोपहर 01 बजे लालचन्द्र कुशवाहा का आवास, छितुपुर, वाराणसी तथा दोपहर 03 बजे महात्मा जे.एफ. पब्लिक स्कूल, मडुआडीह, वाराणसी में आयोजित विशिष्ठजनों के साथ बैठकों में संवाद करेंगे। प्रदेश सरकार में मंत्री धर्मपाल सिंह  30 मई को सोनभद्र के प्रवास पर रहेंगे तथा सोनभद्र के राबर्ट्सगंज में जनसम्पर्क करेंगे। मंत्री कपिल देव अग्रवाल 30 मई को गोरखपुर में जनसम्पर्क करेंगे। प्रदेश सरकार में मंत्री नरेन्द्र कश्यप 30 मई को गाजीपुर में जनसम्पर्क करेंगे। मंत्री संजीव गौंड 30 मई को सोनभद्र के प्रवास पर रहेंगे तथा सोनभद्र के राबर्ट्सगंज में जनसम्पर्क करेंगे।राज्य सरकार में मंत्री  विजय लक्ष्मी गौतम 30 मई को बलिया जिले में जनसम्पर्क करेंगी।
Aaj National

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