हाथरस भगदड़ :UP CM पहुंचे घटना स्थल,जाना घायलो का हालचाल

-घटना स्थल का निरीक्षण कर अफसरों को दिए बचाव के निर्देश,जांच के लिए ए0डी0जी0 आगरा की अध्यक्षता में एस0आई0टी0 गठित,अफसरों की जवाबदेही को लेकर रिपोर्ट दर्ज

-राज्य सरकार ने लिया उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में घटना की न्यायिक जांच कराने का निर्णय

लखनऊ।यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद हाथरस  पहुंचकर बीती दो जुलाई को सत्संग के दौरान मची भगदड़ में घायल व्यक्तियों का हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी तथा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को घायलों का समुचित उपचार करने के निर्देश देते हुए कहा कि दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के इलाज में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने तहसील सिकंदराराऊ के फुलरई मुगलगढ़ी स्थित घटना स्थल का निरीक्षण भी किया। उन्होंने रिजर्व पुलिस लाइन में अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री जी ने घटना स्थल पर तैनात रही महिला कांस्टेबल से बातचीत कर घटना के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके उपरान्त उन्होंने पुलिस लाइन में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित भी किया।
मुख्यमंत्री ने मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह घटना बहुत दुःखद और दर्दनाक है। घटना के कारणों की तह तक जाने के लिए शासन स्तर से कमेटी गठित की गयी है। पहले राहत और बचाव कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है। इस हादसे में 121 श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई है। यह श्रद्धालु उत्तर प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश राज्यों से थे। उत्तर प्रदेश के हाथरस, बदायूं, कासगंज, अलीगढ़, एटा, ललितपुर, शाहजहांपुर, आगरा, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, मथुरा, औरैया, उन्नाव, बुलंदशहर, पीलीभीत, सम्भल तथा लखीमपुर खीरी जनपदों के श्रद्धालुजन इस हादसे के शिकार हुए। 06 मृतक अन्य राज्यों से थे, इनमें मध्य प्रदेश के ग्वालियर से 01, हरियाणा से 04 तथा राजस्थान का एक मृतक सम्मिलित है। हादसे में घायल 31 व्यक्तियों का जनपद हाथरस, एटा, आगरा तथा अलीगढ़ के अस्पतालों में उपचार किया जा रहा है। यह सभी व्यक्ति खतरे से बाहर हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हादसे के चश्मदीदों से बातचीत करने पर पता चला कि कार्यक्रम के समापन के बाद महिला श्रद्धालुओं द्वारा कथावाचक को स्पर्श करने के लिए मची होड़ से हुई भगदड़ के कारण यह हादसा हुआ। सेवादारों ने दुर्घटना के दौरान तथा उसके तत्काल पश्चात मामले को दबाने का प्रयास किया। लेकिन जब प्रशासन ने घायलों तथा मृतकों को अस्पताल ले जाने की कार्यवाही प्रारम्भ की, तो ज्यादातर सेवादार वहां से भाग गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन प्रथम दृष्टया यह मानकर चलता है कि धार्मिक आयोजनों में उनके सेवादार आयोजन की जिम्मेदारी निभाएंगे। सावधानीवश वहां पर फोर्स भी तैनात रहती है, लेकिन वह आउटर रिंग में होती है। अन्दर की पूरी व्यवस्था का संचालन स्वयंसेवक या सेवादार ही करते हैं। इस प्रकार के आयोजनों में सेवादार प्रशासन को अन्दर घुसने नहीं देते।उन्होंने कहा कि जहां भी लोग धार्मिक और आध्यात्मिक श्रद्धाभाव से आते हैं, वहां भीड़ अनुशासित होती है। लेकिन जब यही कार्यक्रम निहित स्वार्थी तत्वों के हाथों का खिलौना बन जाता है तो वहां अनुशासनहीनता हो जाती है। इसका शिकार निर्दोष व्यक्ति होते हैं, क्योंकि उन्हें साजिश के बारे में पता नहीं होता। साजिश करने वाले लोग चुपचाप खिसकने का प्रयास करते हैं।उन्होंने कहा कि होना यह चाहिए था कि अगर हादसा था, तो पहले सेवादारों को अपनी व्यवस्था को सुदृढ़ करना चाहिए था। यदि वह अपनी व्यवस्था सुदृढ़ नहीं कर पा रहे थे तो प्रशासन का सपोर्ट लेकर हादसे के शिकार लोगों को हॉस्पिटल पहुंचाने की व्यवस्था तथा उपचार की व्यवस्था करनी चाहिए थी। जबकि हादसे में लोग मरते गए और सेवादार वहां से खिसक कर भाग गए। इसलिए हम इस घटना की तह में जाएंगे।

ए0डी0जी0 आगरा की अध्यक्षता में एस0आई0टी0 गठित

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस घटना की जांच के लिए ए0डी0जी0 आगरा की अध्यक्षता में एस0आई0टी0 गठित की है। जिसने अभी अपनी प्रारम्भिक रिपोर्ट दी है। बहुत सारे ऐसे पहलू हैं जिनकी जांच होना अत्यन्त आवश्यक है। राहत और बचाव कार्य हमारी प्राथमिकता है। इसके बाद आयोजकों से हादसे के कारणों के बारे में पूछताछ की जाएगी। हादसे के जिम्मेदार व लापरवाही बरतने वाले व्यक्तियों की जवाबदेही तय करने के लिए एफ0आई0आर0 दर्ज की जा चुकी है। घटना की तह तक जाने के लिए कार्यवाही आगे बढ़ायी जा रही है।

घटना की न्यायिक जांच कराने का निर्णय,उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में होगी जाँच 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार की घटना केवल एक हादसा नहीं होती है। यदि हादसा है, तो उसके लिए कौन जिम्मेदार है तथा यदि हादसा नहीं है, तो इसके पीछे किसकी साजिश है। इन सभी पहलुओं को लेकर राज्य सरकार द्वारा घटना की न्यायिक जांच कराने का निर्णय लिया गया है। यह न्यायिक जांच उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में होगी। इसमें प्रशासन और पुलिस के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित होंगे। इस पूरी घटना की तह तक जाकर दोषी व्यक्तियों को सजा दिलायी जाएगी। इसके माध्यम से बड़े आयोजनों में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सुझाव देना, एस0ओ0पी0 बनाना तथा उसे आगे इस प्रकार के किसी भी बड़े आयोजन में लागू करना सुनिश्चित किया जाएगा। शासन द्वारा न्यायिक जांच आयोग के बारे में नोटिफिकेशन आज ही जारी कर दिया जाएगा।

मंत्री व अफसर कर रहे कैम्प,बनाये गये विशेष दल 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने हादसे के कारणों की प्रारम्भिक स्थिति देखने के लिए हाथरस तथा सिकंदराराऊ में घटनास्थल का दौरा किया, यद्यपि वहां काफी बारिश हो रही थी। प्रदेश सरकार के तीन मंत्रीगण, मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक यहां पर कल से ही कैम्प कर रहे हैं। प्रशासन तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी यहां कल से ही उपस्थित हैं। प्रारम्भिक जांच के पश्चात आगे की कार्यवाही की जाएगी। कुछ विशेष दल बनाये गये हैं, जो अलग-अलग जनपदों में कार्रवाई करेंगे।उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक मृतक के परिवारजनों को कुल 04 लाख रुपये तथा गम्भीर रूप से घायल व्यक्ति को 01 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत हादसे का शिकार हुए लोगों के नाबालिग बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।

यह मंत्री व अफसर रहे मौजूद

इस मौके पर चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह, समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  असीम अरुण, विधान परिषद सदस्य भूपेन्द्र सिंह चौधरी सहित जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक प्रशान्त कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद एवं अन्य अफसर मौजूद थे।
Aaj National

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