LUCKNOW:विशेष सफाई अभियान में 1523 कर्मचारी लगे, 134 स्थल गार्बेज मुक्त,क्लिक करें अन्दर और भी कई खबरें

  • -प्रेम शर्मा

लखनऊ। वर्षा ऋतु के प्रारम्भ होते ही संचारी रोगों यथा डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, फाइलेरिया जैसे घातक रोगों की रोकथाम के लिए 01जुलाई से 30 दिवसीय विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के अन्तर्गत साफ सफाई, सघन फॉगिंग, जलभराव वाले स्थलों पर एंटीलार्वा स्प्रे, झाडियों की कटाई एवं असुरक्षित जल श्रोत के चिन्हीकरण, नालियों की सफाई का कार्य सम्पादित कराया जा रहा है। इन रोगों की रोकथाम हेतु नगर निगम लखनऊ द्वारा निरन्तर प्रत्येक जोन की मलिन बस्तियों को चिन्हित करते हुए प्रत्येक जोन में क्लोरीन टैबलेट का वितरण किया जा रहा है। नगर निगम द्वारा संचालित विशेष सफाई अभियान में आज लगभग 1523 कर्मचारियों को योजित करते हुए 134 स्थलों को गार्बेज मुक्त किया गया।आभियान में आज जोन-01 के बर्फखाना, मुराद अली लेन कबीर मार्ग डायमण्ड डेयरी उदयगंज, मुरली नगर कॉलोनी, भूसा मण्डी, तकिया गनेशगंज, हरिनगर दुगावां, वजीर हसन रोड़, जोन-02 के छाछी कुऑ, बाग मक्का, रामनगर धोबी दरियापुर, मौलाबाग, लोकमान्यगंज, पीली कालोनी, मील रोड, राजाजीपुरम, चिबताखेड़ा, बीर बक्का, जोन-03 के महानगर मार्केट, कपूरथला मार्केट, डालीगंज- निरालानगर मोहन मेकिन रोड, गुड़ियनपुरवा, गुलजार बाबा मजार, शिव मंदिर, हरि ओम नगर रामलीला ग्राउड खदान से पहले का क्षेत्रा, मेहिबुल्लापुर कसाईबाड़ा फैजुल्लागंज के शेरवानी नगर भोला विहार कालोनी जानकीपुरम, महानगर, निराला नगर, रहीम नगर, डालीबाग, कंचनपुरम मड़ियाव, जानकीपुरम, जोन-04 के काल्विन कालेज-निशातगंज गोमती नगर,में सफाई कार्यो के साथ-साथ फॉगिंग का कार्य कराया गया।जोन-05 के कृष्णा नगर, आलमबाग थाना, रनिंग शेड कालोनी, आर0पी0एफ0 क्वाटर, गोपालपुरी, सरोजनी नगर, मक्का खेड़ा मोहल्ला, न्यू आशुतोष नगर, जोन-06 फिरंगी महल, नौबस्ता हुसैनाबाद के दुर्गा देवी मार्ग, हैदरगंज, जोन-7 के मुलायम नगर स्माईलगंज, आर्दश खण्ड मटियारी कासी नगर, कल्याणपुर जोन-08 के एडीए कालोनी, पीडब्लूडी कालोनी, ट्रान्सपोर्ट नगर सेक्टर आई, विद्यावती द्वितीय के विरहारा खेड़ा,में सफाई कार्यो के साथ-साथ फॉगिंग का कार्य कराया गया।

सिर्फ 10 मिनट में म्युटेशन सहित गृहकर हुआ जमा
महापौर ने ऑनलाइन टैक्स असेसमेंट डिजिटल सॉफ्टवेयर का किया उद्धघाटन

नगर निगम लखनऊ द्वारा नगरवासियों को गृहकर के संबंध में महापौर संयुक्ता भाटिया द्वारा एक और सुविधा प्रदान करते हुए ऑनलाइन गृहकर असेसमेंट आज से प्रारंभ कर दिया गया है। शहरवासी अब अपने नवनिर्मित घर का असेसमेंट स्वयं घर बैठे कर सकेंगे और गृहकर की परिधि से छूटे हुए भवनों के कर निर्धारण के लिए बिना कार्यालय आये, बिना नगर निगम कार्यालयों के चक्कर काटे ऑनलाइन फॉर्म भर कर म्युटेशन सहित गृहकर भी जमा कर सकेंगे। आज इस डिजिटल सुविधा के शुभारंभ कार्यक्रम का उद्धघाटन नगर निगम मुख्यालय स्थित बाबू राजकुमार हॉल में महापौर संयुक्ता भाटिया की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर महापौर संग नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, अपर नगर आयुक्त पंकज सिंह एवं अपर नगर आयुक्त राकेश यादव, एन.आई.सी. के अपर सूचना अधिकारी आशीष अग्रवाल सहित पार्षद गण मौजूद रहे। आयोजन में आशीष अग्रवाल सॉफ्टवेयर डेवलपर पवन कुमार द्वारा सॉफ्टवेयर का डेमो भी दिया गया। साथ ही महापौर के समक्ष एक टैक्स पेयर द्वारा कर का भुगतान भी आज के सुअवसर पर मात्र 10 मिनट में सफलतापूर्वक किया गया।महापौर संयुक्ता भाटिया ने बताया कि इस सुविधा के प्रारम्भ हो जाने से नवनिर्मित भवन अथवा गृहकर से छूटे भवनों के स्वामियों को कर निर्धारण के लिए कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं रह जायेगी और न ही नगर निगम के चक्कर बार बार काटने पड़ेंगे और इस सुविधा के प्रारम्भ होने से कर निर्धारण में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। महापौर ने कहा कि छूटे हुए भवनों से गृहकर प्राप्त हो सकेगा जिससे नगर निगम की आय में वृद्धि भी होगी और जनता को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा प्राप्त होगी।ज्ञात होकि अप्रैल 2022 में महापौर संयुक्ता भाटिया द्वारा गृहकर की समीक्षा बैठक में गृहकर स्वकर निर्धारण हेतु सॉफ्टवेयर बनवाकर ऑनलाइन व्यवस्था कराने के निर्देश दिए गए थे। जिसके लिए महापौर ने नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह को नोडल अधिकारी बनाया था। महापौर के सतत निर्देशों के क्रम में जनता को बड़ी राहत मिली और अब लखनऊ नगर निगम की सभी गृहकर से संबंधित सर्विसेज ऑनलाइन कर दी गयी है।
ऐसी होगी ऑनलाइन प्रक्रियास्टेप 1- सर्वप्रथम नगर निगम की वेबसाइट https:@@imc-up-nic-in पर गृहकर विभाग के पेज पर ऑनलाइन सेल्फ असेसमेंट पर क्लिक करना होगा।स्टेप 2- सेल्फ असेसमेंट / न्यू असेसमेंट पर क्लिक करने के पश्चात सूचना विंडो को पढ़कर अपनी सहमति प्रदान करनी होगी। तत्पश्चात आगे खुली विंडो में अपना मोबाइल नंबर व सिक्योरिटी पिन भर कर ओटीपी जेनेरेट करना होगा।स्टेप 3- प्राप्त ओटीपी भरने के बाद एक अन्य विंडो खुलेगी जिसमें आवश्यक प्रपत्र तैयार रखने की सूचना होगी। तत्पश्चात अपना वार्ड और मोहल्ला चयन करने के बाद सामने आए फॉर्म में अपने भवन से संबंधित सूचनाएं भरनी होगी तथा एक पासवर्ड भी बनाना होगा। फार्म भरने के बाद एक प्रिव्यू देखकर फॉर्म सबमिट करना होगा। जैसे ही फॉर्म सबमिट होगा- भवन की हाउस आईडी जेनेरेट हो जाएगी।स्टेप 4- उपरोक्त चरण के पश्चात खुलने वाली एक अन्य विंडो में भवन स्वामी को अपना पर्सनल डिटेल भरकर प्रिव्यू देख कर सबमिट करना होगा।स्टेप 6- तत्पश्चात अगली खुलने वाली विंडो में पूर्व में सूचित किये गए दस्तावेजों जैसे भवन स्वामी का फोटो, भवन का फोटो (सामने से), मीटर सीलिंग सर्टिफिकेट व रजिस्ट्री भवन का जीपीएस फोटो अपलोड करके सेव करना होगा।स्टेप 7- उक्त चरणों के बाद अगली आने वाली विंडो में गृहकर आगणन से संबंधित सूचनाएं भरनी होगी।स्टेप 8- आगामी खुलने वाली विंडो में भवन, भवन स्वामी व बिल की डिटेल आयेगी और भुगतान का विकल्प भी आयेगा, जिससे भवन स्वामी घर बैठे गृहकर का भुगतान कर सकेंगे।

कम्पनियॉ दे रही गोलमोल जबाब, परिषद ने कहा बिना जबाब न जारी करें टैरिफ
एक करोड़ लाइफलाइन उपभोक्ताओं के मामले में आईटी विंग सुस्त

बिजली दर के निर्धारण के अंतिम दौर में उपभोक्ता परिषद की आपत्तियों पर बिजली कंपनियों द्वारा गोलमोल जवाब और कुछ बिंदुओं पर कोई जवाब ना दिए जाने पर उपभोक्ता परिषद ने आयोग में दाखिल किया लोक महत्व प्रत्यावेदन कहा जब तक बिजली कंपनियां सही जवाब न दे तब तक आयोग टैरिफ का निर्धारण न करें। इसी तरह उपभोक्ता परिषद को एक करोड लाइफलाइन गरीब विद्युत उपभोक्ताओं से अधिक वसूली पर पावर कारपोरेशन का चौंकाने वाला जवाब मिला। कारपोरेशन की तरफ से कहा गया कि आईटी विंग मामले को देख रही है। यानि जब जनता पर डालना होगा भार तो आईटी विंग तुरंत हो जाती एक्टिव जब जनता के पैसो वापिस की बॉत आती है तो आईटी विंग सुस्त हो जाता है। परिषद ने आयोग से हस्तक्षेप की मांग की है।बिजली दर पर सुनवाई के बाद राज्य सलाहकार समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के उपरांत जहां विद्युत नियामक आयोग बिजली दर को अंतिम रूप देने में लगा ह। प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं व उपभोक्ता परिषद द्वारा दाखिल की गई आपत्तियों पर विद्युत नियामक आयोग द्वारा पावर कारपोरेशन और बिजली कंपनियों से जो रिपोर्ट मांगी गई थी उस पर बिजली कंपनियां गोलमोल जवाब दे रही है। यहां तक कि उपभोक्ता परिषद की अनेकों गंभीर जनहित की आपत्तियों पर बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग को जवाब तक नहीं दिया। विरोध स्वरूप उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आज विद्युत नियामक आयोग में एक लोक महत्व प्रत्यावेदन दाखिल करते हुए विद्युत नियामक आयोग से मांग उठाई। विद्युत अधिनियम 2003 के टैरिफ निर्धारण प्रावधानों के तहत प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं व उपभोक्ता परिषद की बिंदुवार आपत्तियों पर बिजली कंपनियों को सही जवाब देना बाध्यकारी और वैधानिक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का एक महत्वपूर्ण कार्य इसके बावजूद भी बिजली कंपनियॉ ने आयोग को गुमराह करने की कोशिश की है जो आयोग की अवमानना की श्रेणी में आता है।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस मुद्दे पर नियामक आयोग चेयरमैन आरपी सिंह से भी बात की और पूरे मामले पर अभिलंब कार्यवाही करा कर बिजली कंपनियों से बिंदुवार जवाब लेने की मांग उठाई। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर जो लगभग रुपया 22045 करोड सरप्लस निकल रहा है। उसके एवज में बिजली दरों में अगले 5 वर्षों तक 7 प्रतिशत कमी के सवाल पर बिजली कंपनियों ने केवल यह कहकर पल्ला झाड लिया की बिजली कंपनियों की तरफ से अपीलेट ट्रिब्यूनल दिल्ली में मुकदमा दाखिल किया गया है। ऐसे में सवाल ये उठता है केवल मुकदमा दाखिल करने से क्या कार्यवाही रुक जाती है बार-बर सवाल उठाए जाने के बाद भी बिजली कंपनियां चोर दरवाजे से भागने की कोशिश कर रही है जिस पर आयोग गंभीरता से विचार करें। बिजली कंपनियों ने लगभग एक करोड लाइफ लाइन विद्युत उपभोक्ताओं से 40 प्रति किलो वाट फिक्स चार्ज अतिरिक्त वसूला और साथ ही 35 पैसे प्रति यूनिट कि अधिक वसूली भी की लाखों उपभोक्ताओं से गलत भी वसूला गया। लाखों विद्युत उपभोक्ताओं के बिलों में अधिक निर्धारण कर उन्हें बिल जारी किया गया।जिस मुद्दे को उपभोक्ता परिषद ने राज्य सलाहकार समिति की बैठक सहित बिजली दर की सुनवाई में जोर-शोर से उठाते हुए लगातार 3 साल तक प्रत्येक वर्ष अधिक की गई वसूली रुपया 4585 करोड कुल लगभग रुपया 1455 करोड अधिक वसूली को उपभोक्ताओं को लोैटाने हेतु उनके बिलों का संशोधन करने अथवा गलत बिल निर्धारण को समाप्त करते हुए सही बिल देने अथवा विद्युत नियामक आयोग से इस अधिक धनराशि के सापेक्ष रिबेट देने की मांग उठाई थी। जिस पर प्रदेश की बिजली कंपनियों ने केवल 2 लाइन का जवाब लिख दिया की पावर कारपोरेशन की आईटी विंग मामले को देख रही है।

मिनिस्टीरियल एसोसिएशन ने कार्य वहिष्कार की चेतावनी

उ.प्र. लोक निर्माण विभाग मिनिस्टीरियल एसोसिएशन ने अपने मिनिस्टीरियल कर्मचारी की कई मांगों को लेकर कार्य वहिष्ताकार,धरना प्रदर्षन किए जाने की चेतावनी दी है। एसोएिशन के प्रातीय महामंत्री जे.पी. पाण्डेय ने बताया कि प्रदेष के जनपदों में कार्यरत मिनिस्टिीरियल संवर्ग की विभिन्न मांगों को लेकर एसोएिसशन बराबर पत्राचार कर रहा है लेकिन आज तक प्रमुख अभियन्ता ’ग’ वर्ग द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई ग्रीवास बैठक में तय हुए मुददों पर सिर्फ नाम मात्र का प्रपत्र जारी करके कार्यवाही का आष्वासन ही मिलता रहा है जिससे प्रदेष के कर्मचारियों में आक्रोंष व्याप्त है।प्रवक्ता सीपी0श्रीवास्तव ने बताया कि प्रमुख अभियन्ता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष को एसोसिएशन ने पत्र जारी कर एक सप्ताह के अन्दर मिनिस्टीरियल संवर्ग की विभिन्न समस्याओं पर कोई ठोस कार्यवाही नही की गई तो संगठन वाध्य होकर कार्य वहिष्कार धरना प्रदर्शन करने की मजबूर होना पड़ेगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रमुख अभियन्ता की होगी।

कैंट विधानसभा में न हो जलभराव, इंतजाम में जुटे डिप्टी सीएम

कैंट विधानसभा में जलभराव न हो, इसके इंतजाम में खुद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक जुट गये हैं। शुक्रवार को उन्होंने विधान भवन स्थित राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन हाल में विधान सभा क्षेत्र कैंट लखनऊ के विभिन्न स्थानीय प्राधिकारियों और नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान कैंट क्षेत्र के विभिन्न जोन से आए स्थानीय प्राधिकारियों ने उपमुख्यमंत्री को अपने-अपने क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के बारे में बताया। उपमुख्यमंत्री ने नगर निगम के अधिकारियों को बरसात के मौसम को देखते हुए दो दिन में समस्याओं का निस्तारण कराने के निर्देश दिये।बैठक में उपमुख्यमंत्री के सामने प्राधिकारियों ने बताया कि उनके जोन में सीवर के कार्य धीमी गति से चल रहे हैं। जलभराव एवं ड्रेनेज की समस्या है। विभिन्न सौंदर्यीकरण के कार्यों हेतु सड़कों की खुदाई के बाद समुचित सुधार और रखरखाव का कार्य नहीं हो रहे हैं कुछ पार्षदों ने कूड़े का नियमित निस्तारण नहीं होने, नालों की सफाई की समस्या उठाई। पार्कों की लाइट एवं सौंदर्यीकरण के संबंध में भी समस्याएं सामने आईं। उप मुख्यमंत्री ने नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह से जल्द सभी समस्याओं का निराकरण कराने को कहा। साथ ही निर्देश दिये कि पिछले वर्ष को देखते हुए क्षेत्र में जलभराव की समस्या बिल्कुल ना रहे। इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।

खुले मेनहोल सबसे पहले कराएं जाएं बंद

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने नगर निगम अधिकारियों से सबसे पहले खुले हुए मेनहोल को बंद कराने के लिए कहा। उन्होंने निर्देश दिया कि खुदी सड़कों के मरम्मत का कार्य तेजी से पूरा कराया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ रखा जाए कहीं भी कूड़ा नहीं मिलना चाहिए। कूड़ा उठाने का कार्य नियमित हो। बैठक में विधानसभा कैण्ट क्षेत्र के पार्षद, मण्डल अध्यक्ष, नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह एवं नगर निगम के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Aaj National

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