LUCKNOW:बिजली कम्पनियों की उदासीनता से फेल हो जाएगी स्मार्ट प्रीपेड परियोजना,क्लिक क्र देखें और भी खबरें

क्या प्रदेश के पास कोई तकनीकी सुधार दक्षता की योजना नहीं ?

  • प्रेम शर्मा

लखनऊ। प्रदेश के तीन करोड विद्युत उपभोक्ताओं के घर में भविष्य में लगने वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर बिजली कंपनियों की यही उदासीनता पूरे परियोजना के फेल होने के आसार दिखाई पड़ रह है। गोरखपुर सहित कई जगहों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटरों में पकड़ी गई चोरी के उपरान्त उपभोक्ता परिषद ने इन र्स्माट मीटरों की तकनीक पर एक बार फिर सवाल खड़ा किया है। उपभोक्ता परिषद ने इस सम्बंध में बिजली कम्पनियों के जबाब पर नाराजगी और उनकी गैरजिम्मेदारी की तरफ इशारा करते हुए सवाल किया है कि क्या उत्तर प्रदेश के पास तकनीकी सुधार दक्षता की कोई योजना नही है।भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत भविष्य में स्मार्ट प्रीपेड मीटर सभी घरों में लगना है। उपभोक्ता परिषद ने बिजली दर की सुनवाई में सवाल उठाया की गोरखपुर सहित अनेकों जगह स्मार्ट प्रीपेड मीटर में भी आसानी से बिजली चोरी पकडी जा रही है तो फिर यह कैसा स्मार्ट मीटर है ? जब स्मार्ट मीटर लगाने की बात हुई थी तो उसका पहला लाभ यही बताया गया कि कोई भी बिजली चोरी करेगा तो वह तुरंत पकडा जाएगा उस की मीटर में कोई भी टेम्परिंग सरवर पर इंडिकेट होगा। उपभोक्ता परिषद ने आगे विद्युत नियामक आयोग के सामने यह भी रखा कि यह कैसा स्मार्ट प्रीपेड मीटर है जो कहने के तो स्मार्ट है लेकिन इसकी कार्यप्रणाली स्मार्ट नहीं लग रही है ? ऐसे में बिजली कंपनियां स्मार्ट और दक्ष तकनीकी आधारित स्मार्टमीट तैयार कराएं । जिससे भविष्य में इसका लाभ आम जनता व विभाग को मिल पाए । अब सबसे चौंकाने वाला मामला यह सामने आ रहा है कि बिजली कंपनियों के तरफ से उपभोक्ता परिषद के इस सवाल पर जो जवाब दाखिल बिजली कंपनियों द्वारा विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किया गया है वह बेहद ही आसंवेदनशील प्रकृति का है। बिजली कंपनियों की तरफ से यह कहा गया है कि यह स्कीम भारत सरकार की स्कीम है और इसे उत्तर प्रदेश में एडॉप्ट किया गया है। बिजली कंपनियां तकनीकी अभियंताओं से भरी पडी है इसके बावजूद भी इस प्रकार का उत्तर आने वाले समय में पूरी स्मार्ट मीटर परियोजना फेल कर देगा।उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा स्मार्ट प्रीपेड मीटर में जिस प्रकार से पहले गोरखपुर फिर राजधानी लखनऊ में भी स्मार्ट मीटर में बिजली चोरी कराने वालों का गिरोह पकडा गया। इससे तो ऐसा प्रतीत होता है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर पहले लगे हुए मीटर से भी काफी घटिया तकनीकी आधारित मीटर है। क्योंकि पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि असामाजिक तत्व और गिरोह बनाकर लोग फोन करके बिजली चोरी की तरकीब बता रहे हो। सब मिलाकर बिजली कंपनियों को गंभीरता से सोचना होगा और स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले में जो जवाब विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किया है उस पर उन्हें पुनर्विचार करना होगा। स्मार्ट प्रीपेड मीटर को ऐसा तकनीक आधारित बनवाना होगा जिसमें बिजली चोरी, तेजी से चलने, जंपिंग की कोई गुंजाइश ना रहे तभी यह योजना भविष्य में सफल हो पाएगी। भारत सरकार की कोई स्कीम लागू करने यह मतलब नही कि उसका खामियाजा प्रदेश की जनता और उपभोक्ताओं को भुगतना पडे।

बिजली अभिन्ताओं को सुरक्षा की गारण्टी की जाये
केन्द्रीय कार्यकारिणी की लखनऊ में हुई बैठक में जुटे प्रदेशभर के विद्युत अभियन्ता

विद्युत अभियन्ता संघ की केन्द्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रदेश भर से आये पदाधिकारियों की बैठक में कई विषयों और मांगों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में पावर कारपोरेशनर के हितों के साथ अभियंताओं की समस्याओं पर विचार किया गया। बैठक मेे प्रदेश की जनता को 24 घण्टे गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराने, बेहतर उपभोक्ता सेवा प्रदान करने, राजस्व वसूली बढ़ाने, लाइन लॉस कम करने का संकल्प दोहराते हुए अन्य तमाम ज्वलन्त समस्याओं पर चर्चा पश्चात् मांग की गई कि ऊर्जा निगमों में कार्य का स्वस्थ वातावरण प्रदान किया जाये, प्रोत्साहनात्मक कार्यशैली अपनाई जाये, बिजली अभिन्ताओं को सुरक्षा की गारण्टी की जाये तथा ‘‘इंजीनियर्स प्रोटेक्शन एक्ट’’ लागू किया जाये। साथ ही ऊर्जा निगमों में अभियन्ताओं के विरूद्ध बड़े पैमाने पर गलत तरीके से की जा रही दण्डात्मक कार्यवाहियों को वापस लेने, प्रबन्धन के अव्यवहारिक लक्ष्यों पर अमल न कर पाने पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों सहित अन्य अनेक ज्वलन्त मुद्दों पर अपना मुखर आक्रोश व्यक्त किया।विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष पल्लब मुकर्जी एवं महासचिव प्रभात सिंह ने बताया कि मुख्यमुंत्री के मार्गदर्शन एवं ऊर्जा मंत्री के नेतृत्व में तथा अभियन्ताओं के प्रयासों से प्रदेश में वर्तमान माह में ऐतिहासिक 26500 मे.वा. से ज्यादा विद्युत आपूर्ति की गयी, एक मुश्त समाधान योजना के माध्यम से 36 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को लाभान्वित करते हुए 2700 करोड़ से ज्यादा की राजस्व वसूली निश्चित की गयी। साथ ही वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रथम तिमाही में राजस्व वसूली में 46 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि एवं कभी भुगतान न करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या में अभूतपूर्व कमी आयी है। पिछले वर्ष की तुलना में विद्युत उत्पादन में 36 प्रतिशत की वृद्धि एवं पी.एल.एफ. में 21 प्रतिशत की वृद्धि की उपलब्धि प्राप्त की गयी। प्रदेश सरकार के ताप बिजली घरों द्वारा एक दिन सर्वाधिक 131.23 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्पादन भी किया गया। साथ ही पारेषण क्षमता में 3203 मे.वा. की वृद्धि की गयी एवं 763 सर्किट किलोमीटर पारेषण लाइनों का निर्माण किया गया। 3.68 लाख अनमीटर्ड उपभोक्ताओं के सापेक्ष 5.75 लाख उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगाये गये। ये उपलब्धियां अभियन्ताओं की सेवा शर्तों में किये गये प्रतिगामी परिवर्तनों, तमाम रिक्त पदों एवं उनपर पदोन्नतियां प्रदान न किये जाने तथा प्रोत्साहन के अभाव के बावजूद अभियन्ताओं द्वारा किये गये अथक प्रयासों से प्राप्त हुई हैं तथा इसके लिए सभी अभियन्ता संकल्पित हैं और अभियन्ताओं के अहर्निश प्रयास लगातार जारी है।आज हुई बैठक में कई ज्वलन्त मुद्दों पर विस्तृत चर्चा करते हुए विभिन्न क्षेत्रों से आये अभियंताओं द्वारा क्षेत्रों में मानकों एवं आवश्यकतानुसार मैन, मनी, मेटीरियल तथा बुनियादी सुविधाओ की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए इन्हें तत्काल उपलब्ध कराने की मांग की गईं। बैठक में मुख्यतया अध्यक्ष पल्लब मुकर्जी, महासचिव प्रभात सिंह, रणवीर सिंह, चन्द्रशेखर चौरसिया, संदीप राठौर, विजय गुप्ता, आलोक कुमार श्रीवास्तव,कृष्णा सारस्वत, सुनील यादव, राहुल सिंह, गौरव शुक्ला, कौशल किशोर वर्मा, आशीष कुमार, शिवम् त्रिपाठी, विशाल मलिक, रोहित कुमार, हिरदेश गोस्वामी, जगदीश पटेल, विशाल शर्मा, जितेन्द्र गुर्जर, अनुराग पाण्डेय, आशीष सिंह तोमर, संदीप प्रजापति, अशोक कुमार यादव, सुबोध झा, शरद प्रताप, अखिलेश सिंह, अजय द्विवेदी, अरविन्द चौहान, सुजीत कुमार सिंह, अंकुर भारद्वाज, संदीप तिवारी, सौरभ सिंह यादव, विपिन कुमार सिंह, दीपक नेगी, कुमार सौरभ, सी0 पी0 सिंह, अभिनव तिवारी, संजीव कुमार पटेल आदि उपस्थित रहे।

मुख्य मांग
1. ऊर्जा निगमों का एकीकरण किया जाये।
2. कार्य का स्वस्थ एवं प्रोत्साहनात्मक वातावरण बनाया जाये।
3. उत्पादन निगम में उत्पादन प्रोत्साहन भत्ता लागू किया जाये एवं वाहन व्यवस्था पूर्ववत बहाल रखी जाये।
4. क्षेत्रों में प्रायः हो रही मार-पीट की घटनाओं को देखते हुए अभियन्ताओं एवं उनकी टीम की सुरक्षा की गारण्टी के दृष्टिगत इंजीनियर्स प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्र लागू किया जाये।
5. पावर कारपोरेशन के रिक्त पदों पर शीघ्र पदोन्नतियों के आदेश जारी किये जायें।
6. विद्युत दुर्घटनाओं में क्षतिपूर्ति के लिए थर्ड पार्टी इन्श्योरेंस की व्यवस्था की जाये।
7. बिजली थानों की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाये, तहरीर देते ही तत्काल एफ0आई0आर0 दर्ज हो तथा इस व्यवस्था को सुगम किया जाये।
8. कस्टमर केयर 1912 व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए क्षेत्रीय अभियन्ताओं के कार्य का समय निर्धारित करते हुए पारिवारिक एवं सम्बन्धित जीवन का संरक्षण किया जाये।
9. द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से अभियन्ताओं की ज्वलन्त समस्याओं का समाधान किया जाये।
10. ऊर्जा निगमों में पुरानी पेंशन बहाली की जाये एवं कैशलेस मेडिकल सुविधा लागू की जाये।

विपणन अधिकारियों के आन्दोलन के चलते खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग हड़ताल पर रोक

खाद्य रसद विभाग के विपणन सवर्ग के अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा चलाए जा रहे आन्दोलन के बीच प्रदेश के खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू ने बताया कि खाद्य एवं रसद विभाग कि सेवाओं के निष्पादन में आ रही कठिनाई एवं जन सामान्य को हो रही असुविधा के दृष्टिगत खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधीन प्रत्येक सेवा में हड़ताल को छः माह की अवधि के लिए निषिद्ध कर दिया गया है। इस संबंध में प्रदेश के समस्त मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को खाद्य एवं रसद विभाग की योजनाओं का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।खाद्य आयुक्त ने बताया कि यह निर्णय यूपी फूड एण्ड सिविल सप्लाइज ऑफिसर्स/इंस्पेक्टर्स एसोसिएशन द्वारा 11 जुलाई, 2022 से की जा रही हड़ताल/आन्दोलन से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के साथ-साथ आम जनमानस से जुड़ी खाद्यान्न क्रय,वितरण आदि समस्त सेवाएं प्रभावित होने के दृष्टिगत लिया गया है।खाद्य आयुक्त ने बताया कि खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा मुख्य रूप से सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जाता है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत उचित दर विक्रेताओं के माध्यम से खाद्यान्न आदि का वितरण सतत चलने वाली योजना है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के सी.एम.आर. सम्प्रदान की कार्यवाही गतिमान है और आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत धान क्रय की तैयारी भी प्रारंभ है।

अभियान में 24.27 किलो प्रतिबंधित प्लास्टिक पॉलिथीन जब्त,35,380जुर्माना

सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाये गये प्रतिबन्ध को प्रभावी तरीके से लागू किए जाने के उद्देश्य से नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह के आदेशानुसार नगर निगम लखनऊ द्वारा समस्त जोन क्षेत्रो में वृहद अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में जोनल अधिकारी,अधीक्षक प्रवर्तन, राजस्व निरीक्षक प्रवर्तन दल सहित 296 विभाग की टीम एवं पुलिस बल की उपस्थित में नगर निगम के अंतर्गत समस्त आठ जोनों में चले अभियान के तहत लगभग 24.27 किलो प्रतिबंधित प्लास्टिक पॉलिथीन जब्त कर 35,380 रुपये का जुर्माना वसूला किया गया।अभियान में जोनवार स्थिति के अनुसार ज़ोन-01 क्षेत्रान्तर्गत हजरतगंज वार्ड में नवल किशोर रोड पर प्रतिबन्धित पॉलिथीन के विरूद्ध अभियान चलाया गया। जिसमें 3 दुकानदारों से लगभग 1.2 ग्राम प्रतिबन्धित पॉलिथीन जब्त की गयी एवं 7000 जुर्माना वसूल किया गया। जोन-2 क्षेत्रान्तर्गत राजेन्द्र नगर वार्ड में राजेंद्र नगर ढाल, राजेन्द्र नगर पानी की टंकी एवं सुभाष मार्ग पर विशेष अभियान के तहत लगभग 2 किग्रा प्रतिबंधित प्लास्टिक,पॉलिथीन जब्त कर 1500 रु का जुर्माना वसूला गया। जोन-04- क्षत्रान्तर्गत पत्रकार पुरम चौराह, विनय खण्ड, विवेक खण्ड के आस पास विशेष अभियान के तहत लगभग 3 किलो पॉलिथीन को जब्त किया गया तथा मौके पर सिंगल यूज प्लास्टिक शुल्क के रूप में 3000 रु का जुर्माना वसूला गया। जोन 5- क्षेत्रान्तर्गत 10 वार्डाे में विशेष अभियान के तहत लगभग 5 किलोग्राम पॉलीथिन जब्त करते हुए 1000.00 का जुर्माना वसूल किया गया। जोन-6 क्षेत्रान्तर्गत चलाये गए विशेष अभियान के तहत लगभग 2.470 किलोग्राम पालिथिन जब्त किया गया और जुर्माने के रूप में 6000 वसूल किया गया।ज़ोन-07 क्षेत्रान्तर्गत समस्त वार्डाे में अभियान चलाया गया जिसमें लगभग 1.6 किलोग्राम पॉलीथिन जप्त की गयी तथा मौके पर 6080.00 का जुर्माना वसूल किया गया एवं भविष्य में पॉलीथिन प्रयोग न करने व गंदगी कचरा न फैलाने के सम्बन्ध में सचेत भी किया गया।ज़ोन-08 क्षेत्रान्तर्गत अलग-अलग वार्ड खरिका प्रथम के तेलीबाग मार्केट, इब्राहिमपुर द्वितीय के एल्डिको प्लाजा के पास, शारदा नगर प्रथम के बंगला बाजार, शारदा नगर द्वितीय के रजनीखण्ड, विद्यावती प्रथम के पावर व इब्राहिमपुर प्रथम के पी०जी०आई मार्केट में विशेष अभियान के तहत लगभग 09 कि.ग्रा. प्लास्टिक जब्त की गयी एवं 10,800 शमन शुल्क वसूला गया।

तीन दिन में 53 सुअरों की मृत्यु, एनएसए ने किया निरीक्षण, सुअर पालन सीमा से बाहर करने के निर्देश

फैजुल्लागंज वार्ड में काफी संख्या में सुअरों की आकस्मिक अस्वाभाविक रूप से हो रही मृत्यु की जानकारी प्राप्त होते ही उक्त परिक्षेत्र का भ्रमण नगर स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा किया गया।क्षेत्र में तीन दिन के अन्दर 53 सुअरों की मौत के बाद क्षेत्र में पहुचे नगर स्वास्थ अधिकारी ने आज आस्वाभिवक मृत्यु के शिकार दस सुअरों को सुनसान स्थान पर दफन करवाया इससे पूर्व एक शव का पोस्टमार्टम कराकर कर बिसरा सुरक्षित रखा गया। इस दौरान सुअर पालकों तथा जोनल सेनेटरी अधिकारी को निर्देश दिए गए कि सुअरों का पालन हर हाल हाल में नगर निगम सीमा से बाहर किया जाए।भ्रमण के दौरान पता चला कि फैजुल्लागंज के नयापुरवा गांव के निवासी रामकुमार द्वारा लगभग 100 सुअर पाल रखे गये हैं। इनमे से 24 सुअर दिनाँक 14 जुलाई को, 19 सुअर 15 जुलाई एवं 10 सुअरो की आज अचानक अस्वाभिक मृत्यु हो गयी है। इसके अतिरिक्त क्षेत्र में अन्य पालकों के सुअरों की भी अस्वाभाविक आकस्मिक मृत्यु हो रही है। क्षेत्र के सुअरपालको द्वारा बताया गया कि अधिकतर सुअरो का शरीर पिछले भाग से लकवाग्रस्त हो जाता हैं, तद्पश्चात 24 से 48 घण्टे में मृत्यु हो जाती है। इनकी मृत्यु का कारण जाँच का विषय है। भ्रमण के समय पशु कल्याण अधिकारी, जोन-03 के जोनल अधिकारी, जोनल सेनेटरी अधिकारी क्षेत्रीय सफाई खाद्य निरीक्षक के साथ-साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मिलिंदवर्धन मेडिकल टीम सहित उपस्थित रहे। सुअरों की अचानक अस्वाभाविक मृत्यु का कारण जानने हेतु पशु चिकित्साधिकारी द्वारा गोमती नदी के किनारे बैरल संख्या 02 के पास विडियों कवरेज में एक मृत सुअर का पोस्टमार्टम करते हुए लीवर, तिल्ली व अन्य आवश्यक अंगों का सुरक्षित किया गया है। आज मृत सभी सुअरों को गोमती नदी के किनारे बैरल संख्या 02 के पास गहरा गड्डा खोदकर दफनाया गया है।समस्त सुअरपालको को अपने-अपने सुअरों को आज ही नगर निगम लखनऊ की सीमा से बाहर किये जाने हेतु निर्देश दिये गये हैं। जोनल सेनेटरी अधिकारी जोन-03 को निर्देश दिये गये है कि इस क्षेत्र में पुनः निरीक्षण कर सभी सुअरों को नगर निगम सीमा से बाहर किये जाने हेतु नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करायें।

उपमुख्य मंत्री के निर्देश पर हैदर कैनल की पुनः सफाई

उपमुख्यमंत्री, उ.प्र. सरकार बृजेश पाठक 15 जुलाई 22 को नगर निगम के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन में हैदर कैनाल नाले की सफाई का कार्य एक बार पुनः कराया गया।हैदर कैनाल नाले की पुनः सफाई हेतु नगर निगम के आर.आर. विभाग द्वारा दो पोकलेंड मशीन, दो ट्रैक्टर ट्राली सहित दो दर्जन से अधिक श्रमिको को लगाकर सफाई का कार्य संपन्न कराया गया।ज्ञात हो कि बारिश में हैदर कैनाल राजाजीपुरम, मवैया समेत कई इलाकों की मुसीबत बन जाता है।पिछले दिनो नाले के मुहाने पर कई कुंतल कूड़ा निकाला जा चुका है। इस नाले की लम्बाई लगभग 13 किलोमीटर है और जिसकी सफाई बड़ी मशीनों से की गई है। यह नाला हरदोई रोड से शुरू है। यह राजाजीपुरम, पारा, मवैया, ऐशबाग, चारबाग, केकेसी, सदर, राजभवन, कालीदास मार्ग होते हुए गोमती नदी तक पहुंचता है। नगर निगम का दावा है कि ज्यादातर नाले पूरी तरह साफ हो चुके हैं।

जल जीवन मिशन ने बुंदेलखंड के बड़े हिस्से का जीवन बदला: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को जालौन में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उदघाटन करते हुए अपने भाषण में जल जीवन मिशन से जन-जन को मिल रहे लाभ की तारीफ की। उन्होंने यूपी के विकास की रफ्तार में जल जीवन मिशन की हर घर नल योजना का जिक्र किया। विभिन्न बांध परियोजनाओं और नदियों के पानी को ज्यादा से ज्यादा लागों तक पहुंचाने के लिए किये जा रहे प्रयासों को भी मत्वपूर्ण बताया। पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि बुंदेलखंड को हमारे सामाजिक न्याय भरे कार्यों से बहुत लाभ हो रहा है।जल जीवन मिशन की उपलब्धियों को गिनाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बुदेलखंड की एक और चुनौती को कम करने के लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है। हर घर तक पाइप से पानी पहुंचाने के लिए हम जल जीवन मिशन पर काम कर रहे हैं। इस मिशन के तहत बुंदेलखंड के लाखों परिवारों को पानी का कनेक्शन दिया जा चुका है। इसका बहुत बड़ा लाभ हमारी माताओं, हमारी बहनों को हुआ है। उनके जीवन में मुश्किलें कम हुई हैं। हम बुंदेलखंड में नदियों के पानी को ज्यादा से ज्यादा लागों तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहें। रतौली बांध परियोजना, भावनी बांध परियोजना, मजगांव जिल्ली स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजना ऐसे ही प्रयासों का परिणाम है। केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए हजारों करोड़ रुपये स्वीकृत किये जा चुके हैं। इससे बुंदेलखंड के बहुत बड़े हिस्से का जीवन बदलने वाला है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जालौन में कहा कि मेरा बुंदेलखंड के साथियों से एक और आग्रह भी है आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर देश के अमृत सरोवरों के निर्माण का संकल्प लिया है। बुंदेलखंड के हर जिले में भी 75 अमृत सरोवर बनाए जाएंगे। जल सुरक्षा के लिए आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ा काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैं आज आप सभी से कहूंगा कि इस नेक काम में मदद के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में आगे आएं। अमृत सरोवर के लिए गांव-गांव कारसेवा का अभियान चलना चाहिये। अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि दशकों से अधूरी सिंचाई सुविधाएं पूरी कर रहे हैं, छोटे-बड़े अनेक डैम बना रहे हैं। ताकि गरीब का, किसान का जीवन आसान बने।

Aaj National

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