LUCKNOW:सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा आज नहाय खाय से शुरू

लखनऊ। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में विशेष रूप से मनाया जाने वाला भगवान भास्कर का महापर्व छठ पूजा शुक्रवार से नहाय खाय के साथ शुरू हो गया और 31 अक्टूबर को उगते सूर्य भगवान की आराधना तथा अर्घ्य देकर महाव्रत का समापन हो जायेगा। भारतीय सनातन संस्कृति के विद्वान पं. गोरख नाथ मिश्र के अनुसार छठ व्रत सूर्य की उपासना का महाव्रत है। चार दिन तक व्रती महिलाएं कठिन साधना करती हैं। इस व्रत में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है। मिश्र के अनुसार राजा प्रियंवद और रानी मालिनी को कोई संतान नहीं थी। महर्षि कश्यप के कहने पर इस दंपत्ती ने यज्ञ किया जिससे पुत्र की प्राप्ति हुई। दुर्भाग्य से नवजात मृत पैदा हुआ। राजा-रानी प्राण त्याग के लिए आतुर हुए तो ब्रह्मा की मानस पुत्री देवसेना प्रकट हुईं। उन्होंने राजा से कहा कि सृष्टि की मूल प्रवृति के छठे अंश से पैदा हुई हूं। इसलिए षष्ठी कहलाती हूं। उनकी पूजा करने से संतान की प्राप्ति होगी। राजा-रानी ने षष्ठी व्रत किया और उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई। मान्यता है कि पांडव जुए में जब राजपाठ हार गए तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा था, जिससे राजपाठ वापस मिला था। माना जाता है कि महाभारत काल में छठ पूजा की शुरूआत सूर्य पुत्र कर्ण ने की थी। सूर्य की कृपा से वह महान योद्धा बने। इस महापर्व की शुरूआत 28 अक्टूबर को नहाय-खाय से शुरू हो गई और 31 अक्टूबर को उगते सूरज की आराधना तथा अर्घ्य देकर समाप्त हो जायेगी। छठ के पहले दिन व्रती महिलाएं सिर धोकर स्रान करती हैं और नाखून काटकर शरीरिक स्वच्छता का पूरा ध्यान रखते हुए पूजा की शुरुआत करती हैं। व्रत के दूसरे दिन 29 अक्टूबर को खरना होगा। इस दिन व्रती महिलाएं निर्जला व्रत रहेंगी। इसके अगले दिन 30 अक्टूबर को सायं अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी और 31 अक्टूबर को व्रती महिलायें तथा पुरुष उदयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करेंगे। माना जाता है कि सूर्य की उपासना से मानव के सारे पाप कट जाते हैं।गौरतलब है कि छठ पूजा का महापर्व आज पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड से शुरू होकर देश के कोने-कोने के साथ विदेशों में भी श्रद्धा पूर्वक मनाया जाता है। छठ पर्व में साफ-सफाई के नियमों का विशेष पालन करना होता है। छठी माता की पूजा में घर पर तामसी भोजन, मंदिरा, लहसुन-प्याज का प्रयोग करना वर्जित होता है। मान्यता है कि छठ व्रत करने से घर पर सुख-शांति आती है तथा इस व्रत से संतान और सुहाग की आयु लंबी होती है।

छठ पूजा व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने के लिए अधिकारी नामित- अभिजात

प्रदेश के प्रमुख नगरीय निकायों में छठ पूजा के दौरान सभी व्यवस्थायें चाक-चौबंद रखने एवं प्रदेश सरकार के निर्देशों के अनुसार व्यवस्था को सुनिश्चित कराये जाने हेतु नगर विकास विभाग के अधिकारियों की विभिन्न जनपदों में ड्यूटी लगाई गयी है। सभी अधिकारी 30 अक्टूरब तक आवंटित जनपदों का भ्रमण कर  व्यवस्थायें सुनिश्चित करायेंगे एवं छठ पूजा से संबंधित अन्य कार्यों का भी अनुश्रवण करेंगे।प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने यह जानकारी देते हुए बताया कि गोरखपुर में मैं स्वयं मानीटरिंग करूगा। महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया में अपर
निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय पीके श्रीवास्तव, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर में विशेष सचिव सुनील चौधरी, आजमगढ़, मऊ, बलिया में विशेष सचिव बराती लाल, जौनपुर, गाजीपुर, सुल्तानपुर में विशेष सचिव अनिल कुमार, वाराणसी, चंदौली निदेशक सूडा यशु रूस्तगी, मिर्जापुर में सचिव नगर विकास अनिल कुमार, गोण्डा, बहराइच में संयुक्त प्रबंध निदेशक जल निगम ज्ञानेन्द्र सिंह, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, बाराबंकी मे निदेशक स्थानीय निकाय  नेहा शर्मा, लखनऊ, शाहजहांपुर में अपर निदेशक सूडा जे रीभा,
मथुरा, आगरा, गाजियाबाद में विशेष सचिव राजेन्द्र पेंसिया तथा प्रयागराज में विशेष सचिव नगर विकास अमित  सिंह की तैनाती की गई है।प्रमुख सचिव ने कहा कि छठ पूजा के दौरान स्वच्छ भारत मिशन गाइडलाइन्स व स्वच्छता सम्बंधी दिशा-निर्देशों का अनुपालन बेहतर व समुचित ढंग से सुनिश्चित कराने वाली निकायों कोे प्रोत्साहित करने हेतु 04 नवम्बर को पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन भी किया जाना प्रस्तावित है। पुरस्कार के मूल्यांकन मानदण्डों का निर्धारण राज्य मिशन निदेशक, स्वच्छ भारत मिशन नगरीय द्वारा किया जायेगा।

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