LUCKNOW:सड़कों पर थूकने व मूत्र विसर्जन वालों पर 3900 का जुर्माना,क्लिक कर देखें और भी खबरें

  • प्रेम शर्मा

लखनऊ। शहर के सौन्दर्यीकरण की निरन्तरता को भविष्य हेतु भी बनाए रखने के लिए ‘थूकना मना है’ अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में थूकने, गंदगी करने, लिटरिंग, खुले में मूत्र विसर्जन के प्रति जीरो टॉलरेंस सुनिश्चित किया जा रहा है तथा नगर के सौंदर्य को खराब करने वालों से जुर्माना वसूलने व चालान की कार्यवाही की जा रही है। आज कुल 21 चालान के तहत रु. 3900 का जुर्माना लगाकर धनराशि वसूल की गई।अभियान में उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली 2021 के अन्तर्गत सार्वजनिक स्थानोंध्रेड एवं येलो स्पॉट पर पर थूकने, पेशाब करने, मल त्यागने समेत अन्य गंदगी करने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। अभियान के तहत आज जोन-01 में अभियान के तहत कुल 08 चालान कर  चलाये गये अभियान में 01 चालान करते हुए 150, जोन-05 में चलाये गये अभियान में 06 चालान करते हुए 850 वसूल, जोन-06 में चलाये गये अभियान में 01 चालान करते हुए 250 और जोन-08 में चलाये गये अभियान में 05 चालान करते हुए 1750 रूपये वसूल किये गये।

बकाएदारों से नगर निगम ने वसूला सात लाख

नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह के निर्देशानुसार लखनऊ नगर में गृहकर के बड़े बकायेदारो के विरूद्ध कुर्की व वसूली अभियान जिस जोन में चलाकर सीलिंग की कार्यवाही की गई। शनिवार को बड़े बकाएदारों से सात लाख बीस हजार रूपये जमा कराये गए।जोन-2- जोनल अधिकारी मनोज कुमार यादव के नेतृत्व में वार्ड ऐशबाग, राजाबाजार, यहियागंज, नगर में बड़े बकायेदार राशीद अली का मौके पर भगुतान 790000.00 के सापेक्ष में 300000.00 रूपये की चेक प्राप्त हुई है। वार्ड राजाबाजार से 52173.00 एवं 40000.00 व वार्ड यहियगंज से 28424.00 कुल भुगतान 420597.00 वसूल किया गया।

मुख्यमंत्री से ऊर्जा निगमों में टकराव टालने हस्तक्षेप की अपील
समझौते का पालन न होने से रोष: 16 मार्च की रात्रि से 72 घण्टे की हड़ताल

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के नकारात्मक रवैये के चलते बने अनावश्यक टकराव को टालने हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप करने की अपील की है। आज लखनऊ में संघर्ष समिति द्वारा आयोजित प्रदेशव्यापी आम सभा में प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री से ऊर्जा निगमो में कार्य का स्वस्थ वातावरण बनाये जाने हेतु प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की गयी।संघर्ष समिति द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया कि ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा एवं मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार अवनीश अवस्थी के साथ विगत 03 दिसम्बर को हुए लिखित समझौते का क्रियान्वयन न होने से बिजली कर्मियों में भारी रोष व्याप्त है। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि समझौते के क्रियान्वयन में सबसे बड़ी बाधा ऊर्जा निगमों के चेयरमैन  एम देवराज का रवैय्या है जो कि ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते को मानने से इंकार कर रहे हैं। ऊर्जा निगमों के चेयरमैन का रवैया इतना नकारात्मक है कि वे शक्तिभवन में उपस्थित रहते हुए भी अपर मुख्य सचिव(ऊर्जा) से संघर्ष समिति की वार्ता में उपस्थित नहीं रहते हैं।इस प्रकार वे मा. ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते के प्रति सार्वजनिक रूप से अनादर व्यक्त कर रहे हैं, जिससे बिजली कर्मियों में रोष बढ़ता जा रहा है।संघर्ष समिति की आम सभा में यह चेतावनी दी गयी कि यदि 16 मार्च तक ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते का क्रियान्वयन सुनिश्चित न किया गया तो 16 मार्च कि रात्रि 10 बजे से उप्र के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, अभियन्ता एवं निविदाध्संविदा कर्मी 72 घण्टे की हड़ताल पर जाने हेतु बाध्य होंगे जिससे उत्पन्न होने वाली किसी भी परिस्थिति का पूर्ण उत्तरदायित्व ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन का होगा। हड़ताल पर जाने के पूर्व बिजली कर्मी 14 मार्च को प्रदेश के सभी जनपदों व बिजली परियोजनाओं पर शान्तिपूर्वक मशाल जुलूस निकालेंगे। 15 मार्च को प्रातः 10 बजे से हड़ताल प्रारम्भ करने से पूर्व तक अर्थात् 16 मार्च की रात्रि 10 बजे बिजलीकर्मी कार्य बहिष्कार करेंगे।संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उक्त लोकतांत्रिक ध्यानाकर्षण के कारण किसी भी बिजलीकर्मी का उत्पीड़न किया गया तो उसी समय प्रदेशभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रारम्भ हो जायेगी और साथ ही सामूहिक जेल भरो आन्दोलन प्रारम्भ कर दिया जायेगा।आज सभा में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों में राजीव कुमार सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, जय प्रकाश, जी.वी. पटेल, मनीष कुमार मिश्र, गिरीश कुमार पाण्डेय, महेन्द्र राय, सुहैल आबिद, पी के दीक्षित, शशिकान्त श्रीवास्तव, मोहम्मद वसीम, छोटे लाल दीक्षित, आर वाई शुक्ला, योगेन्द्र कुमार, विशम्भर सिंह, राम सहारे वर्मा, शम्भू रतन दीक्षित, पी एस बाजपेयी, जी.पी. सिंह, रफीक अहमद, आर.के. सिंह, देवेन्द्र पाण्डेय ने सम्बोधित किया।

दुनिया की सबसे बड़ी पेयजल योजना बनेगा खटान और अमलीकौर ग्राम समूह

दुनिया की सबसे बड़ी ग्रामीण पेयजल योजनाओं में शामिल होने जा रही बांदा की खटान एवं अमलीकौर ग्राम समूह पेयजल योजना का काउंट डाउन शुरू होने वाला है। इन परियोजनाओं का काम पूरा होने की कगार पर पहुंच चुका है। बहुत जल्द बांदा के ग्रामीण इलाकों में रहने वाली बड़ी आबादी को इन दोनों योजनाओं से स्वच्छ पेयजल की सौगात मिलने लगेगी। शनिवार को बांदा पहुंचे नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने योगी सरकार की प्राथमिकता वाली दोनों ही महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा की और बैठक के बाद अमलीकौर ग्राम समूह पेयजल योजना का अधिकारियों के साथ निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से समय पर निर्माण कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिये। धीमी गति से काम करने वाले अधिकारियों की फटकार लगाई। चेतावनी देते हुए कहा कि निर्माण कार्यों में क्वालिटी से समझौता बिलकुल बर्दाशत नहीं किया जाएगा। समीक्षा बैठक और निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी बांदा श्रीमती दीपा रंजन के साथ विभाग के अधिशासी अभियंता और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने समीक्षा बैठक के दौरान प्रत्येक निर्माण साइट के इंटेकवेल, डब्घ्ल्घ्यूटीपी, सीडब्घ्ल्घ्यूआर, ओएचटी, पाइप लाइन बिछाए जाने की प्रगति जानी। रिपोर्टेड और सर्टिफाइड ग्रामों की जानकारी लेने के साथ पाइप लाइन बिछाए जाने के साथ सड़क निर्माण कराए जाने की भी रिपोर्ट ली। उन्होंने अधिकारियों से कार्य को तीव्र गति से पूरा करने के निर्देश दिये, साथ ही धीमी गति से काम करने वाले अधिकारियों की फटकार भी लगाई। उन्होंने अधिशासी अभियंताओं को गांव-गांव जाकर पाइप लाइन का काम देखने और जलापूर्ति को सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। इसके बाद अमलीकौर ग्राम समूह पेयजल योजना के स्थलीय निरीक्षण के दौरान परियोजनाओं के वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों और इंटेकवेल को भी देखा। सप्लाई से पूर्व की जो भी तैयारी है उसे जल्द पूरा करने के निर्देश दिये। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी समय-समय पर इन योजनाओं का संज्ञान लेते रहे हैं। लगातार इसके लिये अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी देते रहते हैं। उनकी मंशा है कि गरीबों के घरों में जल्द पेयजल आपूर्ति शुरू हो।अमलीकौर ग्राम समूह पेयजल परियोजना नलकूप और सर्फेस वाटर आधारित योजना है। इस परियोजना में बांदा जनपद की तीन तहसीलों बांदा सदर, पैलानी व बबेरू की 167 ग्राम पंचायतों के 243 गांव शामिल हैं। सर्फेस वाटर के तहत 106 एमएलडी की क्षमता का एक इंटेकवेल यमुना नदी के किनारे बनाया जा रहा है। 13 सीडब्यूआर का निर्माण किया जा रहा है। 50 पानी की टंकियों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। 1887 किमी पाइप लाइन में से 1694 किमी पाइप लाइन बिछा दी गई है। 49642 कनेक्श न दिये जा चुके हैं। ग्राउंड वाटर के तहत 31 नलकूपों के निर्माण के साथ उनके पम्पक हाउस भी बनकर तैयार हैं। 31 नलकूपों की 26 पानी की टंकियां बनाई जा चुकी हैं। 246 किमी पाइप लाइन बिछाने के साथ 10829 कनेक्शकन देकर जलापूर्ति दी जा रही है।खटान पेयजल योजना से बांदा जनपद के 237 ग्रामपंचायतों के 374 गांव को पानी सप्ला्ई दी जानी है। इनमें बबेरू, अतर्रा, नरैनी तहसील के गांव शामिल हैं।

Prem Sharma

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *