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-( पटना ब्यूरो )
बिहार (पटना) :समाजसेवी लक्ष्मी सिन्हा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सुभाष चंद्र बोस ने कहा था ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा।’देशभक्ति से ओतप्रोत यह नारा आज भी लोगों में जोश भर देता है। आज आजादी के 75 साल बाद राजनीतिक दल कहते हैं कि तुम मुझे वोट दो मैं तुम्हें भर- भर के रेवड़ियां (मुफ्त की सुविधाएं) दूंगा। यह रेवड़ी संस्कृति किस हद तक देश को खोखला कर रही है, अभी यह बात अधिकतर जनता के परे हैं। जनता तो मुफ्त की बिजली, पानी, राशन आदि में ही खुश है।
समाजसेवी लक्ष्मी सिन्हा ने कहा कि जो जितनी ज्यादा रेवड़ियां देने का वादा करता है, जनता का आकर्षक उसी की ओर ज्यादा रहता है। चुनाव के समय खुलेआम बिकने वाली मुफ्त की सुविधाओं के कारण राज्य के वित्तीय संसाधनों पर कितना बड़ा असर पड़ता है, इसका इटीक विश्लेषण किया गया है। इस प्रकार के लोकलुभावन वादे पटाखों के समान होते हैं, जो तेज आवाज और रोशनी देकर क्षणिक सुख देते हैं, पर उनसे होने वाला प्रदूषण हर किसी को प्रभावित करता है।
श्रीमती सिन्हा ने आगे कहा की समस्या सिर्फ यहीं समाप्त नहीं होती, यह रेवड़ी संस्कृति जनता को निष्क्रियता की ओर धकेलती जा रही है। साथ ही बिना कुछ किए मुफ्त में सुविधाएं मिलने से संसाधनों का दुरुपयोग होना भी स्वाभाविक है। समय आ गया है कि जनता दूर से मीठी दिखने वाली रेवड़ियों के तीखेपन को पहचाने और समझे की देश का विकास मुफ्त की सुविधाओं में नहीं, अपितु प्रशासन और जनता की ईमानदारी पर निर्भर करता है।
समाजसेवी लक्ष्मी सिन्हा ने कहा कि यदि लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना ही लक्ष्य है तो सरकारों को उन्हें तत्कालीन मदद के जरिए खुद पर आश्रित करने के बजाय वृद्धि के ऐसे पौधे रोपने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिससे लोगों को निरंतर रूप से फल प्राप्त होते रहे।