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प्रेम शर्मा
लखनऊ। नगर निगम लखनऊ की बहुमंजिली आवासीय परियोजना ‘‘अहाना एन्क्लेव’’ के निर्माण कार्याे की प्रगति की समीक्षा प्रमुख सचिव, नगर विकास विभाग उत्तर प्रदेश शासन अमृत अभिजात द्वारा स्थलीय निरीक्षण के साथ की गई। स्थलीय निरीक्षण में परियोजनान्तर्गत कार्यों की प्रगति धीमी पायी जाने पर प्रमुख सचिव द्वारा मौके पर उपस्थित अधिकारियों को योजनान्तर्गत कार्यों को प्रभावी पर्यवेक्षण करने के निर्देश निर्गत दिए गए।नगर निगम द्वारा निर्मित किये जा रहे 12 टावरों में 528 फ्लैट्स के निर्माण कार्यों की प्रगति लगभग 70 प्रतिशत बतायी गयी। समयबद्ध रूप से कार्य पूर्ण कराने हेतु निर्माण कार्यों में तीव्रता लाये जाने तथा नियमानुसार 2 पालियां में कार्य कराने के निर्देश दिए गए।विद्युतीकरण का कार्य 01 माह के अन्तर्गत समयबद्ध रूप से पूर्ण करते हुए अनुपालन आख्या प्रस्तुत की जाय।स्थल निरीक्षण के दौरान बताया गया कि नगर निगम लखनऊ द्वारा निर्गत म्यूनिसिपल बॉण्ड उत्तर भारत में किसी भी नगर निकाय द्वारा निर्गत किया गया प्रथम बॉण्ड है, जिसके दृष्टिगत बॉण्ड की रेटिंग व इससे अर्जित धनराशि को निवेशकों को निश्चित ब्याज़ दर के अनुसार समयबद्ध रूप से ब्याज़ सहित वापस किया जाना निगम की प्राथमिकता है। चूंकि नगर निगम द्वारा कार्यान्वित की जा रही अहाना एन्क्लेव आवासीय परियोजना का क्रिर्यान्वयन म्यूनिसिपल बॉण्ड से प्राप्त धनराशि से किया जा रहा है, अतः उक्त परियोजना को समयबद्ध रूप से पूर्ण करना एवं फ्लैट्स के आवंटियों को समयबद्ध रूप से कब्ज़ा दिया जाना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उक्त परियोजना लगभग 5.0160 हे. भूमि पर निर्मित की जा रही है जिसके अन्तर्गत विभिन्न श्रेणियों के 18 टावरों में 684 फ्लैट्स के निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। परियोजना के अन्तर्गत हरित क्षेत्र के रूप में पार्क; एस.टी.पी.; कम्यूनिटी सेन्टर; पार्किंग इत्यादि का प्राविधान भी किया गया है।उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमि. द्वारा निर्मित किये जा रहे 06 टावरों में निर्माण कार्यों की प्रगति धीमी पाई गई। निरीक्षण में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमि0 के वरिष्ठ अधिकारियों यथा महाप्रबन्धक/प्रबन्ध निदेशक की अनुपस्थिति पर असन्तोष व्यक्त किया गया। शिथिल प्रगति के दृष्टिगत नगर आयुक्त को उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमि. द्वारा किये जा रहे निर्माण कार्यों को सःसमय कार्य पूर्ण किये जाने सम्बन्धी शपथ-पत्र प्राप्त करने सम्बन्धी निर्देश निर्गत किये गये। परियोजना के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए निर्देशित किया गया कि प्रत्येक सप्ताह नगर आयुक्त की अध्यक्षता में कार्यस्थल पर प्रगतिधीन कार्यों की बैठक आहूत की जायेगी, जिसमें समस्त बिन्दुओं पर विचार-विमर्श कर एवं स्थलीय समस्याओं का निराकरण करते हुए सघन समीक्षा की जाये। प्रत्येक 15 दिवस के अन्तर्गत कार्यों की प्रगति की आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। निर्देशित किया गया कि वृक्षारोपण, सरोवर विकसित करने व पार्क निर्माण सम्बन्धी कार्य शीघ्र प्रारम्भ कर दिये जायें ताकि उक्त कार्यों को तीव्र गति से कराते हुए समयबद्ध रूप से पूर्ण किये जा सकें। वृक्षों के चयन के सम्बन्ध में जनोपयोगी वृक्षों को लगाये जाने हेतु निर्देशित किया गया।म्यूनिसिपल बॉण्ड से सम्बन्धित समस्त वित्तीय अनुपालनों के सम्बन्ध में निर्देशित किया गया कि मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी, नगर निगम लखनऊ द्वारा प्रत्येक सप्ताह म्यूनिसिपल बॉण्ड वित्तीय अनुपालनों की समीक्षा बैठक की जाये जिसकी अनुपालन आख्या भी प्रस्तुत की जायेगी।परियोजना के वृहद प्रचार-प्रसार के दृष्टिगत निर्देशित किया गया कि नवरात्री इत्यादि त्याहारों पर फ्लेट्स के विक्रय के सम्बन्ध में वृहद कैम्प/शिविर लगाकर फ्लैट्स का विक्रय सुनिश्चित किया जाये।
निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, अपरनगर आयुक्त अभय पाण्डेय,मुख्य अभियन्ता (सिविल) महेश चन्द्र वर्मा, परियेजना प्रबन्धक एस.सी. सिंह, अधिशासी अभियन्ता (सिविल) अतुल मिश्रा, अपर परियोजना प्रबन्धक, उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमि. अतुल सिन्हा,सहायक अभियन्ता आलोक श्रीवास्तव, सहायक अभियन्ता ईशान कुमार, उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमि के सहायक अभियन्ता महेन्द्र सिंह, अवर अभियन्ता (सिविल) विकास सिंह, अवर अभियन्ता (वि./यॉ.) आशुतोष टण्डन,मेसर्स राजीव कुमार एण्ड एसोसियेट्स के प्रतिनिधि श्री प्रतेष राज तथा समस्त कार्यदायी संस्थाओं/फर्मों के अधिकृति प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
ऊर्जा क्षेत्र में निजी करण की उल्टी गिनती, विदेशी कोयले की रोक का स्वागत
पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने किया ऐलान इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 पर एसोसिएशन स्टैंडिंग कमेटी को भेजेगा विस्तृत प्रस्ताव और इस बिल को वापस लेने की मांग करेगा। जरूरत पडने पर स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों से मुलाकात करेगा। देश में निजी करण पर काफी बहस और चर्चा छिडी हुई है वही उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ऊर्जा क्षेत्र में निजीकरण के पहले प्रयोग नोएडा पावर कंपनी जिसका लाइसेंस 30 अगस्त 2023 को 30 वर्ष होने के उपरांत समाप्त हो रहा है के मामले में लाइसेंस को आगे नवीनीकरण ना करने का निर्णय ऊर्जा क्षेत्र के लिए भारी खुशखबरी है। पावर ऑफिसर एसोसिएशन के कोर ग्रुप ने आज सरकार के इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा उत्तर प्रदेश में निजी करण को बढावा ना देने के लिए सरकार द्वारा लिया गया निर्णय प्रदेश के उपभोक्ताओं व बिजली निगमों के हितों में बडा फैसला है। सभी बिजली कंपनियों में कार्यरत पावर ऑफिसर एसोसिएशन के दलित व पिछडे वर्ग के अभियंता व कार्मिक उत्तर प्रदेश सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हैं।उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा उपाध्यक्ष एस पी सिंह सचिवी आर पी केन,अतिरिक्त महासचिव अजय कुमार ने कहा नोएडा पावर कंपनी के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया निर्णय ऊर्जा निगम के लिए मील का पत्थर साबित होगा अपर मुख्य सचिव ऊर्जा द्वारा नोएडा पावर कंपनी को भेजी गई नोटिस से ऊर्जा निगमों में कार्यरत कार्मिकों में उत्साह का लहर है प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में ऊर्जा निगम आत्मनिर्भर बनने की दिशा में लगातार लगा हुआ है और समय-समय पर सरकार द्वारा लागू नीतियों व कार्पाेरेशन प्रबंधन द्वारा दिए जा रहे निर्देशों को लागू करा कर उपभोक्ता सेवा में सुधार के लिए अपना पूर्ण योगदान दे रहा है।पावर ऑफिसर एसोसिएशन का मानना है निजी करण कभी भी जनहित और ऊर्जा कार्मिकों के हित में नहीं है।विगत दिनों लोकसभा के पटल पर इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 को जिस प्रकार से ऊर्जा की स्टैंडिंग कमेटी में भेजा गया है उससे पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के सदस्य संतुष्ट बिल्कुल नहीं है क्योंकि यह अमेंडमेंट बिल निजीकरण को बढावा देगा इसलिए इसे वापस होना चाहिए बहुत जल्दी एसोसिएशन एक वृहद प्रस्ताव स्टैंडिंग कमेटी के सामने भेजेगा जिसमें बिंदुवार एसोसिएशन सभी विधिक तत्वों को कमेटी के सामने रखकर या सिद्ध करने की कोशिश करेगा कि अमेंडमेंट बिल ना ही प्रदेश के उपभोक्ताओं के हित में है और ना ही ऊर्जा निगमों के हित में है इसलिए केंद्र सरकार इसे वापस लेने पर विचार करें। एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल पर एसोसिएशन जहां अपनी बात स्टैंडिंग कमेटी के सामने रखेगा वही जरूरत पडने पर स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों से भी मुलाकात कर इस बिल को वापस लेने की पुरजोर वकालत करेगे ।