नयी दिल्ली:IASअधिकारियों को PM मोदी ने पढ़ाया पाठ

नई दिल्ली: PM नरेंद्र मोदी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के युवा अधिकारियों से फील्ड में काम करने का आग्रह करते हुए कहा कि अफसर को जमीनी स्तर पर स्थानीय लोगों से ज्यादा से ज्यादा संपर्क मजबूत करना चाहिए। आईएएस अधिकारी न केवल भारत सरकार में वरिष्ठ पदों को सुशोभित करते हैं बल्कि जिला और राज्यों में भी सरकारी कार्यों को अंजाम तक पहुंचाते हैं। आइए समझते हैं एक आईएएस अधिकारी के प्रशिक्षण से लेकर क्या-क्या काम होते हैं। यूपीएससी परीक्षा में अंतिम रिजल्ट में चुने जाने के बाद सभी अधिकारियों को मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी एडमिनिस्ट्रेशन में प्रशिक्षण के लिए जाना होता है। ट्रेनिंग के दौरान एक आईएएस अधिकारी को एक बेहद अनुसाशित दिनचर्या का पालन करना होता है। अकादमी में आम तौर कुछ ऐसी दिनचर्या होती है।आम तौर पर ये सारी गतिविधियां रात 9 बजे तक चलती है। खाने के बाद प्रशिक्षु अधिकारी आपस में बातचीत करते हैं और फिर अगले दिन की तैयारी में जुट जाते हैं। अधिकारियों के ट्रेनिंग के दौरान आसपास के ग्रामीण इलाकों में ले जाया जाता है ताकि उन्हें इन परिवेश की समझ हो पाए। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद अधिकारियों को अगल-अलग जगह असाइनमेंट दिए जाते हैं। आम तौर पर अधिकारियों को शुरू में तीन तरह के काम सौंपे जाते हैं। फील्ड वाली जिम्मेदारी सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण मानी जाती है। पीएम मोदी ने भी आईएएस अधिकारियों को फील्ड में ही ज्यादा वक्त बिताने का आग्रह किया है। आम तौर पर ट्रेनिंग के बाद अधिकारियों को फील्ड ड्यूटी में ही तैनात किया जाता है। यहां भी अलग-अलग
स्तर के काम की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। एसडीएम अधिकारी को कानून-व्यवस्था संभालने का जिम्मा सौंपा जाता है। ये अधिकारी सब डिविजन में विकास और प्रशासनिक कार्यों को देखता है। डीएम, कलेक्टर, डिप्टी कमिश्नर इनका काम भी जिला स्तर पर विकास और प्रशासनिक गतिविधियों को देखना है। आम तौर पर अधिकतर आईएएस अधिकारियों का फील्ड की जिम्मेदारी जिला स्तर पर खत्म हो जाती है। इसके बाद ये अधिकारी राज्य सरकार और राज्य सचिवालय, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग और केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर
पदास्थापित हो जाते हैं। आईएएस अधिकारी को जो फील्ड में अनुभव मिलता है उसके आधार पर उन्हें राज्य सरकार के मंत्रालयों में तैनात किया जाता है और उनके अनुभव के आधार पर नीतियां बनाई जाती हैं। कई और अधिकारियों को पीएसयू में भी तैनाती मिलती है। ये अधिकारी डेप्युटेशन पर जाते हैं और पीएसयू के हिस्सा बन जाते हैं।कई अधिकारी यहां वरिष्ठ पद तक पहुंच जाते हैं। ऐसे पीएसयू में पावर सेक्टर और औद्योगिक ईकाइयां शामिल हैं। आईएएस अधिकारी प्रतिनियुक्ति के आधार पर केंद्र सरकार के मंत्रालयों में भी काम करते हैं। वे अगल-अलग मंत्रालयों में नीतियां बनाने से लेकर उसे लागू करने की जिम्मेदारी संभालते हैं। कई आईएएस अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय
संस्थाओं जैसे संयुक्त राष्ट्र में भी प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाता है।

Aaj National

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