LUCKNOW:कमिश्नरेट पुलिस प्रणाली लगने से हुआ पुलिसिंग में ब्यापक परिवर्तन

-अपराधों के खुलासे से लेकर गिरफ्तारी व बरामदगी तक पुलिस ने हासिल की बड़ी कामयाबी  

-जनता को मिल रहा त्वरित न्याय,सामने आये  आशातीत परिणाम

लखनऊ।यूपी में कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के बाद  पुलिसिंग में ब्यापक परिवर्तन आया है,अफसरों द्वारा किये गये  तमाम बदलाव से व्यवस्था में भारी सुधार हुआ।घटनाएं कम हुई न्याय अधिक मिला।वही वारदातों का खुलासा तो हुआ ही साथ में अपराधियों के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई हुई।जिसके चलते यूपी पुलिस में भारी बदलाव आया।रोजगार के अवसर बढ़ने के सैट ही  निवेश भी हुआ।यह जानकारी देते हुए एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि सबसे पहले अधिकारी उन्मुख पुलिसिंग तैयार की गई।जिसमे एडीजी व आईजी तथा डीआईजी व एसपी  पद के बड़े अफसर अपराध नियंत्रण एवं कानून – व्यवस्था को मजबूत एवं प्रभावी बनाये रखने में अधिक संवेदनशील एवं जवाबदेह रहे हैं।महिला एवं बच्चों के विरुद्ध हो रहे अपराधों में भी तत्तपरता से कार्रवाई कर महिला पुलिस अधिकारियों को नियुक्त किया गया।जिसके आशातीत परिणाम मिले।यही नही पुलिस अफसरो को कार्यपालक मजिस्ट्रेट व अपर जिला मजिस्ट्रेट तथा जिला मजिस्ट्रेट की शक्तियों के प्राप्त होने से कानून व्यवस्था और भी मजबूत हुई।वही उन्हें तत्परतापूर्वक निर्णय लेने की शक्ति प्राप्त होने से अपराध नियंत्रण में लगातार गिरावट हुई।इससे यूपी में निवेश का मार्ग भी प्रशस्त हुआ।एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि माफियाओं व गैंगों तथा कुख्यात व संगठित अपराधियों एवं इनके सहयोगियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने में सफलता मिली है।इसके अलावा साम्प्रदायिक व उपद्रवी तत्वों और प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध भी पुलिस ने कड़ी कार्रवाई कर लोक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई करने के भी सार्थक नतीजे सामने आये है।इसके अलावा नागरिक सेवाएं और लोक शिकायत निवारण की भी बेहतर व्यवस्था हुई है। जन- शिकायत निवारण की गुणवत्ता में भी काफी सुधार हुआ है।इसके अलावा आईजीआरएस की शिकायतों के पर्यवेक्षण से निगरानी व निस्तारण तथा संतुष्टि स्तर में काफी सुधार हुआ है।इसके अलावा विशेष रुप से काशी विश्वनाथ मंदिर में तैनात कर्मियों में सॉफ्ट स्किल्स के माध्यम से व्यक्तिगत व्यवहार में भी सुधार आया है।

जन शिकायतों का हुआ  शीघ्र निस्तारण एवं त्वरित कार्रवाई

एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के उपरान्त स्थानीय स्तर पर जन शिकायतों के शीघ्र निस्तारण एवं त्वरित कार्रवाई के फलस्वरूप पुलिस मुख्यालय स्थित लोक शिकायत प्रकोष्ठ में काफी कम शिकायतकर्ता पहुँच रहे हैं।जिससे यह पता चल रहा है कि पुलिस मुख्यालय आने वाले लोगों की संख्या में भारी कमी आयी है ।  विभिन्न प्रकार के सत्यापनों को जारी करने की समयावधि में भारी कमी आयी है ।इसके अलावा जुलूस एवं रैली की अनुमति हेतु कार्यरत  सिंगल विन्डो क्लीयरेन्स भी बनाया गया जो बेहतर तरीके से कार्य कर रहा है। हत्या व लूट के मामलों में वरिष्ठ अफसरो के सतत पर्यवेक्षण से पुराने लंबित मामलों में काफी कमी आयी है।वही गंभीर अपराधों का खुलासा भी हुआ है।हत्या व डकैती के मामले पुलिस ने सौ प्रतिशत खुलासा किया है।वही नकबजनी व चोरी दंगा तथा बलवा व बलात्कार के मामलो का गहन पर्यवेक्षण और नियमित निगरानी से इनकी जांच व गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है ।

लखनऊ व गौतमबुद्धनगर तथा कानपुर व वाराणसी में अपराधों में  कमी आई

एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि लखनऊ व गौतमबुद्धनगर तथा कानपुर व वाराणसी में अपराधों में जहाँ कमी आई वही अपराधी भी पकड़े गए।पुलिस ने चिन्हित माफिया व गैंगेस्टर की संपत्ति जब्त की गई।कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के बाद मंडल स्तर तक सोशल मीडिया पर कनेक्टिविटी होने पर पुलिस को बड़ी सफलताएं मिल रही है।पुलिस व्यापार मंडल के सदस्यों व धार्मिक तथा आध्यात्मिक नेताओं व प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सदस्यों से नियमित बातचीत से पुलिस की छवि में सुधार हुआ है । ट्विटर पर पुलिस उपाधीक्षक तक के पुलिस अधिकारी की उपस्थिति से पुलिस के सार्वजनिक संपर्क में सुधार हुआ है ।वही वरिष्ठ अफसरों के कुशल प्रबंधन से राजकीय विभागों में आपसी समन्वय के कारण तत्परतापूर्वक कार्य किये जाने में भी काफी सुधार हुआ है ।वही विभिन्न मेलों और त्योहारों के प्रबंधन की गुणवत्ता में भी अधिक सुधार हुआ है।इसकी आम जनता ने सराहना की है ।वही लम्बित विभागीय जाँचों में भी कमी आई है। वीवीआईपी सुरक्षा प्रबन्धन भी बेहतर रहा है।वही वीवीआईपी यात्राओं व यातायात  संचालन में भी बेहतर सुधार हुआ है ।वही कार्यालयीय कार्य प्रणाली में सुधार होने के साथ ही अनुशासनहीनता के मामलों में तेजी से कार्रवाई हुई है।

मुठभेड़ में पुलिस ने मरे शातिर अपराधी,इनाम भी था घोषित 

एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ में राकेश उर्फ हनुमान पाण्डेय नामक एक लाख का ईनाम व गिरधारी सिंह उर्फ डाक्टर एक  लाख का ईनामी व हमजा  50 हजार का ईनामी व अलीसेर उर्फ डाक्टर एक  लाख का ईनामी व कामरान उर्फ बन्नू  25 हजार का ईनामी व राहुल ईनाम मकबूल उर्फ झूरी एक लाख का इनामी मुठभेड़ में मारा गया।वही कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में अजय उर्फ कालिया एक लाख का ईनामी व शिवम यादव एक लाख का इनामी मार गिराया गया।वही वाराणसी में दो कुख्यात बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया गया।

Aaj National

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