सरकारी_गतिविधियाँ:अपर नगर आयुक्त गोरखपुर मृत्युन्जय और अधिशासी अभियंता अतुल पांडेय निलंबित,क्लिक कर देखें और भी खबरें

निदेशालय अटैच,प्रकरण की जांच हेतु अपर आयुक्त प्रशासन गोरखपुर मण्डल जांच अधिकारी नामित

लखनऊ। प्रदेश सरकार द्वारा नगर निगम गोरखपुर के अपर नगर आयुक्त मृत्युन्जय और अधिशासी अभियंता सिविल अतुल पांडेय को दायित्वों के निर्वहन में शिथिलता बरतने, योजनाओं के क्रियान्वयन पर ध्यान न देने तथा अक्सर कार्यालय से गायब रहने एवं नगर निगम के कार्यों में रूचि न लेने के दृष्टिगत उन्हें निलंबित कर दिया गया है।  उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए प्रकरण की जांच हेतु अपर आयुक्त प्रशासन गोरखपुर मण्डल को जांच अधिकारी नामित किया है।निलम्बन अवधि में  मृत्युन्जय निदेशक नगर निकाय निदेशालय लखनऊ के कार्यालय से सम्बद्ध रहेंगे।इस सम्बंध में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात द्वारा आवश्यक आदेश जारी कर दिया गया है। वही दूसरी ओर नगर निगम गोरखपुर के अधिशासी अभियन्ता सिविल अतुल पाण्डेय को अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में शिथिलता बरतने, नगर निगम के कार्यों में कोई रचनात्मक सहयोग प्रदान न करने, अनुशासनहीनता करने, सहयोगीय अधिकारियों पर उसका विपरीत प्रभाव पड़ने, नगर निगम के कार्यों में रूचि नहीं लिये जाने तथा नगर आयुक्त नगर निगम गोरखपुर के कार्यालय द्वारा निर्गत कारण बताओ नोटिस का कोई जवाब नहीं दिये जाने के दृष्टिगत उन्हें निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही करते हुए प्रकरण की जांच हेतु अपर आयुक्त प्रशासन गोरखपुर मण्डल, गोरखपुर को जांच अधिकारी नामित किया गया है।निलम्बन अवधि में अतुल पाण्डेय निदेशक नगर निकाय निदेशालय  लखनऊ के कार्यालय से सम्बद्ध रहेंगे।

किसानों को दिया गया मछली पालन और संरक्षण का प्रशिक्षण

मछली पालन और संरक्षण’ विषय पर आईसीएआर-एनबीएफजीआर लखनऊ द्वारा उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के अनुसूचित जाति के किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।13-14 दिसंबर के दौरान आईसीएआर-नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज, लखनऊ द्वारा एक्वाकल्चर रिसर्च एंड ट्रेनिंग यूनिट चिनहट में मछली पालन और संरक्षण पर एक अल्पावधि प्रशिक्षण आयोजित किया गया।प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को वैज्ञानिकों ने मत्स्य पालन से सम्बंधित महत्त्वपूर्ण जानकारी व्याख्यान एवं प्रयोगात्मक सत्रों में दी। डॉ यूके सरकार, निदेशक आईसीएआर-एनबीएफजीआर, लखनऊ ने प्रमाणपत्र वितरित किया और अपनी समापन टिप्पणी में उन्होंने प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अपनी आजीविका के उत्थान के लिए आगे आने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि तकनीकी सहायता सहित उनके लाभ के लिए संस्थान हमेशा कमजोर वर्ग के किसानों के साथ रहेगा। डॉ. एस. के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक और कार्यक्रम के संयोजक ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के मॉड्यूल की रूपरेखा तैयार की, जहां मछली पालन और संरक्षण के विभिन्न पहलुओं को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों लखनऊ, रायबरेली, बाराबंकी, अयोध्या, गोंडा आदि से अनुसूचित जाति के तीस  किसानों ने भाग लिया। प्रतिभागियों को आईसीएआर-एनबीएफजीआर के निदेशक द्वारा भागीदारी प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। डॉ राघवेंद्र सिंह, वैज्ञानिक द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद प्रस्ताव के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ।

उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिये जनसमस्याओं के त्वरित निदान के निर्देश

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कालीदास मार्ग स्थित आवास कैम्प कार्यालय पर कल विभिन्न जनपदों से आये लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं के त्वरित निस्तारण का आश्वासन दिया। उन्होने जनसुनवाई के दौरान एक-एक व्यक्ति की समस्या को पूरी गम्भीरता से सुना तथा समस्याओं के निराकरण हेतु  सम्बंधित को निर्देशित किया। जनता दर्शन में बुजुर्ग, महिलाएं, पुरूष एवं दिव्यांग सहित सैकड़ों लोगों ने उपमुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्यायें बतायी।  समस्याओं में मुख्य रूप से विद्युत, मार्ग चौड़ीकरण, सड़क निर्माण, आवास दिलाने, अवैध कब्जा, कानून व्यवस्था, रास्ता खुलवाने, विकास कार्य, मारपीट, राजस्व, अतिक्रमण, जमीनी विवाद, चिकित्सा सहायता आदि थीं।जनता दर्शन में आये तमाम लोगों से उनकी समस्याएं सुनीं एवं प्रार्थना पत्र भी लिये, साथ ही कई लोगों की समस्याओं के निस्तारण के संबंध में उपमुख्यमंत्री ने शासन के कई उच्चाधिकारियों, जिलाधिकारियो व पुलिस अधीक्षको सहित कई अधिकारियों से दूरभाष पर वार्ता भी की। कई लोगों की समस्याओं का जनता दर्शन के दौरान ही निस्तारण भी कराया गया। उप मुख्यमंत्री ने फरियादियों को विश्वास दिलाया कि किसी को निराश नहीं होना पड़ेगा, सबकी समस्याओं का समुचित समाधान कराया जायेगा।

स्वास्थ्य इकाइयों पर आज मनेगा निःक्षय दिवस

क्षय एक जानलेवा बीमारी है, जिसके कारण लाखों लोगों को प्रतिवर्ष जान गवानी पड़ती रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक विश्व से क्षय उन्मूलन का लक्ष्य तय किया है। भारत के प्रधानमन्त्री  नरेंद्र मोदी ने इस चुनौती को स्वीकारते हुए 2025 तक ही देश से क्षय रोग को उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को पाने के लिए संचालित प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत प्रदेश की समस्त स्वास्थ्य इकाइयों पर गुरुवार 15 दिसम्बर को पहला निःक्षय दिवस मनाया जाएगा। टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान, गुणवत्तापूर्ण इलाज और निःक्षय पोषण योजना का लाभ दिलाने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत की जा रही है। इस सम्बंध में प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश शासन पार्थ सारथी सेन शर्मा और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं।जारी दिशा-निर्देश के अनुपालन में इस आयोजन को सफल बनाने के लिए समुदाय में आशा कार्यकत्री गृह भ्रमण कर टीबी और निःक्षय दिवस के आयोजन के बारे में समुदाय को जागरूक कर चुकी है। स्वास्थ्य इकाइयों पर एलईडी के जरिये टीबी के बारे में जागरूकता सम्बन्धी फिल्म भी प्रसारित की जायेगी। निःक्षय दिवस की उपलब्धियों को सोशल मीडिया पर प्रदर्शित किया जाएगा। आशा कार्यकत्री दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी वाले, दो सप्ताह या अधिक समय से बुखार वाले, वजन में कमी वाले भूख न लगने और बलगम से खून आने वाले संभावित टीबी मरीजों की सूची तैयार कर उन्हें हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक लाने का कार्य करेंगी। कम्युनिटी हेल्थ आफिसर द्वारा मरीजों की प्रारम्भिक जांच एचआईवी डायबिटीज और अन्य जांच सुनिश्चित की जायेंगी। इसके अलावा बलगम का नमूना लिया जायेगा और उसे निःक्षय पोर्टल पर प्रिजमटिव आईडी बनाते हुए नजदीकी टीबी जांच केंद्र पर भेजा जाएगा।राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राष्ट्रीय कार्यक्रम के महाप्रबन्धक डॉ. लक्ष्मण सिंह का कहना है कि निक्षय दिवस पर ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या के सापेक्ष 10 प्रतिशत मरीजों की बलगम जांच सुनिश्चित की जायेगी। सीएचओ और आशा कार्यकती द्वारा निःक्षय दिवस पर मिलने वाली सुविधाओं का प्रचार-प्रसार भी किया गया है। सीएचओ जाँच में टीबी की पुष्टि वाले मरीजों के परिवार के अन्य सदस्यों की भी टीबी स्क्रीनिंग होगी। आशा कार्यकत्री निःक्षय दिवस पर टीबी मरीजों के बैंक खाते का विवरण आशा संगिनी को देंगी और आशा संगिनी सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर  को निःक्षय पोर्टल पर दर्ज कराने को देंगी। इस दिवस पर प्राइवेट प्रैक्टिशनर को टीबी नोटिफिकेशन, कांटेक्ट ट्रेसिंग और फालोअप के लिए प्रेरित किया जाएगा।राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर का कहना है कि निःक्षय दिवस पर स्वास्थ्य इकाई पर आने वाले संभावित टीबी मरीजों की सूची के अनुसार उनकी जांच करायी जाएगी। एचआईवी डायबिटीज की भी जाँच करायी जायेगी। स्वास्थ्य इकाइयों पर सम्भावित मरीजों के बैठने की खुली जगह की व्यवस्था करने को कहा गया है और इकाई के बाहर खुले स्थान पर बलगम के नमूने लेने के लिए कफ कार्नर बनाने को कहा गया है। क्षय रोगियों के लिए हर जरूरी दवाएं भी स्वास्थ्य इकाइयों पर उपलब्ध रहेगी प्रत्येक स्वास्थ्य इकाई पर टीबी की जाँच उपचार के बारे में परामर्श की भी व्यवस्था होगी।

ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रोजगार परीक्षा का आयोजन

 ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय ने आज बीटेक अंतिम वर्ष और तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय रोजगार परीक्षा का आयोजन किया। इसमें 300 छात्र छात्राओ ने भाग लिया जिसमें बायोटेक्नोलॉजी, सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विद्यार्थी शामिल रहे। यह परीक्षा इंजीनियरिंग के निदेशक प्रो एस के त्रिवेदी एवं यूनिवर्सिटी के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल की सदस्य श्रीमती निधि सोनकर द्वारा हायर मी संस्था के सहयोग से आयोजित करायी गई। इस परीक्षा में वर्चुअल एप्टीट्यूड, लॉजिकल रीजनिंग, कंप्यूटर फ़ंडामेंटल, कम्युनिकेशन, पर्सनालिटी एवं उनके मौलिक क्षेत्र से प्रश्न पूछे गये। इस परीक्षा का स्कोरकार्ड जारी किया जाएगा जिससे विद्यार्थी अपना आत्म मूल्यांकन कर सकेंगे और साथ ही यह स्कोर कम्पनियो को ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट के लिए उपलब्ध कराये जा सकेंगे। इस परीक्षा को आयोजित कराने में डॉ आर के त्रिपाठी, डॉ ममता शुक्ला, उनी कृष्णा एवं सत्येन्द्र शुक्ला का विशेष योगदान रहा।

भाषा विश्वविद्यालय के बीटेक बायोटेक के विद्यार्थियों का इंटर्नशिप के लिए चयन

केएमसी भाषा विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो एन बी सिंह के मार्गदर्शन में अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय के बीटेक विभाग के 4 विद्यार्थियों का इंटर्नशिप के लिए राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में चयन हुआ है। चतुर्थ वर्ष के चार विद्यार्थियों क्रमशः आकांक्षा मौर्य, अदिति सिंह, दीपशिखा तिवारी तथा संस्कृति यादव का चयन अलग अलग प्रतिष्ठित संस्थानों में हुआ है। आकांक्षा का चयन नेशनल सेन्टर फ़ॉर सेल साइंसेज पुणे, महाराष्ट्र में हुआ है। यह संस्थान हर विश्विद्यालय से सिर्फ एक विद्यार्थी का ही चयन प्रति वर्ष करता है। इसी क्रम में अदिति का चयन रीजनल सेन्टर फ़ॉर बायोटेक्नोलॉजी में हुआ है। इसके अलावा दीपशिखा तथा संस्कृति का चयन एस जी पी जी आई में हुआ है।इस अवसर पर संकाय के निदेशक प्रो एस के त्रिवेदी ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि ये विद्यार्थियों के भविष्य के लिए एक सुअवसर है और इससे उनके ज्ञान में वृद्धि होगी।  विभाग के इंचार्ज डॉ नदीम अंसारी, सह आचार्य डॉ ममता शुक्ला, सहायक आचार्य डॉ मानवेन्द्र सिंह तथा निधि द्विवेदी सहित सभी शिक्षकों ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया।

वसूला गया  64.91 लाख रूपये प्रशमन शुल्क

उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह के निर्देशों के अनुपालन में परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम द्वारा ओवरलोड मालयानों के विरूद्ध प्रवर्तन की कार्यवाही के तहत लखनऊ सम्भाग में प्रवर्तन की कार्यवाही की गई। 01 दिसम्बर से 14 दिसम्बर तक की कार्यवाही के दौरान 189 ओवरलोड मालयानों का चालान एवं 151 वाहनों को बन्द किया गया। प्रवर्तन की इस कार्यवाही से कुल 64.91 लाख रूपये का प्रशमन शुल्क वसूला गया।उप परिवहन आयुक्त लखनऊ सम्भाग ने बताया कि परिवहन मंत्री के निर्देशों के अनुपालन में प्रवर्तन की कार्यवाही की जा रही है। प्रवर्तन की यह कार्यवाही आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि परिवहन मंत्री ने निर्देश दिये हैं कि ओवरलोड वाहनों की वजह से सड़क सुरक्षा प्रभावित होती है। सड़क पर एक्सीडेंट, सड़क की टूट-फूट भी होती है और जानमाल की क्षति भी होती है। परिवहन मंत्री ने कहा है कि ओवरलोड मालयानों के संचालन की नियमित जांच की जाए, जिससे कि सड़क दुर्घटनाओं के साथ-साथ जनहानि पर भी प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।

राज्य संग्रहालय लखनऊ में कला अभिरूचि पाठ्यक्रम का आयोजन

राज्य संग्रहालय द्वारा आयोजित कला अभिरूचि पाठ्यक्रम की श्रृंखला के अन्तर्गत आज उद्भव एवं विकासः प्रागैतिहासिक पृष्ठभूमि विषय पर मुख्य वक्ता डॉ० राकेश तिवारी, पूर्व महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा पावर प्वाइन्ट के माध्यम से रूचिकर व्याख्यान दिया गया। डॉ० मीनाक्षी खेमका ने आज के मुख्य वक्ता के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आप कला, पुरातत्व एवं साहित्य विषय में विशिष्ट ज्ञान रखते है। भारतवर्ष में प्राचीनतम चावल की खोज का श्रेय भी डा0 तिवारी को है।इस श्रृंखला में प्रथमतः वक्ता ने बताया कि प्रकृति में सौन्दर्य है तथा सौन्दर्य बोध कला का एक भाग है। इस प्रकार प्रकृति में निहित सौन्दर्य कला का व्यापक रूप है, परन्तु जो कौशल से बनाया जाये तथा जिसे अनुभव किया जा सके तथा जिसमें अभिव्यजंना हो वह कला है। पत्थर, लकड़ी एवं अस्थियों के उपरकणों के प्राचीनतम उदाहरण के विषय में विस्तार से समझाया तथा उस पर किये गये प्रतीकात्मक अंकन के विषय समझाते हुए भावभिव्यजंना, आस्था एवं विस्त्रास के विषय में बताया। कला के क्रमिक विकास को बताते हुये मुहरों, अस्थि कला, आभूषण कला, शैलोत्कीर्ण कला, हाथ की छापें, वसस्तुकला, जिसके अन्तर्गत प्रारम्भिक झोपड़ियोंसे लेकर रॉक-कट आर्किटेक्चर, मन्दिर वास्तुकला, पात्र निर्माण कला, ताम्र उपकरण, मृण कला, नृत्य एवं वाद्यकला, इत्यादि के बारे में विस्तार से व्याख्या की। यह भी बताया गया कि प्रारम्भिक कलायें सामान्य या लोक कलाएं हैं, जिसमें समय के साथ सौदर्य-बोध का समावेश हुआ एवं कुछ मानकों को निर्धारित किया गया, जिसमें समय के साथ सौन्दर्य-बोध का समावेश हुआ एवं कुछ मानकों को निर्धारित किया गया, जिसका शास्त्रों में वर्णन मिलता है। षडंग के विषय में विस्तार से बताते हुये चित्रकला के मानक रूप भेद, प्रमाण, भाव, लावण्य-योजना,     सादृश्य एंव वर्णिकाभंग की चर्चा की।कार्यक्रम के अन्त में संग्रहालय के निदेशक  आनन्द कुमार सिंह ने वक्ता को धन्यवाद ज्ञापित करते हुये प्रश्नगत विषय के बारे में अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम प्रभारी मीनाक्षी खेमका, सहायक निदेशक ने कार्यकम से सम्बन्धित नियमों की जानकारी दी। उक्त अवसर पर तृप्ति राय, शारदा प्रसाद त्रिपाठी, डॉ अनिता चौरसिया, धनन्जय कुमार राय, प्रमोद कुमार सिंह, अनुपमा सिंह, शालिनी श्रीवास्तव, गायत्री गुप्ता, नीना मिश्रा, बृजेश यादव, सुरेश कुमार, सत्यपाल एवं परवेज़ उपस्थित रहे।

अपर निदेशक पंचायतीराज ने किया प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ

त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के अन्तर्गत पंचायत प्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों के क्षमता संवर्धन एवं पंचायती राज विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी प्रदान करने हेतु पंचायती राज निदेशालय स्थित ऑडिटोरियम में आज एक दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारम्भ अपर निदेशक पंचायतीराज राज कुमार द्वारा  किया गया है।इस अवसर पर श्री कुमार ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्यों को जिला पंचायत का गठन एवं जिला पंचायत की समितियां व उनके कार्य, सतत् विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण, स्वच्छ भारत मिशन ग्रा, 15वां केन्द्रीय वित्त एवं पंचम राज्य वित्त आयोग की ग्रान्ट तथा ई-ग्राम स्वराज पोर्टल व पी0एफ0एम0एस0 के संबंध में विस्तृत जानकारी विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा कि आज प्रशिक्षण के प्रथम दिवस लखनऊ मण्डलान्तर्गत समस्त जनपद यथा सीतापुर, लखनऊ, खीरी, रायबरेली, उन्नाव एवं हरदोई के जिला पंचायत सदस्यों द्वारा प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया गया। इसी प्रकार कल दिनांक 15.12.2022 से 26.12.2022 के मध्य प्रदेश के समस्त मण्डलों के निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों को आर0जी0एस0ए0 योजनान्तर्गत पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान प्रिट द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आज 14 दिसम्बर  से 26 दिसम्बर  के मध्य संचालित किया जायेगा।इस अवसर पर एके शाही, संयुक्त निदेशक पं, प्रवीणा चौधरी, संयुक्त निदेशक, प्रिट,  एके राय, उपनिदेशक, जिला पंचायत अनुश्रवण प्रकोष्ठ, प्रदीप कुमार, वित्त एवं लेखाधिकारी प्रिंट एवं महिला जिला पंचायत सदस्य उपस्थित रहे।
Aaj National

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