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REPORT BY: PREM SHARMA ||AAJNATIONAL NEWS DEASK
लखनऊ। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के नेतृत्व में नगर निगम लखनऊ के सभी अधिकारियों द्वारा स्थानीय पुलिस बल के साथ प्रदेश की राजधानी के सभी ऐतिहासिक स्थलों एवं हैरिटेज एरिया का स्थलीय निरीक्षण किया गया। साथ ही यहां पर्यटकों के लिए लागू समस्त व्यवस्थाओं का जायजा लिया गय
पर्यटकों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े इसके लिए छोटा व बड़ा इमामबाड़ा इत्यादि ऐतिहासिक इमारतों व स्थलों का स्थलीय निरीक्षण, यहां की पार्किंग व्यवस्था, यहां पर्यटकों के उठने बैठन व घूमने के इंतज़ामों सहित तमाम व्यवस्थाओं को देखा गया। व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के साथ ही व्याप्त खामियों को जल्द से जल्द डोर किये जाने के निर्देश दिए गए। लखनऊ के समस्त ऐतिहासिक स्थलों पर साफ सफाई व्यवस्था का जायजा लेने के साथ जरूरी निर्देश दिए गए।उक्त निरीक्षण अभियान में नगर आयुक्त के साथ ही अपर नगर आयुक्त, जोनल अधिकारी ज़ोन 02 व जोनल अधिकारी ज़ोन 06 व अन्य अधिकारियों सहित स्थानीय पुलिस शामिल रही।
कृषि भारत एग्रोटेक एक्सपो के लिए नगर आयुक्त दिए दिशा निर्देश
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के द्वारा कृषि भारत एग्रोटेक का निरीक्षण किया गया। डिफेन्स एक्सपो ग्राउण्ड में 15. से 19 नवम्बर 2024 तक कृषि भारत एग्रोटेक एक्सपो आयोजित किया जायेगा।निरीक्षण के दौरान कृषि भारत एक्सपो की साइट पर अतिरिक्त पेयजल टैंकर लगवाने हेतु अधिशासी अभियन्ता जलकल को निर्देशित किया, साथ ही अधिशासी अभियन्ता (सि०) श्री एस.सी. सिंह को सड़कों की रिपेयरिंग एवं पैच हेतु आवश्यक निर्देश दिये। इसके साथ ही मुख्य मार्ग तथा कनेक्टिंग रोडों की साफ-सफाई व्यवस्था को समुचित रूप से किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। इसके अतिरिक्त टीम बनाकर शहीद पथ सहित वृन्दावन की समस्त स्ट्रीट लाईटों का निरीक्षण कराकर पथ प्रकाश की व्यवस्था सुदृढ करने हेतु निर्देशित किया।
केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री से उपभोक्ता परिषद की पॉच मांगे
अनिवार्य रूप से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का आदेश आसंवैधानिक
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर के उत्तर प्रदेश में आठवीं आयोजित होने वाली डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट 14 नवंबर के कार्यक्रम में दो दिवसीय लखनऊ आगमन पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को 5 सूत्रीय मांगे उठाई है। उपभोक्ता परिषद द्वारा उक्त मांगे उनके केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को भेजा गया है। जिसमे कहा पूरे उत्तर प्रदेश व देश के उपभोक्ताओं की महत्वपूर्ण मांग है। इस पर ऊर्जा मंत्रालय को समय रहते कार्रवाई करते हुए निर्णय लेना चाहिए। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्री उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उनका पहला आगमन हो रहा है निश्चित तौर पर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को उनसे उम्मीदें हैं। उपभोक्ता परिषद कुछ संवैधानिक विषयों को उनके सामने उठाते हुए उसे पर निर्णय लेने की मांग कर रहा है ।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा की तरफ से भारत सरकार के ऊर्जा मंत्री को भेजी गई पांच प्रमुख मांगों में कहा गया है कि गर्मी में देश के ज्यादातर जनरेटर पीक आवर में अपनी बिजली को एक्सचेंज पर रुपया 10 प्रति यूनिट तक बेचते हैं। जबकि सभी को पता है जनरेटर की विद्युत पैदा करने की जो लागत है वह रुपया 5.30 प्रति यूनिट के करीब है। ऐसे में केंद्र द्वारा यह सख्त कानून बनाया जाए कि 4 पैसे प्रति यूनिट मार्जिन से ज्यादा कोई भी जनरेटर ना कमाई करे। एक सीलिंग लगाई जाए यानी कि हर हाल में रुपया 6 प्रति यूनिट पर अधिकतम सीलिंग होनी चाहिए। केंद्रीय सेक्टर के अनेको उत्पादन इकाइयों की जो पीपीए के तहत महंगी बिजली उत्तर प्रदेश को आवंटित है और काफी समय बीत चुका है उसे निरस्त किया जाए। महंगी बिजली का आवंटन उत्तर प्रदेश के कोटे से हटाया जाए। क्योंकि यहां पर पहले से ही बहुत महंगी बिजली है। पूरे देश के साथ उत्तर प्रदेश में भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जा रहा है। जबकि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 47(5) के तहत कोई भी उपभोक्ता को स्मार्ट प्रीपेड मीटर व पोस्टपेड मीटर के विकल्प का अधिकार प्राप्त है। लेकिन भारत सरकार के रूल में अनिवार्य रूप से सभी उपभोक्ता को स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की बाध्यता की गई है जो विद्युत अधिनियम 2003 का खुला उल्लंघन है। इसलिए इसे वैकल्पिक रखा जाए। जैसा हमारा विद्युत अधिनियम 2003 उपभोक्ताओं को अधिकार देता है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष की तरफ से आगे जो मांगे रखी गयी उसमे पूरे देश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाले देश के निजी घराने ज्यादातर स्मार्ट प्रीपेड मीटर के अंदर लगने वाल कंपोनेंट में चीनी कंपोनेंट का बडी मात्रा में उपयोग कर रहे हैं। गाइड लाइन के विपरीत हो रहे काम की कोई भी जांच नहीं हो रही है। एक उच्च स्तरीय टीम बनाकर उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के अंदर चीनी कंपोनेंट की जांच कराई जाए। आरडीएसएस योजना में यह व्यवस्था की जाए कि किसी भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर निर्माता कंपनी के मीटर में कोई भी कमियां सामने आती है तत्काल उसे ब्लैक लिस्ट किया जाए। इसे कानून भी शामिल किया जाए। केंद्र सरकार द्वारा स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना के मद में आरडीएसएस परियोजना में उत्तर प्रदेश के लिए रुपया 18885 करोड का अनुमोदन दिया गया। लेकिन देश के जो निजी घरानों के टेंडर पास हुए वह 27342 करोड के हैं। यानी कि लगभग 9000 करोड का अंतर जो सिद्ध करता है उत्तर प्रदेश में टेंडर उच्च दरों पर पास किया गया। उपभोक्ता परिषद इस पूरी योजना की सीबीआई से जांच करने की करती है।
निदेशक तकनीकी के पद पर अर्हता संशोधित करने की मांग
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ ने प्रमुख सचिव ऊर्जा नरेंद्र भूषण को पत्र लिखकर राज्य विद्युत उत्पादन निगम में निदेशक (तकनीकी) के पद पर चयन के लिए तय अर्हता को संशोधित किए की मांग की है। पूर्व की भांति इस पद के लिए आवेदन में इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रानिक्स, मैकेनिकल व अन्य संबंधित विधा-ब्रांच के अभियंताओं को मौका दिए जाने की मांग की है।
संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ने अपने पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि इस समय निकाले गए निदेशक पद के विज्ञापनों में राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि. में निदेशक (तकनीकी) के पद पर केवल इलेक्ट्रिक विधा के अभियंताओं को ही आवेदन के लिए पात्र माना गया है। यह अनुचित है। पिछले वर्षों में इस पद के लिए सभी विधाओं को आवेदन करने का मौका दिया जाता रहा है। अवगत कराया है कि उत्पादन निगम के ताप जल विद्युत गृहों में बायलर, टरबाइन, बीओपी, स्विचयार्ड आदि एरिया में मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, कंट्रोल इंस्ट्रूमेंटेशन, इलेक्ट्रानिक्स आदि विधा के इंजीनियरों द्वारा योगदान दिया जाता है।