-प्रदेश में अब तक 1.59 करोड़ परिवारों को जारी किये गये जॉब कार्ड
-
REPORT BY:K.K.VARMA ||AAJNATIONAL NEWS DEASK
लखनऊ 13 नवम्बर।उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में गांवों के चहुंमुखी विकास के कार्य निर्बाध गति से चल रहे हैं। ग्रामीण परिवारों को काम के लिए बाहर पलायन न करना पड़े, इसलिए ग्रामीण परिवारों को उनके गांव में ही मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध करायें जाने की मुकम्मल व्यवस्था की गयी है। ग्रामीण परिवारों को नियमानुसार रोजगार दिया जा रहा है।ग्रामीण परिवारों को जॉब कार्ड जारी करने में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है।प्रदेश में अब तक 1,59,04,869 परिवारों को जॉब कार्ड जारी किये जा चुके हैं।महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार और वंचित वर्गों के इच्छुक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। यह योजना बेरोजगारों और रोजगार की जरूरत वाले लोगों के लिए “काम करने के अधिकार” की गारंटी देता है। एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिन का मजदूरी रोजगार प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका को बढ़ाने का निरंतर प्रयास जारी है।प्रदेश में सीतापुर जनपद ने अब तक सबसे ज्यादा परिवारों को जॉब कार्ड जारी किये हैं। बता दें कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम योजना के तहत स्थानीय ग्राम पंचायत में रजिस्ट्रेशन कराने वाले आवेदक को जारी किया जाने वाला दस्तावेज है। मनरेगा जॉब कार्ड, इस योजना के तहत नामांकित व्यक्ति के लिए एक पहचान प्रमाण की भूमिका भी निभाता है। इस कार्ड में, रजिस्टर्ड व्यक्ति से संबंधित सारे विवरण रहते हैं। इसमें व्यक्ति का नाम, मनरेगा रजिस्ट्रेशन नंबर, परिवार का विवरण, इत्यादि शामिल रहता है। यह जॉब कार्ड, इस योजना के तहत व्यक्ति की हकदारी के प्रमाण की भूमिका भी निभाता है। मनरेगा अधिनियम के तहत अनिवार्य रूप से ‘काम करने का अधिकार’ मिल जाता है। यदि पंजीकरण के 15 दिनों के भीतर काम नहीं दिया जाता है तो श्रमिक को प्रतिदिन बेरोजगारी भत्ता देने का भी प्रावधान है।मनरेगा जॉब कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण कराना होता है। इसके लिए स्थानीय ग्राम पंचायत पर फॉर्म सुविधा उपलब्ध होती है। पंजीकरण के बाद सभी दस्तावेजों की जांच कर उसका सत्यापन किया जाता है। आवेदन सत्यापित और स्वीकृत हो जाने के बाद धारक को मनरेगा जॉब कार्ड जारी किया जाता है। यह आवेदन के सत्यापन के 15 दिनों के भीतर आवेदनकर्ता को जॉब कार्ड जारी कर दिया जाता है।
उत्तर प्रदेश प्रगति के पथ पर निरंतर अग्रसर- केशव
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बुधवार कानपुर देहात के अखण्ड परमधाम नंदिनी गौशाला सेवा समिति, मुक्तानगर, मूसानगर कानपुर देहात में 32वें भक्ति योग वेदांत संत सम्मेलन श्रीमद्भागवत कथा और शतचंडी महायज्ञ एवं सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने अपने सम्बोधन में सरकार की उपलब्धियों व सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में देश एवं प्रदेश लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है। हमारी सरकार की योजनाएं समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रही हैं व लोगों के जीवनस्तर में गुणात्मक सुधार हो रहा है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार विकसित भारत के संकल्प को लेकर लगातार आगे बढ़ रही है। उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं के समाधान व विकास के बारे में लोगों को आश्वस्त किया। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी व भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
राज्य महिला आयोग का 165 नवीन प्रार्थना पत्रों पर त्वरित कार्यवाही का निर्देश
इसके अतिरिक्त आज अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान के निर्देशानुसार प्रदेश के 21 जनपदों में क्रमशः देवरिया, उन्नाव, सीतापुर, शामली, मेरठ, बुलन्दशहर, बिजनौर, औरैया, मऊ, झांसी, लखीमपुर खीरी, हाथरस, सोनभद्र, फतेहपुर, बरेली, पीलीभीत, ललितपुर, संतकबीरनगर, कौशाम्बी, कासगंज व बदायूं में आयोग की मा. उपाध्यक्ष एवं मा. सदस्यों के द्वारा भी मिशन-शक्ति फेज-5 के अन्तर्गत महिलाओं से सम्बन्धित विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं की जानकारी, र्विभन्न महिला गृहो एवं आगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण तथा महिला उत्पीड़न की घटनाओं की उक्त जनपदों के वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ महिला जनसुनवाई,समीक्षा बैठक कर पीड़ित महिलाओं की समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण कराया गया।
यूपी में होगा कई प्रदेशों की जनजाति संस्कृतियों का संगम-असीम अरुण
प्रदेश के समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवम जनजाति कल्याण विभाग, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 15 से 20 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय जनजाति भागीदारी उत्सव मनाया जाएगा। बिरसा मुंडा की जयंती जनजातीय गौरव दिवस पर उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में मेजबान राज्य समेत देश-विदेश की लोक संस्कृति उतरेगी। आयोजन का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। इसमें स्लोवाकिया व वियतनाम के लोक कलाकारों द्वारा भी कार्यक्रम प्रस्तुत होगा।अंतर्राष्ट्रीय जनजाति भागीदारी उत्सव’’ से पूर्व लोक भवन स्थित मीडिया सेंटर में आयोजित कर्टेन रेजर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाज कल्याण मंत्री, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण ने बताया कि उद्घाटन समारोह के उपरांत 11 बजे से सांस्कृतिक समागम शोभायात्रा भी निकलेगी, जिसमें मेजबान उत्तर प्रदेश समेत अनेक राज्यों के कलाकार शामिल होंगे। प्रतिदिन शाम पांच से सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। इसमें सहरिया, बुक्सा आदि जनजाति के लोकनृत्य का भी अवलोकन किया जा सकेगा तो वहीं दूसरी तरफ जनजाति लोकवाद्यों को भी मंचीय प्रदर्शन होगा। पोथी घर में जनजाति साहित्य के पुस्तकों का भी अवलोकन कर सकेंगे।समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि 15 से 20 नवंबर तक 22 राज्यों के 38 लोकनृत्य का संगम होगा। इसमें मेजबान उत्तर प्रदेश के डोमकच, झीझी, जवारा, नगमतिया, चंगेली नृत्य से दर्शक अवगत होंगे। वहीं बिहार के उरांव, उत्तराखंड के झैंता, मध्य प्रदेश के भगौरिया, बैगा, रमढोला, पश्चिम बंगाल के नटुआ, मिजोरम के चेरांव, अरुणचाल प्रदेश के अका, पंजाब के शम्मी, केरल के इरुला, छत्तीसगढ़ के गंडी, भुंजिया, माटी मांदरी नृत्य से भी यूपी के दर्शक रूबरू होंगे। हिमाचल प्रदेश के सिरमौरी नाटी, राजस्थान के कालबेलिया, लंगा, मागजिहार व तेराताली, असम के बरदोई व शिखला लोकनृत्य की प्रस्तुति भी उत्तर प्रदेश में होगी। त्रिपुरा के हौजागिरी, झारखंड के खड़िया, गोवा के कुनबी, गुजरात के सिद्धि धमाल, जम्मू-कश्मीर के मोंगो बकरवाल, सिक्किम के सिंघी छम, महाराष्ट्र के सांघी मुखौटा, ओड़िसा के घुड़का व कर्नाटक के फुगडी लोकनृत्य का संगम भी इस कार्यक्रम में होगा।
उप-निर्वाचन में मतदाताओं की पहचान हेतु भारत निर्वाचन आयोग ने दिये निर्देश
भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के आगामी उप निर्वाचन में मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने और निर्वाचन में प्रतिरूपण को रोकने के लिए निर्देश जारी किए हैं। 16-मीरापुर, 29-कुन्दरकी, 56-गाजियाबाद, 71-खैर अजा 110-करहल, 213-सीसामऊ, 256-फूलपुर, 277-कटेहरी, और 397-मझवां विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 20 नवम्बर, 2024 को मतदान आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक मतदाता को अपनी पहचान सिद्ध करने के लिए मतदाता फोटो पहचान पत्र एपिक प्रस्तुत करना होगा।मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश नवदीप रिणवा ने यह भी बताया कि ऐसे मतदाता जो अपना मतदाता फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर सकते, उन्हें अपनी पहचान साबित करने के लिए आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक या डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय का स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर एनपीआर के अंतर्गत जारी स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केंद्र या राज्य सरकार, लोक उपक्रम या पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, सांसदों विधायकों विधान परिषद सदस्यों को जारी सरकारी पहचान पत्र, या सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा जारी यूनिक डिसएबिलिटी आईडी यूडीआईडी कार्ड जैसे वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों में से कोई एक प्रस्तुत करने की अनुमति होगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदाता फोटो पहचान पत्र एपिक पर यदि लेखन या वर्तनी में कोई मामूली त्रुटि है, तो उसे नजरअंदाज किया जाएगा, बशर्ते कि पहचान स्पष्ट रूप से सुनिश्चित हो सके। यदि किसी मतदाता के पास किसी अन्य विधानसभा क्षेत्र का पहचान पत्र है, तो भी उसे मान्य माना जाएगा, बशर्ते कि उस मतदाता का नाम उस मतदान केंद्र की मतदाता सूची में मौजूद हो। अगर पहचान पत्र के फोटोग्राफ में गड़बड़ी या असमानता के कारण मतदाता की पहचान सुनिश्चित करना संभव नहीं हो पा रहा है, तो उसे किसी अन्य वैकल्पिक दस्तावेज प्रस्तुत करने की अनुमति होगी।प्रवासी मतदाताओं के संबंध में निर्वाचन आयोग ने विशेष प्रावधान किया है। जो प्रवासी मतदाता अपने भारतीय पासपोर्ट में दर्ज विवरणों के आधार पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20क के अंतर्गत निर्वाचन सूची में पंजीकृत हैं, वे केवल अपने मूल भारतीय पासपोर्ट के आधार पर ही मतदान केंद्र में अपनी पहचान सिद्ध कर सकेंगे।
एक क्लिक पर मिलेगी धार्मिक-आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की जानकारी
पर्यटन विभाग ने देशी-विदेशी सैलानियों को प्रदेश के पर्यटन स्थलों से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एक ऐप तैयार कराया है। जिसके माध्यम से पर्यटक एक क्लिक पर प्रदेश के धार्मिक-अध्यात्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। पर्यटकों का धन के साथ समय की बचत होगी और आसानी से अपने गन्तव्य स्थल तक जा सकेंगे। यूपी टूरिज्म नामक मोबाइल ऐप से पर्यटन से जुड़ी सभी सूचनायें प्राप्त कराने का प्रयास किया गया है। इसका उद्देश्य देशी-विदेशी पर्यटकों को यूपी की ओर आने के लिए आकर्षित करना है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने देते हुए बताया कि यूपी पर्यटन के क्षेत्र में विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। यहां विश्वस्तरीय धार्मिक, आध्यात्मिक, प्राकृतिक, ऐतिहासिक सहित अन्य पर्यटन स्थल हैं। इसके अलावा, कुजीन, आर्ट एंड क्राफ्ट प्राचीन काल से लोगों को आकर्षित करते रहे हैं। प्रदेश में बढ़ते पर्यटन के साथ किसी एक ऐसे ऐप की आवश्यकता थी, जिस पर पर्यटन से जुड़ी सभी अद्यतन सूचनाएं उपलब्ध हों। इसी के दृष्टिगत यूपी टूरिज्म मोबाइल एप तैयार किया गया है। इसमें प्रत्येक जिले के पर्यटन स्थल, ठहराव स्थल, खान-पान, प्रमुख पर्व-त्योहार आदि की सूचना का समावेश किया गया है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने बताया कि जैसे लखनऊ घूमना है तो ऐप में लखनऊ सर्च करना होगा। इसके बाद यहां के पर्यटन स्थल दिलकुशा कोठी, हनुमान सेतु, रामकृष्ण मठ, छतर मंजिल, लाल बारादरी, मनकामेश्वर मंदिर, रेजीडेंसी, बड़ा इमामबाड़ा, माता चंद्रिका देवी मंदिर सहित अन्य स्थलों का नाम आ जाएगा। साथ ही, वहां की दूरी, सर्वश्रेष्ठ यात्रा का समय, पता, कनेक्टिविटी, मार्केट, मॉल और आसपास के आकर्षण का नाम सामने आ जाएगा। इतना ही नहीं, हस्तकला में चिकनकारी कढ़ाई, जरी जरदोजी, चांदी के बर्तन का काम, टेराकोटा आदि की जानकारी भी मिल जाएगी। यहां के प्रसिद्ध खान पान की सूचनाएं भी उपलब्ध होंगी। अयोध्या, काशी, मथुरा, झांसी, गोरखपुर समेत अन्य सभी छोटे-बड़े पर्यटन स्थलों की सूचनाएं भी ऐप पर उपलब्ध हैं। इसके अलावा, प्रमुख पर्व-त्योहार और उत्सवों जैसे-देव दीपावली, दीपोत्सव, रंगोत्सव, कुंभ-महाकुंभ, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आदि की जानकारी उपलब्ध हैं। यहां यूपीएसटीडीसी द्वारा भ्रमण के लिए तैयार विशेष भ्रमण पैकेज की जानकारी के साथ ही बुकिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। ऐप के माध्यम से ही होटल, होमस्टे, पेइंग गेस्ट, एएसआई साइट्स, ट्रेन, बस और फ्लाइट की बुकिंग की जा सकती है। ऐप को क्यूआर कोड के माध्यम से भी इंस्टॉल किया जा सकता है।