एनएच पर शरण लिए बाढ़ पीड़ितों का छलका दर्द, कहा तीन दिनों से खाना नहीं खाया

अररिया जिले के भरगामा प्रखंड होकर बहने वाली बिलेनिया नदी के उफनाने और बगल के गांव और टोले में बाढ़ का पानी घुसने से ग्रामीण खजूरी के पास हाईवे पर शरण ले रहे हैं। अररिया-सुपौल एनएच 327 ई शरण लिए बाढ़ पीड़ितों का दर्द छलक उठा।

पीड़ित ग्रामीण खजूरी गांधी नगर, भटठा टोला, बलुआही टोला आदि टोले के रहने वाले हैं। इन ग्रामीणों ने बताया कि एक तो नेपाल जल अधिग्रहण क्षेत्र से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है वही बिलेनिया नदी के डायवर्सन होकर पानी की निकासी नही हो पा रही है। इसकी वजह से यह पानी उनके गांव और टोले में प्रवेश कर रहा है। बाढ़ पीड़ितों ने प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि वे लोग एनएच किनारे प्लास्टिक टांग कर किसी तरह से शरण लिए हुए हैं। वे लोग तीन दिन से भूखे हैं। जैसे-तैसे गुजारा कर रहे हैं। बच्चे बीमार हैं लेकिन प्रशासन अभी तक वहां नही पहुंचा है।

बाढ़ पीड़ित चंदन ऋषिदेव, महेश्वरी ऋषि, देवानंद ऋषि आदि ने बताया कि बीते पांच दिन से उनलोगों के घर आंगन में पानी फैला हुआ है। पानी बढ़ ही रहा है। इस कारण उनलोगों को टोले से निकल कर सड़क पर आना पड़ा। पीड़ितों का आरोप है कि प्रशासन ने अबतक उनलोगों कि सुधि नहीं ली है। लोगों के सामने भोजन एवं शुद्ध पेयजल कि समस्या आ पड़ी है। लोगों ने प्लास्टिक, भोजन एंव चिकित्सकीय सहायता कि मांग प्रशासन से की है।

इधर भरगामा बीडीओ मंजू कुमारी कणकण ने बताया कि बाढ़ की स्थिति नही है। जलजमाव है। दो-चार लोग ही एनएच पर शरण लिए हैं। वे इसे अपने स्तर से देख रही हैं।

Aaj National

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