LUCKNOW:चौकसी के बाद दस करोड़ के गबन पर परिषद ने उठाए सवाल,क्लिक करें और भी खबरें

-भ्रष्टाचारियों पर ऑपरेशन क्लीन लगातार चलने और कठोर से कठोर कार्रवाई निहायत जरूरी-अवधेश कुमार वर्मा

  • -प्रेम शर्मा

लखनऊ।बिजली कंपनियों में गबन घोटाला कोई नई बात नहीं। कही मीटर घोटाला, कहीं बिल घोटाला, कही बिजली चोरी घोटाला आम बात है। लेकिन डिस्काम के एक लेखाकार द्वारा 10 करोड़ के गबन के बाद विद्युत उपभोक्ता परिषद ने वैधानिक सवाल उठाए है। उपभोक्ता के अनुसार नीचे से लेकर उपर तक समीक्षा बैठक, वीडियों कांफेसिंग आडिट सहित अनलाइन व्यवस्था होने के बावजूद आखिर इतनी बड़ी रकम का गबन कैसे हो गया ? उपभोक्ता परिषद ने उत्तर प्रदेश सरकार के सामने मांग रखी है कि भ्रष्टाचारियों पर ऑपरेशन क्लीन लगातार चलने और कठोर से कठोर कार्रवाई निहायत जरूरी है। इस तरह के भ्रष्टाचार के कारण ही जनता पर दोगूना तीन गुना बोझ बढ़ रहा है।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत चार दिन पहले पूर्वांचल डिस्कोम मुख्यालय के एक लेखाकार केशवेंद्र द्विवेदी एकाउंटेंट द्वारा 10 करोड रुपए से ज्यादा का गबन करके बिजली कंपनियों की पारदर्शिता और वित्तीय सिस्टम पर बडा कुठाराघात किया। अकाउंटेंट ने कई वर्षों से सरकारी कोष में जाने वाले लेबर सेस व अन्य धनराशि को सरकारी खजाने में ना जमा करके सीधे अपने अलग-अलग बचत खाते में ट्रांसफर कर लिया गया। सबसे बडा चौंकाने वाला मामला यह रहा की सरकारी कोष में जाने वाले लेबर सेस के जमा ना करने पर जारी होने वाली सरकारी नोटिस को भी गायब करवाता था। सवाल यह उठना लाजिमी है कि यह लेखाकार कितना पावरफुल था कि सभी वित्तीय अधिकार इसी के जिम्मे थे, कोई मॉनिटरिंग सिस्टम नहीं था। एक लेखाकार जो बिजली विभाग में महज 6 साल पहले नौकरी पाता है और उसे कितना अधिकार विभाग ने दे दिया कि उसके द्वारा पिछले कुछ वर्षों से 10 करोड रुपए का गबन कर लिया। यह अलग बात है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने एकाउंटेंट के ऊपर अब पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कर दी है। लेकिन अब सवाल सभी बिजली कंपनियों के इआरपी सिस्टम व वित्त विभाग पर उठना लाजिमी है। उपभोक्ता परिषद ने पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन से मांग उठाई है कि सभी बिजली कंपनियों में वित्तीय सिस्टम की तत्काल स्पेशल ऑडिट करने का आदेश पारित करना चाहिए। उच्च स्तरीय जांच करना चाहिए कि कैसे एक लेखाकार ने इतना बडा गबन किया । कहां पर सिस्टम में कमियां थी जिसका लेखाकार ने फायदा उठाया। जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटना ना घटित होने पाए।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा जैसा की यह भी खुलासा हुआ है कि इस लेखाकार ने कुछ अभियंता अधिकारियों के बचत खाते में भी लाखों रुपया भेजा ऐसे में इस पूरे मामले पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। यह स्पष्ट करना चाहिए कि इसमें किस स्तर तक के अधिकारी दोषी है। सभी बिजली कंपनियों मे आए दिन समीक्षा बैठक होती है, रोज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग होती है और कंपनी मुख्यालय पर लेखाकार ने इतना बडा गबन कर लिया और किसी को भनक तक नहीं लगी इसलिए यह बहुत गंभीर मामला है। इसको उदाहरण मानकर पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन को सभी बिजली कंपनियों पर जांच बैठना चाहिए।

अमौसी में 6 करोड़ अस्सी लाख की भूमि कब्जा मुक्त

नगर निगम का अपनी भूमि पर अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान जारी है। नगर आयुक्त की लगातार समीक्षा के चलते के इसके बेहतर परिणाम भी समाने आ रहे है। आज नगर निगम की टीम ने अमौसी क्षेत्र में तीन खसरों में निहित नगर निगम की भूमि से अवैध कब्जों को हटा दिया है। अवैध कब्जों सें 27,232 वर्गफुट भूमि रिक्त कराई गई, जिसकी बाजारू कीमत 6,80,00,000 है।नगर निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम-अमौसी, तहसील-सरोजनी नगर व जिला-लखनऊ की खसरा संख्या-2798 क्षेत्रफल 0.2210 हेक्टयर ऊसर, खसरा संख्या-1953 क्षेत्रफल 0.0630 हेक्टेयर, खसरा संख्या-1957 क्षेत्रफल 0.9360 क्रमशः रास्ता व खसरा संख्या-1956 क्षेत्रफल 0.0760 हेक्टयर राजस्व अभिलेखों में बंजर के खाते में दर्ज है, जो नगर निगम में निहित सम्पत्ति है। उक्त खसरा संख्याओं पर प्रापर्टी डीलरों द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया गया था, जिनकों आज नगर निगम की टीम, लेखपाल व थानाध्यक्ष थाना-सरोजनी नगर के द्वारा उपलब्ध करायी गयी पर्याप्त पुलिस बल व नगर निगम की ईटीएफ टीम के सहयोग से उक्त अवैध कब्जे को शांतिपूर्ण ढंग से हटवा दिया गया है।

लोकसभा में प्रत्याशी चयन में महिला संकल्प बेमानी

उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने अपनी रिपोर्ट में प्रत्याशियों का जो खुलासा किया है। उसमें महिलाओं को लेकर 33 प्रतिशत की भागीदारी का संकल्प बेमानी साबित हो रहा है। इसके लिए सभी पाटियों की तरफ से बेरूखी दिखाई गई है। उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 8 निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने वाले सभी 80 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया गया जो बिजनौर, कैराना, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नगीना, पीलीभीत, रामपुर और सहारनपुर से चुनाव लड रहे है।उत्तर प्रदेश लोक सभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 7 यानि कुल 9 प्रतिशत महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही है।
उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के अनुसार उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक मामले 80 में से 28 यानि 35 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं इनमें से 29 प्रतिशत उम्मीदवारों ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए है। अपराधिक मामले घोषित करने वाले उम्मीदवारों का दलवार विवरण बहुजन समाज पार्टी के 8 में से 5 यानि 63 प्रतिशत, समाजवादी पार्टी के 7 में से 3 यानि 43 प्रतिशत बीजेपी के 7 में से 3 यानि 43 प्रतिशत , जय समता पार्टी के 2 में से 2 यानि सौ फीसदी , आजाद समाज पार्टी ( कांशी राम) के 1 में से 1 यानि 100 प्रतिशज , राष्ट्रीय लोकदल 1 में से 1 , कांग्रेस 1 में से 1 यानि शत प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने ऊपर अपराधिक मामले घोषित किए हैं। उम्मीदवारों द्वारा घोषित गंभीर आपराधिक मामलों में बहुजन समाज पार्टी के 50 प्रतिशत, समाजवादी पार्टी के 29 प्रतिशत, बीजेपी के 14 प्रतिशत, जय समता पार्टी के 100 प्रतिशत, आजाद समाज पार्टी के 100 प्रतिशत, राष्ट्रीय लोकदल के 100 प्रतिशत और कांग्रेस 100 प्रतिशतउम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए है। आपराधिक मामलों में चंद्रशेखर जो नगीना से आजाद समाज पार्टी ( कांशी राम) के उम्मीदवार है उनके ऊपर 36 आपराधिक मामले है। दूसरे नम्बर के आपराधिक छवि के उम्मीदवार में इमरान मसूद जो सहारनपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार है इनके ऊपर 8 आपराधिक मामले है। तीसरे नंबर पर अरशद वारसी जो रामपुर से अल्पसंख्यक डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार है जिनके ऊपर 6 आपराधिक मामले पंजीकृत है। अगर हम करोडपति उम्मीदवारों की बात करे तो 80 में से 34 यानी 43 प्रतिशतउम्मीदवार करोड़पति हैं। बीजेपी के 7 में से 7 यानि 100 प्रतिशत, बहुजन समाज पार्टी के 8 में से 7 यानि 88प्रतिशत समाजवादी पार्टी के 7 में से 5 यानि 71प्रतिशत, कांग्रेस के 1 में से 1 यानि सौ फीसदी और रास्ट्रीय लोकदल के 1 में से 1 यानि सौ फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। औसतन संपत्ति उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के उम्मीदवारों की 6.95 करोड़ है। मुख्य दलों में बहुजन समाज पार्टी के 8 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति लगभग 13.19 करोड़ है।बीजेपी के 7 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 11.61 करोड़ है समाजवादी पार्टी के 7 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 6.67 करोड़ है।लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण के प्रत्याशियों में माजिद अली सहारनपुर से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं जिनकी संपत्ति 159 करोड़ है इसी तरह से तस्मीम बानो सहारनपुर से आईएनडी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं जिनकी संपत्ति 78 करोड़ है। वपीलीभीत लोकसभा सीट से जितिन प्रसाद भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं जिनकी संपत्ति 29 करोड रुपए हैं। लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में 80 में से 30 यानि 38 प्रतिात उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5 वीं और 12वीं के बीच घोषित की है। जबकि 41 यानि 51 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक और 7 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर और 1 उम्मीदवार ने अपनी शैक्षिक योग्यता असाक्षर घोषित की है।

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