- प्रेम शर्मा
लखनऊ। नगर निगम लखनऊ द्वारा विशेष सफाई अभियान चलाकर प्रत्येक जोन मलीन बस्ती को चिन्हित करते हुए व्यापक सफाई, कूड़े का उठान एवं रिक्त पड़े प्लाटो की सफाई करायी जा रही है। नगर निगम द्वारा संचालित विशेष सफाई अभियान के अन्तर्गत मुख्य मार्गों,ऐसिहासिक स्थलों एवं चिकिबसालयों की बयापक साफ सफाई के साथ-साथ शहर के सैंदर्यीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नगर निगम द्वारा संचालित विशेष सफाई अभियान में आज लगभग 112 टन अपशिष्ठ हटाया गया।नगर निगम द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि आज के अभियान में जोन-01 के अमीनाबाद रोड, बांसमण्डी, बालू अड्डा, राणा प्रताप मार्ग, जापंलिग रोड़, मदन मोहन मालवीय मार्ग, लालकुआँ, छितवापुर पंजावा जियामऊ, जोन-02 के बड़ा इमामबाड़ा, राजाबजार, जलकल रोड़, शीतला प्रसाद रोड, टुडियागंज मुख्य रोड, बीर बक्का, राजाजीपुरम, जोन-03 के लकड़मडी, रानीगंज तथा निराला नगर, मायावती कॉलोनी तथा महर्षि नगर, जानकीपुरम गार्डेन ,4 न. चौराहा, मोहन मेकिन मक्का पुल संजिया घाट, अयोध्यादास वार्ड द्वितीय, जोन-04 के अशर्फा विहार चिनहट, सहारा प्लाजा पत्राकारपुरम, विक्रान्त खण्ड गोमती नगर, चिनहट में सफाई कार्यो के साथ-साथ आवश्यकतानुसार सैनेटाईजेशन का कार्य कराया गया है। जोन-05 के कृष्णा नगर, आलमबाग थाना, रनिंग शेड कालोनी, सरोजनी नगर जोन-06 फिरंगी महल, नौबšता हुसैनाबाद के दुर्गा देवी मार्ग, हैदरगंज नरपत खेड़ा, झवाई टोला, बहमी टोला, मोमिन जोन-7 के मुलायम नगर šमाईलगंज, कुकरैल पिकनिक रूपॉट के आस पास के चयनित घाट, रघुवराज नगर, आर्दश खण्ड मटियारी कासी नगर, कल्याणपुर जोन-08 केे विद्यावती द्वितीय के विरहारा खेड़ा, राजा बिजली पासी प्रथम सेक्टर 1 व 2, शाहीनूर कालोनी, हिन्द नगर, ट्रान्सपोर्ट नगर सेक्टर आई में सफाई कार्यो के साथ-साथ आवश्यकतानुसार सैनेटाईजेशन का कार्य कराया गया है।
224 प्रचार सामग्री हटायी गयी
नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी द्वारा शहर की समस्त सार्वजनिक संपत्तियों, दीवारों फ्लाईओवर की दीवारों, डिवाइडर, विद्युत पोल इत्यादि पर अवैध पेंटिंग तथा चिपकाएं गये पोस्टरो को हटाये जाने के निर्देश दिये गये है। लखनऊ नगर निगम सीमान्तर्गत प्रचार सामग्रियों को हटाये जाने हेतु प्रचार विभाग, जोनल अधिकारियों के स्तर पर टीमों का गठन कर शहर के समस्त क्षेत्रों में अवैध होर्डिग्ंस, बैनर, स्टीकर, पम्पलेट एवं वॉल पेन्टिंग आदि प्रचार सामग्रियाँ अभियान चलाकर हटाये जाने की कार्यवाही की जा रही है। उक्त अभियान के अंतर्गत जोन एवं प्रचार विभाग द्वारा 201 बोर्ड/होर्डिंग, 21 बैनर तथा पीडब्ल्यूडी की 2 गैन्ट्री से फ्लैक्स/प्रचार सामग्री सहित कुल 224 प्रचार सामग्री हटायी गयी। उक्त अभियान निरंतर चलाते हुए किसी भी स्थान पर प्रचार सामग्री पाये जाने तथा उसको हटाने के साथ-साथ विधिक/एफ.आई.आर. दर्ज कराने की कार्यवाही भी की जायेगी।
….दादा डॉक्टर की सलाह और दवाएं मिली या नहीं ?
डिप्टी सीएम ने पीएचसी में लगे मुख्यमंत्री आरोग्य मेले का जायजा लिया
दादा आपको क्या समस्या है ? डॉक्टर ने आपको ठीक से देखा है ? दवाएं पूरी मिली हैं या नहीं। जी भैया। डॉक्टर ने देखा। कुछ जांच कराई। एक सप्ताह की दवाएं दी हैं। ये सभी सेवाएं मुफ्त मुहैया कराई गई हैं। मुख्यमंत्री आरोग्य मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लेने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक सदर के नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। मेले की व्यवस्थाएं चाक चौबंद नजर आईं। अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह सरकारी योजनाओं की लोगों को जानकारी दें।सुबह करीब 11.30 बजे डिप्टी सीएम पिपराघाट स्थित नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। मेले में लगे स्टाल को देखा। मेले में बड़ी संख्या में मरीज थे। डॉक्टरों की टीम मरीजों को इलाज मुहैया करा रही थी। डॉक्टर की सलाह पर मरीजों की जांच हो रही थीं। पांच से 15 दिन की दवाएं दी जा रही थीं। डिप्टी सीएम के पहुंचने पर स्वास्थ्य केंद्र में खलबली मच गई। आनन-फानन कार्यवाहक सीएमओ डॉ. राजेंद्र चौधरी और डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह मौके पर पहुंचे। डिप्टी सीएम ने मरीजों से मेले में मिलने वाली सुविधाओं की हकीकत देखी। मुफ्त मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी हासिल की। मरीजों ने सभी दवाएं और जांच मुफ्त मिलने की बात कही। इसके बाद डिप्टी सीएम सदर स्थित नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। यहां भी मेले में बड़ी संख्या में मरीजों की भीड़ नजर आई। डिप्टी सीएम ने डॉक्टरों से पूछ किस बीमारी के लोग यहां ज्यादा आ रहे हैं। इस पर डॉक्टरों ने बताया कि बुखार, उल्टी व त्वचा आदि से जुड़ी बीमारी के लोग आ रहे हैं। मरीजों को जरूरत के मुताबिक दवाएं मुहैया कराई जा रही हैं।डिप्टी सीएम ने डॉ. राजेंद्र चौधरी को और अधिक प्रकार की दवाएं बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज को बिना दवा न लौटाया जाए। स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट की कोई कमी नहीं है। मरीजों के हितों को अधिकारी सभी जरूरी कदम उठाएं। पिपराघाट पीएचसी से डॉक्टर की सलाह लेकर लौट रहे दिव्यांग संदीप यादव से डिप्टी सीएम ने सेहत का हाल लिया। संदीप ने बताया कि अभी बैसाखी के सहारा है। ट्रॉय साइकिल के लिए कई बार अधिकारियों से गुहार लगाई। अब तक सुनवाई नहीं हुई। डिप्टी सीएम ने तुरंत कार्यवाहक सीएमओ डॉ. राजेंद्र चौधरी से संदीप के लिए ट्रॉय साइकिल का इंतजाम कराने के निर्देश दिए। साथ ही दिव्यांग पेंशन दिलाने में भी मदद करने के लिए निर्देशित किया। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के आश्वासन के बाद संदीप भावुक हो उठा। उसकी आंखे भर आईं। डिप्टी सीएम ने संदीप के कंधे पर हाथ रखा। हौसला बढ़ाया। हर तरह की मदद का भरोसा दिलाया।
आरक्षण समर्थको पुनः उठाई पदोनतियो में आरक्षण की व्यवस्था बहाली की मांग
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति,उ.प्र. संयोजक मण्डल द्वारा आरक्षण के जनक छत्रपति साहू जी महाराज की जयन्ती गोमतीनगर सामाजिक परिवर्तन स्थित प्रतिमा पर धूमधाम से मनायी गयी। इस अवसर पर एक दूसरे को आरक्षण समर्थको को मिठाई खिलाकर बधाई दी।आरक्षण समर्थकों ने इस अवसर पर केन्द्र सरकार पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि छत्रपति साहू जी महाराज ने सर्वप्रथम सन् 1902 में अपने राज्य में आरक्षण लागू करके आरक्षण की विधिवत् शुरूआत की थी और आज आरक्षण पर आये दिन कुठाराघात हो रहा है। पदोनतियो में आरक्षण का संवैधानिक बिल राज्य सभा से पारित होकर पिछले 10 वर्षाे से लोकसभा में लंबित है। उत्तर प्रदेश में पिछले 10 वर्षाे से ही पदोनतियो में आरक्षण की व्यवस्था समाप्त है सपा सरकार में 2 लाख से ज्य्ाादा कार्मिको को पदों वरिश्ठता में रिवर्ट किया गया। आज भी दलित कार्मिक अपमानित है नेता केवल कोरी बयानबाजी कर वाह वाही लूट रहे हैं। दलित व पिछड़ों के आरक्षण पर कठोर कानून बनाने के लिये कोई भी तैयार नहीं है जो सरकारों की आरक्षण विरोधी नीति को उजागर कर रहा है।आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति,उ0प्र0 के संयोजकों सर्वश्री अवधेश कुमार वर्मा, के.बी. राम, डा. रामशब्द जैसवारा, एस.पी. सिंह पीएम प्रभाकर आर.पी. केन, अजय कुमार, अन्जनी कुमार, जितेन्द्र कुमार, प्रेम चन्द्र, श्रीनिवास राव, प्रभु शंकर राव, मनोजकुमार अस्वनी कुमार योगेंद्र कुमार ने कहा कि उ.प्र. सरकार आरक्षण पर राजनीति कर रही है। संघर्ष समिति यह मांग करती है कि जब तक उ.प्र. में आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा-3(7) बहाल नहीं होगा प्रदेश में पदोनतियो में आरक्षण प्रदेश के कार्मिको को नहीं मिल पायेगा अभी भी समय है प्रदेश सरकार को पदोनतियो में आरक्षण की वयवस्था बहाल करने की दिशा में तुरंत कदम उठाना चाहिए तभी सही मायने में छत्रपति पाती साहू जी को सम्मान होगो। आरक्षण समर्थको ने जोर देकर सरकार से पुनः मांग उठाई दलित व पिछड़े वर्गाे के लिए सरकार तत्काल पदोनतियो में आरक्षण की वयवस्था बहाल करे तभी सही मायने में आरक्षण के जनक को सम्मान होगा।
ओटीएस योजना में 21.05 लाख उपभोक्ताओं को 373 करोड़ रुपये की राहत
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी की पहल पर प्रदेश सरकार ने बकायेदार उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के समस्त विद्युत भार वाले घरेलू (एलएमवी-1) एवं निजी नलकूप 4(एलएमवी-5) तथा 05 किवा विद्युत भार के वाणिज्यक (एमएमवी-2) श्रेणियों के उपभोक्ताओं को अप्रैल,2022 तक के विलम्बित अधिभार (ब्याज)/सरचार्ज में शत-प्रतिशत छूट प्रदान करते हुए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) लागू की। यह योजना 30 जून,2022 तक लागू रहेगी और अब उपभोक्ताओं को योजना के तहत अपने बकाये बिल पर छूट लेने के लिए मात्र 04 दिन और शेष बचे है। उन्होंने कहा कि इस योजना की अवधि अब पूर्ण होने को है, उपभोक्ताओ को फिर ऐसा मौका नहीं मिलेगा।बकायेदार उपभोक्ता जल्दी करे और अपने बकाये बिल से मुक्ति पायें।ऊर्जा मंत्री श्री शर्मा ने बताया कि 25 जून तक ओटीएस योजना का 21.05 लाख उपभोक्ताओं ने लाभ लेकर अपने बकाये बिल से मुक्ति पायी हैं। योजना के तहत ऊर्जा विभाग को कल तक 1400 करोड़ रुपये के बकाये राजस्व की प्राप्ति हुई और इस योजना से उपभोक्ताओं को अपने बकाये बिलों के भुगतान से उनको ब्याज में अब तक 373 करोड़ रूपये की राहत मिली हैं। योजनान्तर्गत 01लाख रुपये तक के बकायेदार उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम 06 किश्तों में भुगतान की व्यवस्था व 01 लाख रुपये से ऊपर के बकायेदार उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम 12 किश्तों में भुगतान की सुविधा प्रदान की गयी है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ता अधिशासी अभियन्ता,एसडीओ कार्यालय,सीएससी केन्द्रों व विद्युत सखी से सम्पर्क करे। इसके अलावा आनलाइन माध्यम से भी पॉवर कारपोरेशन की वेबसाइट ूूू.नचमदमतहल.पद पर जाकर योजना का लाभ ले सकते है। पॉवर कारपोरेशन के टोल फ्री नं. 1912 से भी योजना की जानकारी प्राप्त कर सकते है। ऊर्जा मंत्री ने बकायेदार उपभोक्ताओं से सादर अनुरोध किया है कि इस योजना का लाभ उठाकर उपभोक्ता अपने बकाये बिल का समय से भुगतान कर, देश व प्रदेश के विकास में भागीदार बने तथा अपनी सुख-सुविधाओं में बृद्धि करने का मौका प्रदान करें।
ऊर्जा राज्य सलाहकार समिति की बैठक में उठेगा बिजली दरों कमी का मुद्दा
प्रदेश की बिजली कंपनियों की तरफ से वर्ष 2022 -23 तक वार्षिक राजस्व आवश्यकता व बिजली दर संबंधी सुनवाई जहां विद्युत नियामक आयोग में पूरी हो चुकी है वही ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बडी संवैधानिक समिति राज्य सलाहकार समिति की कल विद्युत नियामक आयोग सभागार में आयोग चेयरमैन आर पी सिंह की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई है। प्रमुख सचिव ऊर्जा सहित अन्य प्रमुख विभागों के प्रमुख सचिव प्रबंध निदेशक उपभोक्ता प्रतिनिधि उद्योग प्रतिनिधि भाग लेंगे जिसमें बिजली दर के मुद्दे पर सभी पहलुओं पर विचार विमर्श किया जाएगा। राज्य सलाहकार समिति की बैठक के बाद विद्युत नियामक आयोग बिजली दरों को अंतिम रूप देगा। इसके बाद आयोग जल्द से जल्द बिजली दरों का निर्धारण कर उसका आदेश जारी करेगा। उपभोक्ता परिषद् अध्यक्ष ने कहा राज्य सलाहकार समिति सदस्य के रूप बिजली दरों की कमी का मुद्दा मुख्य होगा।उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा सभी को पता है कि प्रदेश की बिजली कंपनियों पर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का लगभग 22045 करोड निकल रहा है।ऐसे में अगले 5 वर्षों तक प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 7 प्रतिसत की लगातार कमी की जाएगी तभी उपभोक्ताओं के साथ न्याय होगा। नोएडा पावर कंपनी के मामले में बिजली दर निर्धारण का तो अभी तक जो विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी आदेश है उसके तहत लगभग 1176 करोड नोएडा पावर कंपनी पर सर प्लस निकल रहा है ऐसे में ग्रेटर नोएडा क्षेत्र की विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी होना तय है। क्योंकि ग्रेटर नोएडा पावर कंपनी का लाइसेंस जो 30 अगस्त 2023 को समाप्त हो रहा है ऐसे में विद्युत नियामक आयोग को बिजली दरों में कमी करना ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए बहुत जरूरी होगा। क्योंकि एनपीसीएल का जब टेंडर निकलेगा तो उसमें उस कंपनी का मालिक आगे कौन होगा या भविष्य के गर्त में है ऐसे में विद्युत नियामक आयोग के सामने बिजली दरों में कमी का ही विकल्प बचता है ।उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा क्योंकि बिजली दरों की सुनवाई में आम जनता के सामने स्लैब परिवर्तन को विद्युत नियामक आयोग द्वारा देखने से मना कर दिया गया ऐसे में परिवर्तन पर अब संवैधानिक रूप से चर्चा नहीं की जा सकती जो प्रस्ताव प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का हिसाब है। आयोग ने सुनने से मना कर दिया अब उस प्रस्ताव पर किसी मीटिंग में चर्चा किया जाना वैधानिक नहीं होगा। ऐसे में अब केवल स्लैब परिवर्तन को खारिज होने की औपचारिकता बाकी है।