-उपभोक्ता परिषद का ब्रेकडाउन को लेकर बड़ा खुलासा
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( आज नेशनल समाचार )
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में रोस्टिंग व ब्रेकडाउन को शामिल कर लिया जाए तो वर्तमान में इस भीषण गर्मी में पीक डिमांड लगभग 30000 मेगावाट को पार कर रहा है। जबकि उत्तर प्रदेश में पीक डिमांड मीट आउट करने की उपलब्धता 28000 मेगावाट के आसपास है। पिछले वर्षों के मुकाबले इस वर्ष पूरे उत्तर प्रदेश में ब्रेकडाउन व व्यवधान के चलते सबसे ज्यादा उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। अनेको जनपदों उपभोक्ता सडकों पर भी उतर आए। ऐसे में जब उपभोक्ता परिषद ने पूरे प्रदेश में मेजर ब्रेकडाउन का अध्ययन किया तो काफी चौंकाने वाले मामले सामने आए। जल्द उपभोक्ता परिषद अपनी अध्ययन रिपोर्ट के प्रमुख बिंदुओ को पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन बिजली कंपनियों व विद्युत नियामक आयोग के साथ साझा करेगा। इस रिपोर्ट पर तकनीकी रूप से काम करने पर निश्चित तौर पर ब्रेकडाउन में कमी आएगी। फिलहाल प्रदेश में 50 प्रतिशत ब्रकडाउन के लिए एलटी एबीसी केबल का जलना पाया गया है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा उपभोक्ता परिषद एक अध्ययन किया है उसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में लगभग 50 प्रतिशत ब्रेकडाउन एलटी एबीसी केबल के जलने का है। यदि बिजली कंपनियां ऐसे इलाकों को चिन्हित कर वहां अतिरिक्त एबीसी सर्किट डाल दें और उसे पर भार ट्रांसफर कर दें तो ब्रेकडाउन काम हो जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में 30 परसेंट ब्रेकडाउन तार टूटने का है। इसका मुख्य कारण पुराने बीजल कंडक्टर जिस पर 130 एम्पेयर के ऊपर भार जाते ही वह टूट जाता है। उसे तत्काल बदलकर रैबिट कंडक्टर किया जाए। जिससे 195 एम्पेयर तक लोड सहन करने की क्षमता हो बिजली कंपनियों में 10 प्रतिशत ब्रेकडाउन को अभिलंब रोका जा सकता है। यदि ट्रांसफार्मर के आउटपुट सर्किट के एलटी लोड को प्रॉपर लाक लगाकर बुसिंग रोड से टाइट कर दिया जाए। इसी प्रकार सभी बिजली कंपनियों मे पावर ट्रांसफार्मर जो ओवरलोड हो रहे हैं उन्हें ठंडा करने के लिए कूलर अथवा स्टैंड फैन की व्यवस्था की जाए।
विगत दिनों सामने आया कि 33 केबी लाइन जो अंडरग्राउंड थी उसमें ब्रेकडाउन हो गया। घंटो विद्युत आपूर्ति बाधित रही। सबसे खास बॉत यह कि उस अंडरग्राउंड केबल में कोई अल्टरनेट व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में पूरे प्रदेश में सभी बिजली कंपनियों में सभी अंडरग्राउंड केबल में अल्टरनेट व्यवस्था की जांच कराई जाए। यदि ऐसा ना मिले तो जो भी दोषी अभियंता है उनके खिलाफ कठोर कदम उठाया जाए। क्योंकि इसका खामियाजा जनता को भुगतना ही पडता है।इससे विभाग को आर्थिक हानि उतनी पडती है। जबकि अल्टरनेट व्यवस्था के तहत अंडरग्राउंड केबल डालते वक्त डबल केबल हर हाल में डाली जानी चाहिए । 20 प्रतिशत ब्रेकडाउन के मामले में ट्रांसफार्मर के जलने का मुख्य कारण है। ज्यादातर मामलों में अनबैलेंसिंग हर ट्रांसफार्मर पर फ्यूज सेट अलग से लगाये जाना सामने आ रहा है। कुछ मामलों में ट्रांसफार्मर 3 से 4 बार जल चुके और जिनकी लाइफ समाप्त हो चुकी है। ऐसे में उनकी जगह नए ट्रांसफार्मर लगाए जाएं रिपेयर ट्रांसफार्मर न लगाया जाए। घटिया क्वालिटी के केबल बॉक्स की वजह से भी 10 प्रतिशत ब्रेकडाउन हो रहा है।
पदोन्नति के बाद भी पुराना कार्य देखेगें समीक्षा अधिकारी लेखा
सचिवालय संवर्ग में विभिन्न पदों के सापेक्ष लगभग सभी संवर्ग में स्वीकृत पदों के सापेक्ष काफी रिक्तियॉ पड़ी है। ऐसी स्थिति में अप्रैल माह में पदोन्नत समीक्षा अधिकारी लेखा को अनुभाग अधिकारी लेखा के साथ पूर्व पद के दायित्वों का निर्वहन करना होगा। इस आशय का परिपत्र प्रमुख सचिव के. रविन्द्र नायक द्वारा जारी किया गया है।
इस सम्बंध में जानकारी मिली है कि सचिवालय समीक्षा अधिकारी लेखा के कुल स्वीकृत पद 132 के सापेक्ष 56 पद रिक्त चल रहे है। इन पदों पर फिलहाल भर्ती की सम्भव नही है। ऐसी स्थिति में अप्रैल माह में पदोन्नत हुए समीक्षा अधिकारी लेखा को पदोन्नत पद के साथ समीक्षा अधिकारी लेखा के दायित्व निर्वहन करने का आदेश जारी हुआ है।
समीक्षा अधिकारियों से मानक अनुरूप काम लिए जाने के निर्देश
सचिवालय प्रशासन में कार्मिकों की भारी कमी है। ऐसे में समीक्षा अधिकारी संवर्ग द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप काम न होने से प्रशासनिक कार्य पिछड़ रहे है। इस सम्बंध में प्रमुख सचिव द्वारा जारी एक ज्ञाप में स्पष्ट किया गया है कि समीक्षा अधिकारियों द्वार सचिवालय मैनुअल के अनुसा काम लिया जाए। समीक्षा अधिकारियों को मानक के अनुसार प्रत्येक कार्य दिवस पर 7.5 पीसीयू निष्पादन करना है।
इस सम्बंध में बताया गया कि सचिवालय में समीक्षा अधिकारी स्तर पर फिलहाल प्रत्येक कार्य दिवस पर 3.0 से अधिक प्रत्येक कार्यदिवस पर कार्य नही किया जा रहा है। इस बॉत का जिक्र करते हुए पत्र के हवाले से प्रत्येक कार्य दिवस पर 7.5 पीसीयू के अनुसार कार्य लिये जाने का जिक्र पत्र में किय गया है। यह भी बताया गया कि सचिवालय संर्वग में समीक्षा अधिकारी के 2041 पदों के सापेक्ष1393 पद भरे है। ऐसे में 648 पद रिक्त होने के कारण काम बाधित हो रहा है। लोकसेवा आयोग द्वारा 322 पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। ऐसी स्थिति में समीक्षा अधिकारी संवर्ग से मानक के अनुरूप कार्य सम्पादित कराया जाना अनिवार्य है।