वाराणसी:काशी में अखिलेश यादव ने कसा सियासी तंज,क्लिक करें और भी खबरें

-बोले- भाजपा जहां अपनी सीट मान रही थी, वो भी हार रही

  • मुकेश जायसवाल

वाराणसी । वाराणसी जिले के मोहनसराय गंगापुर में मंगलवार को आयोजित जनसभा में अखिलेश यादव ने इंडी गठबंधन के प्रत्याशी व कांग्रेस नेता के समर्थन में संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वाराणसी लोकसभा सीट से भी इंडी गठबंधन की जीत होगी। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि अभी तक मैं उत्तर प्रदेश में एक सीट को छोड़कर सभी सीटों पर इंडिया गठबंधन की जीत का दावा कर रहा था, लेकिन आज मैं कह सकता हूं कि जहां भाजपा के लोग क्योटो को अपनी सीट मान रहे थे ये भी सीट वो हारने जा रहे हैं।  अखिलेश यादव ने कहा कि ये जोश इस बार परिवर्तन के लिए मतदान करने जा रहा है। मुझे पूरा भरोसा है कि काशी की जनता इस बार इंडी गठबंधन के प्रत्याशी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को अपना एक-एक मत देकर न केवल जिताने का काम करेंगी बल्कि रिकॉर्ड मतों से जिताने का काम करेगी।

अखिलेश यादव ने कहा कि मैं जब भी आपके शहर में आता हूं तो मैं सोचता हूं कि मैं काशी में आया हूं कि क्योटो में। कहा कि मैं पहले चरण से जनता के बीच भाजपा के लिए जो गुस्सा देख रहा हूं, वह सातवें चरण में सातवें आसमान पर पहुंच जाएगा।अखिलेश यादव ने कहा कि हम लोग डबल ताकत हो गए हैं, वो डबल जीरो हो गए हैं। जो कहते थे कि हम डबल इंजन की सरकार हैं उन्होंने यहां के लोगों के साथ धोखा करने का काम किया है। डबल इंजन का यहां धुआं निकलता दिखाई दे रहा है। जो घबराए हुए लोग हैं, हम लोगों को शहजादा बोल रहे हैं, वो सुन लें दोनों शहजादे इस बार शह देने जा रहे हैं, मात भी देने का काम भी करेंगे। जिन्होंने मां गंगा की कसम खा करके कहा था मां गंगा साफ हो जाएंगी, मां गंगा तो साफ नहीं हुईं लेकिन जितना भी बजट आया था सब साफ हो गया। जिस गांव को गोद लिया था, उसका कोई नाम भी नहीं ले रहा है। उस गांव का कोई नाम भी जानता है। अखिलेश यादव ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि ना निवेश आया, ना कारखाने लगे, आज 10 साल बाद जब पीछे मुड़कर देखते हैं तो ये दीवाली का रॉकेट भी नहीं बना पाए। बनारस वाले जानते होंगे वो सुतली का बम भी नहीं बना पाए, ये जो जी-20 का आयोजन हुआ था, जी-20 का मतलब है 2 गुजरात के बाकी बीजेपी के जीरो।

वाराणसी में रोप-वे के दो टॉवर बनकर हुए तैयार
-बनने लगा प्लेटफॉर्म यहां से होकर गुजरेगी लाइन

देश की पहली अर्बन रोप-वे ट्रांसपोर्ट सुविधा को धरातल पर उतारने की तैयारी है। सिगरा से रथयात्रा के बीच दो टावर स्थापित हो चुके हैं आगे का तीसरा टावर बाद में लगेगा। पहले चरण में कैंट से रथयात्रा के मध्य कुल 18 टावर बनने हैं। अब विद्यापीठ रोप वे स्टेशन को अंतिम रूप देने की कोशिश है। रोप वे प्लेटफार्म बनना शुरू हुआ है।इलेक्ट्रो मैकेनिकल उपकरणों का इंस्टालेशन किया जाने लगा है। यहीं से रोप लाइन गुजरेगी, क्योंकि यहीं पर गोंडोला की गति धीमी व तेज होगी। गोंडोला पर यात्री यहीं पर सवार होंगे और उतर सकेंगे। पूरा काम स्विट्जरलैंड के इंजीनियरों की निगरानी में किया जा रहा है।हैदराबाद की निर्माण एजेंसी विश्वसमुद्र को 10 जून तक कार्य पूर्ण करने की मोहलत दी गई है, इसके लिए एनएचएलएमएल (नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड) ने समग्रता में रोड मैप तैयार किया है। उधर, दूसरे चरण में गिरिजाघर से गोदौलिया के मध्य भी काम शुरू किया जा रहा है। गिरिजाघर के समीप फाउंडेशन का पाइलिंग कार्य किया जा रहा है। प्रोजेक्ट में 148 गोंडोला का संचालन होगा, दस से अधिक गोंडोला की आमद हो चुकी है। चार टावर का पूरा सामान आ चुका है।एनएचएलएमएल के मैनेजर पूजा मिश्रा का कहना है की काशी विद्यापीठ स्टेशन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। समग्रता में कार्य की निगरानी जारी है।

गैंगस्टर मामले में सांसद अतुल राय ने किया सरेंडर, भेजे गए जेल

कैंट थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में घोसी सांसद अतुल राय सोमवार को प्रभारी विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अजय कुमार द्वितीय की अदालत में हाजिर हुए। सांसद के जमानतदार हाथी बाजार जंसा निवासी ताड़केश्वर ने अदालत में प्रार्थनापत्र दिया है कि निजी कार्य से कुछ वर्षों के लिए बाहर जा रहे हैं। ऐसे में आरोपित अतुल राय की जमानत से मुक्त होना चाहता है।अदालत ने जमानतदार का प्रार्थनापत्र मंजूर करते हुए अतुल राय को जेल भेजने का आदेश दिया। अतुल राय की ओर से प्रार्थना पत्र दिया गया है कि स्वास्थ्य कारणों व जीवन पर खतरे को देखते हुए केंद्रीय कारागार में निरुद्ध किया जाए।अदालत ने इस पर सुनवाई करते हुए जिला कारागार अधीक्षक को तत्काल आख्या प्रेषित करने का निर्देश दिया। जिला कारागार से प्राप्त हुई आख्या का अवलोकन करने के बाद अदालत ने घोसी सांसद को केंद्रीय कारागार में रखने का आदेश दिया है। अतुल राय को लखनऊ के हजरतगंज में दर्ज मुकदमे में जमानत में मिली थी। अंतरिम जमानत को हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने निरस्त कर दस दिनों में समर्पण करने का निर्देश दिया था। इसकी अवधि सोमवार को समाप्त हो रही थी।

Aaj National

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *