LUCKNOW:नगर निगम मुख्यालय के सामने कल्याण सिंह की भव्य प्रतिमा का अनावरण,क्लिक करें और कई खबरें

कल्याण सिंह की सरकार में इज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस था: राजनाथ सिंह
सिंहासन छोड़ा पर वचन निभाया,उस कल्याण को पीढ़ियां याद रखेगी: महापौर

  • प्रेम शर्मा

लखनऊ। महापौर संयुक्ता भाटिया द्वारा लालबाग के त्रिलोकीनाथ रोड स्थित नगर निगम में स्थापित उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह की प्रतिमा का अनावरण देश के रक्षामंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने कर जनता को समर्पित किया।इस मौके पर महापौर संयुक्ता भाटिया ने रक्षामंत्री को पुष्पगुच्छ और लक्ष्मण जी की प्रतिमा भेंट कर उनका स्वागत किया। तत्पश्चात नगर निगम के पार्षदों और कर्मचारी संगठनों ने भी रक्षामंत्री का स्वागत और अभिवादन किया। नगर निगम पहुँचे रक्षामंत्री ने कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं महापौर संयुक्ता भाटिया, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, शिक्षा मंत्री और स्वर्गीय कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह संग हिंदू हृदय सम्राट स्व कल्याण सिंह  की प्रतिमा का अनावरण किया गया।नगर निगम लखनऊ के में देश के रक्षामंत्री इस नाते नगर निगम परिसर में आने पर निगम की महिला कर्मचारियों द्वारा पुष्पवर्षा कर रक्षामंत्री का स्वागत और अभिवादन किया गया।इस मौके पर महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि राजनीति में सत्ता का महात्याग कर अपना आदर्श प्रस्तुत करने वाले श्रद्धेय कल्याण सिंह जी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए राजनीति की नर्सरी कहीं जानें वाली नगर पालिका, नगर निगम के समक्ष स्थान से उचित और कोई स्थान नहीं हो सकता, इसलिए यह निर्णय लिया गया है ताकि यहां पर तैयार होने वाले भविष्य के नेता उसने सुशासन की प्रेरणा लेकर आगे बढ़ सकें।महापौर ने कहा कि  बाबू जी की सरकार का प्रमुख स्तंभ था, पूरा जीवन जन कल्याण के लिए लगा देने वाले प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त, हिंदू हृदय सम्राट श्रद्धेय कल्याण सिंह जी की भव्य प्रतिमा इस नाते भी आज नगर निगम मुख्यालय के सामने स्थापित की जा रही है।महापौर ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व राज्यपाल श्रद्धेय कल्याण सिंह जी भारतीय राजनीति में वह पुरोधा थे जिन्हें इतिहास कभी नही भूल सकता। सिंहासन छोड़ा पर वचन निभाया। उस कल्याण को पीढ़ियां याद रखेगी। श्रद्धेय कल्याण सिंह जी हमेशा कहते थे सत्ता धमक व इकबाल से चलती है इससे सिस्टम कोलैप्स नही होता। सत्ता के दौरान उनके फैसले स्पष्ट और निडर होते थे। राजनीति में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है सत्ता और सत्ता में मुख्यमंत्री होना, ऐसे में उन्होंने श्री राम मंदिर निर्माण हेतु जनजन की भावनाओं के लिए सत्ता का त्याग कर दिया था। महापौर ने कहा कि आज अगर अयोध्या जी में भव्य राम मंदिर बन रहा है तो उसमें नींव की ईट भगवान श्रीराम लला के परम् भक्त श्रद्धेय कल्याण सिंह जी की ही लगी है।महापौर ने आगे कहा कि जिस समय कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बने उस समय तक उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था सबसे निम्न स्तर पर थी, यहाँ नकल माफियाओं का गठजोड़ था।महापौर ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में आमूल चूल परिवर्तन कर नकल अध्यादेश लाने वाले श्रद्धेय कल्याण सिंह के साथ उस समय शिक्षा मंत्री के रूप में आदरणीय राजनाथ सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी। इन दोनों शेरो की जोड़ी ने राजनीति के क्षेत्र में एक नया संदेश देकर सुशासन की पटकथा लिखी थी, इसी नाते से आज हमने इस महान कार्य के लिए आदरणीय राजनाथ सिंह को निवेदन कर अनावरण करने हेतु बुलाया है।इस समारोह को सम्बोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण कार्य कल्याण सिंह ने किया। मैं शिक्षा मंत्री था, दो बार नकल अध्यादेश प्रस्ताव पास नहीं हो पाया तो मैं उनसे मिलकर बताया और उन्होंने अगले सदन में ही सर्वप्रथम इसपर चर्चा करते हुए पारित भी कराया। वह दृण इक्षाशक्ति के धनी थे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं राष्ट्रीय परिषद की बैठक में वह एकलौते मुख्यमंत्री थे जिनको सबसे अधिक महत्व मिलता था। राष्ट्रीय स्तर पर उनकी साख थी। कानून व्यवस्था पर जिस प्रकार उन्होंने कामयाबी हासिल की उसकी चर्चा पूरे देश में होती थी।कानून व्यवस्था या तो कल्याण सिंह के शाशन काल में दुरुस्त थी या फिर वर्तमान की योगी आदित्यनाथ की सरकार में है।पिछली अन्य सरकारों में जहां इज़ ऑफ डूइंग क्राइम था तो कल्याण सिंह जी की सरकार में इज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस था ठीक उसी प्रकार आज योगी जी की सरकार में भी इज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस है और क्राइम करने वालों के खिलाफ बुलडोजर।गावँ, गरीब, किसान की चिंता करने वाले मुख्यमंत्री थे कल्याण सिंह। कार्यकताओं से बहुत ही सहजता से बात करते थे। कोई कार्यकर्ता कभी यह महसूस नही करता था कि वह इतने बड़े राजनीतिक व्यक्ति है। उनकी स्मृतियों की जितनी भी चर्चा की जाए कम है।रक्षामंत्री ने महापौर संयुक्ता भाटिया का आभार जताते हुए कहा कि मैं महापौर संयुक्ता भाटिया और उनकी पूरी टीम को बधाई देना चाहूंगा जिन्होंने आज इस कार्य को अंजाम दिया।इस मौके पर रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह जी, महापौर संयुक्ता भाटिया, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, मंत्री संदीप सिंह, विधायक आशुतोष टण्डन, विधायक योगेश शुक्ला, विधायक नीरज बोरा, विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, विधान परिषद सदस्य महेन्द्र सिंह, मध्य विधानसभा के उपविजेता रजनीश गुप्ता, पार्षद कौशलेंद्र द्विवेदी, पार्षद विजय गुप्ता, पार्षद सुधीर मिश्र, पार्षद प्रदीप शुक्ल, पार्षद रुपाली गुप्ता सहित समस्त पार्षद गण, कार्यकर्ता, नगर निगम के अधिकारी गण, कर्मचारी संघ, सफाई कर्मी सहित बड़ी संख्या में आम जन मौजूद रहे।

कल्याण सिंह के नाम पर एक वार्ड की घोषणा

इस मौके पर महापौर संयुक्ता भाटिया ने पूर्व मुख्यमंत्री श्रद्धेय कल्याण सिंह जी को समर्पित करते हुए एक वार्ड का नाम कल्याण सिंह वार्ड रखने की घोषणा की।महापौर ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की कांसे की बनी प्रतिमा 12 फिट ऊंची है साथ ही इसका पेडस्टल भी 8 फिट ऊंचा है। कुल मिलाकर 20 फिट ऊंची भव्य प्रतिमा स्थापित की गई हैं।

तबादले के बाद जमे कर्मचारियों अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी

तबादले और पटल परिवर्तन के बावजूद जमें अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ शासन ने कार्रवाई का मन बना लिया है। लगभग अधिकतम विभागों में अभी भी काफी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी जोर जुगाड़ कर तबादले और पटल परिवर्तन के बाद अपनी पुरानी सीट और जगह का मोह नही छोड पा रहे है। यह संख्या एक दो नही बल्कि हजार के करीब होगी। बरसों-बरस से एक ही पटल/क्षेत्र पर जमे समूह ग के कार्मिकों की जिम्मेदारियों में बदलाव के सरकारी आदेश के अनुपालन में हीलाहवाली हो रही है। बीती 27 जुलाई को इस बाबत जारी सरकारी आदेश का विभागाध्यक्षों ने अब तक अनुपालन नहीं किया है। किसी विभाग में मलाईदार पद पर जमे समूह श्गश् के ऐसे कार्मिक खुद हटने को तैयार नहीं तो कहीं विभागाध्यक्ष जानबूझ कर दिलचस्पी नहीं ले रहे। आखिरकार कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. देवेश चतुर्वेदी को इस बारे में सभी विभागाध्यक्षों को रिमाइंडर भेजना पड़ा।ज्ञात हो कि 25 अगस्त को सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, सभी विभागाध्यक्षों और कार्यालयध्यक्षों को यह रिमाइंडर भेजा गया है। इसमें 27 जुलाई को जारी शासनादेश का हवाला दिया गया है। कहा गया है कि उक्त आदेश के जरिये सरकारी कामकाज की शुचिता बनाए रखने के मद्देनजर समूह ग के कार्मिकों के प्रत्येक तीन वर्ष के बाद पटल-क्षेत्र परिवर्तन किए जाने के संबंध में संबंधित कार्यालयाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों द्वारा प्रमाण-पत्र संबंधी सूचना कार्मिक विभाग को उपलब्ध करवाने के लिए आदेश जारी किए गए हैं। मगर इस संबंध में प्रशासकीय विभाग के स्तर से किसी भी तरह की सूचना कार्मिका विभाग को प्राप्त नहीं हुई है।शासन के 27 जुलाई के बाद आदेश के अनुपालन में समूह श्गश् के कार्मिकों का पटल परिवर्तन और फील्ड में तैनात कार्मिकों का क्षेत्र परिवर्तन करने के बारे में प्रमाण-पत्र सहित सूचना अपने प्रशासकीय विभाग के माध्यम से 31 अगस्त तक कार्मिक विभाग को अवश्य उपलब्ध करवाएं। इस संबंध में मुख्य सचिव स्तर पर शीघ्र ही समीक्षा की जाएगी। सरकार के पास जोनल अधिकारियों से लेकर पटल सहायकों तक ब्यौरा विभिन्न स्त्रोंतों के माध्यम से पहुंच चुका है। ऐसे में अगर सितम्बर के पहले सप्ताह तबादलों और पटल परिवर्तन सम्बंधी लापरवाही में विभागाध्यक्षों के खिलाफ एक मुश्त कार्रवाई हो सकती है।

शहीद परवीन सिंह और रिक्खी सिंह पर इं. हेमंत कुमार की पुस्तक का विमोचन

अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन के अंतर्गत 16 अगस्त को जनपद बिजनौर के नूरपुर थाने पर क्रांतिकारियों ने तिरंगा लगाने का ऐलान किया था। उस दिन थाने में सुबह से ही अंग्रेजी पुलिस और उसके गुर्गे बंदूक तथा अन्य हथियारों के साथ मुस्तैद हो गए। थाने में घुसने का मतलब था सीधे मौत। परवीन सिंह तथा रिक्खी सिंह ने गोलियों की बौछार का सामना करते हुए इस प्रण को पूरा किया। दोनों वीरों को कई कई गोली लगीं जिससे ये शहीद हो गए। इस घटना की सबसे महत्वपूर्ण बात है कि दोनों वीरों ने सामने खड़ी साक्षात मौत को अंगीकार करते हुए अपना प्रण पूरा किया। यह घटना मुरादाबाद मंडल के स्वतंत्रता इतिहास का स्वर्णिम अध्याय मानी जाती है। इसे बिजनौर का जलियाँवाला कांड भी कहा जाता है। इतनी महत्वपूर्ण घटना होने और स्वाधीनता को 74-75 वर्ष बीत जाने के बाद भी दुर्भाग्य से इन वीरों पर कोई पुस्तक नहीं लिखी गई थी।क्षेत्रीय इतिहास संकलन एवं लेखन अभियान जनपद बिजनौर के संयोजक और स्थानीय सेनानियों पर विशिष्ट शोध कार्य करने वाले ग्राम फीना के ख्यातिलब्ध इतिहासकार इं. हेमंत कुमार ने पहल करते हुए इन शहीदों पर एक पुस्तक इसी वर्ष लिखकर पूरी की। इन्होंने अपनी इस छठवीं पुस्तक का विमोचन स्वाधीनता के 75 वीं वर्षगांठ सप्ताह और अमृत महोत्सव में कराने की योजना बनाई। इस क्रम में 16 अगस्त को नूरपुर के शहीद स्थल पर आयोजित वार्षिक श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान पुस्तक का विमोचन संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में मौजूद मुरादाबाद मंडल के विकास उपायुक्त और सभाध्यक्ष गजेन्द्र प्रताप सिंह, संयुक्त विकास आयुक्त श्रीकृष्ण पांडेय, देश के वयोवृद्ध स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी लेखराज सिंह, उपजिलाधिकारी चांदपुर मांगेराम चौहान, पूर्व मंत्री महावीर सिंह, कार्यक्रम संचालक विजय सिंह, राष्ट्रपति अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित नरेन्द्र सिंह चौहान, चंद्रपाल सिंह तथा लेखक इं. हेमंत कुमार ने पुस्तक से रिबन खोलकर पुस्तक का विमोचन किया।राजीव कुमार यादव, सहदेव सिंह, सुशील कुमार, नवनीत कुमार, हेमराज सिंह, अनिल कमल तथा बड़ी संख्या में सेनानियों के वंशज, गणमान्य और नागरिक इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। परवीन सिंह और रिक्खी सिंह के वंशज हरगोविंद सिंह, सुखवीर सिंह, भीषम सिंह, नत्थू सिंह, नरेंद्र सिंह को लेखक द्वारा पुस्तक भेंट की गई। इस कृति के लिखे जाने पर सभी ने हेमन्त कुमार की प्रशंसा करते हुए भारी प्रसन्नता जताई। विमोचन उसी परिसर में और उसी दिन हुआ जिस परिसर और जिस दिन दोनों बलिदानियों को गोलियाँ लगी थीं।

राजू श्रीवास्तव के निरोग जीवन के लिए साईंधाम ट्रस्ट ने कराया हवन

रविवार को साईंधाम मंदिर फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा स्थापित साईं-मंदिर के प्रांगण में पढ़ने वाले बच्चों ने रैली निकालकर विभुति खंड, गोमती नगर लखनऊ में गली-गली जाकर लोगों से आग्रह करा की वे सभी हमारे उत्तरप्रदेश की शान राजू श्रीवास्तव जो एक विश्वप्रसिद्ध हास्य अभिनेता हैं, उनके जल्दी स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करें।संस्था के संस्थापक अमित शर्मा ने मंदिर में हवन-पूजन कर राजू श्रीवास्तव की लम्बी उम्र की साईंनाथ महाराज से प्रार्थना करते हुए उनके जीवन मे निरोगता व खुशहाली बनी रहे बाबा से ये बिनती की गई।ज्ञात हो कि 25 दिसंबर 1963 को कानपुर शहर में जन्मे रमेश चंद्र जी के सुपुत्र राजू श्रीवास्तव उत्तरप्रदेश सरकार में फिल्म विकास परिषद के चेयरमैन के पद पर भी कार्यरत हैं, जिनके प्रयासों के चलते नोएडा में फिल्म सिटी का भी उद्धघाटन होने को है। संस्था के संस्थापक अमित शर्मा ने कहा कि उत्तरप्रदेश के लोग उन्हें दिल से स्वस्थ और तंदरुस्त देखना चाहते हैं और उनके चुटकुलों पर फिर से ठहाका लगाने को बेसब्र हैं।

स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधियों द्वारा रक्षा मंत्री ज्ञापन

नगर निगम के सामने पूर्व मुख्यमंत्री स्व.कल्याण सिंह की भव्य प्रतिमा का अनावरण लखनऊ के लोकप्रिय सांसद एवं देश के रक्षा मंत्री राजनाथसिंह द्वारा प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक,राज्यमंत्री संदीप सिंह सहित .महापौर,.विधायक उपस्थित रहे। इस दौरान समय मिलने पर उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने निकाय कार्मिकों की लम्बित समस्याओं के निराकरण के लिए गृहमंत्री को ज्ञापन सौपा।इस अवसर पर उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधियों द्वारा वर्तमान में प्रदेश के निकाय कर्मियों की लम्बित समस्याओं के समाधान न होने के विरोध स्वरूप चल रहे आंदोलन से अवगत कराते हुए मा.रक्षामंत्री को अंगवस्त्र, पुष्प गुच्छ भेंट करते हुए ज्ञापन भी सौंपा गया,जिस पर रक्षामंत्री जी ने महासंघ के उपस्थित साथियों को बहुत जल्द समस्याओं का समाधान कराने हेतु आश्वासन दिया गया।ज्ञापन में मुख्य मांगों में राज्य वित्त आयोग की तरफ से निकायों को दिए जाने वाले अनुदान की रकम की कटौती बंद की जाए।निकायकर्मियों के सभी संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए। राज्य कर्मचारियों की तरह निकाय कर्मचारियों को भी पदनाम का लाभ दिया जाए। दैनिक और संविदा कर्मचारियों को नियमानुसार विनियमितीकरण किया जाए। शासनादेश अनुसार एवं धारा-105 आदि के कर्मचारियों का विनियमितीकरण किया जाए। पुरानी पेंशन को बहाल किया जाए। आउटसोसिंग पर कार्यरत कर्मचारियों को समय से मानदेय का भुगतान किया जाए।

Aaj National

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