LUCKNOW:बिजली दर बढ़ोत्तरी का पुरजोर विरोध करेगा उपभोक्ता परिषद,क्लिक कर देखें और भी खबरें

बिजली कम्पनियॉ 13 से 15 प्रतिशत बिजली दर बढ़ोत्तरी की तैयारी में

लखनऊ।प्रदेश की बिजली कंपनियां विद्युत नियामक आयोग में वार्षिक राजस्व आवश्यकता और बिजली दरों में 13 से 15 प्रतिसत औसत बढोतरी का प्रस्ताव दाखिल कर सकती है। इससे पूर्व ही उपभोक्ता परिषद ने साक्ष्यों, तर्क और कानून के दायरे में इसके विरोध की तैयारी कर ली है। उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि कहा प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 25133 करोड सरप्लस निकल रहा। ऐसे में अगले 5 वर्षों तक 7 प्रतिशत तक बिजली दरों में कमी प्रस्ताव दाखिल किया जाए। मुख्यमंत्री जनता को न्याय दिलाने इस मामले में त्वरित हस्तक्षेप करें। वैसे तो बिजली दरों में कमी के लिए पहले से ही उपभोक्ता परिषद ने आयोग में याचिका दाखिल कर रखी है। जिस पर बिजली कंपनियों का उपभोक्ता विरोधी जबाब कंपनियों ने अपीलेट ट्रिब्यूनल में मुकदमा लगा रखा है। सवाल यह जब तक मामले में कोई स्टे आर्डर नहीं कार्रवाई पर रोक कैसे ?उपभोक्ता परिषद का स्पष्ट मानना है कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर निकल रहे 25133 करोड सरप्लस के एवज में बिजली कंपनियों को कानूनन बिजली दरों में अगले 5 वर्षों तक 7 प्रतिसत की कमी का प्रस्ताव दाखिल करना चाहिए। लेकिन वही उसके विपरीत बिजली कंपनियां कल से शुरू होने वाले सप्ताह में वार्षिक राजस्व आवश्यकता के साथ ही साथ बिजली दरों में बढोरी प्रस्ताव दाखिल करने की तैयारी में है। उपभोक्ता परिषद के अनुसार इस बार बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं को राहत देने के बजाय उनकी बिजली दरों में औसत लगभग 13 से 15 प्रतिशत तक बढोतरी के लिए प्रस्ताव दाखिल करने की तैयारी में लगी हुई है। बिजली कंपनियों को यह लग रहा है कि वह अपने गैप को पूरा करने के लिए बिजली दरों में बढोतरी का प्रस्ताव देकर वास्तविक लाइन हानियों के आधार पर वितरण हानियां बढाकर दाखिल कर देंगी। लेकिन आयोग इस इस प्रस्ताव को मान लेगा ऐसा बिल्कुल होने वाला नहीं है। उपभोक्ता परिषद ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है। प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के हित में अपनी पूरी विधिक लडाई को आगे बढाएगा। किसी भी सूरत में बिजली दरों में बढोतरी नहीं होने देगा। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा उपभोक्ता परिषद द्वारा पहले से ही बिजली दरों में कमी के लिए आयोग में याचिका दाखिल की जा चुकी है और जिस पर आयोग ने पावर कारपोरेशन से जवाब तलब किया था। बिजली कंपनियों पर निकल रहे 25135 करोड के मामले पर बिजली कंपनियों की तरफ से अपीलेट ट्रिब्यूनल में मुकदमा दाखिल किया जा चुका है। इसलिए बिजली दरों में कमी के प्रस्ताव को स्थगित रखा जाए। अब सवाल यह उठता है कि जब तक अपीलीय ट्रिब्यूनल द्वारा उस पर कोई भी स्टे ऑर्डर अथवा अंतरिम आदेश नही किया गया है तो उस आधार पर किसी कार्यवाही को कैसे रोका जा सकता है।

आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति का जरूरत मंदों को सहयोग अभियान जारी

आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में आज दूसरे दिन भी ठंडक से बचाव के लिए कैंट चारबाग सदर के इलाकों में जरूरतमंद मजदूरों गरीबों को गरम कंबल जैकेट जूते मोजे बांटे गए। समिति के पदाधिकारियों ने काम की तलाश में भटक रहे मजदूरों, जरूरत मंदों को साम्रगी एवं आर्थिक सहयोग का अभियान आज दूसरे दिन भी जारी रखा। संयोजक अवधेश कुमार के अनुसार यह सहयोग यथा सम्भव जारी रहेगा।भीषण ठंडक से बचाव के लिए आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश की तरफ से चलाए जा रहे अभियान के आज दूसरे दिन संघर्ष समिति संयोजक मंडल के तत्वाधान में कैंट चारबाग सदर के इलाके में जरूरतमंद मजदूरों दिहाडी का काम कर रहे असहाय गरीबों को गरम कंबल जैकेट मौजे जूते का वितरण सैकडों की संख्या में किया गया और साथ ही जो ठंडक में बिना काम के परेशान दिखे उन्हें आर्थिक मदद भी की गई। संघर्ष समिति का यह अभियान पूरे प्रदेश में चलाने का निर्देश संघर्ष समिति ने दिया था जिसके तहत आज प्रदेश के अनेकों जनपदों में ठंडक से बचाव के लिए संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने अपना योगदान दिया।आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा एसपी सिंह पीएम प्रभाकर  आर पी कैन  अजय कुमार रामबरन राधा किशन राव ने कहां भीषण ठंडक को देखते हुए संघर्ष समिति का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और जो भी जरूरतमंद असहाय संघर्ष समिति के संज्ञान में आएंगे उन्हें मदद की जाती रहेगी। समिति से जुड़े अधिकारियों ने यह अभियान कानपुर, आगरा, इलाहाबाद सहित कई बड़े शहरों में चलाया।

पुरानी पेंशन बहाली के लिए संयुक्त मोर्चा का गठन

पुरानी पेंशन बहाली आज पूरे देष मे मुख्य मुद्दा बन गया है। देश-प्रदेश के विपक्षी पार्टियों की पुरानी पेंशन की बात लगातार कर रही है।कई राज्यों में तो पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल भी की जा चुकी है। इसे लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी में एक नये मोर्च का गठन किया गया है।उ.प्र. फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल एसोसिएशन सर्विस के प्रदेश प्रवक्ता सी.पी. श्रीवास्तव ने बताया कि मालएवेन्यू स्थित आर्किट अपार्टमेन्ट लखनऊ पर यूनिक टीचर्स एम्प्लाइज कमेटी यूटेक सहित प्रदेश के कई बड़े संगठन महासंघ तथा कई शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसके लिए एक मोर्च का गठन किया गया। मोर्चा के संयोजक सुशील पाण्डेय ने बताया उ.प्र. में पुरानी पेंशन की लड़ाई लड़ेगे। उ.प्र. लोनिवि मिनिस्टिीरियल एसोसिएशन के प्रातीय महामंत्री व फेडरेशन के अध्यक्ष जे.पी. पाण्डेय ने कहा की पुरानी पेंशन हेतु हमारा संगठन हर तरह से हमेशा मोर्चा के साथ है। ’’प्रेरणा सदन’’ का दरवाजा संघर्ष के लिये हर समय खुला है। यूटेक पेंशन बहाली मंच के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप सरल ने कहा कि पेंशन के लिए विभिन्न संगठनों को जोड़कर पूरे प्रदेश में आन्दोलन का विगुल बजाया जाऐगा। बैठक में पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्म.संघ के प्रदेष अध्यक्ष क्रान्ति सिंह यू.पी. सिंह मनीष हिंदवी, आलोक संघर्षी डा. उदयसिंह संजय सिंह, अतुल मिश्रा, संतोष कुमार कीर्तिमानश्रीनेय, धीरेन्द्र बहादुर, आविर अहमद, आर.क.पाल, रामदयाल, सत्येन्द्र सिंह, शिशिर रंजन, अमलेश्वर, राघवेन्द्र, महासंघ के अध्यक्ष रामलाल यादव, सहित कई प्रदेषीय कर्मचारी नेताओं की उपस्थिति में गुब्बारे और कबूतर उड़ाकर पुरानी पेशन बहाली का संकल्प लिया।

इप्सेफ नई पेंशन वालें राज्यों के मुख्यमंत्री से मांगी पुरानी पेंशन

इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र एवं महामंत्री प्रेमचंद्र ने बताया है कि पुरानी पेंशन बहाल करने वाले राज्यों के मुख्यमंत्री के निर्णय का स्वागत करते हुए शेष बचे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आज पत्र भेजकर उनसे भी आग्रह किया गया है कि वह कर्मचारी शिक्षकों की पुरजोर मांग को देखते हुए पुरानी पेंशन बहाली का आदेश जारी करें।महामंत्री प्रेमचंद्र ने पुरानी पेंशन लागू कराने में शेष बचे मुख्यमंत्रियों को आग्रह भी किया है कि यदि वे पुरानी पेंशन बहाल नहीं करेंगे ,रिक्त पदों पर आउटसोर्सिंग के बजाय नियमित भर्ती नहीं करेंगे ,भर्ती किए गए आउटसोर्सिंग,संविदा कर्मचारियों के नियमित सेवा में आने की नीति नहीं बनाएंगे तो उनके यहां होने वाले विधानसभा एवं अन्य चुनाव में कर्मचारियों, शिक्षकों, आउटसोर्सिंग, संविदा कर्मचारियों के लाखों कर्मचारी के विरोध का सामना करना पड़ेगा।इप्सेफ के राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संविदा,आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए एक नीति बनाई गई थी परंतु उसे लागू न करके जेम पोर्टल के माध्यम से भर्ती करने का आदेश जारी किया गया था उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि उस नियमावली पर निर्णय कराएं तो हजारों की संख्या में रखे गए संविदा कर्मचारी सरकार का आभार व्यक्त करेंगे।

Aaj National

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *