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LUCKNOW:बिजली कम्पनियों का घाटा 1.10 लाख करोड़ पहुंचा,क्लिक करें और भी खबरें

  • REPORT BY:PREM SHARMA ||AAJNATIONAL NEWS DEASK

लखनऊ। लाखों रूपये का वेतन पाने वाले दिग्गज आईएएएस, अभियंता और विशेषज्ञों की टीम होने के बावजूद बिजली कम्पनियों का घाटा प्रतिवर्ष सुरसा के मुंह की तरह बढ़ता जा रहा है। तमाम प्रयासों एवं राजस्व वसूली की तेजी, बिजली चोरी पर अंकुश लगाने की कवायद के बावजूद उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन और अन्य बिजली कंपनियों की मार्च 2024 के आडिट रिपोर्ट आई है वह चौकाने वाली है। यह रिपोर्ट बता रही है कि बिजली कंपनियों का घाटा बढ़कर 1.10 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। वैसे तो वित्तीय घाटे में कमी आने की बात कही गई है लेकिन यह कमी राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता की वजह से है।

जानकारी के अनुसार 2024-25 में प्रदेश सरकार द्वारा बिजली कंपनियों को विभिन्न मदों में तो वित्तीय सहायता देनी पड़ रही है, वह 40 हजार करोड़ के पार है। बिजली महकमे के अधिकारियों के मुताबिक कोई भी राज्य सरकार इतने बड़े वित्तीय घाटे को लंबे समय तक वहन नहीं कर सकती है। किसी एक सेक्टर को इतनी बड़ी धनराशि देने से सरकारों की अन्य योजनाएं पिछड़ जाती हैं। यही नहीं प्रदेश सरकार की सहायता के बाद भी उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि. और अन्य बिजली कंपनियों को अपनी आर्थिक गतिविधियों के संचालन के लिए समय-समय पर वित्तीय संस्थाओं से लोन लेने पड़ते हैं, लोन का यह भार भी करीब 70 हजार करोड़ रुपये पहुंच गया है। इस लोन की भरपाई में 18 से 19 हजार करोड़ रुपये सालाना का भार बिजली कंपनियों पर आ रहा है।कम्पनियों का यह हाल है कि उपभोक्ताओं से बिल के रूप में जो पैसा आ रहा है, वह अपर्याप्त है। इससे काम नहीं चल पा रहा है। जिसे देखते हुए और भी लोन लेने की स्थिति बनी हुई है। राज्य सरकार पर भी वित्तीय भार बढ़ रहा है।

बिजली कंपनियों को घाटे का सामना करने के कई कारण

1ः- शहर से लेकर गांव तक, बिजली चोरी की घटनाएं लगातार हो रही हैं।
2ः-उत्तर प्रदेश में 67 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ता कई सालों से बिल नहीं भर रहे हैं।
3:- बिजली घरों में फ़ॉल्ट, जम्पर उड़ना, वीसीबी खराब होना, केबल बक्शा फटना जैसी घटनाएं आम हैं।
4ः- लाईन हानिया एवं जर्जर संसाधन से भी काफी घाटा हो रहा है।
5ः- सरकारी भवनों पर लम्बे समय तक बकाया रहना।

महापौर ने किया रैन बसरे का शुभारम्भ

संत कंवरराम सेवा मंडल की ओर से आलमबाग चौराहे के चंदर नगर पार्क पर संचालित रैन बसेरा का शुभारंभ रविवार को मुख्य अतिथि मेयर सुषमा खर्कवाल ने किया। संस्था के अध्यक्ष अमर आठवानी और संस्था के सेवादार एवं उत्तर प्रदेश सिंधी अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष नानक चंद्र लखवानी ने बताया कि 12वें शीतकालीन रैन बसेरा में आश्रयहीन लोगों के शीत लहर से बचाव के लिए, रजाई – कंबल, गर्म कपड़े सहित खाने-पीने की निशुल्क व्यवस्था की गई है। विशिष्ट अतिथि पार्षद पीयूष दीवान, पूर्व मेयर संयुक्ता भाटिया, असुदाराम आश्रम के साई हरीशलाल और साई मोहन लाल रहे। पूर्व पार्षद गिरीश मिश्रा, सतेंद्र भवनानी, प्रीतम वालेजा, मन्नू तेजवानी, दर्पण लखमानी, अजीत, मनोज पंजाबी, अशोक चंदवानी, हेमंत, चांदनी, अजीत जोगी, मनमोहन आहूजा, श्रीचंद्र साहित्या समेत काफी संख्या में सिंधी समुदाय के लोग रहे।

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