-राजधानी में कार्यालय खोल कर रहा था भर्तियां,सरकारी कर्मचारी बताकर लेता था इंटरब्यू
लखनऊ।यूपी एसटीएफ ने सरकारी संस्था के नाम पर ऑफिस खोलकर सरकारी नौकरी लगवाने का झाँसा देकर भोले-भाले नवयुवको से लाखो की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के सरगना भानु प्रताप सिंह सहित उसके साथी सतेंद्र कुमार पाठक को विभूति खंड थाना क्षेत्र के दुर्गा टावर के पास से गिरफ्तार कर लिया है।
पकड़े गया रिश्ता अपार्टमेंट ए-1 702, गोमती नगर विस्तार में रह कर भानु प्रताप सिंह और 1180/21 इंदिरानगर में रहकर सतेंद्र कुमार पाठक खेल कर रहा था।दोनो के पास से एसटीएफ ने पांच मोबाइल और दो कार और सौ ग्राम विकास सहकारी समिति के आवेदन पत्र की प्रति और फर्जी नाम पते पर प्रयोग किया जा रहा सिम कार्ड तथा पांच फर्जी विभिन्न विभागों के ज्वाइनिंग लेटर और विभिन्न अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की फोटो प्रति तथा विभिन्न सरकारी परीक्षाओ से सम्बन्धित अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड और विभिन्न सरकारी व संविदा नौकरियों के विज्ञापन सम्बन्धी फर्जी प्रपत्र तथा पांच ब्लेंक चेक बरामद किया।
एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि पकड़े गए आरोपी ग्राम विकास कृषि सहकारी समिति लिमिटेड लखनऊ(उ0प्र0) नाम से एक फर्जी संस्था खोल रखी है, जिसका इन लोगो ने सरकारी विभाग के नाम पर बना रखा है। जिससे पकड़े गए लोग भोले-भाले नवयुवको को सरकारी नौकरी देने के नाम पर यहाँ बुलाते है और उन्हें फर्जी विज्ञापन व अपनी हौंडा सिटी व एक्सयूवी कार, ऑफिस दिखाकर प्रभाव में ले लेते हैं। भानु अपने आप को भारत सरकार में पदस्थ उच्चाधिकारी बताकर साक्षात्कार लेते हैं और नौकरी देने के नाम पर उनसे पैसा लेते है और उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र बनाकर दे देते है।
इस काम मे भानु प्रताप दीक्षित पुत्र सच्चिदानन्द दीक्षित निवासी-बारा दीक्षित देवरिया व हिमांशू मुख्य रूप से लोगो के साथ रहते हैं। भानु दीक्षित पहले भी कई बार ऐसे ही मामलो मे जेल जा चुका है। भानु सिंह का दिल्ली से एक ऐसा मामला चल रहा है।यह लोग मिलकर एक जगह पर ऑफिस कुछ ही दिन चलाते है। लेटर पैडो पर अंकित मोबाइल नम्बर के बारे मे बताया कि यह मोबाइल नम्बर लोगो से फ्रॉड करने के लिए ही फर्जी नाम पते पर लिया है।भानू प्रताप दीक्षित व हिमांशू की गिरफ्तारी के प्रयास एसटीएफ कर रही है।पकड़े गए दोनो आरोपियों को राजधानी के थाना विभूतिखंड में दाखिल किया गया है।