लखनऊ: UP CM योगी आदित्यनाथ ने वन्य प्राणि सप्ताह-2022 के अवसर पर आज शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान, गोरखपुर![](https://aajnational.com/wp-content/uploads/2022/10/5-300x200.jpg)
में तेंदुए के 02 मादा शावकों को दूध पिलाकर उनका नामकरण (भवानी और चण्डी) किया। उन्होंने व्हाइट टाइगर (सफेद बाघिन गीता) को क्रॉल से बाड़ा प्रवेश कराने के उपरान्त चित्र प्रदर्शनी एवं स्टॉलों का निरीक्षण किया।
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उन्होंने इस अवसर पर गंगा डॉल्फिन सम्बन्धी पोस्टर रिलीज किया तथा उत्तर प्रदेश के जलीय जीवों पर डाक विभाग के स्पेशल कवर का भी अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने चिड़ियाघर के निदेशक डॉ0 एच0 राजमोहन, पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 योगेश सिंह, उपक्षेत्रीय वनाधिकारी रोहित सिंह को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने वन्य प्राणि सप्ताह के अन्तर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किया।मुख्यमंत्री ने लोगों को विजयादशमी एवं वन्य प्राणि सप्ताह की बधाई देते हुये कहा कि विजयादशमी का यह पर्व सभी लोगों के जीवन मे समृद्धि और खुशहाली लाता रहे। उन्होंने कहा कि रामराज की भावना के अनुरूप मानव कल्याण के साथ प्रत्येक प्राणी की रक्षा व संरक्षण में सभी को अपना योगदान देना चाहिए। इसकी प्रेरणा हमें रामायण से भी मिलती है।
रामायण की गाथा में अरण्य काण्ड जीव-जन्तुओं के संरक्षण, प्रकृति के प्रति
दायित्वों, जीवों के प्रति व्यवहार की सीख देता है। अरण्य काण्ड में एक प्रकार से पूरी भारतीय ज्ञान सम्पदा समाहित है।मुख्यमंत्री ने रामचरित मानस की पंक्तियां ‘हित अनहित पसु पच्छिउ जाना, मानुष तनु गुन ग्यान निधाना‘ का उल्लेख करतेे हुए कहा कि कौन हितैषी है और कौन हानि पहुंचाने वाला पशुओं में इसका स्पन्दन होता है। राज्य सरकार वन्यजीवों के लिए महराजगंज, मेरठ, चित्रकूट, पीलीभीत में रेस्क्यू सेण्टर बना रही है। महराजगंज के सोहगीबरवा क्षेत्र में गिद्ध संरक्षण केन्द्र बनाया जा रहा है। वन्यजीवों से होने वाली हानि को सरकार ने आपदा की श्रेणी में रखा है। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकरियोें को वन्यजीवों के उपचार व संरक्षण के लिए पशु चिकित्सा अधिकारियों का अलग कैडर निर्धारित करने का निर्देश देते हुए कहा कि वन्यजीवों के इलाज के लिए अभी चिकित्सक पशुपालन विभाग से आते हैं। अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद इन्हें वापस जाना होता है, जिससे वन्य प्राणियों के उपचार व संरक्षण के इनके अनुभव का लाभ नहीं मिल पाता। अब वन्यजीवों के रेस्क्यू व उनके उपचार हेतु पशु चिकित्सा अधिकारियों का अलग कैडर तैयार करना होगा, जिससे वन्यजीवों के संरक्षण व उपचार के उनके अनुभव का लाभ प्राप्त हो सके।मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिकाधिक वृक्षारोपण की अपील करते हुए कहा कि एक-एक पेड़ की कीमत को समझते हुए उनका संरक्षण होना चाहिए। पर्यावरण अनुकूल होगा, तो स्वास्थ्य की रक्षा के साथ ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या से भी बचा जा सकेगा।इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 अरुण कुमार सक्सेना,राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जैव विविधिता के सलाहकार डॉ0 संदीप बेहरा, अपर मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण मनोज सिंह ने वन्य प्राणि सप्ताह के कार्यक्रमों के साथ प्रदेश सरकार द्वारा ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। आभार ज्ञापन प्रधान वन संरक्षक वन्यजीव के0पी0 दुबे ने किया।
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इस अवसर पर वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री के0पी0 मलिक, सांसद रवि किशन, महापौर सीताराम जायसवाल, एम0एल0सी0 डॉ0 धर्मेन्द्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल, महेन्द्रपाल सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष ममता संजीव दुबे, गोरखपुर क्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक भीमसेन, प्रभागीय वनाधिकारी विकास यादव, प्राणी उद्यान के निदेशक डॉ0 एच0 राजा मोहन, पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 योगेश सिंह आदि मौजूद रहे।