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LUCKNOW:ईधन अधिभार को लेकर ठीक नही पावर कारपोरशन की मंशा,क्लिक करें और भी खबरें

-उपभोक्ता परिषद ने बोला हमला, इतनी जल्दबाजी क्यो ?

  • REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY-आज नेशनल न्यूज डेस्क

लखनऊ। पेट्रोल डीजल की तरह हर महीने ईंधन अधि भार शुल्क के रूप में उपभोक्ताओं की दरों में होने वाली वृद्धि पर बन रहे कानून पर आयोग की सुनवाई में उपभोक्ता परिषद ने पावर कारपोरेशन पर बोला करारा हमला कहा इनकी मनसा ठीक नहीं यह कानून जन विरोधी आयोग ने पहले भी कई रूल को नहीं किया लागू तो इसमें जल्दबाजी क्यों।

भारत सरकार द्वारा बनाए गए रूल के तहत प्रत्येक माह उपभोक्ताओं पर प्रत्येक मांह फ्यूल एंड पावर प्रोक्योरमेंट कास्ट ईंधन अधिभार शुल्क हेतु बनाए जाने वाले कानून पर आज उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में आम जनता की सुनवाई विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह की उपस्थिति में संपन्न हुई। जिसमें पावर कारपोरेशन के अभियंताओं सहित यूपीएसएलडीसी के निदेशक व नोएडा पावर कंपनी सहित उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने भाग लिया। विद्युत नियामक आयोग सभागार में सुनवाई काफी देर तक चली। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग द्वारा बनाए जा रहे इस कानून का कडा विरोध करते हुए कहा यह कानून प्रदेश के उपभोक्ताओं के हित में नहीं है। पेट्रोल डीजल की तरह प्रत्येक माह लगाए जाने वाला ईंधन अधिभार शुल्क पूरी तरह गलत है। जो प्रस्तावित व्यवस्था को पावर कॉरपोरेशन बिना आयोग की अनुमति के इसे उपभोक्ताओं पर लागू कर सकता है वह पूरी तरह गलत है। उपभोक्ता परिषद ने सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार का नियम आरपीओ ऑब्लिगेशन,उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली, कम बिजली देने पर उपभोक्ताओं को मुआवजा लेकिन आज तक उसे विद्युत नियामक आयोग ने नही लागू कराया तो फिर इस कानून को लागू कराने में इतनी जल्दबाजी क्यो ?

उपभोक्ता परिषद ने पावर कॉरपोरेशन पर करारा हमला बोलते हुए कहा पावर कॉरपोरेशन की नियत हमेशा से यही रही है कि वह उपभोक्ताओं पर भार डालता रहता है। अब पावर कारपोरेशन को पता है कि देश व प्रदेश में कोई भी ऐसा कानून नहीं है जो प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 33122 करोड सर प्लस होते हुए बिजली दरों में बढोतरी करा सके। इसलिए पावर कारपोरेशन ने एक नया हथकंडा अपनाकर ईंधन अधिभार शुल्क के रूप में प्रत्येक माह उपभोक्ताओं पर भार चाहता है, लेकिन उपभोक्ता परिषद इस कामयाब नहीं होने देगा। उपभोक्ता।परिषद अध्यक्ष ने कहा पावर कारपोरेशन को रूल को लागू करने की जानकारी ही नहीं है। अभी दो दिन पहले भारत सरकार ने अपने रूल में कहा कि कनेक्शन शुल्क को फिक्स किया जाए। पावर कॉरपोरेशन उपभोक्ताओं पर भार डालने के लिए।उल्टे कनेक्शन शुल्क में बढोतरी करने के लिए केवल लाइन चार्ज मैं बढोतर का प्रस्ताव लेकर आ गया। इससे यह पता चलता है कि पावर कॉरपोरेशन रूल की कितनी जानकारी है।
टैरिफ पॉलिसी कहती है कि उपभोक्ताओं के रेगुलेटरी एसेट यानी की निकले सरप्लस पर 3 साल में हिसाब बराबर होना चाहिए। ऐसे में बिजली दरों में कमी क्यों नहीं की जा रही है ? वर्तमान में बना रहे रूल में यह व्यवस्था की जाए कि जब तक उपभोक्ताओं का सर प्लस रहेगा। ईंधन अधिभार शुल्क नहीं लागू हो सकता। यह भी व्यवस्था की जाए कि बिना आयोग की।अनुमति के पावर कॉरपोरेशन स्वतः नहीं लागू कर सकता। इसे लागू कराने की पुरानी व्यवस्था को बहाल रखा जाए। सुनवाई के दौरान पावर कॉरपोरेशन की तरफ से अपनी बात रखते हुए रेगुलेटरी अफेयर्स यूनिट के मुख्य अभियंता डीसी वर्मा ने पावर कॉरपोरेशन द्वारा तय किए गए प्रस्ताव को लिखित में दाखिल करते हुए कहा ईंधन अधिभार शुल्क के रूप में उपभोक्ताओं पर जब पैसा निकलेगा तो उनकी बिजली दरों में ईंधन अधिभार शुल्क की बढोतरी की जाएगी लेकिन जब इधन अधिभार शुल्क उपभोक्ताओं की बिजली दर को घटाने के लिए निकलेगा उसे बाद में लागू किया जाएगा। पावर कॉरपोरेशन का यह मत आते ही विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष व सदस्य ने आपत्ति करते हुए कहा इधन अधिभार शुल्क में जो व्यवस्था है उसके तहत कभी दरे घटेगी और कभी बढेगी। पावर कारपोरेशन ने यह कैसे सोच लिया कि खाली इससे दरे बढेगी ऐसा नहीं चलने वाला जब उपभोक्ताओं का निकलेगा तो दरे घटेगी और जब पावर कारपोरेशन का निकलेगा तो दरे बढेगी। सुनवाई में नोएडा पावर कंपनी के प्रतिनिधि ने भी कानून पर अपनी बात रखी।

नगर निगम मुख्यालय में निशुल्क नेत्र शिविर

लखनऊ नगर निगम मुख्यालय स्थित त्रिलोकीनार्थ हॉल में निःशुल्क नेत्र जांच कैम्प का आयोजन 20 सितम्बर को किया जाना सुनिश्चित हुआ है।डॉ. साद, नेत्र रोग विशेषज्ञ, डॉ. राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल, गोमतीनगर, लखनऊ द्वारा लकी आई केयर एण्ड आप्टिकल सेन्टर के सहयोग से लखनऊ नगर निगम के मुख्यालय में एक दिवसीय निःशुल्क नेत्र जांच कैम्प का आयोजन किया जाएगा।इस सम्बंध में महापौर और नगर आयुक्त ने निगम के अधीनस्थ तैनात समस्त कार्मिकों को उक्त आयोजित निःशुल्क नेत्र जांच कैम्प शामिल होकर अपनी जॉच कराने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि शासकीय दायित्व को निर्वहन के बीच कई बार जरूरत होने पर भी कार्मिक समय नही निकाल पाते ऐसे में जब उनके कार्यालय में ही इस तरह का आयोजन किया जा रहा है तो इस अवसर का लाभ अवश्य प्राप्त करे।

उमंग निगम को मिला परिसर गौरव सम्मान

जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाने वाला आजादी को नमन कार्यक्रम महासंघ कार्यालय में धूमधाम से संपन्न हुआ।  महासंघ के महामंत्री राम कुमार धानुक के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना के साथ ही कार्यक्रम का संचालन हुआ। महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस वर्ष का परिसर गौरव सम्मान राज्य लोक सेवा अधिकरण में कार्यरत एवं महासंघ के उपाध्यक्ष उमंग निगम को उनके शासकीय कार्यों के प्रति समर्पण एवं कर्मचारियों के बीच लोकप्रियता को दृष्टिगत रखते हुए प्रदान किया गया। उत्कृष्ट विद्यार्थी सम्मान उत्कर्ष तिवारी की अनुपस्थिति में उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड में कार्यरत उनके पिता अरूण तिवारी को प्रदान किया गया। उत्कृष्ट विद्यार्थी सम्मान अर्पित तिवारी को प्रदान किया गया।इस अवसर पर राज्य कर्मचारी महासंघ के कार्यवाहक अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, महासंघ के संरक्षक विजय प्रकाश श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष आकिल सईद बबलू, अमित खरे,मंत्री संजय शुक्ला, अमित शुक्ला,अनुराग तिवारी,संगठन मंत्री रितिका शर्मा,अभिनव त्रिपाठी, मीडिया प्रभारी संजीव त्रिपाठी एवं प्रचार मंत्री रिजवान अहमद,आशीष कुमार त्रिपाठी समेत दोनो भवनों के तमाम कर्मचारी उपस्थित थे।

जानकी शरण शुक्ला मण्डलीय संयोजक चुने गए

संयुक्त पेंशनर्स कल्याण समिति उत्तर प्रदेश की लखनऊ मण्डल शाखा के पुनर्गठन हेतु पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार प्रान्तीय पर्यवेक्षकों- ओंकार नाथ तिवारी व एस.के. मेहरोत्रा की उपस्थिति एवं मण्डल संयोजक अशोक कुमार दुबे की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट कोषागार स्थित पेंषनर्स भवन में चुनावी बैठक सम्पन्न हुई। वर्तमान मण्डल संयोजक अशोक कुमार दुबे द्वारा लखनऊ जनपद के जनपदीय संयोजक जानकी शरण शुक्ला के नाम का प्रस्ताव मण्डलीय संयोजक पद हेतु किया गया। जिसका समस्त उपस्थित पदाधिकारियों द्वारा सर्वसम्मति से समर्थन किया गया।

बैठक में सह संयोजक के पद पर जानकी शरण शुक्ला द्वारा वी.एन. मिश्रा के नाम का प्रस्ताव करने पर भी सर्वसम्मति से अनुमोदन प्रदान किया गया। चूॅंकि मण्डलीय संयोजक चुने जाने पर जानकी शरण शुक्ला द्वारा जनपदीय संयोजक का पद रिक्त कर दिया गया अतः उनके स्थान पर चन्द्रिका त्रिपाठी को लखनऊ जनपद का जनपदीय संयोजक तथा महेन्द्र कुमार अग्रवाल को सह संयोजक सर्वसम्मति से चुना गया। मण्डलीय संरक्षक के रूप में मार्गदर्शन प्रदान
करते रहने हेतु अशोक कुमार दुबे द्वारा सहमति व्यक्त की गयी।
संयुक्त पेंशनर्स कल्याण समिति, उ.प्र. की शाखा सीतापुर के जनपदीय संयोजक एवं उत्तर प्रदेश पेंसनर्स कल्याण संस्था के प्रान्तीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष विश्वनाथ दीक्षित द्वारा अपने अनुभव साझा करते हुए सभी उपस्थित पदाधिकारियों से संगठन को मजबूत बनाने की अपील की गयी।
जानकारी देते हुए प्रान्तीय पर्यवेक्षक एवं प्रान्तीय सह संयोजक (प्रचार) ओंकार नाथ तिवारी व एस.के. मेहरोत्रा ने बताया कि शेष पदाधिकारियों के चयन हेतु जानकी शरण शुक्ला, मण्डलीय संयोजक तथा महेन्द्र कुमार अग्रवाल, जनपदीय संयोजक को सर्वसम्मति से अधिकृत करते हुए 15 दिनों के भीतर पूर्ण कार्यकारिणी का गठन कर प्रान्तीय संगठन को अवगत कराने की अपेक्षा की गयी।

आरपार की लड़ाई के मूड में निकाय महासंघ

निकाय कार्मिकों की लम्बे समय से अनदेखी और मांगों पर सरकार के नकारात्मक रवैये के खिलाफ निकाय कर्मी महासंघ ने आर पार की लड़ाई का मन लिया है। महासंघ का यह प्रदेश व्यापी कर्मचारी संदेश यात्रा के माध्यम से प्रदेश के सभी नागर निकायों को चार भागों में विभाजित कर बृहत आन्दोलन की तैयारी की जा रही।
निकाय कर्मी महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा के अनुसार आज अवधक्षेत्र, बुंदेलखंड क्षेत्र,पश्चिमी क्षेत्र तथा पूर्वांचल क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष व क्षेत्रीय मंत्री तथा महासंघ के वरिष्ठ साथी अपनी अपनी इकाइयों आदि में वहां के स्थानीय संगठनों एवं आम कर्मचारियों को संदेश दिया कि प्रदेश सरकार व शासन द्वारा निकाय कर्मियों के साथ किए जा रहे सौतेले व्यवहार व लम्बित समस्याओं पर कोई बैठक न करके आन्दोलन हेतु मजबूर किया जा रहा। महासंघ की टीम ने लखनऊ मंडल की हरदोई, संडीला, मल्लावां, बिलग्राम, माधौगंज, कुरसठ, आदि के साथ आगरा जनपद की शमशाबाद नगरपालिका का दौरा किया गया। महासंघ ने एक बार फिर .नगर विकास मंत्री, मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव नगर विकासको पुनः वार्ता एवं बैठक के माध्यम से समस्याओं के समाधान हेतु पत्र प्रेषित कर अनुरोध करते हुए कहा कि यदि 25 अक्टूबर तक हमारी समस्याओं का समाधान नहीं निकाला गया तो महासंघ प्रदेश व्यापी अनिश्चितकालीन कार्य बन्दी करेगा।

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