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LUCKNOW:पेरिस, टोक्यो, लंदन व सिंगापुर में स्टॉल लगायेगा पर्यटन विभाग,क्लिक करें और भी खबरें

विदेशी पर्यटको के आकर्षण के लिए ऐतिहासिक स्थलों का प्रचार कर पर्यटको को यूपी आने के लिए प्रेरित करेंगे -जयवीर 

  • REPORT BY:K.K.VARMA || EDITED BY-आज नेशनल न्यूज डेस्क

लखनऊ 18 सितम्बर ।उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटन के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर आने के बाद विदेशी पर्यटको को यूपी की ओर आकर्षित करने के लिए सितंबर और अक्टूबर में पेरिस, लंदन तथा जापान की राजधानी टोक्यो एवं सिंगापुर में स्टॉल लगाकर यूपी की समृद्धशाली सांस्कृतिक विरासत, गौरवशाली इतिहास से जुड़े पर्यटन स्थलो तथा प्राकृतिक सुंदरता को पूरी दुनिया को परिचित करायेगा। इसी के तहत पर्यटन विभाग विभिन्न देशों मे आयोजित होने वाले ट्रैवल मार्केट में अपनी उपस्थिति दर्ज करायेगा। इसके लिए पर्यटन विभाग यूपी को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की जोरदार तैयारी कर रहा है।
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि पेरिस में 17 सितंबर से इंटरनेशनल फ्रेंच ट्रैवल मार्केट का शुभारंभ हुआ है, जो 19 सितंबर तक चलेगा। पर्यटन विभाग ने अपना मंडप बनाया है। यहां उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों और ओडीओपी को दर्शाया गया है।  रोड शो भी किया जायेगा।महत्वपूर्ण स्थल जहां बड़ी संख्या में लोगों का आवागमन रहता है, वहां विभिन्न माध्यमों से प्रदेश के पर्यटन स्थलों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। जापान की राजधानी टोक्यों में इसी माह 26 से 29 सितंबर तक टूरिज्म एक्सपो, 23 से 25 अक्टूबर तक सिंगापुर में आईटीबी एशिया और 5 से 7 नवंबर तक लंदन में वर्ल्ड ट्रैवल मार्केट का आयोजन किया जाएगा। इन सभी जगहों पर उत्तर प्रदेश पर्यटन स्टॉल लगाएगा। इसके अलावा रोड-शो का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें भारतीय व अन्य देशों के टूर-ट्रैवल ऑपरेटर्स, मीडिया प्रतिनिधि और अंतरार्ष्ट्रीय गणमान्य व्यक्तियों के साथ चर्चा होगी। आगंतुकों के साथ उचित जुड़ाव सुनिश्चित करने के लिए साइनेज, साहित्य, बैनर और पोस्टर अंग्रेजी के अलावा विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध कराये जायेंगें। महत्वपूर्ण स्थलों जैसे- एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, शॉपिंग मॉल सहित अन्य स्थलों पर उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। प्रदेश सरकार जिन आकर्षणों का विशेष रूप से प्रचार-प्रसार कर रही है उसमें महाकुंभ- 2025, बौद्ध सर्किट, ईको सर्किट, आध्यात्मिक पर्यटन स्थल, रूरल-एग्री टूरिज्म सहित अन्य हैं। उत्तर प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। विदेश से आने वाले पर्यटकों के मामले में भी पहला स्थान हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। इसी क्रम में यहां के पर्यटन स्थलों का विश्व में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। टूर-ट्रैवल ऑपरेटर्स यहां के स्थलों को अपनी आइटनरी में शामिल करें, जिससे अधिक से अधिक पर्यटक भ्रमण के लिए आकर्षित हों। उन्होंने बताया कि यूपी में धार्मिक एवं आध्यतमिक पर्यटन के लिए बढ़ी संख्या में श्रद्धालु पहंुच रहे है। इस वर्ष जनवरी से जून तक 32 करोड़ पर्यटक उत्तर प्रदेश का भ्रमण कर चुके है। विदेशी पर्यटकों के मामले में भी यूपी पहले स्थान पर आने के लिए अवस्थापना सुविधाओं में लगातार सुधार कर रहा है। काशी, मथुरा, प्रयागराज तथा अयोध्या एवं कुशीनगर जैसे विश्व प्रसिद्ध स्थलो पर पर्यटको को विश्व स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि एक पर्यटक लगभग 06 लोंगों को रोजगार देता है। इसके अलावा टूर-ट्रैवल, ऑपरेटरर्स, टैक्सी तथा हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को काम मिलता है। इस प्रकार पर्यटन सेक्टर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देता है।

भूकम्प एवं अग्नि सुरक्षा पर दिया जायेगा प्रशिक्षण

उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और भारतीय सेना के मुख्यालय मध्य कमान द्वारा आज पश्चिम यूपी सब एरिया, मेरठ कैंट में प्रदेश के 35 भूकम्प आपदा के प्रति संवेदनशील जनपदों के साथ भूकम्प एवं अग्नि सुरक्षा पर एक्सरसाइज़“समन्वय” के आयोजन हेतु प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत राजेंद्र सिंह, पीटीएम,टीएम, सदस्य एवं विभाग प्रमुख, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य अभिभाषण से हुई। टेबल टॉप अभ्यास का आयोजन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी,पीवीएसएम,एवीएसएम वीएसएम सेनि की अध्यक्षता में किया गया। इस कार्यक्रम में उत्तर भारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डी जी मिश्र और अन्य वरिष्ठ सेना और राज्य और जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत.राजेंद्र सिंह, पीटीएम,टीएम, सदस्य एवं विभाग प्रमुख, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य अभिभाषण हुई।
राजेंद्र सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 35 जनपद भूकम्प आपदा के प्रति संवेदनशील है। भूकंप एक ऐसी आपदा है जिसकी कोई प्रारंभिक चेतावनी नहीं है, परंतु हमें ऐसी परिस्थितियों के लिए अभी से तैयार रहना होगा। इस आपदा के कारण विभिन्न दुर्घटनाएं और भी होती है जैसे-अग्निदुर्घटना, कारखानों में केमिकल की घटना इत्यादि, जिनका प्रभाव भी हम सब पर पड़ता है।
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने अपने उद्घाटन भाषण में उल्लेख किया कि टेबल टॉप अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सभी स्टेक होल्डर को प्रदेश में भूकम्प एवं अग्नि दुर्घटना के जोखिम, संवेदनशीलता और इसके प्रबंधन के प्रति जागरूक करना था, जिससे ऐसी आपदा के दौरान सभी विभाग आपसी समन्वय से प्रतिक्रिया करने में सक्षम रहें।  पश्चिम यूपी सब एरिया, मेरठ कैंट में इसका आयोजन भी इसी कारण किया गया क्योंकि प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्रों के जनपद भूकम्प संवेदनशीलता के ज़ोन-04 में आते हैं। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्य के पर्यवेक्षक भी इसमें शामिल हुए, क्योंकि इस क्षेत्र में आने वाले किसी भी भूकंप का प्रभाव सभी सीमावर्ती राज्यों पर भी पड़ता है।

लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्र जनरल ऑफिसर कमांडिंग उत्तर भारत ने बताया कि भारतीय सेना किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार है, उत्तर प्रदेश में किसी आपदा की घटना होने पर पूर्ण सहयोग किया जाएगा।एक्सरसाइज़ “समन्वय” से केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों, केंद्र और नागरिक समाज संगठनों सहित प्रतिक्रिया बलों के विभिन्न विभागों के स्टेक होल्डरों के बीच आपसी समन्वय एवं जानकारियों को आपस में साझा करने में महत्वपूर्ण सहयोग भी मिलेगा। टेबल टॉप अभ्यास की शुरुआत भूकम्प और अग्नि खतरों के प्रबंधन पर चर्चा से शुरू की गयी तथा डॉ एचएस मण्डल, वैज्ञानिक-एफ ने भूकंप की निगरानी, पूर्व चेतावनी के संबंध में व्याख्यान दिया।

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान हेतु 277.78 लाख स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने  संस्कृत संस्थान के कार्यकलापों एवं योजनाओं के संचालन हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में द्वितीय किश्त के रूप में रूपये 277.78 लाख रुपये द की धनराशि स्वीकृत की है।इस संबंध में भाषा विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश के माध्यम से निदेशक यूपी संस्कृत संस्थान को निर्देशित किया गया है कि स्वीकृत धनराशि जारी मितव्ययिता सम्बन्धी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत व्यय की जाये।

लगन के साथ कार्य कर स्वच्छता अभियान को सफल बनाये-राजभर

उत्तर प्रदेश के पंचायतीराज, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने आज पंचायतीराज निदेशालय के ऑडीटोरियम में स्वच्छता ही सेवा अभियान 2024 का उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर कहा कि स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करना इस अभियान का लक्ष्य है। हम स्वयं स्वच्छता कार्यक्रम के तहत कार्य करेंगे तभी लोग प्रेरित होंगे और स्वच्छता अभियान से जुड़ेगे।

प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 से ही अर्थात लगभग 10 वर्षो से देश में व्यापक पैमाने से स्वच्छता के कार्यक्रम चला रहे है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पूरा प्रदेश स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा मनाने के लिए तैयार है। उन्होंने लोगों से लक्ष्य निर्धारित करते स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि सफाई कर्मचारियों का कार्य बेहद महत्वपूर्ण है। कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता जो जिम्मेदारी हमें मिली है उस कार्य को हमें पूरी तत्परता एवं लगनता के साथ करना चाहिए।  अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राधनमंत्री एवं मुख्यमंत्री के स्वच्छता के विजन को सफल बनाये। कार्यक्रम के समापन पर सफाई कर्मियो को स्वच्छता किट एवं व्यक्तिगत शौचालय के लाभार्थियो को 12 हजार रूपये का चेक मंत्री  द्वारा प्रदान किया गया। इसके अलावा पीएमस्वनिधि, आयुष्मान कार्ड, पीएमआवास योजना,स्वनिधि योजना, सीएम युवा रोजगार योजना, कन्या शुभमंगला योजना, जल जीवन मिशन के लाभार्थियो को भी पुरस्कृत किया गया।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव नरेन्द्र भूषण, सचिव बी चंद्रकला और  निदेशक पंचायतीराज अटल कुमार राय ने  भी संबोधित किया। उन्होंने सफाई कर्मियो को नारा दिया गंदगी भारत छोड़ो के तहत काम करे और स्वच्छता अभियान को सफल बनाये। उन्होंने स्वच्छता संबंधी गतिविधियों को पोर्टल पर अपलोड करने के भी निर्देश दिए। उन्होंन कहा कि 31 दिसंबर  तक ओडीएफ प्लस मॉडल गांव का लक्ष्य विभाग प्राप्त कर लेता। अभी तक लगभग 45 हजार राजस्व ग्रामों को मॉडल गांव घोषित किया जा चुका है।इस अवसर पर मिशन निदेशक एसबीएम राजकुमार उपनिदेशक एसबीएम एसएनसिंह सहित  विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

राजकीय आईटीआई में प्रवेश के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 22 सितंबर

नोडल प्रधानाचार्य, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान अलीगंज ने जानकारी दी है कि सत्र 2024 के लिए लखनऊ के सभी राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में विभिन्न व्यवसायों की रिक्त सीटों के सापेक्ष प्रवेश प्रक्रिया जारी है।
प्रवेश लेने के इच्छुक अभ्यर्थी, जिन्होंने पहले से ऑनलाइन आवेदन किया है, 22 सितंबर सायं 05 बजे तक आवेदन कर सकते हैं। वे पूर्व चयनित अभ्यर्थी, जो किसी कारणवश अब तक प्रवेश नहीं ले पाए हैं, या जिनका अभी तक प्रवेश नहीं हो सका है, वे भी इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं।अभ्यर्थियों को जनपद के किसी भी राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में उपस्थित होकर अपने आवेदन पत्र, रैंक पत्र, शैक्षिक योग्यता के प्रमाण पत्र और ऑनलाइन आवेदन की प्रति के साथ प्रार्थना पत्र जमा करना होगा। यह प्रक्रिया उन सभी अभ्यर्थियों के लिए अंतिम मौका है, जो अब तक प्रवेश लेने में असमर्थ रहे हैं।

राज्य आयुक्त दिव्यांगजन कार्यालय का मनाया गया स्थापना दिवस समारोह

यूपी में दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के उद्देश्य से 18 सितंबर 1998 को स्थापित राज्य आयुक्त दिव्यांगजन कार्यालय का 26वां स्थापना दिवस समारोह बुधवार को लखनऊ में उत्साहपूर्वक आयोजित किया गया। इस अवसर पर दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत और वितरण कार्यक्रम आयोजित किए गए।समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि, सुभाष चन्द शर्मा प्रमुख सचिव दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा  दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। मुख्य अतिथि ने कहा कि राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन कार्यालय का उद्देश्य दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें न्याय दिलाना है। यह कार्यालय समाज में दिव्यांगजनों की मुख्यधारा में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। आज इस समारोह का आयोजन कर हमें गर्व महसूस हो रहा है, और हमें इस दिशा में और आगे बढ़ने की आवश्यकता है।समारोह के दौरान श्रवणबाधित दिव्यांगजनों को हियरिंग एड्स तथा चलन क्रिया से ग्रसित दिव्यांगजनों को ट्राई-साइकिल और व्हीलचेयर प्रदान की गईं। साथ ही, टीसीआई एक्सप्रेस फाउंडेशन, जयपुर फुट और पुनर्वास केंद्र लखनऊ के सहयोग से 12 दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण वितरित किए गए। यह कार्यक्रम न केवल दिव्यांगजनों के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करने का मंच बना, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन भी दिया।इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, लखनऊ द्वारा एक विशेष दिव्यांगता प्रमाण-पत्र शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 50 दिव्यांगजनों के यूडीआईडी कार्ड और दिव्यांगता प्रमाण-पत्र तत्काल जारी किए गए। इस शिविर से दिव्यांगजनों को उनके अधिकारों और सेवाओं तक सीधी पहुंच प्राप्त हुई।
समारोह में दिव्यांगता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रतिष्ठित व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया। इनमें प्रमुख नाम थे  गौरव खन्ना, राष्ट्रीय पैरालंपिक कोच,  अभय प्रताप सिंह, ज्वाइंट सेक्रेटरी, डीसीसीआई एवं अध्यक्ष, व्हीलचेयर क्रिकेट एसोसिएशन,  इच्छा पटेल, पैरालंपिक भारोत्तोलन गोल्ड मेडलिस्ट,  पलक कोहली, पैरालंपिक बैडमिंटन खिलाड़ी, और डा. अमित केसरी, कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जन, एसजीपीजीआई, लखनऊ। मुख्य अतिथि द्वारा शॉल, स्मृति चिह्न और बालवृक्ष देकर सम्मानित किया गया।विशिष्ट अतिथि  भूपेन्द्र एस. चौधरी, निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने इस अवसर पर कहा कि दिव्यांगजन हमारे समाज का अभिन्न हिस्सा हैं, और उनका सशक्तीकरणहमारी नैतिक जिम्मेदारी है। बिना दिव्यांगजनों की सक्रिय भागीदारी के राष्ट्र की प्रगति अधूरी है।
समारोह के अध्यक्ष और राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन, प्रो. हिमांशु शेखर झा ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा कार्यालय दिव्यांगजनों को न्याय दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। हम उन दिव्यांगजनों की भी समस्याओं को हल करने के लिए मोबाइल कोर्ट्स का संचालन कर रहे हैं, जो स्वयं हमारे पास नहीं आ सकते हैं।समारोह का समापन उपायुक्त,  शैलेन्द्र कुमार सोनकर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी उपस्थित दिव्यांगजन लाभार्थियों और अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर 100 से अधिक दिव्यांगजन उपस्थित रहे, जिन्होंने समारोह का हिस्सा बनकर इसका महत्व और भी बढ़ा दिया।

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