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-प्रेम शर्मा-
लखनऊ। नगर सेवा पखवाड़े के दृष्टिगत नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के निर्देशन में लखनऊ नगर निगम द्वारा क्षेत्र वासियों को मच्छर जनित घातक रोग जैसे कि डेंगू, मलेरिया, वायरल बुखार इत्यादि से बचाने के लिये विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान नगर में संचालित किया जा रहा है।नगर निगम लखनऊ द्वारा विशेष प्रयास प्रारम्भ समस्त अपर नगर आयुक्त की अध्यक्षता में प्रत्येक ज़ोन में टीमों का गठन किया गया है। आज अभियान के तहत मण्डलायुक्त रोशन जैकब, नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह , अपर आयुक्तों के नेतृत्व में सभी आठों जोनों में सफाई, फागिंग, एंटीलार्वा का छिड़काव कराया गया, नालियों की सफाई व सिल्ट निस्तारण तथा घर घर पाइरिश्रम रसायन का छिड़काव भी कराया गया।आज के अभियान में ज़ोन-1-क्षेत्रान्तर्गत बाबू बनारसी दास वार्ड के अन्तर्गत पुराना किला सदर के आस-पास के क्षेत्रों का भ्रमण किया गया। डोर-टू-डोर जाकर लोगों को डेंगू चिकनगुनिया मलेरिया जैसे रोगों से बचाव हेतु जन-मानस को जागरूक किया गया । नालियों की सफाई एवं घरों के अन्दर पैराथ्रम रसायन का छिड़काव कराया गया।ज़ोन-2-क्षेत्रान्तर्गत टिकैटराय तालाब लेबर कालोनी वार्ड जोन-2 में एक विशेष अभियान चलाया गया उक्त अभियान में संयुक्त टीम द्वारा घर घर भ्रमण किया गया। ज़ोन-6-क्षेत्रान्तर्गत वार्ड-आलमनगर के अन्तर्गत मोहल्ला – सागर विहार, शुक्ला विहार, राम विहार, पारा गाँव, पिताम्बर खेड़ा, मर्दन खेड़ा एवं उसके आस-पास की समस्त गलियों में अभियान चलाया गया। साथ ही जोन के अन्तर्गत 80 विद्यालय एवं 07 बड़े नालों में फॉगिंग एवं एण्टीलार्वा का छिड़काव भी कराया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा 96 घरों का सर्वे किया गया जिसमें 28 व्यक्तियों को दवा का वितरण भी किया गया।ज़ोन-7- क्षेत्रान्तर्गत वार्ड शहीद भगत सिंह में स्थित तकरोही मार्केट, पुलिस चौकी, हनुमन्त नगर डूडा कॉलोनी, जय नगर, ए, बी, सी, डी, प्रज्ञा इन्क्लेव में व आस-पास के क्षेत्रों में विशेष सफाई अभियान चलाया गया। ज़ोन-8-क्षेत्रान्तर्गत रजनी खण्ड, तेलीबाग, सेक्टर एच, सेक्टर जी, ट्रान्सपार्ट नगर, एल्डको उद्यान 1, डिफेन्स कॉलोनी, सेक्टर सी 1, सेक्टर डी 1, सेक्टर एम, रूचि खण्ड, सेक्टर ओ मानसरोवर, रश्मि खण्ड, चिल्लावा, उत्तरठिया, हैवत मऊ मवैया, सेक्टर डी1, सेक्टर 9 व 10 वृन्दावन योजना, नीलमथा, आदि क्षेत्रों का भ्रमण किया गया।
दर्जन भर भवन प्रतिष्ठान सील,114275 गृहकर जमा
नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह के निर्देशानुसार लखनऊ नगर में गृहकर के बड़े बकायेदारो के विरूद्ध कुर्की व वसूली अभियान जिस जोन में चलाकर सीलिंग की कार्यवाही की गई। तीन जोनों में कुर्की अभियान चलाकर दर्जन भर भवन प्रतिष्ठान सील किए गए। इस दौरान जोन आठ में 114275 रूपये गृहकर जमा कराया गया।ज़ोन-5- जोनल अधिकारी सुजीत कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में वार्ड- गीतापल्ली व वार्ड- केसरी खेड़ा में गृहकर का भुगतान न करने वाले बड़े बकायेदार भिलावां राजेन्द्र प्रसाद रावत 110719, लक्ष्मण खैरवाल 46545, केसरी खेड़ा भगवान दीन यादव 48914, नेतराम यादव 47070, मेंहदी खेड़ा कैलाश सिंह यादव 67228, मुनेश्वर सिंह 62058 और श्रीमती शान्ति देवी 55163 रूपये का भुगतान न किये जाने पर कुर्की की कार्रवाई की गई। ज़ोन-7 जोनल अधिकारी संगीता कुमारी के नेतृत्व में वार्ड लालबहादुर शास्त्री द्वितीय, ए-ब्लाक इन्दिरा नगर गृहकर बकायेदार विनय कुमार तिवारी 1,18.954, पियूष चोला 1,09,568,मधु सूडान व नीता भवन 60,545. जीतू भवन 53.493 और शगुफ्ता जमाल व अमन भवन 1,10,770 रूपये बकाया जमा न होने पर कुल 05 दुकान, प्रतिष्ठान पर कुर्की,सीलिंग कार्यवाहीं की गयी। ज़ोन-8 जोनल अधिकारी डा.प्रज्ञा सिंह के नेतृत्व में वार्ड खरिका में गृहकर के बड़े बकायेदार तीन भवनों में सीलिंग की कार्यवाही की गयी। उक्त के क्रम में कुल वसूली 114275 रूपये प्राप्त हुई।
नगर निगम सदन: सपा विधायक के बयान पर भड़के भाजपा पार्षद, डेंगू को लेकर हंगामा
जीआई सर्वे के आधार पर बनाए गए गृहकर बिलों पर फिलहाल रोक
मेयर संयुक्ता भाटिया के कार्यकाल का अंतिम सदन शुरू हो गया है। नगर निगम सदन में सत्ता पक्ष बीजेपी और विपक्षी दलों ने एक दूसरे को घेरने की तैयारी की है। पार्षदों ने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि डेंगू की रोकथाम के लिए कोई काम नहीं हो रहा है। बैठक में काफी हंगामा होता रहा। सदन में आज जनता की तरफ से आने वाली हजारों शिकायतों को देखते हुए सदन ने जीआई सर्वे के आधार पर बनाए गृहकर बिलांें को फिलहाल दो माह के लिए वसूली पर रोक लगा दी हेै।नगर निगम सदन का पदेन सदस्य होने के कारण सपा विधायक रविदास सदन की कार्यवाही में शामिल हुए थे। उनका आरोप था कि गुजरात की कंपनियों को नगर निगम की तरफ से 15 करोड़ का लाभांश दिया जा रहा है, जबकि नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। नगर निगम वित्तीय स्थिति खराब बताकर सड़कों का निर्माण नहीं करा रहा है। विधायक के बयान को लेकर आज समाजवादी पार्टी और भाजपा के पार्षद आमने-सामने आ गए और हंगामे के कारण सदन स्थगित किया गया। भाजपा पार्षदों का कहना था कि गलत आरोप लगाने वाले विधायक सदन में आकर माफी मांगे।इस दौरान सत्तापक्ष के पार्षदों ने भी अधिकारियों पर आरोप लगाया कि वह लापरवाही कर रहे हैं। दौरे कर फोटो खिंचाई जा रही है। मंडलायुक्त के दौरे को भी महज दिखावा बताया। कहा कि फागिंग नहीं हो रही है। पांच साल के कार्यकाल के अंतिम सदन में सभी दलों के पार्षदों ने कहा कि उनकी उपेक्षा से विकास कार्य ठप है। भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया कि साजिश के तहत अधिकारी सरकार को बदनाम करना चाहते हैं। सरकार विरोधी काम कर रही है। सदन में घंटों तक डेंगू का ही मुद्दा छाया रहा।सदन को सम्बोंधित करते हुए महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहाकि शुचिता और निश्छल जीवन जीना मैंने अपने पुरखों से सीखा है। महापौर के रूप में ही नहीं जहां भी मैंने कार्य किया है इन दो गुणों को कभी नहीं छोड़ा। यह हमारे जीवन की मर्यादा है। हमें इस बात की प्रसन्नता है कि लखनऊ महानगर की महापौर पद को स्वीकार करने से लेकर आज तक मैंने आप सबका, इस पूरे सदन का, यहां मौजूद जितने भी लोग हैं हर किसी से एक रूपता का व्यवहार किया है। जो आज तक हमारे साथ रहें हैं या जो विपक्ष के रुप में हमारे सामने बैठे रहें हैं वो सब भी हमारे अपने है, हमारे लोकतंत्र का यही वास्तविक स्वरूप है।बहुत प्रकार से जीवन जीते हुए हम सबका व्यक्तित्व भिन्न होता है, तो भी हम सब भारत माता की संतान हैं, हमारा लोकधर्म एक है। यह लोकधार्म ही हमारा ध्येय है।उन्होंने कहा कि चंचल लोगों के साथ भी हमने निर्वाह किया है और चंचल लोगों ने मुझे मान्यता दी है। चंचल शब्द से हमारा तात्पर्य मतभिन्नता का है, किसी विषय पर हम अलग प्रकार से सोच सकते हैं, समाधान के भिन्न उपाय बता सकते हैं, हमारा यह चिंतन लोकधर्म से जुड़ा रहता हैं, इसीलिए हम अपने लोकतंत्र की मर्यादा से परे नहीं जाते, मतभिन्नता हमारा अवगुण नहीं है यह सद्गुण बनकर उभरता है। महापौर के रूप में हमने इसे अच्छी तरह जिया हैं। लोकतंत्र की मर्यादाएं लखनऊ के स्वभाव में हैं, लखनऊ की गुणवत्ता है, लखनऊ के रस में लोकतंत्र घुला हुआ है, यहां के जल में घुला है, इस माटी में घुला है। इस पद पर रहकर हमने इसकी गंभीरता को स्वीकार किया है। जितनी उपलब्धिया रही है वह किसी एक व्यक्ति की नहीं है, एक तंत्र की है। तंत्र एक व्यापक शब्द है, तंत्र मानव के साथ भी जुड़ा है और मशीनरी के साथ भी जुड़ा है। मानव के साथ जुड़े हुए तंत्र में जिस प्रकार से एक कंप्यूटर काम करता है तो हार्डवेयर प्रमुख है, उसी तरह मनुष्य भी भिन्न स्वभाव के होते हुए भी एक तंत्र में मिलकर काम करते है। इन पांच वर्षों में कभी हमें यह प्रतीति नहीं हुई, की हमारे तंत्र अलग है। हमें यह अविश्वास करने का अवसर कभी नहीं मिला कि हम किसी शुभ कार्य को करेंगे तो उसमें अशुभ व्यवधान आयेंगे।हमें गर्व है कि ऐसे प्रतिमान स्थापित हुए हैं कि इतिहास में उन्हें चिन्हित किया जाएगा। लखनऊ नगर निगम को इसका श्रेय मिलेगा और इसका श्रेय हम आप सबसे जुड़ा है।
आन्दोलन से दूर रहेंगा पावर आफिसर्स एसोसिएशन
एसोसिएशन बडा ऐलान: दलित व पिछडे वर्ग के अभियंता आंदोलन से अलग
उ.प्र.पावर आफिसर्स एसोसिएशन की प्रांतीय कार्यसमिति की आज एक आवश्यक बैठक फील्ड हॉस्टल कार्यालय में संपन्न हुई। सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया की ऊर्जा निगमों में कुछ संगठनों द्वारा किए जा रहे आंदोलन से पावर ऑफिसर एसोसिएशन के सदस्यों का कोई भी लेना देना नहीं है। एसोसिएशन के सभी सदस्य पूरे प्रदेश में उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं व पावर कॉर्पाेरशन प्रबंधन की नीतियों को आगे बढाने में अपना योगदान देते रहेंगे। जहां तक सवाल है एसोसिएशन के सदस्यों की समस्याओं का उस पर लगातार पावर कॉर्पाेरशन प्रबंधन से वार्ता चल रही है। सभी सदस्य अपनी संवैधानिक मांगो व समस्याओं से जैसे-जैसे एसोसिएशन को अवगत कराते रहेंगे। उसी के आधार पर उनकी समस्याओं का समाधान के लिए प्रबंधन से वार्ता जारी रहेगी।उ.प्र.पावर आफिसर्स एसोसिएषन के अध्यक्ष केबीराम, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष उपाध्यक्ष पीएम प्रभाकर, एसपी सिंह, महसचिव अनिल कुमार, सचिव आरपी कैन, अतिरिक्त महासचिव अजय कुमार व संगठन सचिव राम बरन बिन्दा प्रसाद, हरीश चंद्र वमार्, सुशील वर्मा, अनिल कुमार, राजेंद्र कुमार और एसोसिएशन के सदस्यों ने दो टूक शब्दों में कहा हम अपने अधिकार की लडाई लडना जानते हैं हमे कभी भी किसी संगठन के साथ न गए है ना जाएंगे, और ना किसी संगठन का सहयोग करेंगे। पावर ऑफिसर एसोसिएशन से जुडे सभी सदस्य जो दलित व पिछडे वर्ग से संबंध रखते हैं वह सभी बाबा साहब द्वारा बनाई गई संवैधानिक व्यवस्था में यकीन करते हैं और उनकी जो भी मांगे होती हैं वह संवैधानिक होती हैं उस पर सरकार से लेकर कॉर्पाेरशन प्रबंधन तक लगातार चर्चा परिचर्चा होती रहती है। एसोसिएशन के प्रांतीय कार्य समिति ने आगे यह भी ऐलान किया है कि सभी बिजली कंपनियों में आरक्षण विरोधी ताकतों द्वारा दलित अभियंताओं के खिलाफ विदेश पूर्ण भाव से कार्यवाही एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत आज भी जारी, जिसके सभी साक्ष्य एकत्र कर एसोसिएशन की प्रांतीय कार्यसमिति सभी बिजली कंपनियों में प्रबंध निदेशकों से मुलाकात कर उनसे बात करेगी।उसके बावजूद भी अगर उनका उत्पीडन जारी रहा उसके बाद एसोसिएशन अपने तरीके से आंदोलन करने के लिए बाद होगी।
बिजलीकर्मियों का शक्तिभवन मुख्यालय पर प्रदेशव्यापी सामूहिक सत्याग्रह
सार्थक निराकरण ना होने पर 29 नवम्बर से होगा अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार
ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के स्वेच्छाचारी रवैये के विरोध में एवं बिजली कर्मियों की वर्षों से लम्बित न्यायोचित समस्याओं के समाधान हेतु सरकार व प्रबन्धन के ध्यानाकर्षण करने के लिए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के सभी घटक श्रम संघों/सेवा संगठनों के प्रान्तीय कार्यकारिणी के सभी सदस्यों व पदाधिकारियों द्वारा आज शक्तिभवन मुख्यालय, लखनऊ पर विशाल सामूहिक सत्याग्रह एवं शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया।विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के पदाधिकारियों ने बताया कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के स्वेच्छाचारी रवैये एवं नकारात्मक कार्यप्रणाली के कारण ऊर्जा निगमों को हो रही आर्थिक क्षति को रोकने एवं ऊर्जा निगमों में उत्पन्न किए गए भय के वातावरण को समाप्त कराने हेतु एवं बिजली कर्मियों की वर्षों से लम्बित न्यायोचित समस्याओ के समाधान के प्रति प्रबंधन द्वारा उपेक्षात्मक व नकारात्मक रवैया अपनाये जाने के कारण कुछ भी सार्थक कार्यवाही न होने से संघर्ष समिति ने सरकार व प्रबन्धन के ध्यानाकर्षण हेतु लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन किए जाने के निर्णय के क्रम में आज शक्ति भवन मुख्यालय लखनऊ पर विशाल सत्याग्रह व प्रदर्शन किया गया जिसमे हजारों बिजली अभियंता, जूनियर इंजीनियर व बिजली कर्मचारी सम्मिलित हुए । ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के हठवादी व नकारात्मक रवैये के कारण ही 27 अक्टूबर को दी गयी नोटिस पर संघर्ष समिति से ऊर्जा के शीर्ष प्रबन्धन द्वारा कोई भी वार्ता नहीं की गयी है जो बिजलीकर्मियो के प्रति उनकी उदासीनता दर्शाता है।सभा के दौरान कहा गया कि अगले चरण मे 21 नवम्बर 2022 को राजधानी लखनऊ सहित समस्त जनपदों व परियोजनाओं पर अपराह्न 03 बजे से 05 बजे तक विरोध सभायें की जायेंगी। 22 नवम्बर 2022 से नियमानुसार कार्य आन्दोलन शुरू होगा। विगत 03 नवम्बर से शुरू हुए प्रदेशव्यापी जन-जागरण व प्रेस कॉन्फ्रेंस 28 नवम्बर तक जारी रहेगा। आज के सत्याग्रह में राजीव सिंह,प्रभात सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, जीबी पटेल, जय प्रकाश, गिरीश पांडेय, सदरुद्दीन राना, मायाशंकर तवारी, सुहेल आबिद, पी के दीक्षित, शशिकान्त श्रीवास्तव, चन्द्र भूषण उपाध्याय, डीके मिश्रा, मो इलियास, महेन्द्र राय, केशर सिंह रावत, पी एन तिवारी, मो वसीम, सुनील प्रकाश पाल, विशम्भर सिंह, राम सहारे वर्मा, प्रेम नाथ राय, सनाउल्लाह, पी एस बाजपेयी, जी पी सिंह, ए के श्रीवास्तव, शम्भू रत्न दीक्षित, भगवान मिश्र, पवन श्रीवास्तव, रफीक अहमद, के पी सिंह, आर के सिंह, दीपक चक्रवर्ती, जवाहरलाल, मोहम्मद इलियास, चन्द्रशेखर, जयशंकर, रणबीर सिंह,आलोक कुमार, अजय द्विवेदी, अंकुर, सौरभ सिंह यादव, गौरव ओझा, सागर शर्मा समेत सैकड़ों की संख्या में बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियन्ता उपस्थित रहे।
कारपोरेशन के प्रतिदिन घाटे पर नजर डाले आन्दोलनरत कार्मिक: चेयरमैन
पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम.देवराज ने आन्दोलनरत बिजली कार्मिकों और अभियंताओ केा पावर कारपोरेशन को प्रतिदिन 1366 करोड़ रूपये के घाटे का हवाला देते हुए आन्दोलन छ़ोड वार्ता की अपील करते हुए आर्थिक परिस्थिति के मद्ेनजर कारपोरेशन हित में काम करने को कहा हैै।उन्होंने एक पत्र के माध्यम से आकड़े रखते हुए बताया कि हर माह बिजली खरीद का औसतन मूल्य 5940 करोड़, वेतन और अनुरक्षण मद में प्रतिमाह खर्च 2321 करोड़, औसत प्रतिमाह वसूली 5339 करोड़, वसूली और खर्च में प्रतिमाह औसतन अंतर 2022 करोड़ रूपये और प्रतिमाह सब्सिड़ी 1556 करोड़ और प्रति माह सब्सिडी के साथ वसूली के बीच का अन्तर 1366 कराड़ है। ऐसे में कार्मिक और अभियंताओं को आन्दोलन का रास्ता छोड़ कर बीच का रास्ता अपनाना चाहिए।
खटान परियोजना का काम लगभग पूरा, अमली कौर का काम 90 फीसदी पार
खटान और अमली कौर पेयजल परियोजना 10,88,835 से अधिक ग्रामीण आबादी की प्यास बुझाएगी
महर्षि वामदेव की तपोभूमि बांदा को योगी सरकार अब तक का सबसे बड़ा तोहफा देने जा रही है। इस भूमि पर रहने वाले जन-जन को नल से जल पहुंचाने की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। दुनिया की सबसे बड़ी ग्रामीण पेयजल योजनाओं में शुमार होने जा रही बांदा की खटान पेयजल परियोजना लगभग पूरी तरह से तैयार हो गई है। इस योजना से कई गांवों में पेयजल आपूर्ति का ट्रायल रन भी शुरू कर दिया गया है। सरकार की हरी झण्डी मिलते ही सभी गांवों में पानी की आपूर्ति निर्बाध रूप से शुरू कर दी जाएगी। वहीं अमली कौर पेयजल परियोजना का भी 90 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो गया है। 10 प्रतिशत फिनिशिंग का कार्य किया जा रहा है। गुरुवार को प्रमुख सचिव नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग अनुराग श्रीवास्तव और जल निगम के एमडी डॉ. बलकार सिंह ने इन दोनों परियोजनाओं का निरीक्षण किया और कार्य को तेज गति से पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने परियोजनाओं के वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों और इंटेकवेल को भी देखा। सप्लाई से पूर्व की जो भी तैयारी है उसे जल्द पूरा करने के निर्देश दिये जिससे दिसम्बर से गांवों में जलापूर्ति शुरू की जा सके। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी बांदा दीपा रंजन भी मौजूद रहीं।
महर्षि वामदेव की तपोभूमि के लिए हर घर नल योजना
जल जीवन मिशन की खटान और अमली कौर पेयजल परियोजनाओं से 617 गांव में रहने वाली 10,88,835 से अधिक लोगों की प्यास बुझेगी। बीमारियों से राहत मिलने के साथ नलकूप और सर्फेस वाटर सप्लाई आधारित योजनाओं का लाभ बांदा जिले के लिए वरदान साबित होगा। जल जीवन मिशन की योजना से बांदा में 217767 परिवारों को नल कनेक्शन दिये जाने हैं। लक्ष्य को पूरा करने में जुटे अधिकारी 38996 से अधिक परिवारों को नल कनेक्शन दे चुके हैं।
खटान और अमली कौर पेयजल योजनाओं ने सूखे की परिभाषा को बदला
पथरीली भूमि और कठिन परिस्थितियों के बीच घर-घर नल से जल पहुंचाकर जल जीवन मिशन योजना ने सूखे से प्रभावित रहने वाले बुंदेलखंड की परिभाषा ही बदल दी है। खटान पेयजल परियोजना जैसी योजनाएं भारत समेत कुछ ही देशों में है। खटान पेयजल परियोजना में इंटैक वेल और डब्ल्यूटीपी की क्षमता 158 एलएलडी है। जबकि 26 एमएलडी और 300 हार्स पॉवर के आठ पम्प इंस्टाल किये गये हैं। यहां लगे डीजी सेट की क्षमता 1600 केवीए और राइजिंग मेन का व्यास 1400 मिलीमीटर है। यहां 374 गांव के 14539 परिवारों तक जलापूर्ति शुरू करा दी गई है। खटान योजना से कमासिन, बिसांडा, नारयनी, महुआ और अमली कौर परियोजना से तिंदवारी, बबेरू, बदोखर खुर्द, महुआ में हर घर तक नल कनेक्शन दिये जाने हैं। शासन की मंशा के अनुरूप हर घर नल परियोजना के तहत प्रत्येक परिवार को अधिकतर 55 लीटर शुद्ध पेयजल दिया जाएगा। अमली कौर पेयजल परियोजना पर नलकूप अधारित 26 गांवों के 10077 से अधिक परिवारों को नल से पानी की आपूर्ति शुरू कर दी गई है। सर्फेस वॉटर से 217 गांव के 14481 परिवारों को नल से जल पहुंच रहा है।
2244 किमी से बिछाई गई पाइप लाइन
अमलीकौर और खटान पेयजल योजनाओं से अभी तक 2244 किमी से अधिक पाइपलाइन बिछा दी गई है। अमलीकौर परियोजना में 1808 किमी और खटान परियोजना से 2914.5 किमी डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइन बिछाई जानी है। योजना के तहत 1 डब्ल्यूटीपी, 1 इंटेकवेल, 1 ट्रीटमेंट प्लांट, 39 सीडब्ल्यूआर, 116 ओवरहैड टैंक निर्मित किये जा रहे हैं। अमली कौर परियोजना में 1 डब्ल्यूटीपी, 1 इंटेक वेल, 1 ट्रीटमेंट प्लांट, 13 सीडब्ल्यूआर और 80 ओवरहैड टैंक निर्मित किये जा रहे हैं।