- REPORT BY:K.K.VARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ ।लखनऊ में अवैध मदिरा के निर्माण, बिक्री एवं परिवहन की रोकथाम के दृष्टिगत चलाए जा रहे विशेष प्रवर्तन अभियान के अंतर्गत कल देर रात्रि कई मदिरा की दुकानों एवं उनके आस-पास आबकारी टीम द्वारा औचक निरीक्षण किया गया। निर्धारित मूल्य पर मदिरा की बिक्री करने, ग्राहकों से उचित व्यवहार करने एवं दुकानों पर आवश्यक सूचनाएं लिखने जैसे महत्वपूर्ण निर्देश दुकानदारों को दिये गये।जिला आबकारी अधिकारी लखनऊ राकेश कुमार सिंह ने बताया कि आबकारी निरीक्षक सेक्टर 11 राहुल कुमार सिंह द्वारा बिजनौर, नटकुर, गौरीगांव, ट्रांसपोर्ट नगर तथा लेबर चौराहा पर संचालित देशी, विदेशी व बीयर की दुकानों पर चेकिंग की गई। आबकारी निरीक्षक सेक्टर 2 ऋचा सिंह द्वारा निशातगंज तथा महानगर क्षेत्र और आबकारी निरीक्षक सेक्टर 10 अखिल गुप्ता द्वारा पारा एवं ठाकुरगंज की मदिरा दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। दुकानों पर अधिक दाम पर मदिरा नहीं बेची जा रही है, इसकी जानकारी के लिए गुप्त रूप से खरीदारी भी की गयी। शराब की दुकान के आस-पास अवैध रूप से मदिरापान न होने पाये इसके लिए दुकानदारों को सख्त निर्देश दिये गये। साथ ही पॉश मशीन से बिक्री करने और ग्राहको से उचित व्यवहार करने संबंधी अन्य निर्देश भी दुकानदारों को दिये गये।
उन्होंने बताया कि आबकारी निरीक्षक सेक्टर 5 की टीम द्वारा ग्वारी चौराहा गोमतीनगर में सार्वजनिक स्थल पर शराब पीने वालों के विरुद्ध अभियान चलाया गया। इसके अतिरिक्त देर रात्रि तक रजनीश प्रताप सिंह आबकारी निरीक्षक सेक्टर 03 लखनऊ द्वारा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर से गुजरने वाले ट्रकों, टैंकरों और अन्य भारी वाहनों एवं आसपास के ढाबों की सघन चेकिंग की गई।
मनरेगा- मानव दिवस सृजन में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले जरूरतमंद लोगों को लगातार काम देने का कार्य
किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण को उनकी मांग के अनुरूप कार्य उपलब्ध कराने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। अकुशल मजदूरों को उनके ही गांव में प्राथमिकता के साथ 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
मनरेगा योजना के अंतर्गत मानव दिवस सृजन के मामले में उत्तर प्रदेश लगातार अग्रणी राज्य की श्रेणी में है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 20 करोड़ ज्यादा मानव दिवस सृजित कर लिये गये हैं। वहीं अगर बीते 3 वर्षों की बात करें तो वर्ष 2021-22 की तो जहां 2021-22 में 32.56 करोड़ मानव दिवस सृजित किये गये थे, वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 में 31.15 करोड़ मानव दिवस सृजित किये गये और वित्तीय वर्ष 2023- 24 में योजना के इतिहास में यह दूसरा मौका है जब एक ही वर्ष में निर्धारित लक्ष्य को 3 बार रिवाईज किया गया। इससे पहले वर्ष 2020-21 में 3 बार लक्ष्य बढ़ा था। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पहले 21 करोड़ मानव दिवस का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे 3 बार बढ़ाकर पहले 25 करोड़ फिर 30 करोड़ उसके पश्चात 34.50 करोड़ किया गया। जिस लक्ष्य को भी पार करते हुये उत्तर प्रदेश में 34.54 करोड़ से ज्यादा मानव दिवस सृजित किये गये । उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा मनरेगा के तहत अधिक से अधिक काम देने के निर्देश से यह संभव हो सका है। मानव दिवस सृजन में उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी राज्य है।गांवों में गरीबों के लिए मनरेगा वरदान साबित हो रही है। प्रदेश में चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 60.17 लाख मांग के सापेक्ष 100 प्रतिशत 60.17 लाख परिवारों को गांव में रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है।प्रदेश में बस्ती जनपद द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,95,717 मांग के सापेक्ष 100 प्रतिशत 1,95,714 श्रमिक परिवारों को गांव में रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। जबकि, 79,40,929 मानव दिवस का सृजन किया जा चुके है।
बस्ती जनपद मानव दिवस सृजन में प्रदेश में नंबर वन है। आजमगढ़ द्वितीय जौनपुर तीसरे स्थान पर है।आयुक्त, ग्राम्य विकास जीएस प्रियदर्शी ने सम्बन्धित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश हैं कि मनरेगा के तहत मानव दिवस सृजित करने पर ज्यादा फोकस हो, ताकि ग्रामीण इलाके में ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके। मनरेगा से जुड़ी योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर और योजनाबद्ध तरीके से होना चाहिए।मनरेगा के अंतर्गत रोजगार, आवास, पेयजल, महिला सशक्तिकरण, सिंचाई, सड़क, पौधरोपण इत्यादि से संबंधित कई योजनाओं का संचालन हो रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक एक लाख से ज्यादा परिवारों को मनरेगा योजनांतर्गत कार्य उपलब्ध कराकर उनकी आजीविका को आसान बनाया जा रहा है। इस वर्ष अब तक 1,00,371 ऐसे परिवार हैं ,जिन्होंने 100 दिवस का रोजगार पूर्ण किया है।
394 विधानसभा क्षेत्रों में चल रहा विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम,पुनरीक्षण अवधि में निर्वाचन आयोग के बिना अनुमति के स्थानान्तरण पर रोक
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अर्हता तिथि 01 जनवरी 2025 के आधार पर प्रदेश में उप निर्वाचन होने के दृष्टिगत 9 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को छोड़कर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची का प्रदेश की 394 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है।उन्होनें बताया कि निर्वाचक नामावलियों मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य से सम्बद्ध अधिकारियों,कार्मिक को पुनरीक्षण अवधि 29 अक्टूबर 2024 से 06 जनवरी 2025 तक जिला निर्वाचन अधिकारियों, उप जिला निर्वाचन अधिकारियों, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों इत्यादि को भारत निर्वाचन आयोग की बिना अनुमति के स्थानान्तरित करने पर रोक लगी है।मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों मे पुनरीक्षण कार्यक्रम के अनुसार मतदाताओं के दावे और अपत्तियां 28 नवम्बर तक लिया जायेगा। इस बीच 9, 10, 23 तथा 24 नवम्बर 2024 विशेष अभियान तिथियां में बीएलओ मतदान बूथ पर सभी आवश्यक फार्मों सहित उपस्थित रहकर नागरिकों की सहायता करेगें। उन्होनें बताया कि 28 नवम्बर से 24 दिसम्बर 2024 तक दावें और आपत्तियों का निस्तारण किया जायेगा। 06 जनवरी 2025 को निर्वाचक नामावलियों मतदाता सूची का अन्तिम प्रकाशन कराया जायेगा।मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रदेश के समस्त नागरिकों से अपील की है कि वे पुनरीक्षण अवधि में मतदाता सूची में अपना नाम अवश्य जांच कर लें। इस अवधि में नाम दर्ज करने, नाम हटाने, नाम व पता संशोधित आदि की प्रक्रिया को ऑफलाइन या ऑनलाइन वेबसाइट,वोटर हेल्पलाइन ऐप के माध्यम से कर सकते है।
अग्नि आपदा प्रबंधन विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशो के क्रम में राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा विभिन्न विकासपरक व अन्य शासकीय योजनाओं को मुकम्मल
अन्जाम देने के उद्देश्य से विभिन्न विषयों पर सतत् रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। प्रभारी अपर निदेशक बी डी चौधरी ने बताया कि इसी कड़ी में दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बीकेटी लखनऊ में आयोजित “अग्नि आपदा प्रबन्धन“ राज्य स्तरीय 03 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के डिप्टी कलेक्टर,तहसीलदार ,नायब तहसीलदार, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, उप मुख्य चिकित्साधिकारी, चिकित्साधिकारी, तथा आपदा विशेषज्ञों सहित 55 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्थान के महानिदेशक एल वेंकटेश्वर लू, द्वारा महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किये गये।उन्होंने प्रतिभागियों से अग्नि आपदा प्रबन्धन के महत्वपूर्ण गुर बताए।संस्थान के अपर निदेशक प्रभारी बीडी चौधरी, डॉ अदिति उमराव, परियोजना निदेशक ईऑ, राहत आयुक्त कार्यालय, डॉ एसके सिंह, सहायक निदेशक, संजय कुमार, सहायक निदेशक कुमार दीपक, सलाहकार आप्र की की गरिमामयी उपस्थिति रही। बीपी सिंह आईपीएस रिटायर्ड ने अग्नि आपदा के दौरान भीड़ प्रबंधन पर विशेष जानकारी प्रदान की। घनश्याम मिश्रा, सलाहकार, यूनीसेफ लखनऊ एवं डॉ मजहर रशीदी, मास्टर ट्रेनर, द्वारा विभिन्न प्रकार की अग्नि काण्ड दुर्घटना सम्बन्धित प्रबन्धन योजना एवं विद्यालय अग्नि प्रबन्धन योजना, कार्यालय अग्नि प्रबन्धन योजना, सार्वजनिक स्थल अग्नि प्रबन्धन योजना, गृह अग्नि प्रबन्धन योजना निर्माण सम्बन्धी विभिन्न पहलुओं पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया एवं समूह चर्चा द्वारा विषय-वस्तु की जानकारी साझा की। अदिति उमराव, परियोजना निदेशक ईऑ, राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा राज्य आपदा मोचक निधि एव राष्ट्रीय आपदा मोचक निधि, निर्माण, प्रक्रिया एवं व्यवहारिक ज्ञान पर चर्चा, अंकेक्षण हेतु निर्देश पर चर्चा की। डॉ एससी शर्मा, अधीक्षक सेनि पशुपालन निदेशालय ने अपनी वार्ता में अग्नि आपदा प्रबंधन में पशुपालन विभाग, पशु चिकित्सालय एवं चिकित्सकों के दायित्व, दावानल जंगल की आग खेत में लगी आग से निपटने से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारियां दी। एसडीआरएफ टीम एवं अग्निशमन विभाग द्वारा अग्नि के विषय में विशेष जानकारी एवं हैण्डऑन ट्रेनिंग अभ्यास द्वारा प्रतिभागियों को अग्नि दुर्घटना बचाव सम्बन्धित तकनीक सिखायी। कुमार दीपक सलाहकार ने आपदा के प्रकार, उत्तर प्रदेश में विभिन्न प्रकार की आपदाओं की संवेदनशीलता के विषय में जानकारी दी।प्रतिभागियों द्वारा प्रशिक्षण उपरान्त 04 समूहों में विद्यालय अग्नि प्रबन्धन योजना, कार्यालय अग्नि प्रबन्धन योजना, सार्वजनिक स्थल अग्नि प्रबन्धन योजना, गृह अग्नि प्रबन्धन योजना का निर्माण किया गया, जिसकी प्रस्तुति केके सिन्हा आईएएस सेनि द्वारा की गयी। समापन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में केके सिन्हा ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रतिभागियों द्वारा अपने-अपने जनपद में जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के समन्वय के साथ अग्नि आपदा प्रबन्धन योजनाओं के निर्माण में अहम भूमिका निभायी जाय। अपर निदेशक प्रभारी बीडी चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ एसके सिंह, सहायक निदेशक संजय कुमार, सहायक निदेशक कुमार दीपक, सलाहकार आप्र ने किया।
पर्यटन विभाग ने किया शिखर सम्मेलन में सहभागिता कर बौद्ध धर्म से जुड़े स्थलों का व्यापक प्रचार-प्रसार,बौद्ध शिखर सम्मेलन का समापन
अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ एवं संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्ववाधान में आयोजित दो दिवसीय समिट में विभिन्न देशों के बौद्ध भिक्षुओं, धर्म गुरूओं तथा
विद्धवानों ने भाग लिया। इस समिट का विषय एशिया को मजबूत करने में बुद्ध धम्म की भूमिका रखा गया था। इस समिट में उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग ने प्रदेश में स्थित बौद्ध स्थलों का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए बौद्ध अनुयायियों को उत्तर प्रदेश आने का न्यौता दिया। मंगलवार से शुरू हुई समिट आज समाप्त होगी। पर्यटन विभाग का प्रयास था कि इस समिट में प्रतिभाग करने वाले देशों के प्रतिनिधि यहां से शान्ति का संदेश लेकर जायं। प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि दो दिवसीय बौद्ध शिखर सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली में स्थित होटल अशोका में हुआ था। प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा बौद्ध सर्किट के अन्तर्गत आने वाले बौद्ध स्थलों के बारे में अच्छी जानकारी दी। विदेशी प्रतिनिधियों ने सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना की। पर्यटन मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार पर्यटन स्थलों का प्राथमिकता के आधार पर पर्यटन सुविधाओं का विकास कर रही है ताकि देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालु अविस्मरणीय अनुभव लेकर लौटें। उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री की मंशानुरूप और मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में विभिन्न सर्किट का विकास किया जा रहा है। बौद्ध धर्म का मूल उत्तर प्रदेश में है। भगवान गौतमबुद्ध से जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों सारनाथ, कुशीनगर, कपिलवस्तु, कौशांबी, श्रावस्ती और संकिसा आदि पर देश-दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। भविष्य में यहां पर्यटकों की संख्या में बहुत तेजी से वृद्धि होगी। इसके साथ ही आकर्षक पर्यटक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।पर्यटन मंत्री ने बताया कि कुशीनगर में टीएफसी, गेट कांप्लेक्स, अन्य पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। इसी तरह श्रावस्ती में बौद्ध विहारों पर पर्यटन सुविधाओं का सृजन किया जा रहा है।कौशांबी में बौद्ध थीम पार्क और गेट कांप्लेक्स निर्माण की तैयारी है। कपिलवस्तु स्थित बौद्ध विहारों पर पर्यटन सुविधाओं का विकास और कपिलवस्तु का समेकित पर्यटन विकास किया जा रहा है। कपिलवस्तु में विपश्यना केंद्र का निर्माण किया जा रहा है। सारनाथ, संकिसा और श्रावस्ती में पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। कई और कार्य किए जा रहे हैं।