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LUCKNOW:भूपेंद्र चौधरी का अखिलेश को जबाब,बोले सपा के कार्यकर्ता ही हराएंगे चुनाव,क्लिक करें और भी खबरें

-उपचुनाव में सभी नौ सीटें जीत रही बीजेपी

  • REPORT BY:K.K.VARMA || EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS DEASK

लखनऊ ।भारतीय जनता पार्टी के  प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र  सिंह चौधरी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के ट्वीट पर हमला करते हुए कहा कि जो प्रदेश की जनता के बीच ही नहीं जाते है, उन्हें भला कैसे उत्तम उत्तर प्रदेश की उपलब्धि के बारे में पता चलेगा। जिन्हें विदेश घूमने से ही फुर्सत नहीं है तो प्रदेश में क्या हो रहा है, उन्हें कैसे पता चलेगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा उपचुनाव की सारी नौ की नौ सीटें जीत रही है। प्रदेश की जनता ने भाजपा प्रत्याशी को चुनाव से पहले ही जीत का सेहरा पहना दिया है।सपा प्रमुख को अगर ये देखना है तो उन्हें जनता के बीच जाना पड़ेगा, लेकिन उनके पास परिवारवाद के अलावा किसी के लिए समय नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने अखिलेश यादव पर करारा हमला करते हुए कहा कि जो जनता के बीच नहीं जाता, वही असली डरा हुआ इंसान है क्योंकि वह जनता के सवालों के जवाब नहीं दे सकता। अखिलेश यादव जानते हैं कि वह जनता के बीच जाएंगे तो उन्हें उनकी पार्टी के नेताओं द्वारा किये जा रहे कुकृत्यों का जवाब  उन्हें जनता को देना होगा, जो उनके पास नहीं है। इस उपचुनाव मेें सपा प्रमुख को उनके ही कार्यकर्ता चुनाव हराएंगे। वह इस बार लगातार उनकी अनदेखी का हिसाब करेंगे। जनता भी सपाई गुंडों को जवाब देने के लिए बेताब है। वह वोट के जरिये समाजवादी पार्टी से हिसाब चुकता करेगी। सपा के कार्यकर्ता प्रदेश की बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं। भाजपा सरकार बेटियों की सुरक्षा के लिए पूरी दृढ़ता से काम कर रही है। इसे जनता बखूबी जानती है।

विधानसभा सचिव की सड़क दुर्घटना में मौत,ब्रजभूषण बेटे के साथ जा रहे थे लखनऊ

उत्तर प्रदेश विधानसभा के सचिव ब्रजभूषण दूबे की हादसे में मौत हो गई है। देर रात थाना पटरंगा के गनौली कट के पास हाईवे पर उनकी कार का एक्सीडेंट हुआ।ओवरटेक करने के चक्कर में विधानसभा सचिव की कार ट्रक से टकरा गई। टक्कर लगते ही कार के परखच्चे उड़ गए। हादसे में बस्ती के रहने वाले 52 वर्षीय ब्रजभूषण दुबे की मौत हो गई और उनका बेटा घायल हुआ। दोनों पिता-पुत्र अयोध्या से लखनऊ जा रहे थे। ओवरटेक करने के चक्कर में कार अनियंत्रित होकर दूसरी लाइन में चली गई और डिवाइडर से टकरा गई। पुलिस से शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। हादसे का शिकार हुए लोगों को परिजनों को भी सूचना दी। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सीओ आशीष नागर ने बताया कि बृजभूषण दूबे  बस्ती के थाना पैक़ोलिया क्षेत्र के गांव सुरेखा खास के निवासी थे। गुरुवार रात करीब 12:30 उनका हादसा हुआ। वे अपने बेटे कृष्णा उर्फ राजा दुबे के साथ अयोध्या से लखनऊ जाने के लिए निकले थे। कार कृष्णा ड्राइव कर रहा था,  रोजा गांव चीनी मिल के पास हादसा हो गया। एक गाड़ी को ओवरटेक करने के चक्कर में कृष्णा की कार अनियंत्रित होकर दूसरी लेन में जाकर सामने से आ रहे ट्रक से भिड़ गई। हादसे की सूचना कृष्णा ने पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पटरंगा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने ही घायल विशेष सचिव ब्रजभूषण दूबे और उनके बेटे कृष्णा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन डॉक्टरों ने बृजभूषण दूबे को मृत घोषित कर दिया। कृष्ण की हालत खतरे से बाहर है।

अंतर्राष्ट्रीय बुद्धिष्ट कॉन्क्लेव व पालि साहित्य सम्मेलन आज से, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक चीफ गेस्ट

संस्कृति विभाग के अधीन अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान लखनऊ द्वारा 09 से 11 नवम्बर, तक तीन दिवसीय इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्क्लेव तथा पालि साहित्य सम्मेलन-2024 का आयोजन बुद्ध बिहार शांति उपवन आलमबाग लखनऊ में किया जा रहा है। इस सम्मेलन की मुख्य थीम ’’विश्व शांति एवं सद्भाव बढ़ाने में पालि साहित्य का योगदान’’ रखा गया है। इस कॉन्क्लेव में देशभर से 800 से अधिक बौद्ध भिक्षु, आचार्य, विद्वान तथा बौद्ध उपासक भाग ले रहे हैं। इस तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन कल पूर्वाह्न 11 बजे तथा समापन 11 नवम्बर को अपराह्न 02 बजे किया जायेगा। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक तथा विशिष्ट अतिथि गोविन्द नारायण शुक्ल एमएलसी होंगे। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री  जयवीर सिंह ने बताया कि इस सम्मेलन में बौद्ध पर्यटन, पालि भाषा, साहित्य, पुरातत्व, बौद्ध संस्कृति, प्राचीन इतिहास तथा भारतीय ज्ञान परम्परा पर विस्तार से मंथन किया जायेगा। केन्द्र सरकार द्वारा 03 अक्टूबर को अन्य भाषाओं के साथ पालि भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है। इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी धन्यवाद के पात्र हैं।यूपी में पर्यटन तथा संस्कृति के साथ बौद्ध धर्म की भाषा पालि को बढ़ावा दिये जाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। पालि भाषा भारत की प्राचीन भाषा है। पूर्व में आम जनता की बोलचाल की सर्वमान्य भाषा थी। श्रीलंका, म्यांमार, कम्बोडिया, थाईलैण्ड, बंग्लादेश, वियतनाम, श्रीलंका, नेपाल, नीदरलैण्ड आदि देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। यूरोपीय देशों में भी इसके प्रति लगातार रूचि बढ़ रही है। इस प्रकार पालि भाषा एक अंतर्राष्ट्रीय महत्व की भाषा बन चुकी है। पालि भाषा में नैतिक शिक्षा, शील-सदाचार, उच्च अध्यात्मिक महत्व को प्राथमिकता दी गयी है। त्रिपिटक साहित्य में समाज, जातीय स्वरूप, अर्थव्यवस्था, सांस्कृतिक जीवन, न्याय व्यवस्था, शिक्षा आदि के बारे में प्रमाणिक जानकारी मिलती है। इस सम्मेलन में पैनल डिस्कशन के अलावा शोध पत्र का प्रस्तुतीकरण किया जायेगा तथा तीन भिक्षुओं को सम्मानित भी किया जायेगा। इस अवसर पर पालि पुस्तक मेला प्रदर्शनी, धम्मपद संगायन, सुलेखन, जागरूकता संबंधी कार्य तथा पुस्तक का विमोचन भी किया जायेगा।

जनजातीय गौरव दिवस के रूप में 15 से 26 नवम्बर तक मनाई जायेगी बिरसा मुंडा जयंती-मुकेश मेश्राम

-देशभर के जनजातीय कलाकार करेंगे कला और कौशल का प्रदर्शन- हरिओम

उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान, पर्यटन विभाग, जनजातीय विकास विभाग अनुसूचित जाति एवं जनजाति, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान तथा इफ्को नई दिल्ली एवं  संगीत नाटक अकादमी लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में बिरसा मुण्डा जी की जयन्ती के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय जनजाति भागीदारी उत्सव का आयोजन 15 से 20 नवम्बर तक  संगीत नाटक अकादमी, गोमतीनगर लखनऊ के परिसर में किया जायेगा। प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति  मुकेश मेश्राम तथा प्रमुख सचिव समाज कल्याण डा हरिओम  ने बताया कि पर्यटन विभाग तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, समाज कल्याण विभाग तथा भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद नई दिल्ली व इफ्को टोकियो इस कार्यक्रम के प्रायोजक रहेंगे।प्रेस कान्फ्रेंस में प्रमुख सचिव पर्यटन ने बताया कि इस अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी उत्सव में गुजरात, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, सिक्किम, उड़ीसा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, अरूणांचल प्रदेश, गोवा, केरल, हिमांचल प्रदेश, असम, त्रिपुरा, झारखंड, पंजाब तथा उ0प्र0 सहित 22 राज्यों के 600 से अधिक कलाकार अपने पारम्परिक नृत्य, संगीत, परिधान, वादयंत्रों का प्रदर्शन करेंगे।श्री मेश्राम ने बताया कि इस आयोजन में हस्त शिल्प के 100 से अधिक स्टॉल लगाये जा रहे हैं। इसमें उत्तराखंड से इम्ब्रायडरी, हैंडलूम चादर, मध्य प्रदेश से बीडज्वैलरी, लेदरशिल्प, चंदेरी साड़ी तथा यूपी से खुर्दा पाट्री, ब्रास वर्क, बनारसी साड़ी, सुपारी के खिलौने तथा गाय के गोबर से बने उत्पाद व प्रधानमंत्री वनधन केन्द्रों में निर्मित उत्पाद आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। आयोजन में देशी व्यंजन के स्टॉल भी लगाये जायेंगे। इस उत्सव में स्लोवाकिया तथा वियतनाम के कलाकारों को आमंत्रित किया गया है।प्रमुख सचिव समाज कल्याण डा. हरिओम ने बताया कि वर्ष 2022 में भारत सरकार द्वारा लोक नायक बिरसा मुण्डा के जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया गया है। इसके आयोजन हेतु सभी जिलों में 15 से 26 नवम्बर तक जनजाति गौरव पखवाड़ा मनाया जायेगा, जिसके लिए सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। प्रधानमंत्री जी द्वारा 02 अक्टूबर को प्रारम्भ किये गये ’’धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’’ के तहत प्रदेश के 517 जनजाति बाहुल्य ग्रामों के सर्वांगीण विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इस अवसर पर हरी झंडी दिखाकर वैन को रवाना किया।डा हरिओम ने बताया कि इस अवधि में 22 राज्य, 38 लोकनृत्य प्रस्तुत करेंगे। इस आयोजन में शिल्प मेला, चाय चौपाल, पारम्परिक देशी खेल, पोथी घर जनजाति पुस्तकों की बिक्री आदि भी की जायेगी। उन्होंने बताया कि इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य देश की जनजातीय लोक परम्परा, लोक गायन, समृद्ध गौरवशाली इतिहास, भेष-भूषा व्यंजन तथा पारम्परिक मूल्यों से भावी पीढ़ी को परिचित कराया जा सके ताकि आज की युवा पीढ़ी अपनी समृद्धशाली विरासत पर गौरव महसूस कर सके। इस अवसर पर विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया एवं लोक जनजाति संस्थान के अध्यक्ष अतुल द्विवेदी तथा अन्य अधिकारी मौजूद थे।

छात्रवृत्ति से संवरेगा ओबीसी छात्रों का भविष्य,उच्च शिक्षा खगिर प्रोत्साहन के लिए योगी सरकार की पहल

योगी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी के छात्रों के लिए पूर्वदशम् और दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजनाओं की समय सारिणी का दूसरा चरण शुरू कर दिया है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े वर्ग के छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन देना और उनके आर्थिक बोझ को कम करना है।पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेंद्र कश्यप ने बताया कि राज्य में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों और अन्य उच्च कक्षाओं के लिए छात्रवृत्ति योजनाओं का द्वितीय चरण जारी कर दिया गया है। इसके तहत छात्रों को ऑनलाइन आवेदन करने और जल्द से जल्द आर्थिक सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया निर्धारित की गई है। इस पहल का उद्देश्य राज्य के ओबीसी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि वे बिना आर्थिक बाधाओं के अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण डॉ. वंदना वर्मा ने जानकारी दी कि छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटाइज्ड कर दिया गया है, जिससे पारदर्शिता और त्वरित वितरण सुनिश्चित हो सके। ओबीसी छात्रों को पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। द्वितीय चरण की समय सारिणी के अनुसार 31 दिसंबर  तक सभी शिक्षण संस्थानों को मास्टर डाटा में सम्मिलित किया जाएगा। 5 जनवरी 2025 तक विश्वविद्यालय, एफिलिएटिंग एजेंसियों और जिला विद्यालय निरीक्षकों द्वारा फीस आदि का सत्यापन पूरा किया जाएगा।इस योजना के तहत कक्षा 9-10 के छात्रों के लिए पूर्वदशम् छात्रवृत्ति और कक्षा 11-12 के छात्रों के लिए दशमोत्तर छात्रवृत्ति के आवेदन 15 जनवरी 2025 तक किए जा सकते हैं। इसके बाद 18 जनवरी 2025 तक शिक्षण संस्थानों को छात्रों के आवेदन सत्यापित करने और आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों को समय पर वित्तीय सहायता मिल सके और उनकी पढ़ाई में कोई रुकावट न आए।प्रदेश सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि छात्रवृत्ति की राशि छात्रों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण डीबीटी के माध्यम से भेजी जाए। 25 फरवरी 2025 तक सभी पात्र छात्रों को पीएफएमएस पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से छात्रवृत्ति की राशि वितरित कर दी जाएगी। इस त्वरित प्रक्रिया से राज्य में शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति होगी।प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए निरंतर प्रयासरत है। पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए इस छात्रवृत्ति योजना का उद्देश्य न केवल उनकी आर्थिक मदद करना है, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाना और उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करना भी है। यह योजना राज्य के पिछड़े वर्ग के छात्रों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल राज्य के युवाओं के भविष्य को उज्जवल बनाने में सहायक सिद्ध होगी। इस योजना से लाखों छात्रों को लाभ होगा और उनके लिए शिक्षा की राह को और भी सुगम बनाया जाएगा।

बीमा संबंधी शिकायत बीमा लोकपाल कार्यालय में निःशुल्क दर्ज कराये

बीमालोकपाल लखनऊ  अतुल सहाय ने बताया कि किसी व्यक्ति की यदि बीमा सम्बन्धी शिकायतों जिनका निपटारा बीमा कंपनियों के द्वारा न किया गया हो या वह अपनी शिकायत के निपटारे से संतुष्ट न हो तो उनके द्वारा बीमा कंपनियों के विरूद्ध बीमालोकपाल नियमावली, 2017 के नियम 14 के अंतर्गत अपनी शिकायत बीमालोकपाल कार्यालय में निशुल्क दर्ज कराई जा सकती है। शिकायतों का निपटारा अधिकतम 90 दिनों के भीतर हो जाता है। विस्तृत सूचना  वेबसाइट  उपलब्ध है। बीमालोकपाल अतुल सहाय ने बताया कि भारत सरकार के वित्त मंत्रालय तथा भारत के राजपत्र भाग 11खंड-3 उपखंड (प) स. 439 दि0 11 नवम्बर, 1998 के द्वारा बीमालोकपाल की स्थापना सामान्य जनता को बीमा संबंधी शिकायतों का निःशुल्क निस्तारण करने हेतु की गयी है। बीमा लोकपाल कार्यालय प्रत्येक वर्ष 11 नवम्बर को ‘बीमा लोकपाल दिवस‘ मनाता है तथा इस दिन समस्त बीमाधारको को बीमा संबधी शिकायतों को निःशुल्क निपटारा करने के लिए एक प्रभावी व संवैधानिक मंच का उपयोग करने के लिए जागरूकता अभियान चलाता है।

मनरेगा खेल मैदानों से निखर रही युवा प्रतिभाएं

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में उत्तर प्रदेश में खेल को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण इलाकों में खेल मैदान बनाए जा रहे हैं। इससे गांवों में नई प्रतिभाएं तो निखर ही रही है। मनरेगा के तहत इन मैदान का निर्माण होने की वजह से श्रमिकों को निरंतर रोजगार भी मिल रहा है। इस पहल का उद्देश्य बेहतर स्वास्थ्य और गांवों के समग्र सामुदायिक विकास के लिए स्कूली छात्रों और गांव के अन्य सदस्यों के बीच खेलों को प्रोत्साहित करना है।ग्राम्य विकास विभाग की ओर से बनाई गई कार्य योजना से खेल मैदानों का निर्माण हो रहा है। बीते वर्षों से प्रदेश में लगातार खेल मैदानों का निर्माण किया जा रहा है। बात करें अगर वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 की तो इस वर्ष 2700 से ज्यादा खेल मैदानों का निर्माण किया जा चुका है जबकि 15 हजार से ज्यादा व्द ळवपदह कंडीशन में हैं।ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 2017-18 से अब तक 18 हजार से ज्य़ादा खेल मैदान बनाये जा चुके हैं। बाते करें अगर वर्षवार तो वर्ष 2017-18 में 375, वर्ष 2018-19 में 370, वर्ष 2019-20 में 708, वर्ष 2020-21 में 1706, वर्ष 2021-22 में 2288, वर्ष 2022-23 में 4893, वर्ष 2023-24 में 5015 एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2703 खेल मैदान पूर्ण किये जा चुके हैं।रनिंग ट्रैक बनने से युवा आर्मी, पैरा मिलिट्री फोर्स, पुलिस, सीआरपीएफ इत्यादि की तैयारी अपने गांव में रहकर कर रहे हैं। खेल मैदान बनने से गांव के युवक मैदान में ही दौड़ लगाने के साथ शारीरिक अभ्यास करने में भी मदद मिल रही है।

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