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LUCKNOW:मत्स्य विभाग ने शुरू की महिला मत्स्य पालकों को अनुदान देने की योजना,क्लिक करें और भी खबरें

  • REPORT BY:K.K.VARMA|EDITED BY-आज नेशनल न्यूज डेस्क

-9.15 लाख मी.टन मछली उत्पादन के साथ भारत में उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर- संजय 

लखनऊ 03 सितम्बर।मत्स्य विभाग ने महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहली बार महिला मत्स्य पालकों को अनुदान देने की योजना शुरू की है। मत्स्य पालकों को आकर्षण के लिए आक्सीकरण संयंत्रों के माध्यम से पछली उत्पादन में वृद्धि तथा तालाबों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जायेगा। मत्स्य उत्पादन के स्तर में बढ़ोत्तरी एवं उपभोक्ताओं को ताजी मछलियां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना धरातल पर उतारा गया है। मीडिया से मुखातिब मत्स्य विकास मंत्री डॉ संजय निषाद ने बताया कि कृषि के साथ मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है। तालाबों के ताजे जल संसाधनों के स्थायी संचयन की व्यापक संभावना है। मौजूदा समय में मत्स्य विभाग तालाबों एवं टैंकों में कुल उपलब्ध जल में से मात्र 4.96 लाख हेक्टेयर का उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश में मछली उत्पादन वर्ष 2018-19 में 6.62 लाख मी टन से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 9.15 लाख मीटन हो गया है। मछली उत्पादन में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 7.5 प्रतिशत है। 1978 में मत्स्य पालन विभाग ने योजनाबद्ध ढंग से जलीय कृषि शुरू की थी, उस समय मछली का उत्पादन 574 किग्रा प्रति हेक्टेयर था। पिछले 45 वर्षों में प्रदेश में मछली की उत्पादकता 10 गुना बढ़ी है। प्रदेश में मछली उत्पादन की व्यापक संभावना है, मौजूदा समय में 13 प्रतिशत की वार्षिक दर और 9.15 लाख मीटन मछली उत्पादन के साथ भारत के अन्तर्देशीय राज्यों में उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश में मछली उत्पादन के लिए प्रचुर संसाधन तथा व्यापक संभावनाओं के साथ रोजगार के असीमित अवसर है। ग्रामीण अंचलों में अर्थव्यवस्था में मत्स्य उत्पादन सेक्टर का अहम योगदान भी है।मत्स्य विकास मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश मत्स्य पालन विभाग पुनः देश में सर्वश्रेष्ठ अन्तर्देशीय मत्स्यपालन राज्य का प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है। अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर पहुंचाने में राज्य सरकार से जुड़ी निजी संस्था ‘डेलाइट’ ने यह भी अनुमान लगाया है कि उत्तर प्रदेश 01 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी प्रोजेक्ट के तहत मत्स्य पालन क्षेत्र वर्ष 2024 तक राज्य के जीएसडीपी में 58 हजार करोड़ का योगदान दे सकता है। नयी योजना के बारे में डॉ निषाद ने बताया कि मत्स्य पालकों के संसाधन को बढ़ाकर लाभ की स्थिति में लाया है। तालाब में पानी की गुणवत्ता को बढ़ाना भी है। एयरेशन सिस्टम की स्थापना से तालाबों के मत्स्य उत्पादकता में वृद्धि होगी।

उत्तर प्रदेश को कृषि अवसंरचना निधि में उत्कृष्टता पुरस्कार

उत्तर प्रदेश में कृषि अवसंरचना के विकास और फसलो की हानियों को कम करने के लिए अगस्त 2020 में प्रारंभ की गई कृषि अवसंरचना निधि योजना के तहत उल्लेखनीय प्रगति की है। इस योजना के तहत 2 करोड़ रुपये तक के ऋण पर भारत सरकार द्वारा 3 प्रतिशत ब्याज उपादान और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अतिरिक्त 3 प्रतिशत ब्याज उपादान प्रदान किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में आवश्यक अवस्थापना का विकास करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।अब तक उत्तर प्रदेश के 977 लाभार्थियों को कृषि अवसंरचना निधि  के तहत 550 लाख रुपये की राशि के रूप में अतिरिक्त 3 प्रतिशत ब्याज उपादान प्रदान किया जा चुका है। इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सहकारिता राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार जेपीएस राठौर और प्रमुख सचिव सहकारिता राजेश कुमार सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
प्रदेश में  5753 प्रोजेक्ट्स के लिए 4630.83 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया है, जिसमें से 5217 लाभार्थियों को 2593.64 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश ने धनराशि के अनुसार देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है।कृषि अवस्थापना निधि योजना के तहत स्थापित प्रोजेक्ट्स की जियो-टैगिंग में उत्तर प्रदेश देश भर में दूसरे स्थान पर है। 3 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित एआईएफ उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में उत्तर प्रदेश को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए देश में तीसरा स्थान और 2023-24 के लिए दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। इस अवसर पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तर प्रदेश के अपर आयुक्त और अपर निबंधक बैंकिंग, सहकारिता अनिल कुमार सिंह और अपर जिला सहकारी अधिकारी अर्चना राय को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

चतुर्दश सारस्वत समारोह’ में 12 विभूतियों का सम्मान

पंडित बृजमोहन अवस्थी सुस्मृति संस्थान द्वारा आयोजित ‘चतुर्दश सारस्वत समारोह’ में लखनऊ के एफिल क्लब, गोमतीनगर में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाली 12 विभूतियों को सम्मानित किया गया। यह समारोह बुंदेलखंड के प्रतिष्ठ साहित्यकार पंडित बृजमोहन अवस्थी के जन्मदिन के अवसर पर हर वर्ष आयोजित किया जाता है।समारोह के अध्यक्षता प्रो. शिशिर पांडेय, कुलपति, जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांगजन विश्वविद्यालय, चित्रकूट ने की। मुख्य अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति अशोक कुमार अध्यक्ष, राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश की उपस्थिति रही। इस अवसर पर समाज सेवा, साहित्य, शिक्षा, चिकित्सा, पर्यावरण और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली विभूतियों को सम्मानित किया गया।समारोह में पंडित बृजमोहन अवस्थी की कृति ’बुंदेलखंड का सेनापति महल’ के नवीन संस्करण और डॉ. रिंकी रविकांत द्वारासंपादित कृति ’कथाकार महेन्द्र भीष्म के कहानी संग्रह बड़े साहब की कहानियों का समीक्षात्मक अध्ययन’ का लोकार्पण किया गया।

योगी सरकार किसानो की समृद्धि की दिशा में उठा रही अनेक कदम,तुर्की के इस्तांबुल में लगी पहली बार उत्तर प्रदेश की प्रदर्शनी

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से तुर्की पहुंचे उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनेश प्रताप सिंह ने मंगलवार को तुर्की में आयोजित 04 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय खाद्य प्रदर्शनी वर्ल्ड फूड इस्तांबुल में लगायी गयी प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत और तुर्की बीच विभिन्न क्षेत्रों में निर्यात आयात के क्षेत्र में विशेष भागीदारी है। उन्होंने प्रदर्शनी में शामिल विभिन्न देशों व तुर्की के उत्पादकों, आयातकों, निर्यातकों और उद्यमियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से उत्तर प्रदेश आने के लिए आमंत्रित किया और प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की आधुनिक इकाईयां स्थापित करने का आग्रह किया। यूपी के खाद्य पदार्थों की विदेशों में लोकप्रियता को देखते हुए राज्य सरकार अच्छी गुणवत्ता के खाद्य पदार्थों एवं अन्य औद्यानिक फसलों का निर्यात करने के लिए विशेष रणनीति अपनायेगी। पहला अवसर है जब उत्तर प्रदेश सरकार तुर्की में आयोजित वर्ल्ड फूड एक्स्पो में प्रतिभाग कर रही।उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने प्रदर्शनी में आये कई देशों के प्रतिनिधियों के साथ औद्यानिक फसलों एवं कृषि उत्पादो के उत्पादन और इनके आयात-निर्यात तथा खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उत्पादों पर विस्तार से विचार मंथन किया। तुर्की में यूपी के आमों के निर्यात की अपार संभावनायें और भारी मांग को देखते हुए उन्होंने इस संबंध में चर्चा की और प्रतिनिधि मण्डल द्वारा अगले वर्ष 2025 में इस्तांबुल में आम प्रदर्शनी के आयोजन का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि यूपी की अच्छी, स्वादिष्ट एवं गुणवत्तापूर्ण कृषि एवं औद्यानिक उत्पादों की मांग पूरी दुनिया में है। जिसमें तुर्की भी उसमें शामिल है।उद्यान मंत्री ने उद्घाटन सत्र के दौरान आये प्रतिनिधियों से चर्चा कर प्रसंस्करण उद्यमियों को बुंदेलखण्ड एवं अन्य क्षेत्रों में प्रसंस्करण इकाईयंा स्थापित करने हेतु आवहान किया। उन्होंने तुर्की की अधिक पैदावार देने वाली मक्के की आधुनिक खेती को प्रदेश में अपनाने पर जोर दिया। उद्यान मंत्री के अनुरोध पर तुर्की में उद्योग कर रहे गुजरात के उद्योगपति ने मूँगफली से निर्मित विभिन्न उत्पादों से संबंधित उद्योग बुन्देलखण्ड क्षेत्र में लगाने का आश्वासन दिया।

बीजेपी हर जनपद में एक साथ शुरू करेगी सदस्यता अभियान,आज और कल होंगे कार्यक्रम,मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को मिली जिम्मेदारी

भारतीय जनता पार्टी सदस्यता अभियान के तहत 4 व 5 सितम्बर को जिला मुख्यालयों पर प्रेसवार्ता तथा अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से जिलास्तर पर सदस्यता अभियान का शुभारम्भ करेगी। पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी, प्रदेश सरकार के मंत्री तथा क्षेत्रीय अध्यक्ष जिला मुख्यालयों पर पहुंचकर सदस्यता अभियान की जिलों में लॉचिंग करेंगे।प्रदेश महामंत्री गोविन्द नारायण शुक्ल ने बताया कि 04 सितम्बर को प्रदेश सरकार में मंत्री सुरेश खन्ना गोरखपुर महानगर, अरविन्द कुमार शर्मा आगरा महानगर,  बेबी रानी मौर्य कानपुर देहात, जेपीएस राठौर हरदोई, लक्ष्मी नारायण चौधरी इटावा, जयवीर सिंह वाराणसी महानगर,  दयाशंकर सिंह उन्नाव, नरेन्द्र कश्यप रामपुर, कपिल देव अग्रवाल बिजनौर, सोमेन्द्र तोमर मुजफ्फरनगर, असीम अरूण गाजियाबाद जिला रजनी तिवारी कन्नौज,  दिनेश खटीक शामली, संजय गंगवार अमरोहा, अजीत पाल फिरोजाबाद महानगर, बलदेव सिंह ओलख पीलीभीत,  गुलाब देवी बदायूं,  अनिल राजभर मीरजापुर, योगेन्द्र उपाध्याय फर्रूखाबाद, धर्मवीर प्रजापति जालौन,  रामकेश निषाद ललितपुर, प्रतिभा शुक्ला रायबरेली, नितिन अग्रवाल बलरामपुर, गिरीश चन्द्र यादव जौनपुर, राकेश राठौर श्रावस्ती दयाशंकर मिश्र दयालु बलिया,  दानिश आजाद अंसारी भदोही में प्रेसवार्ता करेंगे तथा जिले में सदस्यता अभियान का शुभारम्भ करेगें। प्रदेश उपाध्यक्ष कान्ता कर्दम नोएडा महानगर, संतोष सिंह मैनपुरी, सलिल विश्नोई गोरखपुरमहानगर, बृज बहादुर फिरोजाबाद महानगर पद्मसेन चौधरी अम्बेडकरनगर मानवेन्द्र सिंह गाजियाबाद जिला, धर्मेन्द्र सिंह आगरामहानगर देवेश कोरी हमीरपुर, प्रदेश महामंत्री अनूपगुप्ता औरैया, संजय राय अयोध्या जिला,  सुभाष यदुवंश मुरादाबाद महानगर, प्रदेश मंत्री शिवभूषण सिंह बहराइच, पूनम बजाज कासगंज, अभिजात मिश्रा गोण्डा, डीपी भारती हाथरस,  शंकर गिरि अमेठी,  क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल महोबा व हमीरपुर, सतेन्द्र सिसौदिया हापुड़, प्रदेश प्रवक्ता समीर सिंह बस्ती, एमएलसी  रजनीकान्त महेश्वरी शाहजहांपुर जिला, धर्मेन्द्र सिंह मछलीशहर में प्रेसवार्ता करेंगे तथा जिले में सदस्यता अभियान का शुभारम्भ करेगें।

एनबीएफजीआर को मिला राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस अवार्ड

भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो को भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा श्रेणी चतुर्वेदीशैक्षणिक,अनुसंधान संस्थानों द्वारा नागरिक केंद्रित सेवाओं पर अनुसंधान के तहत जलीय पशु रोग प्रबंधन प्रणाली में ई-गवर्नेंस की स्थापना के लिए राष्ट्रीय रजत पुरस्कार प्राप्त हुआ हैI । रजत पुरस्कार में 5.0 लाख रुपये का पुरस्कार मूल्य और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। यह पुरस्कार 03 सितंबर को जियो कन्वेंशन सेंटर, मुंबई, महाराष्ट्र में आयोजित ई-गवर्नेंस पर 27वें राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रदान किया गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने इस अवसर की शोभा बढ़ाई और पुरस्कार प्रदान किए। संस्थान विभिन्न राज्यों में भाकृअनुप-मत्स्य अनुसंधान संस्थानों और महाविद्यालयों के माध्यम से केंद्रीय मत्स्य विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना पीएमएमएसवाई के तहत वित्त पोषित एनएसपीएएडी-चरण दो का समन्वयन कर रहा है। आईसीएआर एनबीएफजीआर ने मछली रोगों की किसान-आधारित रिपोर्टिंग को मजबूत करने और समय पर वैज्ञानिक सलाह प्रदान करने के लिए रिपोर्ट फिश डिजीज ऐप विकसित किया है। ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और इसे किसानों द्वारा डाउनलोड किया जा सकता है। किसान मछली रोगों की रिपोर्ट करने के लिए हिंदी, अंग्रेजी व 11 क्षेत्रीय भाषाओं में किसी का चयन कर सकते हैं। डॉ.जेके जेना उप महानिदेशक मत्स्य विज्ञान परियोजना के समन्वयक तथा डॉ. उत्तम कुमार सरकार, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर, कार्यक्रम के सह-समन्वयक हैं।

 

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