LUCKNOW:अनुप्रिया पटेल ने की ओबीसी मंत्रालय की मांग,क्लिक करें और भी खबरें

-जातीय जनगणना को मंजूरी के बाद विपक्षी दलों में केंद्र सरकार के फैसले पर श्रेय लेने की होड़,ओबीसी मंत्रालय के बिना लड़ाई अधूरी-अनुप्रिया

-केंद्र सरकार के प्रति जताया भरोसा, अपना दल एस ने पारित किया प्रधानमंत्री के प्रति धन्यवाद प्रस्ताव,उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने की मंचों के प्रभारियों की घोषणा

  • REPORT BY:K.K.VARMA  || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK 

लखनऊ ।केंद्र सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना कराए जाने की घोषणा करने के लिए अपना दल एस ने मासिक समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। लखनऊ के गांधी भवन में बैठक में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल की मौजूदगी में पार्टी ने प्रस्ताव पारित किया। अनुप्रिया पटेल ने कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ संगठन और पदाधिकारियों के कार्यों की समीक्षा की।अनुप्रिया पटेल ने कहा, केंद्र सरकार ने फैसला लिया कि जाति जनगणना कराई जाएगी तो श्रेय लेने की होड़ मच गई है। विपक्ष के वे दल जिन्होंने इंडी गठबंधन बनाया था। ये वो दल हैं, जिनके पास सत्ता संभालने के अवसर कई बार आए। ये तमाम क्षेत्रीय दल उन सरकारों में शामिल रहे। इनके पास कई बार इसे लागू करने का मौका था लेकिन इनके लिए दबा कुचला पिछड़ा समाज सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए हैं। अवसर के बावजूद जातीय जनगणना कराने का फैसला नहीं किया। जब मोदी ने घोषणा कर दी तो इनमें श्रेय लेने की होड़ लग गई।अनुप्रिया पटेल ने कार्यकर्ताओं से कहा कि हमारी पार्टी ओबीसी मंत्रालय की स्थापना की मांग लगातार कर रही है। यकीन रखिए, यह मांग भी एक दिन पूरी होगी। इसके लिए संगठन की अहम भूमिका है। आप संगठन की मजबूती के लिए काम करें। अभी तो शुरुआत है। बड़े-बड़े मुकाम हासिल होंगे। आप सभी साथियों को बधाई देना चाहती हूं, अभिनंदन करना चाहती हूं। यह सफलता सामूहिक है। किसी एक व्यक्ति की नहीं है। सरकार ने यह जो ऐतिहासिक फैसला किया है, उसके लाभ के बारे में समाज को जागृत करना है। खासकर उस समाज को, जिसको यह महसूस होता है कि उसे कोई पूछने वाला नहीं है। आने वाले दिनों में जब जातियों के सही आंकड़े केंद्र सरकार के पास होंगे तो नीतियों की निर्धारण सही तरीके से हो सकेगा। कमजोर नागरिकों की मदद के लिए सरकार के हाथ आगे बढ़ेंगे। अपना दल एस इसी तरह समाज के विकास के लिए संघर्ष करता रहेगा। फिर से पार्टी की ओर से एनडीए के मुखिया के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करना चाहती हूं।यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने विभिन्न मंचों के प्रभारियों की घोषणा की, जिसमें व्यापार मंच का  प्रभारी मंत्री आशीष पटेल और पूर्व सांसद नागेंद्र प्रताप पटेल ने स्वयं ली। राष्ट्रीय महासचिव आरबी सिंह को मध्य प्रदेश का प्रभारी बनाया गया। पंचायती राज मंच का प्रभार विधायक आरके पटेल को दिया गया, युवा मंच का प्रभार विधायक जीतलाल पटेल, आईटी सेल का प्रभार विनोद गंगवार को दिया गया। महिला मंच की जिम्मेदारी  विधायक सरोज कुरील, अनुसूचित जाति मंच के डॉ.जमुना प्रसाद सरोज, किसान मंच का प्रभार जवाहर लाल पटेल, बौद्धिक मंच के जय कुमार सिंह जैकी व अल्पसंख्यक मंच का प्रभारी विधायक शफीक अहमद अंसारी को बनाया गया।

विधानसभाध्यक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष के साथ जापानी प्रतिनिधि मंडल से की भेंट

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना और लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने आज जापानी प्रतिनिधि मंडल से भेंट किया।मिली जानकारी के मुताबिक जापानी प्रतिनिधि मंडल दिल्ली आया हुआ है।आज संसद भवन में जापानी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष नुकागा फुकुशिरो के नेतृत्व में आए संसदीय प्रतिनिधिमंडल से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने भारतीय प्रतिनिधि मंडल के साथ शिष्टाचार भेंट की।यह भेंट बहुत ही महत्वपूर्ण रही।

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में 121करोड़ 91 लाख रूपये मंजूर

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के अनुक्रम में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में भारत सरकार से मदर सेक्शन के रूप में प्रथम किश्त की अवमुक्त केन्द्र की धनराशि 10000 लाख के सापेक्ष अनुदान सं0-10 के अन्तर्गत शेयरेबल कम्पोनेन्ट हेतु केन्द्रांश  5095 लाख रूपये  में 40 प्रतिशत राज्यांश 3396.67 लाख को सम्मिलित करते हुए कुल 8491.67 लाख तथा नॉन शेयरेबल कम्पोनेन्ट हेतु 3700 लाख रूपये,  कुल धनराशि 12191.67 लाख को अवमुक्त किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इस सम्बन्ध में शासनादेश उत्तर प्रदेश शासन खाद्य प्रसंस्करण अनुभाग द्वारा जारी कर दिया गया है। धनराशि निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तर प्रदेश के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी हैं। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि स्वीकृत धनराशि का व्यय राज्य सरकार तथा भारत सरकार द्वारा अनुमोदित कार्ययोजना के अनुसार योजना की गाइडलाइन्स का अनुपालन किया जायेगा।दिशा-निर्देशों का पूर्णतः अनुपालन किये जाने का दायित्व निदेशक वित्त नियंत्रक का होगा। वित्तीय स्वीकृतियों जारी करने अथवा धनराशि व्यय किये जाने से औपचारिकताओं की पूर्ति कर ली जाये। स्वीकृत धनराशि का आहरण योजना की गाइडलाइन एवं तदविषयक भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जायेगा।

अभिलेखागार के स्थापना दिवस पर संगोष्ठी एवं अभिलेख प्रदर्शनी कार्यक्रम सम्पन्न

उत्तर प्रदेश राजकीय अभिलेखागार लखनऊ के 76 वें स्थापना दिवस के अवसर पर 1857 का स्वतंत्रता संग्राम विषयक अभिलेख प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का आज आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट वक्ता प्रो अविनाश चन्द्र मिश्रा, अधिष्ठाता विभागाध्यक्ष, कला संकाय एवं इतिहास विभाग, शकुन्तला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय एवं प्रो प्रमोद कुमार श्रीवास्तव पाश्चात्य इतिहास विभाग एलयू तथा अतिथियों की उपस्थिति में  पूर्वान्ह 11 बजे कार्यक्रम शुभारम्भ किया गया।इस अवसर पर’1857 का स्वतंत्रता संग्राम’ विषयक अभिलेख प्रदर्शनी का उद्घाटन लखनऊ विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रो प्रमोद कुमार श्रीवास्तव के कर कमलों द्वारा किया गया। यह प्रदर्शनी आम जनमानस के लिए 10 मई तक खुली रहेगी। प्रदर्शनी के मुख्य आकर्षण नाना साहब की गिरफ्तारी का इश्तिहार, रानी लक्ष्मी बाई का मृत्यु संबंधी टेलीग्राम तथा उनकी सम्पत्ति को जब्त करने संबंधी आदेश, युद्ध क्षेत्र में बेगम हजरत, अवध में स्वतंत्र सरकार, रेजीडेन्सी में घिरे अंग्रेज, मौलवी अहमद उल्ला शाह का टेलीग्राम तथा सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से सम्बन्धित दुर्लभ चित्र है।मुख्य अतिथि प्रो अविनाश चन्द्र मिश्रा ने कहा कि इतिहास एक संवाद की सतत् प्रक्रिया है किसी इतिहासकार ने इसे सिपाही विद्रोह के रूप में किसी ने इसे किसान आन्दोलन के रूप में परिभाषित किया और कहा कि हम एक प्राचीन संस्कृति के वाहक है, मनुष्य को उसके सांस्कृतिक परिवेश के बिना नहीं समझा जा सकता। 1857 का आन्दोलन किसी बंदूक की चर्बी से नहीं उत्पन्न हुआ बल्कि यह आन्दोलन राष्ट्रीयता का पुनरोद्भव था।अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने अवगत कराया कि अभिलेखागार में इतिहास के जीवंत दस्तावेज संरक्षित हैं, युवा शोधार्थियों को इनका अध्ययन कर उन दस्तावेजों में अंकित विषयों के मर्म को समाज के सामने लाना चाहिए।प्रो अर्चना तिवारी, लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपने उद्बोधन में गिरमिटिया मजदूरों का गन्ना उत्पादन के लिए कैरेबियन देशों में अंग्रेजो द्वारा किये गये विस्थापन के सम्बन्ध में विचार व्यक्त किये और 1857 की क्रान्ति के क्षेत्रों से विशेष रूप से गिरमिटिया मजदूरों के विस्थापन पर प्रकाश डाला।डॉ सुशील कुमार पाण्डेय, सह प्राध्यापक, इतिहास विभाग, डॉ भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ ने अपने वक्तव्य कहा कि इतिहास अतीत की वस्तु है एवं वर्तमान की समस्याओं को सुलझाने का सबसे अच्छा माध्यम है, इसलिए राष्ट्रीय मूल्यों के सापेक्ष इतिहास का पुनर्लेखन किया जाना चाहिए।डॉ सौरभ कुमार मिश्रा, सहायक प्राध्यापक, ऐशियन कल्चर विभाग, शशिभूषण बालिया विद्यालय डिग्री कॉलेज, लखनऊ ने अपने उद्बोधन में बताया कि 1857 की क्रान्ति कामगार एवं श्रमिक वर्ग के उत्पीड़न का प्रतिफल था। डॉ शशि कान्त यादव, सहायक प्राध्यापक, इतिहास विभाग, डीएवी पीजी कालेज, वाराणसी ने अपने उद्बोधन में इस बात पर बल दिया कि शोधकार्य बिना किसी पूर्वाग्रह से किया जाना चाहिए। डॉ पूनम चौधरी, सहायक प्राध्यापक ने 1857 के आन्दोलन में गुमनाम लोंगो के योगदान पर शोध किये जाने पर बल दिया। डॉ मनीषा सहायक प्राध्यापक, इतिहास विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ ने अपने उद्बोधन में अंग्रेजो द्वारा कुप्रशासन के आरोप में अवध के अधिग्रहण पर विचार व्यक्त किया और यह स्पष्ट करने का प्रयास किया कि इसी कारण से अवध क्षेत्र में 1857 का स्वतंत्रता संग्राम इतना व्यापक रूप धारण कर सका। डॉ सनोवर हैदर ने अपने उद्बोधन में कहा कि 1857 के आन्दोलन का प्रारम्भ लखनऊ से हुआ इस पर भी शोध किया जाना चाहिए। संगोष्ठी में 45 शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र भी प्रस्तुत किये।कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत अमित कुमार अग्निहोत्री, निदेशक एवं धन्यवान ज्ञापन विजय कुमार श्रीवास्तव, सहायक निदेशक संरक्षण, उत्तर प्रदेश राजकी अभिलेखागार द्वारा किया गया।

एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य हेतु  ओटीडी सेल गठन की पहल,सेल का उद्देश्य प्रयासों की नियमित समीक्षा

उत्तर प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व में कई ठोस कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री की पहल पर सभी जनपदों में जिला ओटीडी यानि वन ट्रिलियन डॉलर सेल के गठन का महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिया गया है।यह सेल जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कार्य करेगा, जिसमें जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी सह-संयोजक होंगे। जिला कृषि अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, सहायक निदेशक मत्स्य, उप दुग्धशाला विकास अधिकारी, खनन अधिकारी, डीएफओ, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, उप श्रमायुक्त, संयुक्त आयुक्त जीएसटी अधिशासी अभियंता  वितरण पारेषण लोक निर्माण विभाग परियोजना अधिकारी-नेडा, पर्यटन अधिकारी आदि इसके सदस्य होंगे। जिलाधिकारी द्वारा आवश्यकता अनुसार प्रतिष्ठित शिक्षाविदों अथवा उद्योगपतियों को भी समिति में सम्मिलित किया जा सकेगा। इस सेल का उद्देश्य राज्य की अर्थव्यवस्था के लक्ष्यों के अनुरूप जनपद स्तरीय प्रयासों की नियमित समीक्षा और जिला स्तरीय योगदान में तेजी लाना है। इनका मुख्य कार्य कृषि फसलों औद्यानिक फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता की समीक्षा, दुग्ध उत्पादन एवं उत्पादकता तथा दुग्ध प्रोसेसिंग की समीक्षा, उद्योगों के लिए भूमि आवंटन और स्वीकृति की स्थिति की समीक्षा, औद्योगिक इकाइयों की स्थापना एवं उनके कार्यशील होने तथा सम्बंधित इकाइयों का सुसंगत अधिनियमों में पंजीकरण की समीक्षा, राजमार्गों, विद्युत ग्रिड, लॉजिस्टिक्स हब, विशेष निवेश जोन टाउनशिप औद्योगिक क्षेत्र प्लेज पार्क आदि अवस्थापना सुविधाओं के निर्माण की नियमित समीक्षा तथा उनके निर्माण को समयबद्ध तरीके से पूर्ण कराना, औद्योगिक विद्युत् उपभोग की नियमित समीक्षा सौर ऊर्जा की प्रगति की समीक्षा करना है।
 इस सेल का उद्देश्य जनपद से सॉफ्टवेयर निर्यात विशेषकर एसटीपीआई से निर्यात की नियमित समीक्षा, आईटी यूनिट्स की एसटीपीआई में पंजीकरण की समीक्षा, नए स्थापित होटल, रेस्टोरेंट तथा बेड की उपलब्धता की समीक्षा, वाणिज्यक वाहनों के पंजीकरण की समीक्षा, पीपीपी मोड पर निर्माणाधीन बस अड्डे के निर्माण की समीक्षा, कौशल विकास, स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए उद्योगों से समन्वय कर उनकी आवश्यकता के अनुरूप कौशल को चिन्हित करना तथा तदनुसार कौशल प्रदान किये जाने की व्यवस्था की समीक्षा, जनपद में आये घरेलू एवं विदेशी पर्यटकों की संख्या एवं पर्यटक स्थल पर विकसित किये जा रहे वे साइड एमेनिटीज के प्रगति की समीक्षा, जनपद के पेट्रोल, डीजल और सीएनजी की कुल बिक्री की समीक्षा, जिला घरेलू उत्पाद अनुमान तैयार किये जाने में उपयोग में लाये गए संकेतांको की प्रगति की समीक्षा तथा जिला अर्थव्यवस्था रिपोर्ट तैयार किये जाने की समीक्षा करना है। ये जिला ओटीडी सेल प्रदेश को ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में जनपद स्तर से सक्रिय भागीदारी करेंगे।

Aaj National

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