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LUCKNOW:पूर्वांचल में अखिलेश ने खेला बड़ा दांव,क्लिक करें और भी खबरें

-हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा स्थापना स्थल पर चला बुलडोजर, सपा नाखुश

लखनऊ 01 अगस्त।उत्तर प्रदेश की सियासत में चार जून 2024 के बाद कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। समाजवादी पार्टी ने  ब्राह्मण कार्ड चला है जो भारतीय
जनता पार्टी के लिए मुश्किल का सबब बन सकता है ।सिद्धार्थनगर स्थित इटवा से विधायक माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष बनाने के बाद अब पं. हरिशंकर तिवारी से जुड़े एक मुद्दे पर अखिलेश यादव ने आवाज उठाई है।सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने स्व. हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बन रहे चबूतरे को गिरा दिए जाने का मुद्दा उठाया।
गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी के हाते और गोरखनाथ मठ की राजनीति के बीच का विवाद बहुत पुराना है।यह पूर्वांचल की ब्राह्मण बनाम ठाकुर राजनीति का एक बड़ा घटनाक्रम रहा है।अखिलेश यादव ने हरिशंकर तिवारी के बहाने एक बार फिर से ब्राह्मण राजनीति को हवा दी है। समाजवादी पार्टी लगातार ब्राह्मणों को मैसेज दे रही है। यह सपा की अब तक की राजनीति के एकदम उलट है। एम वाई के  बाद नॉन यादव ओबीसी , दलित और अब ब्राह्मण. सपा की सोशल इंजीनियरिंग  दिलचस्प हो रही है।हरिशंकर तिवारी के बेटे, सपा नेता और पूर्व सांसद भीष्म शंकर तिवारी ने फेसबुक पर  लिखा है, अब आप इसे क्या कहेंगे जिस व्यक्ति को मृत्योपरांत गार्ड ऑफ ऑनर देकर इसी सरकार में सम्मानित किया गया ,जो व्यक्ति कल्याण सिंह की सरकार में भी सहयोगी मंत्री रहा हो। जिस व्यक्ति को भारत रत्न  अटल बिहारी वाजपेई के सानिध्य में भी सम्मान मिलता रहा हो।मुलायम सिंह यादव,बहन मायावती की सरकारों ने भी जिन्हें कैबिनेट मंत्री बनाकर लगातार सम्मानित किया हो और जो ब्राह्मण अस्मिता के पर्याय रहे हों। उनके निधन के बाद वर्तमान के निरंकुश शासनाधीश द्वारा लगातार उन्हे अपमानित किया जा रहा हो तो हमें क्या करना चाहिए?

योगी के बुलडोजर एक्शन पर माता प्रसाद पांडे का तंज,बोले, आपकी गलती नहीं, इस उम्र हो ही जाता है

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने बुलडोजर एक्शन को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा। उन्होंने सदन में बोलते हुए कहा कि आपके गुरु दिग्विजयनाथ हमें बड़ा प्रेम करते थे। जब भी उनके पास जाते थे तो वो बड़ी संजीदगी से बात करते थे।  अब आपको भी हम लोगों के प्रति थोड़ी संजीदगी दिखानी चाहिए। आपका कोई दोष नहीं है इस उम्र में थोड़ा ऐसा होता ही है।माता प्रसाद पांडेय ने सीएम योगी के सख्त अंदाज वाले रूप को लेकर कहा कि ये सब उम्र का असर है। चाहे तो आप किसी पर बुलडोजर चलवा दीजिए या किसी का घर गिरवा दीजिए,लेकिन मैं इसमें आपकी गलती नहीं मानता, ये उम्र ही ऐसी है, इस उम्र में हो ही जाता है। नेता प्रतिपक्ष की बात सुनकर सीएम योगी, शिवपाल यादव समेत विधानसभा में बैठे तमाम विधायक हंसने लगे।खुद माता प्रसाद भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए।माता प्रसाद ने कहा कि आप हमारे पड़ोसी रहे हैं। शुरुआती दिनों में मैं भी मठ जाता रहा हूं।अब आप भी दिग्विजयनाथ की तरह संजीदगी दिखाइए। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद ने विधानसभा में योगी सरकार को तहसील स्तर पर फैले भ्रष्टाचार, क्राइम कंट्रोल जैसे तमाम मुद्दों पर घेरा। अनुपूरक बजट को लेकर अपने सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के ड्रेस आदि के लिए सरकार 1200 रुपये देती है, यह नाकाफी है, इसे बढ़ाने की जरूरत है। सरकार के पास तमाम बजट है जो अभी खर्च ही नहीं हुए।
माता प्रसाद ने दावा किया कि सरयू परियोजना 1977 से पहले की है, लेकिन अब तक  पूरी नहीं हो पाई।अब तक इसमें 2 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च हो चुके हैं।उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी में भय का वातावरण है। सरकार कई बार कहती है कि हमने माफियाओं को ठीक कर दिया, हमने गुंडों को ठीक कर दिया, लेकिन ऐसा नहीं है। इस पर विचार करने की जरूरत है।

मोना ने की सैलरी और विधायक निधि बढ़ाने की मांग,राजा भैया ने किया समर्थन,सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी थपथपाई मेज

 विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने विधानसभा में सैलरी और विधायक निधि बढ़ाने की मांग की।उनकी इस मांग का सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी समर्थन करते हुए मेज थपथपाई और कुंडा विधायक राजा भैया ने उनका समर्थन किया।कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा मोन ने कहा कि एक अनुरोध और करुंगी कि जो विधायक निधि में जीएसटी की बात थी। आपने कई बार हमने उसको उठाया है जीएसटी की बात को। हमारी 5 करोड़ जो विधायक निधि है उसमें जीएसटी के बाद हमें केवल चार करोड़ 6 लाख मिलता है, एक करोड़ के लगभग 18 प्रतिशत की कटौती जीएसटी में चला जता है।हमसे क्षेत्र की जनता 5 करोड़ का हिसाब मांगती है, तो इस पर पुन: विचार करें। उन्होंने कहा कि आज तो दांत के डॉक्टर और हड्डी के डॉक्टर दोनों बैठे हैं।इसके साथ ही कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह ऊर्फ राजा भैया ने भी कांग्रेस विधायक के इस मुद्दे का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मैं समय के महत्व को समझता हूं, आराधना मिश्रा मोना ने जब विधायकों के वेतन और भत्ते की बात कही तो लॉबी में उधर भी इधर भी यही चर्चा हो रही थी।तभी वित्त मंत्री ने पीछे देखा और यह बात दब गई।

सपा की रागिनी सोनकर के अनुपूरक सवालों का औद्योगिक विकास मंत्री नहीं दे सके माकूल जवाब

-गिनाईं उपलब्धियां तो सपा सदस्यों ने किया विरोध,स्थिति बिगड़ते देख संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने विपक्ष को दिया जवाब

विधानसभा में गुरुवार को औद्योगिक विकास मंत्री समाजवादी पार्टी के सदस्यों के अनुपूरक सवालों का जवाब नहीं दे सके। उन्होंने सवालों का जवाब देने के बजाय विभाग द्वारा हासिल उपलब्धियों और लिखित जवाब को  पढ़ा। इसपर सपा सदस्यों ने शोरशराबा शुरू कर दिया तो संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने स्थिति संभाली और विपक्ष को पूरी मजबूती से जवाब दिया। सपा की डा. रागिनी ने जानना चाहा कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-4 में कितने उद्योगों ने निवेश कर कार्य प्रारंभ कर दिया है और कितनी धनराशि का अब तक निवेश हो चुके है। उन्होंने अनुपूरक सवाल के रूप में पूछा कि कितनी कंपनियां उत्तर प्रदेश को छोड़कर अन्य राज्यों में चली गई हैं। उन्होंने कहा कि सैमसंग जैसी कंपनी यहां से छोड़कर कर्नाटक चली गई है। इस पर नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने सदन में दिया गया लिखित जवाब पढ़ना शुरू कर दिया।नंदी ने कहा कि योगी सरकार प्रदेश में निवेश को धरातल पर उतारने के लिए तत्परता से कार्य कर रही है। फरवरी 2024 में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 में परियोजनाओं के शुभारंभ के 5 माह के अंदर प्रदेश में 1.14 लाख करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो गया है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 14701 परियोजनाओं में 10 लाख 81 हजार करोड़ रुपये के निवेश धरातल पर उतारने की कार्रवाई की गई थी। इसमें 34 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होने की संभावना है। अब तक 3984 परियोजनाओं का वाणिज्यिक संचालन प्रारंभ हो चुका है, जिसमें एक लाख 14 हजार 345 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इस पर भी सपा सदस्य संतुष्ट नहीं हुए तो सुरेश खन्ना ने स्थिति संभाली। सैमसंग की यूनिट के यूपी से कर्नाटक शिफ्ट होने के सवाल के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि हमारा इंडस्ट्रियल ग्रोथ रेट 22.09 है जो भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन की रिपोर्ट के आधार पर है। यह प्रदेश की बेहतर फाइनेंशियल प्रोग्रेस को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि सैमसंग की इंडस्ट्री के विषय में जो सवाल पूछा गया है, ऐसा लगता है कि सदस्य को सही जानकारी नहीं है। यहां पर सैमसंग की मोबाइल डिस्प्ले लगाने की जो इंडस्ट्री लगी थी वो आज भी फंक्शनल है और बड़े पैमाने पर उसमें प्रोडक्शन चालू है। इकाइ लगाते समय कंपनी के साथ जो भी कमिटमेंट किया गया था और जिस बात के लिए उनसे सहमति हुई थी, उसका इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है। जितना भी जीएसटी का मामला था वो निस्तारित हो गया है। कंपनी उत्तर प्रदेश छोड़कर नहीं गई है। बाकी कहां निवेश करना है, कहां निवेश का विस्तार करना है ये कंपनी अपने व्यापार के अनुकूल तय करती है।

मूल बजट का 30 प्रतिशत भी खर्च नहीं तो अनुपूरक का क्या औचित्य – मोना

-औद्योगिक विकास में उद्योग धंधे नहीं लग रहे हैं सिर्फ हो रहे हैं इवेंट

अनुपूरक बजट का दिखावा और खराब बीज और बिजली कटौती से हुई फसल नुकसान पर कांग्रेस विधानमंडल नेता आराधना मिश्रा मोना ने जनहित के मुद्दों पर भाजपा सरकार को घेरा। गोमती नगर में एक लड़की के साथ छेड़छाड़ की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर विधानसभा में उनका पक्ष रखा और सख्त कार्यवाही की मांग की और सरकार की कानून व्यवस्था और पुलिस मशीनरी पर भी सवाल उठाए। आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि जब मूल बजट ही खर्च नहीं हो पाया है जिसको सबसे बड़ा बजट बताया गया था तो अनुपूरक बजट की लाने की क्या आवश्यकता हो गई , हमारे औद्योगिक विकास को 7500 करोड़ अनुपूरक बजट दिया गया है लेकिन औद्योगिक विकास में मूल बजट का सिर्फ 30 प्रतिशत ही खर्च हो पाया, तो जब मूल बजट ही खर्च नहीं हो पाया तो उसमें अनुपूरक बजट में वित्तीय प्रबंध की जरूरत क्यों पड़ी । हम चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश में उद्योग लगे लोगों को रोजगार मिले लेकिन सरकार कुछ भी नहीं बता पा रही है कि 9 साल में उद्योग कहां लगे रोजगार कितने मिले कितने नौजवानों को रोजगार मिला ? सरकार उद्योगों के उद्घाटन नही बता रही,यही बता दें कि उन्होंने कहां पर उद्योगों के शिलान्यास किया और औद्योगिक विकास के लिए जो सबसे मूल आवश्यक है बिजली, उस पर सरकार का अभी तक कोई ध्यान नहीं है, इस बार घरेलू उपभोक्ता बिजली की कटौती, लो वोल्टेज, ट्रांसफॉर्मर पकाने से कितना पीड़ित है तो ऐसे में औद्योगिक उद्योग धंधे लगने के लिए बिजली की आवश्यकता है, क्या कोई नया विद्युत उत्पादन केंद्र बनाने का सरकार का प्लान है, इसके लिए प्रबंध होना चाहिए। यह सरकार सिर्फ औद्योगिक विकास के नाम पर इवेंट कर रही है रेड कारपेट बिछाई जा रहे हैं, अच्छे-अच्छे आयोजन हो रहे हैं जमीन पर कुछ नहीं हो रहा। कल गोमती नगर में हुई दुखद दर्दनाक छेड़खानी की घटना पर विधानसभा में सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की और पुलिस मशीनरी पर भी सवाल उठाया ?  विधानसभा सत्र चल रहा है प्रदेश की राजधानी में मुख्यमंत्री आवास से कुछ दूरी पर अपराधियों के इतने बड़े हौसले बुलंद है, इस तरीके से छेड़खानी घटनाएं दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश में अपराध का जंगलराज है कानून का पालन नहीं हो रहा है ।अनुपूरक बजट पर बोलते हुए आराधना मिश्रा मोना मांग की कि सूखा और बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए और उन्हें विशेष आर्थिक सहायता पैकेज भी सरकार दे, किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए जिनकी फसलें बिजली न होने की वजह से सिंचाई नहीं हो पाई, खराब बीज की वजह से पूरा उत्पादन नहीं हो पाया, उनको मुआवजा देने की बहुत जरूरत है, और उनका बिजली का बकाया भी माफ होना चाहिए, लेकिन इस मांग पर उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री जवाब नहीं दे पाए । विधानसभा व विधान परिषद के सदस्यों के चिकित्सीय चेकप की मानसून सत्र में सदन मांग की थी जिस पर सरकार के द्वारा मांग मान लेने पर आभार व्यक्त किया गया, उसके साथ ही मिलने वाली विधायक निधि पर लगने वाली जीएसटी पर सरकार से विचार करने को कहा निधि का 18 फीसदी लगभग 90 लाख रुपए जीएसटी में चला जाता है जिससे क्षेत्र का पूरा विकास नहीं हो पाता, इसके साथ ही आराधना मिश्रा मोना ने प्रत्येक विधानसभा सदस्य को 100 हैंडपंप देने की मांग की। आराधना मिश्रा मोना ने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के द्वारा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 6 करोड़ के सड़क के प्रस्ताव की मांग का समर्थन किया।

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