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Coaching Centers के लिए सरकार को क्यों जारी करनी पड़ी गाइडलाइन? 10 पॉइंट्स में जानें नए नियम

Guidelines For Coaching Centers: भारत सरकार ने कोचिंग सेंटरों के लिए कुछ नियम बनाए हैं, जिनके दायरे में रहकर ही उन्हें काम करना होगा। नियमों का सख्ती से पालन करने के आदेश हैं।

Coaching Centers Guidelines Latest Update: देशभर के कोचिंग सेंटर्स अब मानमानी नहीं कर पाएंगे, क्योंकि इनकी मानमानी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 10 गाइडलाइन जारी की हैं, जिनका पालन करने का आदेश कोचिंग सेंटरों को दिया गया है। वहीं गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है, लेकिन अचानक सरकार को गाइडलाइन जारी करने की जरूरत क्यों पड़ी, आइए जानते हैं…

गाइडलाइन इस वजह से जारी की गई

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि पिछले कुल सालों में देशभर में NEET या JEE की तैयारी कर रहे छात्रों द्वारा सुसाइड किए जाने के मामले बढ़ गए हैं। वहीं कोचिंग सेंटरों पर मनमानी फीस वसूलने के आरोप लगते रहे हैं।

कोचिंग सेंटरों द्वारा ठगी किए जाने के मामले भी सामने आए हैं। इन्हें देखते हुए सरकार ने कोचिंग सेंटरों पर लगाम कसने की कोशिश की है। नई गाइडलाइन के तहत, अब कोई भी, कहीं भी, कभी भी प्राइवेट कोचिंग सेंटर नहीं खोल पाएगा। पहले रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।

दाखिले के लिए ऐज लिमिट

सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, कोचिंग सेंटरों में अब 16 साल से कम उम्र के बच्चों को दाखिला नहीं दिया जाएगा। नियम का उल्लंघन करने पर कार्रवाई कोगी। पहले उल्लंघन पर 25 हजार, दूसरे पर एक लाख जुर्माना लगेगा। तीसरी बार उल्लंघन करने पर कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया जाएगा।

कोचिंग क्लास का समय

नए नियमों के तहत, कोचिंग सेंटर एक दिन में 5 घंटे से ज्यादा की क्लास नहीं लगाएंगे। सुबह-सुबह और रात के समय क्लास लेने पर पाबंदी रहेगी। वीकली ऑफ के अगले दिन टेस्ट लेने की भी मनाही होगी।

NOC और आवश्यक सुविधाएं

कोचिंग सेंटरों को हर विद्यार्थी को एक वर्ग मीटर जगह उपलब्ध करानी होगी। सेंटर के पास फायर सेफ्टी और बिल्डिंग की NOC होनी चाहिए। सेंटर के अंदर फर्स्ट एड किट, मेडिकल असिस्टेंस, पीने का साफ पानी, CCTV कैमरे लगे होने चाहिएं।

कैंपस दिव्यांगों के अनुकूल हो

नए नियमों के अनुसार, कोचिंग सेंटर का कैंपस दिव्यांग छात्रों के अनुकूल होना चाहिए। वहीं कोचिंग सेंटर में किसी स्टूडेंट, टीचर या कर्मचारी से धर्म, जाति, नस्ल, लिंग, जन्म स्थान, वंश आदि के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए।

स्कूल के समय कोचिंग नहीं

नई गाइडलाइन के अनुसार, कोचिंग सेंटर छात्रों के स्कूल के समय क्लास नहीं लगा पाएंगे, क्योंकि इससे छात्र क्लास में पढ़ाए गए टॉपिंक से वंचित रह जाते हैं। इधर-उधर से नोट्स मांगकर पढ़ना पड़ता है। छात्रों को वीकली ऑफ भी देना होगा।

फीस की रसीद अनिवार्य

कोचिंग सेंटरों को अब स्टूडेंट्स को फीस की रसीद दोनी होगी। कोर्स की जानकारियां देने के लिए प्रॉस्पेक्ट्स जारी करना होगा। इसमें फीस और इसे जमा करने का तरीका बताना होगा। कोचिंग सेंटर और कोर्स से जुड़ी जानकारियां वेबसाइट पर भी अपडेट करनी होंगी।

सेंटर छोड़ने पर फीस वापसी

नए नियमों के अनुसार, अगर कोई स्टूडेंट कोचिंग सेंटर बीच में ही छोड़ता है तो उसे 10 दिन के अंदर फीस वापस करनी होगी। प्रॉस्पेक्ट्स और नोट्स के लिए फीस नहीं लेंगे, बल्कि निशुल्क उपलब्ध कराने होंगे।

शिकायत निवारण समिति अनिवार्य

कोचिंग सेंटरों को छात्रों की शिकायतों का निवारण करने के लिए समिति बनानी होगी। शिकायत निवारण पेटी या रजिस्टर लगाना होगा। छात्रों को अगर एग्जाम और पास होने का दबाव हो तो उन्हें मनोवैज्ञानिक सहायता भी उपलब्ध करानी होगी।

काउंसिलिंग सेशन लगाने अनिवार्य

कोचिंग सेंटरों को टीचर्स, कर्मचारियों और स्टूडेंट्स के लिए काउंसिलिंग सेशन लगाने होंगे, ताकि वे मोटिवेट हों। उनकी फिटनेस और वेलनेस बनी रहे। उनकी इमोशनल बॉन्डिंग का पता चल सके और उसका ख्याल रखा जा सके। उन्हें लाइफ स्किल्स सिखाई जा सकें।

टेस्ट रिजल्ट पब्लिक नहीं करेंगे

कोचिंग सेंटर अब छात्रों के टेस्ट के रिजल्ट सभी को नहीं बात पाएंगे। उन्हें किसी का एग्जाम रिजल्ट पब्लिक करने की मनाही है।

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