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LUCKNOW:पद्मजा ग्रुप के कर्ताधर्ताओं ने मोहनलालगंज के अतरौली गांव में भी कब्जाई करोड़ों की सरकारी भूमि

  • REPORT BY:SPECIAL REPORTER
  • EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS

-मोहनलालगंज के तहसील कर्मियों की संलिप्तता से नही हटा कब्जा,ग्रामीणों में आक्रोश

-मुख्यमंत्री से हुई अवैध कब्जा खाली कराने की मांग,शामिल है तालाब, नहर और ऊसर भूमि

लखनऊ।राजधानी के मोहनलालगंज तहसील के भावाखेडा में नहर पर मानकों के विपरीत पुलिया निर्माण करने प्रापर्टी कारोबारी अब अतरौली गांव में करोड़ो की सरकारी जमीन को अवैध तरीके से हथियाकर उसे मोटी रकम लेकर बेच रहा है।प्रापर्टी कारोबारी के इस खेल में मोहनलालगंज तहसील के कर्ताधर्ताओं की भी भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है।इस मामले की लोगो ने उच्च स्तरीय जाँच कर दोषियों को दण्डित करने की मांग की है। प्रापर्टी कारोबारी के इस कारनामे से क्षेत्र के लोगो में आक्रोश है।
सूत्र बताते है कि लेखपाल और कानूनगो की सरपरस्ती से 689 नंबर तालाब और 694 नहर भूमि और 2720 ऊसर 2796 चकमार्ग पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया गया है, यह मामला  सामने आने के बाद भी तहसील कर्मियों ने प्रापर्टी कारोबारी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं  की है। यूं तो यह जमीन करोड़ो की कीमत बताई गई है।लेकिन तहसील कर्मियों ने इसे खाली कराने के प्रयास नही किए।सरकारी जमीन पर कब्जा करने के बाद प्रापर्टी कारोबारी अब इसे लोगो को मोटी कीमत लेकर बेंच कर इससे कमाई कर रहा है।यही नहीं इस जमीन की वर्तमान समय में काफी ऊँची कीमत बताई जा रही है ।
पद्मजा ग्रुप चलाने वालो ने अतरौली गांव में बनाई साइट का नाम आशीर्वाद दे रखा है।सबसे अहम बात तो यह भी पता चली है कि ग्रामीणों ने इसको लेकर पूर्व में शिकायते की थी लेकिन उनकी शिकायतो को नजरंदाज किया गया है।उन पर आज तक कोई कार्रवाई नही की गई।सूत्र बताते है कि प्रापर्टी कारोबारी के तहसील के अफसरों से सीधा संबंध बना रखे है।इन्ही संबंधों का फायदा उठा कर ऊंचे रेट पर सरकारी जमीनो की बिक्री की जा रही है।इतना सब कुछ तहसील मुख्यालय से मात्र कुछ ही दूरी पर हो रहा है।लेकिन तहसील के जिम्मेदारों ने एक दम अपनी आंखे बंद कर रखी है।जबकि सरकारी भूमि कब्जा करने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।ग्रामीणों से जब इस बारे में बात करने का प्रयास किया गया तो कई ग्रामीणों का कहना था कि जब तक बड़े अफसर अवैध कब्जा को खाली करवाने में कोई ठोस एक्शन नही लेंगे,तब तक प्रापर्टी कारोबारी मानने वाला नही है।ग्रामीणों ने कमिश्नर और मुख्यमंत्री से इस जमीन को खाली करने की मांग की है।अब देखना यह होगा कि तहसील प्रशासन इस जमीन को खाली करा पाता है या फिर प्रापर्टी कारोबारी का कब्ज़ा यथावत बना रहेगा,जबकि मुख्यमंत्री के आदेश है कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे तत्काल खाली कराएँ जाये ।
( पढ़िए क्रमशः……..)

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