- REPORT BY:ATUL TIWARI
- EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS
-प्रोमोटर्स द्वारा पंजीकृत करायी गयी परियोजनाओं के अभिलेखों का किया परीक्षण,सामने आया की रेरा के पोर्टल पर परियोजना के भूमि अभिलेख या मानचित्र अपलोड नहीं,रेरा का निर्देश रेरा पोर्टल पर अभिलेख अपलोड करे प्रोमोटर्स, 57 परियोजनाओं के प्रोमोटर्स द्वारा स्पष्टीकरण तलब
लखनऊ / गौतमबुद्ध नगरः संजय भूसरेड्डी अध्यक्ष उ.प्र. रेरा की अध्यक्षता में आयोजित उ.प्र. रेरा की 152वीं बैठक में उन परियोजनाओं की समीक्षा की गई जिनके प्रोमोटर्स द्वारा परियोजना की भूमि और मानचित्र रेरा के पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया हैं और बार-बार नोटिस भेजने के बावजूद भी उनके द्वारा ये अभिलेख अपलोड नहीं किए गए हैं। उ.प्र. रेरा द्वारा यह निर्णय लिया गया कि इन परियोजनाओं को रेरा के पोर्टल पर ‘अबेएन्स’ की श्रेणी में वर्गीकृत कर दिया जाए। यहां यह बताना आवश्यक है कि प्रोमोटर के लिए परियोजना से सम्बन्धित समस्त आवश्क अभिलेख उ.प्र. रेरा के पोर्टत पर अपलोड करना अनिवार्य है जिससे आवंटियों द्वारा परियोजना की भूमि तथा स्वीकृतियों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने के बाद इकाई क्रय करने का विवेकपूर्ण निर्णय लिया जा सके। भू-स्वत्व तथा मानचित्र के अभिलेख परियोजना के सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। उ.प्र. रेरा द्वारा रेरा में पंजीकृत परियोजनाओं के अभिलेखों का गहराई से परीक्षण करने पर यह पाया गया कि लगभग 400 परियोजनाओं के प्रोमोटर्स द्वारा परियोजना के मानचित्र तथा भू-स्वत्व से सम्बन्धित दस्तावेज या उनमें से एक रेरा के पोर्टल पर अपलोड नहीं किए गए हैं। प्रोमोटर्स द्वारा यह परियोजनाएं रेरा के प्रारम्भिक दिनों में पंजीकृत करायी गयी थीं। उन्हें वर्ष 2018 से ही लगातार आगाह किया जा रहा था कि परियोजना के समस्त दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड कर दें। बहुत से प्रोमोटर्स द्वारा रेरा के आदेशों का अनुपालन करते हुए अभिलेख कर दिए थे। लगभग 400 प्रोमोटर्स द्वारा रेरा के आदेशों का अनुपालन नहीं किया गया। इन प्रोमोटर्स को रेरा के द्वारा पुनः नोटिसें भेजी गयीं। रेरा की नोटिस के पश्चात् 57 प्रोमोटर्स द्वारा उत्तर प्रस्तुत किया गया। यह पाया गया कि 03 परियोजनाओं की सी.सी. प्राप्त हो गयी है तथा 04 परियोजनाओं की सी.सी. के लिए आवेदन किया गया है। अब तक 25 परियोजनाओं के प्रोमोटर्स द्वारा उन्हें एडिटिंग की सुविधा प्रदान करने के लिए अनुरोध किया गया है जिससे वह प्रश्नगत अभिलेख पोर्टल पर अपलोड कर दें। आवंटियों द्वारा उ.प्र. रेरा के वेब पोर्टल पर परियोजनाओं से सम्बन्धित स्वीकृतियों तथा अभिलेखों को देख कर निवेश के सम्बन्ध में निर्णय लिया जाता है। इस बात की सम्भावना रहती है कि कुछ होम बायर्स द्वारा परियोजना के समस्त विवरण देखे बिना मात्र रेरा का पंजीकरण प्रमाण-पत्र देख कर परियोजना में निवेश कर दिया जाए और भविष्य मंख उनके साथ कोई धोखा हो जाए। इन प्रोमोटर्स द्वारा भी रेरा में परियोजना के पंजीकरण प्रमाण-पत्र के आधार पर आवंटियों को निवेश के लिए आमंत्रित किया जाता है और परियोजना की खामियों को छिपा लिया जाता है। जबकि परियोजना को ’अबेएन्स’ की श्रेणी में कर दिया जाएगा तो आवंटी सतर्क हो जाएगा और सूझ-बूझ के आधार पर परियेाजना में निवेश का निर्णय लेगा।
बिना किसी विलम्ब के परियोजना की स्वीकृतियां तथा भू-अभिलेख रेरा के पोर्टल पर बिना किसी विलम्ब के किये जायें अपलोड
श्री भूसरेड्डी ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा है कि उनके द्वारा लगातार यह प्रयास किया जा रहा है कि आवंटियों को उ.प्र. रेरा के पोर्टल से परियोजना के सम्बन्ध में पूर्ण तथा सही जानकारी प्राप्त हो। प्रोमोटर्स द्वारा परियोजना के विज्ञापनों तथा विक्रय के लिए प्रस्तावों में रेरा की पंजीकरण संख्या का ही उल्लेख करके इतिश्री कर ली जाती है। ऐसे में यह सम्भावना बनी रहती है कि कोई भी सामान्य आवंटी धोखा खा जाए और ऐसी परियोजना में निवेश कर बैठे जिसकी स्वीकृतियां तथा भू-अभिलेख प्रमाणित न हों। उन्होनें यह भी बताया कि यद्यपि यह परियोजनाएं रेरा के प्रारम्भिक दिनों में पंजीकृत करायी गयी थी, तथापि बार-बार समय और नोटिस देने के बावजूद प्रोमोटर्स द्वारा अभिलेख दुरूस्त न करना बहुत ही आपत्तिजनक है। अतः ऐसे प्रोमोटर्स को चेतावनी दी जा रही है कि वह परियोजना की स्वीकृतियां तथा भू-अभिलेख रेरा के पोर्टल पर बिना किसी विलम्ब के अपलोड कर दें, अन्यथा आगे कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। उनके द्वारा आवंटियों से भी अपेक्षा की गयी है कि ‘अबेएन्स’ में रखी गयी परियोजनाओं में निवेश करने से बचें।http://Copyright © 2023 aajnational.com All Right Reserved