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LUCKNOW:डीजीपी ने पुलिस मुख्यालय व कैम्प कार्यालय में फहराया राष्ट्रीय ध्वज,बताई पुलिस की उपलब्धियां

  • REPORT BY:ATUL TIWARI
  • EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS

-बांटे अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मान चिन्ह,कार्यों को सराहा

लखनऊ:स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यूपी के डीजीपी प्रशान्त कुमार ने तिलक मार्ग स्थित कैम्प कार्यालय और पुलिस मुख्यालय गोमती नगर विस्तार के प्रांगण में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।इस मौके पर उन्होंने उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें दी।इसी के साथ ही उन्होंने पुलिस कार्मिको को पदक से अलंकृत किया,डीजीपी प्रशान्त कुमार ने सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह राजेश अस्थाना मुख्य आरक्षी परिवहन शाखा मुख्यालय पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 लखनऊ और पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 का प्रशंसा चिन्ह (गोल्ड) विजय कुमार सिंह मुख्य आरक्षी मुख्यालय पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 लखनऊ, बसन्त राम कुशवाहा कानून एवं व्यवस्था मुख्यालय पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 लखनऊ को दिया,वही पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 का प्रशंसा चिन्ह (सिल्वर) वीरेन्द्र कुमार मिश्र उपनिरीक्षक प्रशासन शाखा मुख्यालय पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 लखनऊ, वेद प्रकाश, ए0एस0आई0 (एम0) प्रशासन शाखा मुख्यालय पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 लखनऊ, राज कुमार मुख्य आरक्षी विधि प्रकोष्ठ मुख्यालय पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 लखनऊ, सर्वजीत आरक्षी कानून एवं व्यवस्था मुख्यालय पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 लखनऊ कों दिया।

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यूपी के डीजीपी प्रशान्त कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस मौके पर उन सभी शहीद आत्माओ की तपस्या को नमन जिन्होंने कठोर यातनाएं सहीं लेकिन आजादी के परचम को गिरने नहीं दिया।अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत दुर्दांत अपराधियों से हुई साहसिक मुठभेड़ों मे वर्ष 2017 से अब तक हमारे हमारे 17 बहादुर साथियों ने अपने अमूल्य जीवन का बलिदान दिया है। स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मैं उत्तर प्रदेश पुलिस बल के उन सभी सम्मानित पुलिस कार्मिकों को यूपी पुलिस परिवार की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान देकर उत्तर प्रदेश पुलिस की गरिमा को अभिवर्धित किया।उन सभी सम्मानित कार्मिकों का अभिनंदन, जिनकी कर्तव्य परायणता, पराक्रम और पुरुषार्थ के चलते उत्तर प्रदेश पुलिस ’परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम’ संकल्प को चरितार्थ कर रही है, जिनके परिश्रम ने उत्तर प्रदेश पुलिस को भारत के श्रेष्ठ पुलिस बल के रूप में स्थापित होने में अपना योगदान दिया है। आजादी मिलने के बाद सबसे बड़ी चुनौती उसको कायम रखने की होती है। ऐसे अनेक देश हैं जिन्हें आजादी तो मिल गई लेकिन कालांतर में वे खंडित हो गए। हम सभी अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि हमारा देश अखण्ड रहते हुए विश्व में एक महाशक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है।

डीजीपी प्रशान्त कुमार ने कहा कि हर्ष की बात है कि अपने उत्तर प्रदेश की उसमें बड़ी भूमिका है। उत्तर प्रदेश पुलिस बल के जवानों ने विषम से विषम परिस्थितियों में अपनी जान पर खेलकर कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने का काम किया है। सभी जानते हैं कि अपना उत्तर प्रदेश, देश में सुशासन का मानक बन गया है। सुशासन की आत्मा ’सुरक्षा’ होती है। प्रदेश में सुरक्षित वातावरण बनाने में, हर नागरिक के मन में सुरक्षा के प्रति विश्वास जगाने में उत्तर प्रदेश पुलिस की असाधारण भूमिका है। आज के इस ऐतिहासिक और पुनीत अवसर पर ऐसे पुलिस बल के जांबाज, कर्मठ, जुझारू और कर्तव्य परायण साथी सम्मानित होने जा रहे हैं। इस अवसर पर 17 पुलिस कार्मिकों को राष्ट्रपति का वीरता पदक, 04 पुलिस कार्मिकों को विशिष्ट सेवा के लिये पदक एवं 70 पुलिस कार्मिकों को सराहनीय सेवा के लिये पदक प्रदान किये गये है। इसके अतिरिक्त 1013 पुलिस कार्मिकों को गृह मंत्रालय भारत सरकार का अति उत्कृष्ट सेवा पदक, 729 पुलिस कार्मिकों को उत्कृष्ट सेवा पदक, 48 पुलिस कार्मिकों को उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह, 201 पुलिस कार्मिकों को सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह, 429 पुलिस कार्मिकों को पुलिस महानिदेशक का हीरक, स्वर्ण एवं रजत प्रशंसा चिन्ह प्रदान किये गये हैं।
इन सभी अलंकृत हुए कार्मिकों एवं उनके सम्मानित परिजनों को मेरी ओर से हार्दिक बधाई!

डीजीपी प्रशान्त कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार व अपराध के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति को धरातल पर उतारने में उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रभावी व अग्रणी भूमिका का निर्वहन किया है।आज उत्तर प्रदेश में संगठित अपराध की कमर टूट चुकी है। जो अपराधी कल तक भय का कारण थे, आज वे खुद भयभीत हैं। यहां अपराधी बेहाल और आमजन खुशहाल हैं। यह सुखद और गर्व करने वाली स्थिति आप सभी के अथक परिश्रम, अटूट अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा के कारण बन सकी है।उत्तर प्रदेश को माफिया मुक्त एवं दस्यु मुक्त करने एवं अपराधियों पर काल बनकर प्रहार करने के लिए न्च्ैज्थ् विशेष रूप से बधाई की पात्र है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपराध पर प्रभावी और परिणामदायक नियंत्रण के लिए अत्यंत नियोजित तरीके से कार्य किया। माफिया उन्मूलन हेतु प्रदेश स्तर पर बनाई गई एंटी माफिया टास्क फोर्स एवं माफियाओं के विरुद्ध कृत कार्यवाई की प्रत्येक माह शासन एवं पुलिस मुख्यालय स्तर पर नियमित अनुश्रवण से आज प्रदेश मे माफिया एवं उनका नेटवर्क पूर्णतः ध्वस्त हो चुका है। वर्ष 2017 से अब तक, 68 कुख्यात माफियाओं में से 29 और उनके 60 सहयोगियों को दोषी ठहराया गया है, जिनमें से दो को अंतिम दंड – मृत्युदंड – मिला है। यूपी गैंगस्टर्स एक्ट के तहत, माफियाओं की ₹4,038 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त एवं ध्वस्त की गई और इन आपराधिक साम्राज्यों के चंगुल से मुक्त कराई गई है जो अपने आप मे ऐतिहासिक है।

डीजीपी प्रशान्त कुमार ने कहा कि अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण रखने तथा अपराधियों को न्यायालय में अधिकाधिक सजा कराए जाने के उद्देश्य से विवेचनाओं के गुणवत्तापरक, निष्पक्ष एवं शीघ्र निस्तारण तथा न्यायालयों में सघन पैरवी हेतु दिनाँक 01 जुलाई 2023 से मिशन मोड में ’आपरेशन कन्विक्शन’ प्रारम्भ किया गया। इस अभियान में 01 जुलाई 2023 से 04 अगस्त 2024 तक 45,097 अभियुक्तों को दोषसिद्ध कराया जा चुका है जिसमें 42 अभियुक्तों को मृत्यु दण्ड, 4481 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 778 अभियुक्तों को 20 वर्ष से अधिक तक की सजा करायी जा चुकी है। अपराधों में शामिल अभियुक्तों की वास्तविक पहचान एवं उनके चिन्हीकरण हेतु ’ऑपरेशन त्रिनेत्र’ प्रारम्भ किया गया। जिसके क्रम में प्रदेश के समस्त थानों में चिन्हित सार्वजनिक स्थलों पर जनसहयोग से 10 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरों का अधिष्ठापन कराया जा चुका है, जिससे अपराधों के अन्वेषण में उल्लेखनीय मदद मिल रही है।जनता की समस्याओं के समयबद्ध एवं त्वरित निस्तारण व प्रभावी मॉनिटरिंग हेतु च्नइसपब ळतपमअंदबम त्मअपमू च्वतजंस लॉन्च किया गया है।

डीजीपी प्रशान्त कुमार ने कहा कि यूपी 112 की सेवा के माध्यम से पुलिस की गतिशीलता, रिस्पांस टाईम में सुधार तथा फुट पेट्रोलिंग के जरिए पुलिस की बढ़ती विजिबिलिटी ने अपराध नियंत्रण के साथ ही जनसंवाद को बढ़ाया है।सामुदायिक पुलिसिंग की दिशा मे एक नयी पहल करते हुए 12 अगस्त 2024 को यूपी-112 ने पीड़ितों की समय से मदद और अपराध की रिपोर्ट करने के लिए जन-जागरुकता अभियान ’एक पहल’ की शुरूआत की है। यूपी 112 सेवा को वीमेन पावर लाइन 1090, फायर सर्विस, महिला हेल्पलाइन 181 सेवा, एम्बुलेंस सेवा 108 व उ.प्र. राज्य परिवहन हेल्पलाइन एवं साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 के साथ एकीकृत किया गया है जिससे हमारी इमरजेंसी हेल्पलाइन देश की सर्वश्रेष्ठ हेल्पलाइन के रूप में स्थापित हुई है। विवेचनाओं की गुणवत्ता में वृद्धि लाने एवं आधुनिकतम तकनीक से दक्ष वैज्ञानिकों को तैयार करने के उद्देश्य से ’उ०प्र० राज्य फॉरेन्सिक विज्ञान संस्थान’ की स्थापना लखनऊ में की गई है।यह संस्थान फोरेंसिक के क्षेत्र में प्रशिक्षित जनशक्ति का एक पूल तैयार करने के साथ ही पुलिस कर्मियों एवं न्यायपालिका के सदस्यों को फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में प्रशिक्षित करने का कार्य कर रहा है सोशल मीडिया के समस्त प्लेटफॉर्म पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अपनी सशक्त उपस्थिति बनाकर एक बेंचमार्क स्थापित किया है जिसकी सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हुई है।

डीजीपी प्रशान्त कुमार ने कहा कि हमने कई राज्य पुलिस बलों को उनके अनुरोध पर सोशल मीडिया हैंडलिंग मे प्रशिक्षित करने का भी कार्य किया है। शासन द्वारा प्रदेश के प्रत्येक जनपद में अत्याधुनिक एवं समस्त संसाधनों से सुसज्जित सोशल मीडिया सेंटर की स्थापना की स्वीकृति दी गई थी जिसमें प्रथम चरण में 10 जनपदों में निर्माण कार्य पूर्ण कर उन्हें क्रियाशील किया जा चुका है। पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया सेंटर द्वारा देश में सर्वप्रथम एक अभिनव प्रयोग करते हुए सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर आत्महत्या किए जाने से संबंधित पोस्ट का संज्ञान लेकर मेटा कम्पनी के सहयोग से अब तक पिछले दो वर्षो मे 470 व्यक्तियों के जीवन की रक्षा की जा चुकी है जिसके लिये वो बधाई के पात्र हैं। भारतीय लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 को कुशल पुलिस प्रबन्धन व सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था से सद्भावपूर्ण वातावरण में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्वक सकुशल सम्पन्न कराए गए हैं। पुलिस बल को और बेहतर, सक्षम एवं मजबूत बनाने के लिये समय-समय पर उच्च मापदंडो के साथ निष्पक्ष एवं पारदर्शी पुलिस भर्ती प्रक्रिया विभिन्न पदों पर उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा पूर्ण कुशलता, पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के साथ की गयी है।

डीजीपी प्रशान्त कुमार ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी के 60,244 पदों पर भर्ती की कार्यवाही प्रचलित है। बदलते समय के साथ दृष्टिगत यूपी पुलिस ने स्वयं को अपडेट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपराधों की बदलती प्रकृति और शैली के अनुरूप खुद को तैयार किया है।अत्याधुनिक संसाधनों से लैस, तकनीकी दक्षता से युक्त, आधुनिकतम नवीनतम आधारभूत ढांचे और विश्वस्तरीय फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं की उपलब्धता, नियमित अंतराल पर उत्कृष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम आदि आधुनिक, अनुशासित उत्तर प्रदेश पुलिस की पहचान बन गए हैं। किसी भी समाज मे महिला सुरक्षा की स्थिति उस समाज की कानून-व्यवस्था का मापक होती है।विगत 07 वर्षों में उ0प्र0 शासन द्वारा महिलाओं, बालिकाओं की सुरक्षा एवं सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए अनेकों योजनायें तथा अभियान संचालित किये गये हैं जिनके अत्यन्त सुखद परिणाम सामने आये हैं। मिशन शक्ति अभियान के फलस्वरूप आज पूरे प्रदेश में मातृशक्ति स्वयं को सुरक्षित, सम्मानित, सशक्त व आत्मविश्वास से परिपूर्ण महसूस कर रही हैं।

डीजीपी प्रशान्त कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश महिलाओं के विरुद्ध अपराध में सजा दिलाने में 70.8 की दर से देश में प्रथम स्थान पर है। वरीयता क्रम में यह शीर्ष स्थान पूरी संवेदनशीलता के साथ किए गए अविराम प्रयासों का परिणाम है। विदित हो कि प्रदेश के 1546 थानों में कुल 20,000 महिला पुलिस कर्मियों को नियुक्त करते हुए 10,000 महिला बीटों का आवंटन किया गया है। इसके साथ ही प्रत्येक थानों मे महिला हेल्प डेस्क एवं प्रत्येक जनपद में महिला थाना के अतिरिक्त एक अन्य थाने में महिला थानाध्यक्ष की तैनाती की पहल ने महिला पुलिस कर्मियों को आत्मविश्वास से भर दिया है और थाने का वातावरण पूर्व से अधिक जनकेंद्रित हुआ है। अब आधी आबादी बिना किसी संकोच के अपनी बात थाने में कह पाती है। आज आपका उत्तर प्रदेश 18 सेफ सिटी वाला देश का पहला राज्य है जो पब्लिक सेफ्टी के उत्कृष्ट मानदंड स्थापित कर रहा है। यूपी पुलिस के परिश्रम, समर्पण, उपलब्धियों और बलिदान की भावना को चंद आंकड़ों में बयान कर पाना संभव नहीं है। मुस्कुराता हुआ, आत्मविश्वास से भरा हुआ, सुरक्षित महसूस करता उत्तर प्रदेश हमारे भागीरथी प्रयासों की दास्तान कह रहा है।

 

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