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 नई दिल्‍ली:जियो की 73 गुना बढ़ी डेटा खपत, पहले स्थान पर पहुंचा भारत 

  • REPORT BY:NITIN TIWARI|EDITED BY-आज नेशनल न्यूज डेस्क

 नई दिल्‍ली, 5सितंबर, 2024: टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो, 5 सितंबर 2024 को अपने लॉन्च की 8वीं सालगिरह मना रहा है। ट्राई किया माने तो जियो के लॉन्च से पहले हर भारतीय ग्राहक एक महीने में मात्र 410 एमबी डेटा इस्तेमाल किया करता था। लेकिन अब केवल जियो के नेटवर्क पर डेटा खपत का आंकड़ा 73 गुना से भी अधिक बढ़कर 30.3 जीबी प्रतिमाह प्रतिग्राहक के  पर जा पहुंचा है, यानी रोजाना 1 जीबी प्रति ग्राहक प्रतिदिन से भी अधिक। जियो यूजर्स की अधिक खपत के चलते इंडस्ट्री की डेटा खपत का आंकड़ा और भी बढ़ गया  है अब यूजर्स हर महीने करीब 25 जीबी डेटा खर्च कर रहे हैं।

 बतादे कि रिलायंस  इंडस्‍ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने आज से करीब  8 वर्ष पूर्व  जब जियो लॉन्च किया था तो उस समय किसी को अनुमान न था कि लॉन्च के मात्र कुछ समय में ही जियो देश ही नही बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में शामिल हो जाएगी।अब जियो का  13 करोड़ 5जी ग्राहकों के साथ बेस 49 करोड़ हो गया था। आज जियो नेटवर्क दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल ट्रैफिक डेटा नटवर्क है। दुनिया का 8 प्रतिशत मोबाइल डेटा ट्रैफिक जियो नेटवर्क पर चलता है। जियो यूजर्स 148.5 बिलियन जीबी डेटा की खपत कर लेते हैं। जो देश के कुल डेटा खपत का 60% है। जियो के चलते भारत डेटा खपत के मामले में 155वें से पहले स्थान पर पहुंच गया है।

 

4जी तकनीक और स्पीड में रिलायंस जियो का रिकॉर्ड शानदार रहा है। अब 5जी को लेकर भी कंपनी के बड़े प्लान सामने आ रहे हैं।सभी के लिए AI, कनेक्टिड ड्रोन, कनेक्टिड एंबुलेंस- अस्पताल, कनेक्टिड खेत-खलिहान, कनेक्टिड स्कूल-कॉलेज, ईकॉमर्स ईज,अविश्वसनीय स्पीड पर-एंटरटेनमेंट, रोबोटिक्स,  क्लाउड पीसी, इमर्सिव टेक्नोलॉजी के साथ वर्चुअल थिंग्स जैसी तकनीकों में कंपनी महारथ हासिल कर रही है। 

 

जियो के आने से देश को भारी फायदा मिला है। फ्री कॉलिंग आने से मोबाइल रखने का खर्च कम हुआ है। दुनिया का सबसे सस्ता डेटा बाजारों में से एक भारत भी है। डेटा सस्ता होने से डिजिटल इकॉनोमी की रीढ़ मजबूत हुई है। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन्स में हमने विकसित और सुपर पावर देशों को भी पीछे छोड़ दिया है। ई कॉमर्स में नई जान आई है। घर बैठे शॉपिंग, टिकट खरीदना, एंटरटेनमेंट और बैंकिंग सभी आसान हुए हैं। नए धंधे सामने आए हैं यूनिकॉर्न कंपनियों की बाढ से आ गई है। जाहिर है रोजगार भी बढ़ गया  है।

 

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