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कोलकाता:आरजी कर मामले में सीबीआई को मिला नया सुराग, संदीप घोष की मुश्किलें बढ़ीं

  • REPORT BY:NITIN TIWARI|EDITED BY-आज नेशनल न्यूज डेस्क

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को एक महत्वपूर्ण दस्तावेज मिला है। दस्तावेज के अनुसार, पूर्व प्राचार्य संदीप घोष ने पीडि़ता का शव बरामद
होने के एक दिन बाद राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को घटना स्थल के आस-पास के क्षेत्रों में मरम्मत कार्य करने के निर्देश दिए थे।

अस्पताल परिसर के सेमिनार कक्ष से पीडि़ता का शव 9 अगस्त की सुबह बरामद किया गया था। सूत्रों ने बताया कि जांच अधिकारियों ने एक महत्वपूर्ण
दस्तावेज बरामद किया है, जिससे पता चलता है कि घोष ने सेमिनार हॉल से सटे एक कमरे और शौचालय में मरम्मत कार्य करने के लिए राज्य लोक निर्माण विभाग को अनुमति पत्र जारी किया था। जिस जगह पर मरम्मत कार्य होने की बात कही जा रही है, वह घटना स्थल के पास है। सूत्रों ने बताया कि जांच अधिकारियों को वह अनुमति पत्र मिल गया है जिस पर घोष के हस्ताक्षर हैं और 10 अगस्त की तारीख अंकित है। सूत्रों ने यह भी बताया कि शुरू में ऐसा माना जा रहा था कि पीडब्ल्यूडी को मरम्मत कार्य शुरू करने का निर्देश घोष के निर्देश पर आर.जी. कर के एक प्रशासनिक अधिकारी ने दिया था।

हालांकि, अनुमति पत्र देखने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि घोष घटना स्थल को मरम्मत कराने के लिए कितने उत्सुक थे। कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने 13 अगस्त की शाम को सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह बलात्कार और हत्या मामले की जांच कोलकाता पुलिस से अपने हाथ में ले ले। कुछ घंटों बाद, राज्य के पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों ने सेमिनार हॉल के पास एक कमरे में मरम्मत का काम शुरू करने का प्रयास किया। उल्लेखनीय है कि 9 अगस्त की सुबह पीडि़ता का शव सेमिनार हॉल से ही बरामद किया गया था।

बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन के कारण नहीं किया जा सका मरम्मत का काम

हालांकि, काम शुरू होते ही अस्पताल परिसर में छात्रों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन के कारण मरम्मत का काम नहीं किया जा सका। सूत्रों ने कहा कि जांच अधिकारियों का मानना है कि चूंकि दस्तावेज से मरम्मत कार्य कराने में घोष की उत्सुकता का पता चलता है, इसलिए यह एजेंसी द्वारा की जा रही दो समानांतर जांच (पहली बलात्कार और हत्या का मामला और दूसरी आर.जी. कर में वित्तीय अनियमितताओं का मामला) के बीच संबंध स्थापित करने में उपयोगी हो सकता है। उल्लेखनीय है कि वित्तीय अनियमितताओं के मामले में घोष फिलहाल सीबीआई की हिरासत में हैं। इस मुद्दे पर देशभर में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों का दावा है कि आर.जी. कर में हुई घटना बलात्कार और हत्या का कोई अकेला मामला नहीं है।

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