चंडीगढ़ और असम में प्रायोगिक आधार पर एक योजना तैयार
नई दिल्ली : किसी भी श्रेणी की सड़क पर मोटर वाहन के उपयोग से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को नकद रहित उपचार प्रदान करने के लिए चंडीगढ़ और असम में प्रायोगिक आधार पर एक योजना तैयार की है और इसे कार्यान्वित करना आरंभ कर दिया है। यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी,उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत आने वाले पीड़ितों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में दुर्घटना की तिथि से अधिकतम 7 दिनों की अवधि के लिए ट्रॉमा और पॉलीट्रॉमा देखभाल से संबंधित अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य लाभ पैकेज दिए जाते हैं।केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सहयोग से एक योजना तैयार की है और चंडीगढ़ और असम में प्रायोगिक आधार पर इसका कार्यान्वयन आरंभ किया है, जिसे मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 164 बी के तहत गठित मोटर वाहन दुर्घटना निधि के तत्वावधान में प्रशासित किया जा रहा है। आय के स्रोत और इसके उपयोग का प्रावधान केंद्रीय मोटर वाहन (मोटर वाहन दुर्घटना निधि) नियम, 2022 के तहत किया गया है।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत एनएचए, स्थानीय पुलिस, सूचीबद्ध अस्पतालों, राज्य स्वास्थ्य एजेंसी, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र और सामान्य बीमा परिषद के साथ समन्वय करके कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी है।
साठ किलोमीटर होगी टोल गेटों के बीच की दूरी
लोकसभा में दिए गये एक लिखित उत्तर में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क दरों का निर्धारण और संग्रह नियम, 2008 के अनुसार स्थापित किए जाते हैं। टोल प्लाजा यह निर्धारित करता है कि राष्ट्रीय राजमार्ग के उसी खंड पर और उसी दिशा में कोई अन्य टोल प्लाजा साठ किलोमीटर की दूरी के भीतर स्थापित नहीं किया जाएगा,बशर्ते कि जहां निष्पादन प्राधिकारी आवश्यक समझे।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि निष्पादन प्राधिकारी लिखित रूप में दर्ज किए जाने वाले कारणों से साठ किलोमीटर की दूरी के भीतर एक और टोल प्लाजा स्थापित कर सकता है या रियायतकर्ता को स्थापित करने की अनुमति दे सकता है।केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि यह भी प्रावधान है कि एक टोल प्लाजा किसी अन्य टोल प्लाजा से साठ किलोमीटर की दूरी के भीतर भी स्थापित किया जा सकता है यदि ऐसा शुल्क प्लाजा किसी स्थायी पुल, बाईपास या सुरंग के शुल्क संग्रह के लिए है। टोल प्लाजा की स्थापना के लिए साठ किलोमीटर की दूरी का मानदंड राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क दरों का निर्धारण और संग्रह नियम, 2008 के बाद अस्तित्व में आया है और पहले के राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, 1997 में ऐसा कोई मानदंड नहीं था।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इसके आलावा बंद उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह प्रणाली के मामले में, राष्ट्रीय राजमार्गों पर कहीं भी शुल्क प्लाजा स्थापित किए जा सकते हैं।60 किलोमीटर की सीमा के भीतर कार्यरत टोल प्लाजा की अनुमति दी गई है और राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम तथा रियायत समझौते के प्रावधानों के अनुसार स्थापित किए गए हैं।